MP News: मंदसौर गोलीकांड: सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जारी किया नोटिस  

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp
Telegram

नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। MP News: सुप्रीम कोर्ट ने मंदसौर गोलीकांड की जांच के लिए गठित जैन आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने के संबंध में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। यह आदेश पूर्व विधायक पारस सकलेचा की याचिका पर दिया गया।  

चार सप्ताह में सरकार को देना होगा जवाब  

सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति संदीप दास और न्यायमूर्ति विक्रम मेहता की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा और सर्वम रितम खरे की दलीलों को सुनने के बाद राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।  

मामले का पूरा घटनाक्रम  

6 जून 2017 को मंदसौर जिले के पिपलिया मंडी स्थित पार्श्वनाथ चौपाटी पर किसानों के आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा गोली चलाए जाने से पांच किसानों की मौत हो गई थी। इस घटना की सीबीआई जांच और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पारस सकलेचा ने 15 सितंबर 2017 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका दायर की थी। हालांकि, शासन द्वारा जैन आयोग के गठन के आधार पर यह याचिका खारिज कर दी गई थी।  

चार साल बाद भी विधानसभा में पेश नहीं हुई रिपोर्ट  

राज्य सरकार ने 12 जून 2017 को जैन आयोग का गठन किया, जिसने 13 जून 2018 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। लेकिन चार साल बीतने के बावजूद यह रिपोर्ट विधानसभा में पेश नहीं की गई। इसके बाद पारस सकलेचा ने 3 मई 2022 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक नई याचिका दाखिल कर रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखने की मांग की।  

याचिका में तर्क दिया गया कि जांच आयोग अधिनियम 1952 की धारा 3(4) के तहत सरकार को किसी भी जांच आयोग की रिपोर्ट प्राप्त होने के छह महीने के भीतर उस पर कार्रवाई कर विधानसभा में पेश करना अनिवार्य है।  

हाईकोर्ट ने खारिज की थी याचिका  

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने 14 अक्टूबर 2024 को इस याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि घटना को सात वर्ष बीत चुके हैं, ऐसे में रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने का अब कोई आधार नहीं बनता।  

सुप्रीम कोर्ट की दखल  

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पारस सकलेचा ने 8 जनवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा और सर्वम रितम खरे ने सरकार की जवाबदेही का मुद्दा उठाया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।  

क्या है आगे की राह  

अब राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखना होगा। इस मामले में अगली सुनवाई के दौरान यह तय होगा कि जैन आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जाएगी या नहीं।  

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp
Telegram