Blast In Delhi: धमाके से दहल उठी दिल्ली, आतंकी साजिश की जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसियां

नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Blast In Delhi: राजधानी दिल्ली के प्रशांत विहार इलाके में सीआरपीएफ स्कूल के पास हुए जोरदार धमाके ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था को हिला कर रख दिया है। दिवाली से ठीक पहले हुए इस धमाके की जांच दिल्ली पुलिस के साथ केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां कर रही हैं। घटना स्थल से सबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं और आसपास के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह धमाका किसी आतंकी साजिश का हिस्सा है या किसी और कारण से हुआ है। लेकिन त्योहारों के इस मौसम में हुए इस धमाके ने एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं।

सुरक्षा कड़ी, दिल्ली में हाई अलर्ट घोषित
रोहिणी के प्रशांत विहार इलाके में सुबह करीब 7.47 बजे हुए हुए इस धमाके के बाद दिल्ली पुलिस ने पूरे शहर में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। विशेष रूप से प्रमुख बाजार क्षेत्रों जैसे चांदनी चौक, लाजपत नगर, कमला मार्केट, सरोजिनी नगर, सदर बाजार में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इन इलाकों में पुलिस की पैनी नजर संदिग्ध गतिविधियों पर बनी हुई है और सादी वर्दी में भी पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि अगर कोई संदिग्ध वस्तु दिखाई दे, तो तुरंत पुलिस को सूचना दी जाए।

13 साल बाद दिल्ली में बड़ा धमाका
यह धमाका दिल्ली में लगभग 13 साल बाद हुआ है। इससे पहले, 2011 के बाद राजधानी में कोई बड़ा विस्फोट नहीं हुआ था। हालांकि, 14 जनवरी 2022 को गाजीपुर फूल मंडी के गेट पर एक बैग में आईईडी विस्फोटक मिला था, जिसे एनएसजी की टीम ने निष्क्रिय किया था। उस विस्फोटक में आरडीएक्स और अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था। अब, इस हालिया धमाके ने एक बार फिर दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

NIA और NSG की टीम जुटी जांच में
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, त्योहारों के दौरान राजधानी में आतंकी साजिश के इनपुट्स पहले से ही मिले थे, जिसके बाद से दिल्ली में अलर्ट जारी किया गया था। घटना के बाद घटनास्थल पर डॉग स्क्वाड, बम स्क्वाड, IGL, NIA और NSG की टीमों ने जांच शुरू कर दी है। एनएसजी कमांडो ने सीआरपीएफ स्कूल के पास के इलाके में तलाशी अभियान भी चलाया है।

विशेषज्ञों की जांच जारी
रोहिणी के डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि धमाके की असल वजह का पता लगाने के लिए एक्सपर्ट्स को बुलाया गया है। शुरुआती जांच में क्रूड बम जैसा मटेरियल मिलने की बात सामने आई है, लेकिन विस्तृत जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है ताकि धमाके के सोर्स का पता लगाया जा सके।

आतंकी साजिश की जांच
दिल्ली पुलिस की एटीएस घटना की जांच आतंकी हमले के एंगल से भी कर रही है। आस-पास के पुलिस थानों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं और बाजारों में पैदल गश्त बढ़ा दी गई है। लोगों से अनुरोध किया गया है कि कोई भी संदिग्ध वस्तु या गतिविधि दिखने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें। नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) की टीम को भी मौके पर बुला लिया गया है।

स्थानीय लोगों में दहशत
विस्फोट की आवाज सुनते ही स्थानीय लोग अपने घरों और दुकानों से बाहर निकल आए। घटनास्थल के पास चश्मे की दुकान चलाने वाले सुमित ने कहा, “धमाका इतना जोरदार था कि मेरी दुकान के खिड़की के शीशे टूट गए और सारा सामान जमीन पर गिर गया।” वहीं, स्थानीय निवासी राकेश गुप्ता ने बताया, “सुबह करीब 7.30 बजे हमने बहुत तेज धमाके की आवाज सुनी। हमें लगा कि पास में कोई एलपीजी सिलेंडर फट गया है। कई दुकानों के शीशे टूट गए हैं।” इस धमाके ने एक बार फिर दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है, और इस मामले में आतंकी साजिश की आशंका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जांच जारी है, और जल्द ही सच्चाई सामने आने की उम्मीद है।

Web Series On Lawrence: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की जिंदगी पर बनेगी एक्शन वेब सीरीज, कौन निभाएगा किरदार!

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Web Series On Lawrence: गुजरात की जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की जिंदगी पर आधारित वेब सीरीज बनने जा रही है। इस सीरीज का नाम ‘लॉरेंस ए गैंगस्टर स्टोरी’ रखा गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस सीरीज का निर्माण फायरफॉक्स फिल्म प्रोडक्शन हाउस द्वारा किया जा रहा है, और इसका टाइटल इंडियन मोशन पिक्चर एसोसिएशन से मंजूरी भी मिल गई है। 

वेब सीरीज में लॉरेंस बिश्नोई के साधारण लड़के से खतरनाक गैंगस्टर बनने की पूरी कहानी को दिखाया जाएगा। इसमें बताया जाएगा कि कैसे वह अपराध की दुनिया में कदम रखता है और उसके जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया जाएगा। सीरीज में भरपूर एक्शन सीक्वेंस होंगे, जो दर्शकों को अपराध की दुनिया से रूबरू कराएंगे।

प्रोडक्शन हाउस के प्रमुख अमित जानी ने बताया कि इस सीरीज के माध्यम से वे सच्चाई को सामने लाने की कोशिश करेंगे। हालांकि, अभी तक इस वेब सीरीज की कास्ट और इसे किस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया जाएगा, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।

गौरतलब है कि फायरफॉक्स फिल्म प्रोडक्शन हाउस इससे पहले भी सच्ची घटनाओं पर आधारित कई फिल्में बना चुका है, जिनमें ‘कराची टू नोएडा’ और ‘ए टेलर मर्डर स्टोरी’ प्रमुख हैं। इनमें ‘कराची टू नोएडा’ फिल्म, सचिन और सीमा हैदर की कहानी पर आधारित थी, जिसने काफी सुर्खियां बटोरी थीं।

लॉरेंस बिश्नोई फिलहाल गुजरात की साबरमती जेल में बंद है, जहां उसे हाई सिक्योरिटी जोन में रखा गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस वेब सीरीज के जरिए गैंगस्टर की असल जिंदगी और अपराध की दुनिया को कैसे पेश किया जाएगा।

Bahraich Violence: राम गोपाल हत्याकांड के आरोपियों पर एसटीएफ का बड़ा एक्शन, एनकाउंटर में दो घायल, पांच गिरफ्तार

बहराइच – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Bahraich Violence: राम गोपाल हत्याकांड में यूपी एसटीएफ और पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से दो मुख्य आरोपी सरफराज उर्फ रिंकू और तालीम उर्फ सबलू को एनकाउंटर में घायल कर पकड़ा गया है। एनकाउंटर के दौरान दोनों आरोपियों के पैरों में गोली लगी, जिन्हें नानपारा सीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल भेजा गया। डॉक्टरों ने सरफराज की हालत गंभीर बताई है, जबकि दोनों को खतरे से बाहर बताया जा रहा है।

क्या है पूरा मामला?
13 अक्टूबर को बहराइच के महाराजगंज इलाके में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान पथराव के बाद हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में 25 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद जिले में तनाव फैल गया था और आगजनी की घटनाएं भी हुई थीं। इस हत्याकांड में सरफराज, तालीम और अब्दुल हमीद सहित 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। सभी आरोपी हत्या के बाद फरार हो गए थे।


घटना के बाद यूपी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश के नेतृत्व में टीमें आरोपियों की तलाश में जुट गईं। गुरुवार दोपहर एसटीएफ को सूचना मिली कि आरोपी नेपाल भागने की फिराक में हैं। पुलिस ने नानपारा कोतवाली क्षेत्र के हांडा बसहरी इलाके में घेराबंदी की, जहां एनकाउंटर के बाद सरफराज और तालीम को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस पर फायरिंग, जवाबी कार्रवाई में आरोपी घायल
पुलिस ने जब आरोपियों को गिरफ्तार किया, तो उनके द्वारा झाड़ियों में छिपाकर रखे गए असलहों से फायरिंग की गई। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोली चलाई, जिससे सरफराज और तालीम के पैरों में गोली लगी। घटना स्थल से दो अवैध असलहे भी बरामद किए गए हैं। एसटीएफ ने बताया कि अगर पुलिस सक्रिय न होती, तो घायल हो सकती थी।


परिजनों के आरोप
सरफराज की बहन रुखसार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि उनके पिता अब्दुल हमीद, भाई सरफराज, फहीम और एक अन्य युवक को एसटीएफ ने पहले ही हिरासत में ले लिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके परिजनों का एनकाउंटर किए जाने की साजिश रची जा रही है। रुखसार ने एक वीडियो जारी करते हुए अपने भाई और शौहर की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है।

अस्पताल में भारी सुरक्षा
पुलिस मुठभेड़ में घायल हुए आरोपियों को नानपारा सीएचसी और फिर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। पुलिस और पीएसी के जवानों के साथ आरआरएफ की तैनाती भी की गई है। एसपी वृंदा शुक्ला समेत अन्य अधिकारी भी अस्पताल में मौजूद हैं। किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए तीमारदारों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है और पूरा अस्पताल परिसर खाली करा दिया गया है।

सरकार का बयान
यूपी सरकार के मंत्री ओ.पी. राजभर ने इस मुठभेड़ पर बयान देते हुए कहा, “अगर पुलिस किसी को पकड़ने जाएगी और उन पर गोलियों की बौछार की जाएगी, तो क्या पुलिस उन्हें माला पहनाएगी? अपराधियों को जिंदा या मुर्दा पकड़ना ही होगा।”

पुलिस द्वारा इस मुठभेड़ और गिरफ्तारी के बाद हिंसा में शामिल अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए भी जांच जारी है।

Train Ticket Rules: दिवाली से पहले रेलवे का बड़ा फैसला, 60 दिन में होगा अब टिकट रिज़र्वेशन!

नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Train Ticket Rules: भारतीय रेलवे ने दिवाली से पहले ट्रेन टिकटों की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। यात्रियों की सुविधाओं और टिकटों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने टिकट बुकिंग के नियमों में अहम बदलाव किया है। रेलवे ने गुरुवार को घोषणा की कि 1 नवंबर 2024 से एडवांस में टिकट बुकिंग की समय सीमा 120 दिनों से घटाकर 60 दिन कर दी जाएगी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार यह कदम टिकटों की कालाबाजारी पर लगाम लगाने और टिकट वितरण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

नए नियमों के तहत बदलाव
अब तक भारतीय रेलवे (Indian Railways) यात्रियों को 120 दिन पहले से ट्रेन टिकट बुक करने की सुविधा देता था, लेकिन 1 नवंबर से यह समय सीमा घटाकर 60 दिन कर दी जाएगी। इसका मतलब है कि यात्री अब अपनी यात्रा के लिए 60 दिन पहले तक ही टिकट बुक कर सकेंगे। इस 60 दिन की अवधि में यात्रा की तारीख को शामिल नहीं किया जाएगा। 31 अक्टूबर तक पुरानी व्यवस्था यानी 120 दिन की एडवांस बुकिंग का नियम लागू रहेगा।

कालाबाजारी पर रोक लगाने का प्रयास
ट्रेन टिकटों की कालाबाजारी लंबे समय से एक गंभीर समस्या रही है। त्योहारों और छुट्टियों के दौरान ट्रेन टिकटों की भारी मांग होती है, जिससे कई बार टिकट दलालों द्वारा कालाबाजारी की जाती है। एडवांस बुकिंग की समय सीमा को कम करने से रेलवे को उम्मीद है कि इस समस्या पर काफी हद तक काबू पाया जा सकेगा। कम समय में टिकट बुकिंग से दलालों द्वारा बड़ी संख्या में टिकट खरीदकर उन्हें ऊंचे दामों पर बेचने की गुंजाइश कम होगी।

यात्रियों को होगा सीधा लाभ
रेलवे के इस कदम से यात्रियों को सीधा लाभ मिलने की संभावना है। पहले, 120 दिन पहले बुक किए गए टिकटों की कालाबाजारी की संभावना अधिक थी, जिससे असली यात्रियों को टिकट पाने में कठिनाई होती थी। अब 60 दिन की बुकिंग अवधि से यात्रियों के लिए टिकट प्राप्त करना अधिक सुलभ होगा और उन्हें उचित दरों पर यात्रा करने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, इस बदलाव से रेलवे को भी टिकट वितरण प्रणाली को अधिक सुगम और पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी।

त्योहारी सीजन के मद्देनजर निर्णय
यह बदलाव खासतौर पर दिवाली और अन्य प्रमुख त्योहारों के मद्देनजर लिया गया है, जब देशभर में रेल यात्रा की मांग चरम पर होती है। इस समय यात्रियों की भारी भीड़ होती है, और कालाबाजारी की घटनाएं बढ़ जाती हैं। नए नियम लागू होने से टिकटों की कालाबाजारी रोकने में काफी हद तक सफलता मिलने की उम्मीद है। रेलवे ने इस निर्णय को लागू करने से पहले सभी यात्रियों को इस बदलाव की जानकारी देने का प्रयास किया है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

Lawrance bishnoi: कॉलेज की पढ़ाई छोड़ कैसे बना सबसे खतरनाक गैंगस्टर?, लॉरेंस बिश्नोई की सलमान से क्या है दुश्मनी!

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क: Lawrance bishnoi: लॉरेंस बिश्नोई का नाम हाल के दिनों में आपराधिक गतिविधियों के चलते सुर्खियों में रहा है। वह एक ऐसा नाम है, जो उत्तर भारत में गैंगस्टर की दुनिया में बड़ा बन चुका है। पंजाब के फिरोजपुर जिले के घत्तरांवाली गांव का रहने वाला लॉरेंस बिश्नोई एक संपन्न किसान परिवार से आता है। वह बिश्नोई समुदाय से ताल्लुक रखता है, जो पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में बसा हुआ है।

चंडीगढ़ से हुई शुरुआत
लॉरेंस ने 12वीं तक अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की और फिर 2010 में उच्च शिक्षा के लिए चंडीगढ़ गया। वहां उसने डीएवी कॉलेज, पंजाब यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और जल्द ही छात्र राजनीति में सक्रिय हो गया। 2011-2012 में वह पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र संगठन (SOPU) का अध्यक्ष भी बना। हालांकि, इस दौरान उसकी गतिविधियां अपराध की ओर मुड़ गईं और 2010 में उस पर हत्या की कोशिश का पहला केस दर्ज हुआ।

क्या है सलमान से लॉरेंस बिश्नोई की दुश्मनी की वजह?
सलमान खान के ऊपर 1998 में काले हिरणों के शिकार का आरोप लगा। इस मामले को लेकर काफी हंगामा हुआ। सलमान पर आरोप था कि उन्होंने जोधपुर में फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान शहर से सटे कांकाणी गांव के पास दो काले हिरणों को मारा था। राजस्थान में बिश्नोई समाज काले हिरण को अपने परिवार की तरह मानता है। उनके बीच काले हिरण की पूजा होती है। ऐसे में सलमान खान बिश्नोई समाज के निशाने पर आ गए। मामला कोर्ट तक भी पहुंचा। अप्रैल 2018 में सलमान खान को इस मामले में दोषी मानते हुए 5 साल की सजा सुनाई गई। हालांकि, उसी दिन सलमान 50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत लेकर बाहर आ गए।

गैंगस्टर बनने की शुरुआत
(Lawrance bishnoi) लॉरेंस बिश्नोई की आपराधिक गतिविधियां जल्द ही बढ़ने लगीं। वह जबरन वसूली, तस्करी और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग जैसी गंभीर अपराधों में शामिल हो गया। साबरमती सेंट्रल जेल में बंद होने के बावजूद, उसने अपने गैंग को बाहर से नियंत्रित करना जारी रखा। बिश्नोई का गैंग कई गैंग वॉर का हिस्सा रहा है और उत्तर भारत में यह एक प्रमुख आपराधिक गिरोह बन गया है।

गैंग की गतिविधियां
(Lawrance bishnoi) लॉरेंस बिश्नोई गैंग की गतिविधियां उत्तर भारत के अलावा मुंबई तक फैली हुई हैं। इस गैंग का नाम कई हाई-प्रोफाइल हत्याओं से जुड़ा है, जिसमें पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला और महाराष्ट्र के राजनेता बाबा सिद्दीकी की हत्या शामिल हैं। गैंग की विशेषता यह है कि यह राजनीति और व्यापार से जुड़े प्रभावशाली लोगों को निशाना बनाता है।

जेल से चलाता है साम्राज्य
हालांकि बिश्नोई फिलहाल जेल में बंद है, लेकिन उसने जेल से ही अपनी आपराधिक गतिविधियों को संचालित करना जारी रखा है। कथित तौर पर मोबाइल फोन के जरिए वह अपने गैंग के सदस्यों के संपर्क में रहता है और बाहर के कामों को निर्देशित करता है।

बाबा सिद्दीकी की हत्या में संलिप्तता
महाराष्ट्र के राजनेता बाबा सिद्दीकी की हत्या ने लॉरेंस बिश्नोई के गैंग को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। 12 अक्टूबर, 2024 को बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद इस गैंग का नाम सामने आया है। मुंबई पुलिस इसकी जांच में लगी हुई है, और इस बात की जांच की जा रही है कि हत्या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता या अन्य कारणों से हुई थी।

उत्तर भारत से लेकर मुंबई तक गैंग का विस्तार
उत्तर भारत में पैर जमाने के बाद, बिश्नोई का गैंग अब मुंबई के अंडरवर्ल्ड में भी अपनी जगह बना रहा है। मुंबई पुलिस को शक है कि बिश्नोई गैंग दाऊद इब्राहिम और रवि पुजारी जैसे गैंगस्टर्स की जगह लेने की कोशिश कर रहा है। खासकर बॉलीवुड और स्थानीय राजनीति में अपने संबंधों के जरिए यह गैंग अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।

लॉरेंस बिश्नोई की कहानी एक ऐसे शख्स की है, जिसने कॉलेज की पढ़ाई छोड़ अपराध की दुनिया में कदम रखा और आज उत्तर भारत के सबसे बड़े और खतरनाक गैंगस्टर्स में से एक बन गया है।

Lady Of Justice: सुप्रीम कोर्ट में ‘न्याय की देवी’ की प्रतिमा में बड़ा बदलाव, आंखों से पट्टी और हाथ से तलवार हटाई

नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता
न्यूज़ डेस्क। Lady Of Justice: सुप्रीम कोर्ट में ‘न्याय की देवी’ की प्रतिमा में बड़ा बदलाव किया गया है। इस बदलाव के तहत अब प्रतिमा की आंखों से पट्टी हटा दी गई है और हाथ में तलवार की जगह संविधान की प्रति दी गई है। इस नई प्रतिमा को सुप्रीम कोर्ट के परिसर में पिछले साल स्थापित किया गया था, लेकिन हाल ही में इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसने जनता और कानूनी विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बना दिया है। (Supreme Court Of India)

पारंपरिक रूप से, ‘न्याय की देवी’ को आंखों पर पट्टी और हाथ में तलवार के साथ दिखाया जाता है, जो न्याय की निष्पक्षता और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। लेकिन इस नई प्रतिमा में आंखों से पट्टी हटाकर न्याय की प्रक्रिया में पारदर्शिता और संविधान को सर्वोच्चता दी गई है। इस बदलाव को न्यायिक व्यवस्था के आधुनिक दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है, जहां कानून और संविधान को सर्वोपरि माना गया है।

प्रतिमा के इस नए रूप को लेकर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे न्याय की नई व्याख्या के रूप में देख रहे हैं, जहां कानून और संविधान की अहमियत को प्रमुखता दी गई है, वहीं कुछ पारंपरिक दृष्टिकोण के समर्थक इस बदलाव पर सवाल उठा रहे हैं।

Train Time Table: दिवाली से पहले कई ट्रेनों का मार्ग बदला, पश्चिम और उत्तर मध्य रेलवे में यार्ड रिमॉडलिंग कार्य नूं,

भोपाल – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Train Time Table: पश्चिम और उत्तर मध्य रेलवे के विभिन्न मंडलों में यार्ड रिमॉडलिंग कार्य के चलते कई महत्वपूर्ण ट्रेनें प्रभावित हो रही हैं। रेलवे प्रशासन द्वारा जारी सूचना के अनुसार, जबलपुर मंडल के कटनी-सिंगरौली खंड में गोंदवाली स्टेशन के यार्ड रिमॉडलिंग कार्य और प्रयागराज मंडल के प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर ब्लॉक के कारण कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित किया गया है। इन ट्रेनों में कई प्रमुख गाड़ियां शामिल हैं, जो अलग-अलग तारीखों पर अपने निर्धारित मार्ग से हटकर नए मार्गों से संचालित होंगी।

पश्चिम मध्य रेलवे में प्रभावित ट्रेनें
पश्चिम मध्य रेलवे के रतलाम मंडल से गुजरने वाली निम्नलिखित ट्रेनें परिवर्तित मार्ग से चलेंगी:

1. गाड़ी संख्या 19608 मदार जंक्शन-कोलकाता एक्सप्रेस 21 एवं 28 अक्टूबर को कटनी मुडवारा-सतना-प्रयागराज छिवकी- पं. दीनदयाल उपाध्याय जं. होते हुए चलेगी। 
2. गाड़ी संख्या 19607 कोलकाता-मदार एक्सप्रेस 17 एवं 24 अक्टूबर को गढ़वा रोड-सोननगर-पं. दीनदयाल उपाध्याय जं.-प्रयागराज छिवकी होते हुए चलेगी। 
3. गाड़ी संख्या 18009 संतरागाछी-अजमेर एक्सप्रेस 18 एवं 25 अक्टूबर को गढ़वा रोड-पं. दीनदयाल उपाध्याय जं.-प्रयागराज छिवकी मार्ग से जाएगी। 
4. गाड़ी संख्या 18010 अजमेर-संतरागाछी एक्सप्रेस 20 एवं 27 अक्टूबर को कटनी मुड़वारा-सतना-प्रयागराज छिवकी मार्ग से चलेगी। 
5. गाड़ी संख्या 19413 अहमदाबाद-कोलकाता एक्सप्रेस 23 अक्टूबर को कटनी मुड़वारा-सतना-प्रयागराज छिवकी मार्ग से चलेगी। 
6. गाड़ी संख्या 19414 कोलकाता-अहमदाबाद एक्सप्रेस 19 एवं 26 अक्टूबर को गढ़वा रोड-पं. दीनदयाल उपाध्याय जं.-प्रयागराज छिवकी मार्ग से जाएगी।

उत्तर मध्य रेलवे में प्रभावित ट्रेनें 
उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल में भी ब्लॉक के कारण कुछ ट्रेनें प्रभावित हुई हैं:

1. गाड़ी संख्या 09067 उधना-बरौनी स्पेशल 17 अक्टूबर को इटावा-कानपुर सेंट्रल-लखनऊ-जंघई-वाराणसी मार्ग से चलेगी। 
2. गाड़ी संख्या 09068 बरौनी-उधना स्पेशल 18 अक्टूबर को वाराणसी-जंघई-लखनऊ-कानपुर सेंट्रल-इटावा मार्ग से संचालित होगी।

विशेष जानकारी:
उक्त ट्रेनें अपने परिवर्तित मार्गों से गुजरते समय कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर ठहराव लेंगी। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे इन परिवर्तनों का ध्यान रखें और यात्रा से पहले ट्रेन की स्थिति की जानकारी प्राप्त करें।

UP NEWS: मऊ जिला अस्पताल में सांसद और डॉक्टर के बीच तू-तू मैं-मैं, सासंद से कहा- नेतागिरी बाहर करो!, वीडियो वायरल

उत्तर प्रदेश – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। UP NEWS: मऊ जिला अस्पताल में बुधवार को उस समय हंगामा मच गया जब घोसी लोकसभा के सपा सांसद राजीव राय और अस्पताल में तैनात डॉ. सौरभ त्रिपाठी के बीच तीखी बहस हो गई। घटना तब हुई जब सांसद राजीव राय मरीजों की शिकायतों पर औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने देखा कि डॉक्टर सौरभ त्रिपाठी अपने कक्ष से बाहर जाने की तैयारी में थे, जबकि मरीजों को उपचार की आवश्यकता थी। जब सांसद ने डॉक्टर को रोकने का प्रयास किया, तो डॉक्टर त्रिपाठी ने आक्रामक भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा, “नेतागिरी जाओ बाहर करो।”

इस घटना ने सांसद राजीव राय को नाराज कर दिया और दोनों के बीच जमकर बहस हो गई। यह पूरी घटना  कैमरे में कैद हो गई, और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

डॉक्टर पर पहले भी लगे हैं बदसलूकी के आरोप
डॉ. सौरभ त्रिपाठी पहले भी अपने बदसलूकी के लिए चर्चा में रहे हैं। कुछ समय पहले उन्होंने अस्पताल में कवरेज करने आए एक पत्रकार के साथ भी दुर्व्यवहार किया था, जिसमें डॉक्टर ने पत्रकार का मोबाइल तोड़ दिया था और हेलमेट से हमला करने का भी आरोप है। इसके बावजूद, डॉक्टर पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

सांसद की नाराजगी और जांच के आदेश
घटना के बाद सांसद राजीव राय ने अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की और प्रशासन से इस मामले की जांच की मांग की। अस्पताल के सीएमएस डॉ. धनंजय  ने जानकारी दी कि डॉक्टर सौरभ की रिपोर्ट जिलाधिकारी (डीएम) को भेजी जाएगी, और इस मामले की पूरी जांच की जाएगी। अधिकारियों ने यह भी आश्वासन दिया कि उच्च स्तरीय जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि मामला अब हाई प्रोफाइल हो चुका है।

When to celebrate Diwali?: देशभर में इस दिन मनेगी 2024 की दिवाली, जयपुर की धर्मसभा में हुआ निर्णय

धर्मसभा में 100 से अधिक विद्वान, ज्योतिषाचार्य और धर्माचार्य उपस्थित हुए, गहन विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि दीपावली (Diwali 2024) का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को मनाने का निर्णय

जयपुर – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। कब मनाएं दिवाली?: दीपावली पर्व की तिथि को लेकर देशभर में जारी असमंजस के बीच, 15 अक्टूबर 2024 को जयपुर स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के नवीन सभागार में अखिल भारतीय विद्वत परिषद द्वारा एक महत्वपूर्ण धर्मसभा का आयोजन किया गया। धर्मसभा में 100 से अधिक विद्वान, ज्योतिषाचार्य और धर्माचार्य उपस्थित हुए। प्रमुख ज्योतिषाचार्य प्रो. रामपाल शास्त्री की अध्यक्षता में हुई इस धर्मसभा में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस वर्ष दीपावली (When to celebrate Diwali?) का महापर्व 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार को ही मनाया जाएगा। धर्मसभा के अनुसार, यह तिथि शास्त्रसम्मत है और इसी दिन लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) का सही समय है।

धर्मसभा का निर्णय: 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी दीपावली
धर्मसभा में विद्वानों ने विभिन्न पंचांगों, ज्योतिषीय गणनाओं और शास्त्रीय प्रमाणों का सूक्ष्म अध्ययन किया। गहन विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को ही मनाना शास्त्रों के अनुसार उचित और शुभ है। इस दिन प्रदोषकाल में व्यापिनी कार्तिकी अमावस्या का समय रहेगा, जो लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे शुभ मानी जाती है।

धर्मसभा के संयोजक प्रो. मोहनलाल शर्मा ने बताया कि विद्वानों ने पंचांगों की गणनाओं और सूर्य सिद्धांत के आधार पर इस निर्णय को अंतिम रूप दिया। उन्होंने कहा, “31 अक्टूबर की रात को पूरी अमावस्या व्यापिनी रहेगी, और शास्त्रों के अनुसार कर्मकाल में तिथि की प्राप्ति आवश्यक होती है। इस कारण 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जानी चाहिए।”

शास्त्रों का समर्थन: प्रदोषकाल में लक्ष्मी पूजन का महत्व
धर्मशास्त्रों के अनुसार, प्रदोषकाल में लक्ष्मी पूजन को अत्यधिक शुभ और फलदायी माना जाता है। धर्मसभा में इस बात पर जोर दिया गया कि 31 अक्टूबर को प्रदोषकाल के समय व्यापिनी अमावस्या रहेगी, और उसी समय लक्ष्मी पूजन करना शास्त्रों के अनुसार सबसे उचित होगा। धर्मसभा के अध्यक्ष प्रो. रामपाल शास्त्री ने कहा, “दीपावली का पर्व तब तक सही नहीं माना जा सकता जब तक कि वह प्रदोषकाल में व्यापिनी अमावस्या के समय न हो।”

विरोध के स्वर: 1 नवंबर को भी दिवाली के पक्ष में विद्वानों की राय
हालांकि धर्मसभा में 31 अक्टूबर की तिथि को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया, कुछ विद्वानों ने इसका विरोध भी जताया। जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शास्त्री कोसलेंद्रदास सहित अन्य विद्वानों ने तर्क दिया कि 1 नवंबर को सूर्योदय और सूर्यास्त के बाद अमावस्या रहेगी, जो लक्ष्मी पूजन के लिए अधिक शुभ मानी जाती है।

शास्त्री कोसलेंद्रदास ने कहा, “शास्त्रों में यह स्पष्ट उल्लेख है कि जब दो दिन अमावस्या का योग हो, तो दूसरे दिन अमावस्या को पर्व मनाना चाहिए। इस वर्ष 1 नवंबर को भी अमावस्या सूर्योदय के बाद तक बनी रहेगी, इसलिए 1 नवंबर को दीपावली का पर्व मनाना शास्त्रसम्मत होगा।”

ज्योतिषाचार्य पंडित दिनेश शर्मा ने भी इसी प्रकार का तर्क देते हुए कहा, “दो दिन अमावस्या होने पर शास्त्रों के अनुसार उत्तर वाली अमावस्या (दूसरे दिन) को लक्ष्मी पूजन करना सही होता है। 1 नवंबर को स्वाति नक्षत्र का भी संयोग रहेगा, जिससे लक्ष्मी पूजन का महत्व और बढ़ जाएगा।”

देशभर में विविधता: अलग-अलग राज्यों में अलग तिथियों पर दीपावली
दीपावली पर्व को लेकर देशभर में अलग-अलग पंचांगों के आधार पर विभिन्न तिथियों का निर्धारण किया गया है। अयोध्या के राममंदिर में 1 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी, जबकि काशी में सौर पंचांग सिद्धांत के अनुसार 31 अक्टूबर को ही पर्व मनाने का निर्णय लिया गया है।

दिल्ली के कुछ पंचांगकर्ता 1 नवंबर को दीपावली मानने के पक्ष में हैं, वहीं राजस्थान के जयविनोदी पंचांग और सर्वेश्वर जयादित्य पंचांग के अनुसार 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी। जयपुर के प्रसिद्ध गोविंद देव जी मंदिर में भी 31 अक्टूबर को ही लक्ष्मी पूजन होगा।

धर्मसभा का उद्देश्य: एकरूपता और धार्मिक अनुशासन की स्थापना
धर्मसभा के निर्णय का उद्देश्य पूरे देश में दीपावली की तिथि को लेकर चल रहे भ्रम को समाप्त करना और सनातन धर्म के अनुयायियों के बीच धार्मिक अनुशासन और एकरूपता को बढ़ावा देना है। धर्मसभा के विद्वानों ने कहा कि शास्त्रों के आधार पर 31 अक्टूबर को दीपावली मनाना सर्वश्रेष्ठ और शुभ है। धर्मसभा का निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि सनातन धर्म के अनुयायी सही समय पर दीपावली का महापर्व मना सकें।

Maharashtra – Jharkhand Election Date: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, 23 नवंबर को नतीजे

न्यू दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| Maharashtra – Jharkhand Election Date: चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र में एक चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा, जबकि झारखंड में चुनाव दो चरणों में होंगे। झारखंड में पहले चरण का मतदान 13 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा। दोनों राज्यों के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

नक्सल प्रभावित इलाकों में विशेष सुरक्षा
झारखंड के कई जिले नक्सल प्रभावित हैं, जिसकी वजह से वहां चुनाव सुरक्षा एक अहम मुद्दा है। इसीलिए झारखंड में दो चरणों में चुनाव कराने का फैसला लिया गया है। 2019 के चुनावों में यहां पांच चरणों में मतदान हुआ था, लेकिन इस बार दो चरणों में इसे संपन्न कराया जाएगा।

उपचुनाव की तारीखों का भी ऐलान
चुनाव आयोग ने कई उपचुनावों की तारीखें भी घोषित की हैं। 13 नवंबर को वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव होगा, जो राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल और उत्तराखंड की विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होंगे। उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होगा, जबकि उत्तराखंड की केदारनाथ सीट पर 20 नवंबर को उपचुनाव कराया जाएगा।

महाराष्ट्र और झारखंड में बहुमत का आंकड़ा
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं, जहां बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है। वहीं, झारखंड में 81 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 42 है। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है, जबकि झारखंड में 5 जनवरी तक नई सरकार का गठन हो जाना चाहिए।

महाराष्ट्र में एक लाख से ज्यादा पोलिंग बूथ
महाराष्ट्र में 1 लाख से ज्यादा पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। महिला मतदाताओं के लिए विशेष बूथों की व्यवस्था होगी, साथ ही बूथों पर बुजुर्गों और महिलाओं के लिए बैठने की व्यवस्था भी होगी। झारखंड में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है, जहां 1.6 करोड़ महिला वोटर्स और 1.3 करोड़ से अधिक पुरुष मतदाता हैं।

निष्पक्ष चुनाव पर जोर
चुनाव आयोग ने मनी और मसल पावर पर सख्ती से लगाम लगाने की बात कही है। चुनाव के दौरान नकद, नशे और अवैध हथियारों की आवाजाही रोकने के लिए महाराष्ट्र और झारखंड की सीमाओं पर कड़ी चौकसी रखी जाएगी।

23 नवंबर को आएंगे नतीजे
महाराष्ट्र और झारखंड में मतदान के बाद 23 नवंबर को चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे।