रतलाम – पब्लिक वार्ता, न्यूज डेस्क। Ratlam News: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद रतलाम द्वारा सांईश्री एकेडमी स्कूल में हुए 5 वर्षीय बालिका के साथ यौन शोषण के विरोध में जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा को ज्ञापन सौंपा। नगर मंत्री सिद्धार्थ मराठा ने बताया की 80 फ़ीट रोड स्थित सांईश्री एकेडमी स्कूल में 5 वर्षीय बालिका के साथ यौन शोषण का गंभीर मामला सामने आया है। स्कूल विद्या के मंदिर होते है, वहां पर इस प्रकार की शर्मनाक घटना होना अति निंदनीय है।
स्कूल में हुए घटनाक्रम की समस्त जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की है। कैंपस में पर्याप्त मात्रा में सीसीटीवी कैमरे नहीं होने की बात भी सामने आई है। वहीं स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन ना होना भी एक गंभीर विषय है। यह किसी एक स्कूल के लिए नहीं बल्कि शहर में संचालित सभी स्कूलों के लिए लागू करना चाहिए। स्कूल कैंपस में पूर्ण रूप से मोबाइल फोन प्रतिबंधित होना चाहिए। स्कूल को प्रतिबंधित कर सील करने की कार्रवाई की जानी चाहिए। दो दिन में स्कूल पर कार्रवाई नहीं हुई तो विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन करेगी। जिसकी समस्त जिमेदारी प्रशासन की रहेगी। इस दौरान सहमंत्री अवि जैन, महिमा लोदवाल, कुलदीप राठौड़, श्रुति जैन, मनस्वी चौहान आदि उपस्थित थे।
पब्लिक वार्ता, न्यूज डेस्क। RRB VACANCY 2024: रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) ने टेक्नीशियन भर्ती में बंपर पदों की बढ़ोतरी की है। अब कुल 14298 पदों पर भर्तियां होंगी, जो पहले 9144 थी। इस भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन की विंडो 2 अक्टूबर से 16 अक्टूबर 2024 तक दोबारा खोली जाएगी। नए उम्मीदवार आवेदन कर सकेंगे, और जिन्होंने पहले से आवेदन किया है, उन्हें अपने आवेदन में करेक्शन का भी मौका मिलेगा।
2 अक्टूबर से आवेदन और करेक्शन का मौका इस विंडो के दौरान उम्मीदवार अपनी पसंद की कैटेगरी में बदलाव कर सकते हैं और फोटो, हस्ताक्षर समेत अन्य जानकारियों में भी सुधार कर सकेंगे। मौजूदा उम्मीदवारों को किसी नए आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी, जबकि नए उम्मीदवार कैटेगरी 2 से 40 के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं।
करेक्शन के लिए आरआरबी ने जारी किए नियम: – मौजूदा उम्मीदवार, जिन्होंने किसी भी कैटेगरी में आवेदन किया है और फीस का भुगतान किया है, वे बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के करेक्शन कर सकते हैं। – मौजूदा उम्मीदवार शैक्षणिक योग्यता, फोटो/हस्ताक्षर और पोस्ट प्रेफरेंस में बदलाव कर सकते हैं। – नए उम्मीदवार वही माने जाएंगे, जिन्होंने फीस का भुगतान नहीं किया है या नए कैटेगरी में आवेदन करना चाहते हैं।
RRB टेक्नीशियन भर्ती में परीक्षा पैटर्न इस बार टेक्नीशियन भर्ती के लिए केवल एक चरण में सीबीटी (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) होगा। परीक्षा में 90 मिनट में 100 प्रश्न पूछे जाएंगे। सामान्य वर्ग के लिए 40%, ओबीसी और एससी के लिए 30%, और एसटी के लिए 25% न्यूनतम अंक आवश्यक होंगे।
प्रमुख विषयों में शामिल होंगे: – जनरल अवेयरनेस: 10 प्रश्न – जनरल इंटेलिजेंस एंड रीजनिंग: 15 प्रश्न – बेसिक कंप्यूटर और एप्लीकेशंस: 20 प्रश्न – मैथ्स: 20 प्रश्न – बेसिक साइंस और इंजीनियरिंग: 35 प्रश्न
नेगेटिव मार्किंग का ध्यान रखें प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक काटे जाएंगे, इसलिए सावधानी से उत्तर दें।
आरआरबी टेक्नीशियन भर्ती 2024 में 5154 नए पद जोड़े गए हैं, जिससे कुल पदों की संख्या 14298 हो गई है। अगर आप रेलवे में करियर बनाने का सपना देख रहे हैं, तो यह सुनहरा मौका है। आवेदन की विंडो 2 अक्टूबर से खुलेगी, इसलिए तैयारी में जुट जाएं और समय रहते आवेदन करें।
भोपाल – पब्लिक वार्ता, न्यूज डेस्क। MP Police Recruitment 2023: 26, 27 और 28 सितंबर 2024 को हुई भारी बारिश के कारण, मध्यप्रदेश पुलिस आरक्षक (जीडी) एवं (रेडियो) भर्ती वर्ष 2023 के शारीरिक दक्षता परीक्षण स्थगित कर दिए गए हैं। पुलिस मुख्यालय, भोपाल द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, भारी वर्षा के कारण परीक्षण मैदान उपयुक्त नहीं रहे, जिसके चलते 30 सितंबर, 1 अक्टूबर और 2 अक्टूबर 2024 को होने वाले शारीरिक दक्षता परीक्षण अब क्रमश: 18, 19 और 20 नवंबर 2024 को आयोजित किए जाएंगे। (MP police Physical Test New Date) आपको बता दे ग्वालियर, उज्जैन सहित प्रदेश के कई इलाकों में तेज बारिश की वजह से वो मैदान खराब हो गए हैं, जहां दक्षता परीक्षा ली जानी थी। ऐसे में इसे आगे बढ़ाना पड़ा है।
नई तिथियां – 30 सितंबर 2024 की परीक्षा अब 18 नवंबर 2024 को होगी। – 1 अक्टूबर 2024 की परीक्षा अब 19 नवंबर 2024 को होगी। – 2 अक्टूबर 2024 की परीक्षा अब 20 नवंबर 2024 को होगी।
हालांकि, परीक्षण केंद्र, स्थान, और बाकी शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उम्मीदवारों को अपने संशोधित प्रवेश पत्र मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मण्डल (ESB) की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद, वे नई तिथियों पर शारीरिक दक्षता परीक्षण में शामिल हो सकते हैं। सव्यसाची सराफ, सहायक पुलिस महानिरीक्षक (चयन भर्ती), पुलिस मुख्यालय, भोपाल ने कहा की उम्मीदवारों से अनुरोध है कि वे नई तिथियों को ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारी जारी रखें और संबंधित वेबसाइट पर अपडेट्स चेक करते रहें।
आचार संहिता के चलते रुका था फिजिकल मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा 7411 पदों पर भर्ती की जा रही है। इसमें से ओबीसी आरक्षण को लेकर 13 प्रतिशत पदों पर परिणाम रोका गया था। भर्ती परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा होना थी। लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता की वजह से इसे आगे बढ़ा दिया गया था।
2023 में हुई थी 6 हजार आरक्षकों की भर्ती इसके पहले 2023 में 6 हजार पुलिस आरक्षकों के पदों पर भर्ती हुई थी। प्रदेश में इसके बाद फिर से जून 2023 में 7411 आरक्षकों के पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इसके बाद से यह प्रक्रिया चल रही है। इन पदों में 33 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। मध्य प्रदेश में यहां बनाए गए हैं सेंटर पुलिस भर्ती शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, रीवा, रतलाम, बालाघाट, सागर और मुरैना में होनी है। यहां हर दिन 200 से अधिक अभ्यर्थी इसमें हिस्सा लेंगे। इसमें से 15 प्रतिशत महिला अभ्यर्थीं होंगी।
भोपाल – पब्लिक वार्ता, न्यूज डेस्क। MP Job Vacancies: मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में ‘प्राथमिक शिक्षक (वर्ग-3)’ (Primary Teacher Job in MP) बनने के लिए पात्रता परीक्षा 10 नवंबर से शुरू होगी। मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल ने इस परीक्षा का शेड्यूल जारी कर दिया है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन 1 से 15 अक्टूबर के बीच किए जाएंगे। प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के 8 हजार पद खाली हैं।
2023 में उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के बाद, अब प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए पात्रता परीक्षा के बाद चयन परीक्षा भी होगी। इसका मतलब यह है कि अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने के लिए दो परीक्षाओं को पास करना होगा। यह परीक्षा स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग के स्कूलों के लिए संयुक्त रूप से आयोजित की जा रही है।
पात्रता के लिए अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता परीक्षा में शामिल होने के लिए कम से कम 60% अंकों के साथ हायर सेकंडरी या समकक्ष और प्रारंभिक शिक्षा में दो साल का डिप्लोमा या समकक्ष योग्यता आवश्यक है। अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, दिव्यांग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 5% अंकों की छूट दी जाएगी। इनके लिए न्यूनतम 45% अंक अनिवार्य होंगे, बशर्ते उनके पास सक्षम अधिकारी से जारी जाति प्रमाण पत्र हो।
बीएड वाले अभ्यर्थी पात्र नहीं सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को अपने आदेश में एनसीटीई की 28 जून 2018 की अधिसूचना को निरस्त कर दिया था, जिसके तहत बीएड डिग्री धारक प्राथमिक शिक्षक के लिए पात्र होते थे। अब बीएड योग्यताधारी उम्मीदवार प्राथमिक शिक्षक पद के लिए पात्र नहीं होंगे।
पात्रता परीक्षा की वैधता प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2020 और उसके बाद आयोजित की जाने वाली पात्रता परीक्षाओं की वैधता आजीवन रहेगी। यानी 2020 में सफल हुए अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में दोबारा बैठने की जरूरत नहीं है। भविष्य में जब भी शिक्षक भर्ती निकाली जाएगी, पहले से पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी इसके लिए पात्र माने जाएंगे और चयन मेरिट के आधार पर होगा।
वेतनमान और पदों का विवरण प्राथमिक शिक्षक का न्यूनतम वेतन 25,300 रुपए होगा, साथ ही महंगाई भत्ता भी मिलेगा। प्रारंभिक नियुक्ति के दौरान उन्हें 12 दिसंबर 2019 के नियमों के अनुसार वेतन दिया जाएगा। प्रदेश में कुल 45 हजार शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जिनमें से 8 हजार प्राथमिक शिक्षक के हैं। हालांकि, परीक्षा के लिए पदों का विस्तृत विवरण जारी नहीं किया गया है। चयन परीक्षा के समय ही यह विवरण प्रदान किया जाएगा।
परीक्षा का शेड्यूल और अन्य जानकारी:
– परीक्षा 10 नवंबर से शुरू होगी। – आवेदन 1 से 15 अक्टूबर तक ऑनलाइन भरे जाएंगे। – आवेदन पत्र में संशोधन 20 अक्टूबर तक किया जा सकेगा। – अनारक्षित वर्ग के लिए परीक्षा शुल्क 500 रुपए और आरक्षित वर्ग के लिए 250 रुपए है। – परीक्षा दो पालियों में होगी: सुबह 9:00 से 11:30 बजे और दोपहर 2:30 से 5:00 बजे तक। – परीक्षा केंद्र 13 शहरों में होंगे: बालाघाट, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, खंडवा, इंदौर, नीमच, रतलाम, रीवा, सीधी, सतना और उज्जैन।
यह पात्रता परीक्षा मध्यप्रदेश के शिक्षण क्षेत्र में प्रवेश के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। सफल अभ्यर्थी स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग में शिक्षक पदों के लिए पात्र होंगे और उनका चयन मेरिट के आधार पर किया जाएगा।
पब्लिक वार्ता, न्यूज डेस्क। Kangana ranaut on Farmer Law: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद कंगना रनौत ने हाल ही में दिए गए अपने बयान पर माफी मांगी है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को फिर से लागू करने की मांग की थी। यह बयान देते ही विपक्षी दलों ने भाजपा और कंगना पर निशाना साधा।
कंगना ने माफी मांगते हुए कहा कि यदि उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो वे अपने शब्द वापस लेती हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी मंशा किसी की भावनाओं को आहत करने की नहीं थी। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी कंगना के बयान की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर बोलने का अधिकार नहीं है।
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर किसानों के खिलाफ कोई कदम उठाया गया तो फिर से प्रधानमंत्री को माफी मांगनी पड़ेगी। कंगना के इस बयान से किसानों के बीच नाराजगी थी, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा के किसानों में, जो पहले भी कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर चुके थे।
कंगना ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट की और कहा कि उनका सुझाव था कि किसानों को खुद प्रधानमंत्री से इन कानूनों को वापस लाने की अपील करनी चाहिए, जिससे उनकी समृद्धि बाधित न हो। यह मामला तब उठा जब कंगना ने 23 सितंबर को हिमाचल प्रदेश में एक कार्यक्रम के दौरान तीनों कृषि कानूनों को फिर से लागू करने की वकालत की थी। गौरतलब है की 14 महीने के किसान आंदोलन के बाद केंद्र सरकार ने नवंबर 2021 में कानूनों को वापस ले लिया था।
पब्लिक वार्ता, न्यूज डेस्क। Supriya Sule Vs Ajit Pawar: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए एनसीपी अजित पवार गुट और एनसीपी शरद पवार (Sharad Pawar) गुट ने पूरा दम लगा दिया है। हालांकि, लोकसभा चुनाव में भतीजे अजित पवार पर चाचा शरद पवार हावी रहे थे। महाराष्ट्र की राजनीति में भले ही पवार फैमिली एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी है, लेकिन एक परिवार के रूप में किसी सदस्य के बीच कोई खटास नहीं दिखती।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की सरगर्मियों (Maharashtra Politics) के बीच एनसीपी संस्थापक (NCP) शरद पवार की बेटी और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने अपने भाई और राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार पर तंज कसा। उन्होंने मुंबई में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहा कि अगर दादा ने मांग लिया होता तो पार्टी उन्हें दे देती, पार्टी को तोड़ने की क्या जरूरत थी। जब उनसे पूछा गया कि उनके पिता शरद पवार उन पर ज्यादा प्यार लुटा रहे थे, जबकि पार्टी के असली उत्तराधिकारी अजित पवार थे, तो NCP (शरद पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा, “अरे मांग लेता ना, सब दे देती… पार्टी तोड़ने की जरूरत ही नहीं थी। ये कौन सी बड़ी डील है… जाने की च्वाइस उनकी थी।”
घर में कम से कम एक साथ : शरद पवार कुछ दिनों पहले शरद पवार ने कहा था कि वह और भतीजे अजित पवार एक परिवार के रूप में एक साथ हैं, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि अजित एक अलग राजनीतिक दल का नेतृत्व कर रहे हैं। शरद पवार ने तटीय कोंकण क्षेत्र के चिपलून में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि “घरत तारि एकत्रच आहेत (कम से कम हम घर पर एक साथ हैं)।
गौरतलब है की पिछले साल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में विभाजन हो गया था। अजित पवार अपने साथ कई विधायकों को लेकर अलग हो गए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी अजित गुट को असल एनसीपी माना। वहीं, अजित गुट ने शिंदे सरकार को समर्थन दिया। अजित पवार फिलहाल महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं।
व्यापमं घोटाले (Vyapam Scam) में 2010 से 2013 तक की अवधि में हुए भ्रष्टाचार पर जिम्मेदार अधिकारियों से पूछताछ की मांग, एसटीएफ और सीबीआई पर घोटाले की जांच में बड़े अधिकारियों को बचाने का आरोप!
भोपाल – पब्लिक वार्ता, जयदीप गुर्जर। सुप्रीम कोर्ट ने बहुचर्चित व्यापमं घोटाले (Vyapam Scam) के मामले में सीबीआई और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस पूर्व विधायक और व्यापमं घोटाले के व्हिसिल ब्लोअर पारस सकलेचा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया गया। सकलेचा ने व्यापमं घोटाले में 2010 से 2013 तक की अवधि में हुए भ्रष्टाचार पर जिम्मेदार अधिकारियों से पूछताछ की मांग की थी, जो पहले इंदौर हाईकोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई थी।
आपको बता दे 2013 में मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले का पर्दाफाश हुआ था। माना जाता है कि आजाद भारत में व्यापमं सबसे बड़ा घोटाला रहा। मामले में जब जांच शुरू हुई तो जांचकर्ता और आरोपियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने लगी। घोटाले के तार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड, आंध्र प्रदेश समेत राज्यों से जुड़े होने की बात सामने आई। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट में यह मामला पहुंचने पर इस मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) को सौंप दी गई।
व्यापमं घोटाला जांच में गड़बड़ी के आरोप पारस सकलेचा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि एसटीएफ और सीबीआई ने व्यापमं घोटाले की जांच में बड़े अधिकारियों को बचाने के लिए कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को शामिल नहीं किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जांच में लीपापोती की गई है और सिर्फ छोटे रैकेटियर, दलाल, स्कोरर, छात्र और अभिभावकों पर ही कार्रवाई की गई है। सकलेचा का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर चलने वाला रैकेट सरकार और प्रशासन की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है।
850 पेज का दस्तावेजी साक्ष्य पेश सकलेचा ने अपने आवेदन में लगभग 850 पेज के दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए हैं, जिसमें उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा सचिव, और व्यापमं के उच्च अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। सकलेचा का दावा है कि इन बड़े अधिकारियों की संलिप्तता के बिना व्यापमं जैसा बड़ा घोटाला संभव नहीं था।
इंदौर हाईकोर्ट से निरस्त हुई थी याचिका इससे पहले, पारस सकलेचा ने व्यापमं घोटाले को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे 19 अप्रैल 2024 को खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां पर आज जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने सीबीआई और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।
आरोप: बड़े अधिकारियों पर नहीं हुई कार्रवाई! सकलेचा ने अपने आवेदन में कहा कि एसटीएफ और सीबीआई को व्यापमं घोटाले के बारे में विस्तृत जानकारी और दस्तावेज देने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने एसटीएफ को 350 पेज का आवेदन और मौखिक साक्ष्य के अलावा 240 पेज के दस्तावेज सौंपे थे। इसके बावजूद, बड़े अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और केवल छोटे स्तर के लोगों पर ही शिकंजा कसा गया।
प्रशासन और सरकार की भूमिका पर सवाल पारस सकलेचा ने कहा कि व्यापमं घोटाले की जांच में प्रशासन और सरकार की भूमिका संदिग्ध रही है। उन्होंने बताया कि 2009 में जब व्यापमं घोटाले का पर्दाफाश हुआ था, तब भी निजी चिकित्सा महाविद्यालयों की भर्ती की जांच नहीं की गई, जबकि यह भी घोटाले का एक प्रमुख हिस्सा था।
अब आगे क्या ? व्यापमं घोटाले (Vyapam) की जांच को लेकर पारस सकलेचा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और क्या बड़े अधिकारियों पर कोई कार्रवाई की जाती है। गौरतलब है की व्यापमं घोटाले को करीब 11 साल हो चुके है। मध्यप्रदेश सरकार के मुताबिक रिश्वत लेकर प्रवेश परीक्षाओं और भर्तियों में नकल करने के मामले में 4046 लोगों को आरोपी बनाया गया। इसमें से 956 आरोपियों की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो पाई है। वहीं CBI ने 1242 लोगों को आरोपी बनाया है। गौर करने वाली बात यह है कि इस मामले में मध्य प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल राम नरेश यादव के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज है। इतना ही नहीं व्यापमं घोटाले में तत्कालीन शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। एक अनुमान के मुताबिक घोटाले से जुड़े 40 से ज्यादा लोगों की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो चुकी है। इनमें टीवी चैनल आजतक के पत्रकार अक्षय सिंह भी शामिल है, जिनकी मौत झाबुआ में एक इंटरव्यू के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। घोटाले के व्हिसलब्लोअर डॉक्टर आनंद राय बताते हैं कि यह घोटाला पूरी तरह से पिरामिड की तरह काम कर रहा था। इस पिरामिड में सबसे नीचे स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स थे। जबकि ऊपर रसूखदार लोग थे, जिन्हें इस पूरे घोटाले का पैसा जा रहा था। जो रसूखदार लोग थे उन्हें कभी जेल नहीं हुई। कुछ लोग जेल गए भी तो सबूत के अभाव में छूट गए।
बजरंग दल कार्यकर्ता ने एसपी की सद्बुद्धि के लिए पढ़ी हनुमान चालिसा, जमकर की नारेबाजी
भोपाल/रतलाम – पब्लिक वार्ता, न्यूज डेस्क। मध्यप्रदेश के रतलाम में गणेश जुलूस पर पथराव और लाठीचार्ज के मामले में ट्रांसफर होकर भोपाल पहुंचे एसएसपी राहुल कुमार लोढा का वहां भी विरोध शुरू हो गया। भोपाल रेल में ज्वाइनिंग से पहले बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर काले झंडे दिखाए। बजरंगदल कार्यकर्ताओं ने एसपी लोढा की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड और हनुमान चालिसा का पाठ भी किया। बजरंग दल के नेताओं के अनुसार ऐसे एसपी राहुल लोढा को पीएचक्यू में अटैच किया जाए या फिर उन्हें सस्पेंड किया जाए। हिंदू संगठनों का आरोप है की एसपी ने शासन को गुमराह करते हुए गलत जानकारी दी और एकतरफा कार्रवाई कर दी। इससे पहले जब वे भोपाल, बुराहनपुर, गुना आदि जिलों में थे तब भी उनकी मानसिकता हिंदू विरोधी रही है। भोपाल रेल में एसपी राहुल के पदभार ग्रहण को लेकर बजरंगदल नेता ने चेतावनी देते हुए कहा की अगर वे यहां पदभार ग्रहण करते है तो बड़ा उग्र आंदोलन किया जाएगा।
गौरतलब है की रतलाम में गणेश प्रतिमा जुलूस और हिंदुओं पर पत्थरबाजी की खबरों ने शहर में अराजकता का माहौल बना दिया था। जिसके बाद एसपी राहुल लोढा ने कार्रवाई करते हुए 13 लोगों पर नामजद एफआईआर करते हुए, अगले दिन मीडिया में पूरे घटनाक्रम को अफवाह बताया था। मामले में गणेश पांडाल में पुलिस की मारपीट के वीडियो सामने आने के बाद मामले ने तूल पकड़ा और देखते ही देखते पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगने शुरू हो गए। लाठीचार्ज में 19 वर्षीय युवक की मौत का आरोप भी पुलिस पर लगा। जिसके बाद मामला गरमाया और हजारों की संख्या में हिंदू समाज ने सड़को पर उतरकर कलेक्टर के नाम एसपी राहुल लोढ़ा, एडिशनल एसपी राकेश खाखा, सीएसपी अभिनव बारंगे, टीआई दिनेश भोजक समेत पुलिस के अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए ज्ञापन सौंपा।
सियासत गरमाई, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष कल रतलाम में पत्थरबाजी के मामले में सियासत भी गर्म गई। कांग्रेस और भाजपा आमने सामने हो गई। अब प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भाजपा सदस्यता अभियान के अंतर्गत रतलाम का दौरा करेंगे। शर्मा सुबह 08:30 बजे सर्किट हाउस मे प्रमुख कार्यकर्ता एवं जनप्रतिनिधियों से मिलेंगे। 11 बजे सैलाना और फिर वापस रतलाम बैठक में शामिल होंगे। जिसके बाद वे झाबुआ के लिए रवाना होंगे। सूत्रों के अनुसार इस घटनाक्रम ने भाजपा की छवि पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। हिंदू संगठनों व आमनागरिकों की स्थानीय नेताओं व पदाधिकारियों के विरोध की खबर हाईकमान तक जा पहुंची है। जिसके चलते ताबड़तोड़ वीडी शर्मा को रतलाम आना पड़ रहा है। इस विषय पर हिंदू संगठन के स्थानीय नेताओं से भी शर्मा चर्चा कर सकते है। ज्ञात हो की पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता दिग्विजयसिंह ने भाजपा को घेरते हुए ट्वीट कर लिखा की पत्थर फेंकने की झूठी बात फैलाकर धर्म विशेष को फंसाने के लिए एसपी पर दबाव बनाया गया। प्लानिंग कर अफवाह फैलाकर निर्दोष लोगों को फंसाने की कहानी का पुलिस ने ईमानदारी से पर्दाफाश किया। वहीं पलटवार में प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा की दिग्विजय सिंह जी को भी सम्मान मिलना चाहिए। उनकी भाषा, शब्द और पाकिस्तान के प्रति प्रेम अद्भुत है। ओसामा बिन लादेन से लेकर सभी का सम्मान करने वाले दिग्विजय सिंह ही हैं। कांग्रेस इसी प्रकार की बातें कर रही है, जो दुर्भाग्यजनक है।
यह हुआ था उस दिन गणेश चतुर्थी पर रतलाम के संवेदनशील क्षेत्र मोचिपुरा में गणेश प्रतिमा जुलूस पर पथराव हुआ था। जिसके बाद हिंदू समाज ने सैंकड़ों की संख्या में स्टेशन रोड थाने का घेराव किया था। तत्कालीन एसपी राहुल कुमार लोढ़ा पुलिस बल के साथ जांच के लिए घटना स्थल मोचीपुरा पहुंचे। पीछे-पीछे भीड़ भी गई। SP ने लोगों से वहां से जाने के लिए कहा, इसी बीच दूसरी और से पथराव शुरू हो गया। पुलिस की गाड़ी पर भी एक पत्थर लगा। गाड़ी का कांच फूट गया। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने मोर्चा संभाला। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया। आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। रात लगभग साढ़े आठ बजे शुरू हुआ हंगामा-प्रदर्शन करीब 2 बजे खत्म हुआ। इसके बाद कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी। पुलिस पर गणेश पांडाल में मारपीट, महिला अभद्रता, लाठीचार्ज में युवक की मौत, एफआईआर में फर्जी नाम जोड़ने जैसे गंभीर आरोप लगे। इस घटना के बाद तत्काल गृह विभाग से एसपी राहुल लोढ़ा का ट्रांसफर कर दिया गया। उनकी जगह अमित कुमार को जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई। वहीं राहुल लोढ़ा को भोपाल रेल का एसपी बनाया गया। जहां पर उन्हें अब विरोध का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल पूरे मामले में जांच चल रही है।
रतलाम – पब्लिक वार्ता, जयदीप गुर्जर। पैलेस रोड स्थित शहर के प्रसिद्ध और प्राचीन श्री नित्य चिंताहरण गणेश मंदिर पर 10 दिवसीय गणेश उत्सव के पहले मंदिर के सामने की सड़क के खोदे जाने से भक्तों में आक्रोश व्याप्त हो गया था। समिति ने भी आक्रोश जताते हुए गणेशोत्सव के पहले रोड बनाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। जिसके बाद मीडिया के माध्यम से बात जिम्मेदारों तक पहुंची। जिसके बाद 2 दिनों के भीतर रोड का काम पूरा हो गया। क्षेत्रीय पार्षद व एमआईसी सदस्य धर्मेंद्र व्यास ने बताया की ठेकेदार को पूर्व में ही निर्देशित कर दिया था। जिसके बाद भी उसने काम शुरू नहीं किया। मामला संज्ञान में आते ही तुरंत ठेकेदार को बुलाया और काम शुरू करवाया। अपनी निगरानी में रोड कार्य पूरा करवाया। अब रहवासियों और मंदिर पर आने वाले भक्तों को कोई परेशानी नहीं होगी।
मंदिर समिति के जनक नागल ने बताया की मंदिर के सामने रोड खोदे जाने से तालाब जैसी स्थिति बन गई थी। मंदिर के मुख्य द्वार से पैदल आने जाने तक का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया था। गणेश उत्सव के अवसर पर भगवान श्री को स्वर्ण बर्क का चोला चढ़ाया जाता है, भव्य पांडाल और मूर्ति स्थापना के साथ साथ मंदिर के अंदर और बाहर दुर दुर तक लाईट, फ्लावर और टेंट का डेकोरेशन किया जाता है। प्रतिदिन करीब आठ से दस हजार भक्त भगवान श्री के दर्शन एवं प्रसादी प्राप्त करने को आते हैं। नागल ने कहा कि मंदिर के सामने की सड़क के खोदे जाने से भक्तों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था और गणेश उत्सव की तैयारियों में बाधा आ रही थी। अब तेज गति से रोड का कार्य पूरा किया गया है। जिसके लिए शहर के महापौर प्रहलाद पटेल व क्षेत्रीय पार्षद धर्मेंद्र व्यास सहित जिम्मेदार अधिकारी एवं ठेकेदार का स्वागत कर उन्हें धन्यवाद देंगे। मंदिर पर साज सज्जा का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।
3 दिन में डिस्पोजल हटाने की चेतावनी, एनजीओ पर लगाई पैनल्टी
इंदौर – पब्लिक वार्ता, न्यूज डेस्क। महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा सोमवार सुबह विधानसभा चार के अंतर्गत झोन क्रमांक 2 के विभिन्न क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था एवं विकास कार्यों के संबंध में औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य प्रभारी अश्विनी शुक्ल, महापौर प्रतिनिधि भारत पारख, पार्षद प्रतिनिधि रामबाबू राठौर, अपर आयुक्त देवधर दरवई, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी अखिलेश उपाध्याय, क्षेत्रिय स्वास्थ्य अधिकारी, सीएसआई एवं अन्य उपस्थित थे।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव एवं स्वास्थ्य प्रभारी अश्विनी शुक्ल द्वारा झोन क्रमांक 2 के अंतर्गत विभिन्न स्थानों जिनमे मालगंज, राजमोहल्ला, सब्ज़ी मंडी, इतवारिया बाज़ार, बियाबानी ,भक्त प्रहलाद नगर, नालियाँ बाख़ल, कपड़ा बाज़ार, सीतलामाता बाजार,एम टी क्लॉथ मार्केट, खजूरी बाज़ार आदि स्थानों का दौरा किया गया।
जताई नाराजगी, जोनल ऑफिसर पर कार्रवाई निरीक्षण के दौरान महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा राज मोहल्ला सब्ज़ी मंडी में सफाई व्यवस्था संतोषजनक नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की। साथ ही बिना सूचना के छुट्टी पर गए ज़ोन क्रमांक 02 (जोनल ऑफिसर) के खिलाफ विधिवत कार्रवाई के निर्देश अपर आयुक्त देवधर दरवई को दिए। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सीएसआई को कचरा फैलाने वालों के खिलाफ चलानी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए, इसके अलावा, उन्होंने इतवारिया रोड पर सड़क पर बने धार्मिक स्थल को शिफ्ट कर सड़क मार्ग को पूरी तरह चालू करने के निर्देश दिए। महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा इतवारिया बाज़ार में सड़क मार्ग के बीच में लगी डीपी को भी शीघ्र शिफ्ट करने के लिए कहा गया। इसके साथ ही कपड़ा मार्केट के टॉयलेट की सफाई व्यवस्था के लिए निर्देश दिया कि सभी बाथरूम की रोजाना सफाई सुनिश्चित की जाए।
3 दिन में हटा लें डिस्पोजल, एनजीओ पर पैनल्टी मार्केट अध्यक्ष ने महापौर से कचरा फैलाने वालों पर कठोर चलानी कार्रवाई करने की अपील की, जिसके प्रति महापौर ने सहमति जताई। महापौर ने अधिकारियों से कहा कि चाय बेचने वालों को 3 दिन का समय दिया जाए ताकि वे डिस्पोजल हटा लें, अन्यथा उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। सफाई से जुड़े मुद्दों को लेकर एनजीओ द्वारा अनदेखी करने पर महापौर ने पेनल्टी लगाने के निर्देश भी दिए। कपड़ा मार्केट में बनी स्मार्ट पार्किंग को लेकर महापौर ने मार्केट अध्यक्ष से कहा कि व्यापारियों को पास जारी किए जाएं ताकि वे अपनी गाड़ियां पार्किंग में ही खड़ी करें और इसके लिए व्यापारी संघ पास बनाए।