
पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। सीटू एवं मध्यप्रदेश – छत्तीसगढ़ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन ने संयुक्त रूप से पूरे प्रदेशभर में न्यूनतम वेतन के रिवीजन की मांग को लेकर बुधवार को ज्ञापन सौंपा। यूनियन के सदस्य रतलाम के एमआर कार्यालय से मोटरसाइकिल रैली निकालते हुए कलेक्टोरेट पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नाम का ज्ञापन सौंपा गया। एमपीएमएसआरयू रतलाम इकाई के अध्यक्ष कॉमरेड अश्विनी शर्मा ने बताया की मध्यप्रदेश की सरकार ने 2016 में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के लिए न्यूनतम वेतन घोषित किया था।लेकिन पिछले 9 साल से न तो न्यूनतम वेतन में कोई रिवीजन किया गया है और न ही 8 घंटे के काम को लागू किया गया। साथ ही मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के लिए लागू सेल्स प्रमोशन एम्प्लाइज एक्ट 1976 का पालन भी नहीं किया जा रहा है।
रतलाम जिले के उपाध्यक्ष कॉमरेड अभिषेक जैन ने बताया की पुरे देश में मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है जिसने पिछले 9 सालों में मजदूरों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी नही की है। इसके अलावा शिवराज सरकार ने ट्रेड यूनियनों की त्रिपक्षीय समितियों के साथ आज तक कोई बैठक नहीं की। जिसके खिलाफ सीटू एवं एमपीएमएसआरयू पूरे प्रदेश में न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की मांग को लेकर मुखर हुई है। साथ ही भारत सरकार के श्रम मंत्री भूपेंद्रसिंह यादव के नाम मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की समस्याओं को लेकर 8 सूत्रीय मांगों का भी ज्ञापन सौंपा गया।
एमपीएमएसआरयू (MPMSRU) के प्रादेशिक उपाध्यक्ष कॉमरेड अश्विनी शर्मा ने जानकारी दी कि हमारे अखिल भारतीय संगठन FMRAI द्वारा 30 नवंबर 2023 को 8 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया गया है। हमारी मांग है कि देश के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की समस्याओं को लेकर बनी त्रिपक्षीय समिति की बैठक बुलाई जाए। जिसमें एसपीएक्ट 1976 को सुरक्षित एवं सुनिश्चित किया जाए। मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के काम करने की नियमावाली तय होने के साथ काम करने के मौलिक अधिकार को सुरक्षित किया जाए। सेल्स प्रमोशन एम्प्लाइज की डिजिटेलाइजेशन के नाम ट्रेकिंग सर्विलांस पर रोक लगाए। दवाओं पर जीरो जीएसटी लागू करे।
इस दौरान रतलाम इकाई के सहसचिव कॉमरेड रसीद खान, कोषाध्यक्ष संजय व्यास, कार्यकारणी सदस्य अविनाश पोरवाल, ,सचिन तिवारी, निखिल मिश्र, आनंद गरवाल, एम एल नगावत एवं काफी संख्या में दवा प्रतिनिधि व अन्य ट्रेड यूनियन के साथी उपस्थित रहे।