Ratlam News: बालम ककड़ी खाने से परिवार हुआ फूड प्वाइजनिंग का शिकार, 5 वर्षीय बालक की मौत, रखे ये सावधानियां

रात में सभी की तबीयत अचानक खराब हो गई और उल्टियां होने लगीं, रतलाम के सैलाना में सबसे ज्यादा होता है उत्पादन, खाने से पहले सावधानियां रखनी जरूरी

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Ratlam News: रतलाम के जड़वासा कलां गांव में कथित तौर पर बालम ककड़ी खाने से एक ही परिवार के पांच लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए, जिसमें 5 वर्षीय बालक की इलाज के दौरान मौत हो गई। माता-पिता और दो बेटियां मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज जारी है। डॉक्टरों का कहना है कि यह मामला फूड प्वाइजनिंग का दिखाई दे रहा है, जिसकी वजह से पूरे परिवार की तबीयत बिगड़ी।

जानकारी के अनुसार परिवार ने बालम ककड़ी खाई थी, जो सीजन में मिलने वाला एक स्थानीय फल है। परिवार के सदस्य  मांगीलाल पाटीदार ने अपनी पत्नी कविता, बेटियां दक्षिता, साक्षी और बेटे क्रियांश के साथ बालम ककड़ी खाई थी। रात में सभी की तबीयत अचानक खराब हो गई और उल्टियां होने लगीं। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए रतलाम के मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां 5 वर्षीय क्रियांश की मौत हो गई, जबकि अन्य सदस्यों का इलाज जारी है।

मृतक बालक के चाचा रवि पाटीदार ने बताया कि मांगीलाल तीन दिन पहले सैलाना-धामनोद रोड से बालम ककड़ी खरीदकर लाए थे। परिवार के सभी सदस्यों ने इसे एक साथ खाया, जिसके बाद यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। परिवार के इंकार के बाद मृतक बालक का पोस्टमार्टम नहीं हो सका, इसलिए मृत्यु की असल वजह स्पष्ट नहीं हो पाई, लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि यह फूड प्वाइजनिंग का मामला हो सकता है। फिलहाल, पिता की हालत में सुधार होने पर उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है, जबकि मां और दोनों बेटियों का इलाज मेडिकल कॉलेज में जारी है।

कीटनाशक भी हो सकती है वजह
रतलाम मेडिकल कॉलेज के ऐपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. गौरव बोरीवाल ने बताया कि पांचों मरीज फूड पॉइजनंग के कारण बीमार होकर आए थे। सही इलाज मिलने में लंबा गैप होने से भी स्थिति बिगड़ी। क्रियांश का ब्लड सैम्पल लिया है, जांच करवाई जाएगी। मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. विनय शर्मा ने कहा कि प्रथम दृष्टया बच्चे की मौत फूड पॉइजनिंग से हुई है। मां और दो बेटियों को इलाज किया जा रहा है। पुलिस चौकी को इन्वेस्टिगेशन के लिए लिखकर दिया था। वहीं, पुलिस चौकी प्रभारी सुनील राघव ने बताया कि फिलहाल इस तरह का मामला नहीं आया है। जानकारी आएगी तो पड़ताल की जाएगी। विशेषज्ञों की माने तो बच्चे की मौत को सीधे तौर पर बालम ककड़ी का इफेक्ट नहीं मान सकते। इसकी पैदावार में पेस्टीसाइट्स का उपयोग किया जाता है। हो सकता है कि परिवार ने खाने से पहले ककड़ी को अच्छी तरह धोया नहीं होगा। उल्टी-दस्त के कारण बच्चों के शरीर में पानी की कमी आ जाती है, इससे भी मौत हो सकती है।

रखे ये सावधानी
बालम ककड़ी या साधारण ककड़ी/खीरा खाने से पहले सावधानियां रखनी जरूरी है। ककड़ी का कच्चा फल जहरीला होता है, खाने से बीमार हो सकते हैं। ककड़ी को बेल से तोड़कर सीधे नहीं खाना चाहिए। ककड़ी पर कीट से बचाने के लिए जिन कीटनाशक का प्रयोग होता है, उनका असर 5 से 6 दिनों तक नहीं जाता है, ऐसे में किसान कीटनाशक का छिडकाव करने के 1 से 2 दिन में अगर फसल बेचते है तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। जब भी आप ककड़ी ले उसे पानी से अच्छे से साफ कर ले और उसके छिलके उतार कर ही खाएं। गर्म पानी में नमक डालकर उसमें भी कुछ देर रख सकते है।
रात में ककड़ी नहीं खानी चाहिए। इससे पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। ककड़ी के सेवन के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। ककड़ी को पकाने की सलाह नही ं दी जाती क्योंकि इसमें पानी ज्यादा मात्रा में होता है। भोजन के साथ ककड़ी खा रहे हैं तो ज्यादा मात्रा में न खाएं।

बालम ककड़ी क्या है?
बालम ककड़ी एक फल है। यह लौकी जैसी दिखती है। पकने पर अंदर से केसरिया रंग की हो जाती है। इसलिए इसे केसरिया बालम ककड़ी भी कहते हैं। यह स्वाद में हल्की मीठी होती है। इसमें पानी की भरपूर मात्रा होती है। रतलाम के सैलाना में सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। इसके अलावा बालम ककड़ी की पैदावार सबसे ज्यादा झाबुआ और धार जिलों में होती है। सैलाना क्षेत्र में उगने वाली बालम ककड़ी का स्वाद और आकार सबसे अच्छा होता है। इसकी मांग देश में दूर – दूर तक है।

Govinda injured: बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा के घुटने में लगी गोली, ICU में भर्ती, हालत खतरे से बाहर

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता गोविंदा (Actor Govinda) के साथ एक दुर्घटना हो गई, जिसमें उनके घुटने में गोली लग गई। यह घटना मंगलवार सुबह करीब 4.45 बजे हुई, जब वे अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर को साफ कर रहे थे। गलती से रिवॉल्वर उनके हाथ से गिर गई और गोली सीधे उनके घुटने में लग गई।

घटना के तुरंत बाद, गोविंदा को मुंबई के Criti Care अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक उनके पैर से गोली निकाल दी। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है और उन्हें ICU में रखा गया है। अस्पताल से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन गोविंदा के परिवार ने बताया है कि वे जल्द ही इस बारे में जानकारी देंगे।

गोविंदा के मैनेजर शशि सिन्हा ने बताया कि घटना के समय गोविंदा कोलकाता जाने की तैयारी कर रहे थे। उनकी पत्नी सुनीता पहले से ही कोलकाता में थीं। रिवॉल्वर साफ करते वक्त यह हादसा हुआ। उनकी बेटी इस वक्त अस्पताल में उनके साथ मौजूद है और उन्हें अगले दो दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा।

इस घटना के समय गोविंदा की पत्नी सुनीता मुंबई में नहीं थीं, लेकिन अब उन्हें इस घटना की जानकारी दे दी गई है और वे जल्द ही मुंबई लौट रही हैं। गौरतलब है कि गोविंदा इस साल मार्च में एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हुए थे। उनके फैन्स और बॉलीवुड से जुड़े लोग उनकी जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।

Dengue से बचाव: बकरी के दूध की डिमांड अचानक क्यों बढ़ी, डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी में इन बातों का रखे ध्यान, क्या कहते है एक्सपर्ट!

विशेषज्ञों की सलाह: डेंगू (Dengue) के घरेलू उपचार में सतर्क रहें, डॉक्टर की सलाह से ही करे घरेलू उपाय!, इन बातों को ध्यान रख बच सकते है आप…

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। बारिश के मौसम के साथ डेंगू (Dengue) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। देशभर में डेंगू से बचाव और इलाज के लिए लोग घरेलू उपचारों की ओर रुख कर रहे हैं। इनमें गिलोय, पपीते के पत्ते और बकरी का दूध प्रमुख रूप से शामिल हैं। हालांकि, चिकित्सा विशेषज्ञ इन नुस्खों का इस्तेमाल सावधानी से करने की सलाह दे रहे हैं।

रतलाम मेडिकल कॉलेज (GMC Ratlam) के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सोहन मंडलोई (Dr. Sohan Mandloi) के अनुसार “डेंगू बुखार के दौरान पपीते के पत्ते और गिलोय जैसे घरेलू नुस्खे कुछ हद तक लाभकारी हो सकते हैं। पपीते के पत्तों में मौजूद पपेन और फ्लेवोनोइड्स प्लेटलेट काउंट बढ़ाने और इम्युनिटी को सुधारने में सहायक माने जाते हैं, लेकिन इनका असर वैज्ञानिक रूप से पूरी तरह प्रमाणित नहीं है। इसके साथ ही अधिक मात्रा में इनका सेवन नुकसानदायक हो सकता है, जिससे मतली और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।” इस तरह के कई पेशेंट हमारे पास आते है, जो घर पर इलाज शुरू कर देते है और बाद में उन्हें दोगुनी मार झेलना पड़ती है।

बकरी के दूध की मांग बढ़ी
डेंगू के इलाज के लिए बकरी के दूध (Got Milk in dengue) की मांग में भी तेजी देखी जा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक, बकरी के दूध में सेलेनियम जैसे मिनरल्स मौजूद होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं और यह गाय के दूध के मुकाबले आसानी से पचने योग्य होता है। इसके चलते कई लोग इसे डेंगू से निपटने के लिए बेहतर मानते हैं। डॉ. सोहन मंडलोई का कहना है की “बकरी का दूध इम्युनिटी बढ़ाने में मदद कर सकता है, लेकिन इसे डेंगू के मुख्य इलाज के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। यह केवल सहायक हो सकता है, न कि इसके जरिए डेंगू का इलाज किया जा सकता है।”

हर्बल ट्रीटमेंट के बारे में चेतावनी
डॉ. मंडलोई ने यह भी चेतावनी दी कि घरेलू नुस्खों और हर्बल उपचारों को मेडिकल ट्रीटमेंट का विकल्प नहीं माना जा सकता। “गिलोय और पपीते के पत्ते जैसी औषधियां इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकती हैं, लेकिन इनका अत्यधिक उपयोग लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है।” डॉक्टर ने लोगों को सलाह दी है कि वे किसी भी तरह के घरेलू उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श लें और डेंगू जैसे गंभीर मामलों में मेडिकल देखरेख को प्राथमिकता दें। लक्षण गंभीर होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।

Dehradun: 7 महीने के बच्चे के पेट में भ्रूण मिलने का दुर्लभ मामला, डॉक्टर भी हुए हैरान

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। देहरादून (Dehradun) के स्वामी हिमालयन मेडिकल कॉलेज में एक अत्यंत दुर्लभ मामला सामने आया है, जहां 7 महीने के बच्चे के पेट में भ्रूण पाया गया। माता-पिता को बच्चे का पेट अचानक फूलता दिखने पर शक हुआ और उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया। प्रारंभिक जांच में डॉक्टरों को लगा कि यह पेट में गांठ का मामला है, लेकिन एक्स-रे रिपोर्ट से पता चला कि बच्चे के पेट में भ्रूण विकसित हो रहा था।

मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार फीटस-इन-फीटू (Fetus in Fetu) नामक यह स्थिति अत्यधिक दुर्लभ होती है, जिसमें एक भ्रूण दूसरे भ्रूण के भीतर विकसित होने लगता है। डॉक्टर संतोष सिंह के अनुसार, इस तरह के मामले लाखों में से एक बार ही देखने को मिलते हैं। बच्चे का ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया और अब वह पूरी तरह स्वस्थ है।

क्या है फीटस-इन-फीटू?
फीटस-इन-फीटू मानव भ्रूण विकास की एक असामान्य और दुर्लभ स्थिति है। यह लगभग 5,00,000 में से एक गर्भावस्था में होता है, जिसमें भ्रूण के भीतर एक और भ्रूण विकसित होने लगता है। इस स्थिति का पता अक्सर जन्म के बाद ही चल पाता है, जब बच्चे के पेट का आकार असामान्य रूप से बढ़ता है।

Ratlam News: रतलाम में पहली ऑनलाइन मेडिकल शॉप 3 अक्टूबर से होगी शुरू, 10% डिस्काउंट, फ्री डिलवरी और फ्री चेकअप भी

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। रतलाम (Ratlam) में अब दवाइयों की होम डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध होने जा रही है। शहर की पहली ऑनलाइन मेडिकल शॉप ‘तत्काल मेडिकल सर्विसेस’ का शुभारंभ 3 अक्टूबर, गुरुवार को किया जाएगा। इस सेवा के तहत लोग अपने घर बैठे ही दवाइयां मंगवा सकेंगे। इसके लिए वे 9630401104 पर कॉल या व्हाट्सएप के जरिए ऑर्डर कर सकते हैं। खास बात यह है की 10 प्रतिशत डिस्काउंट इसमें दिया जाएगा। तत्काल मेडिकल सर्विसेस रतलाम के निवासियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुलभ और सुविधाजनक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

फ्री होम डिलीवरी और अन्य सुविधाएं
तत्काल मेडिकल सर्विसेस दवाइयों की होम डिलीवरी निशुल्क करेगी और दवाइयों पर 10 प्रतिशत की छूट भी दी जाएगी। इसके अलावा, मरीजों के लिए घर बैठे फ्री ईसीजी, शुगर और ब्लड प्रेशर जांच की सुविधा भी उपलब्ध होगी। मरीज के लिए घर पर आकर ब्लड और यूरिन सैंपल कलेक्ट की सुविधा भी फ्री रहेगी। मरीजों को दवाई और डॉक्टर संबंधी रिमाइंडर के लिए फ्री मेसेजिंग सुविधा भी प्रदान की जाएगी। साथ ही अन्य मेडिकल इमरजेंसी सेवाएं भी तत्काल मेडिकल सर्विसेस के तहत उपलब्ध होंगी।

दवाइयों के ऑर्डर के लिए डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन होना अनिवार्य है। बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवाइयां नहीं दी जाएंगी। उपभोक्ताओं को अपना पता दर्ज कराना होगा, जिसके बाद एक पासकोड जारी किया जाएगा। इस पासकोड को डिलीवरी के समय बताना होगा। ऑर्डर की पूरी राशि पहले ही उपभोक्ताओं को बता दी जाएगी, और उनकी सहमति के बाद ही दवाइयां डिलीवर की जाएंगी। दवाइयों का भुगतान उपभोक्ता ऑनलाइन या कैश दोनों माध्यमों से कर सकते हैं।

स्वास्थ की चिंता : पाइपलाइन टूटने से टाइफाइड जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा, श्रेष्ठ नवनिर्माण फाउंडेशन ने की अपील

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। शहर में सड़क निर्माण कार्य के दौरान पाइपलाइन टूटने की शिकायत आमतौर पर सभी दूर देखने में आ रही है। ऐसे में उस दौरान मौजूद गड्ढों में पानी भर जाता है। यही पानी हमारे स्वास्थ पर गंभीर प्रभाव डालता है। इसी को लेकर श्रेष्ठ नवनिर्माण फाउंडेशन ने चिंता जाहिर करते हुए अधिकारियों से अपील की है। फाउंडेशन के सचिव नरेंद्र श्रेष्ठ ने बताया पाइपलाइन फूटने से पानी सड़क पर फैल जाता है और सप्लाई बंद होने के कारण गंदा पानी वापस पाइपलाइन में चला जाता है, जो अगली सप्लाई में नागरिकों तक पहुंच जाता है। इससे शहर में टाइफाइड और अन्य पानी जनित बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है।

श्रेष्ठ ने जिला अधिकारी, स्वास्थ्य अधिकारी, और निगम के अन्य अधिकारियों से अपील की है कि वे इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान दें और उचित कदम उठाएं। फाउंडेशन का कहना है कि पाइपलाइन टूटने से न केवल जल सप्लाई बाधित हो रही है बल्कि गंदे पानी के पुनः पाइपलाइन में जाने से नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। फाउंडेशन के प्रतिनिधियों का कहना है कि अधिकारियों को तुरंत उचित कदम उठाने चाहिए ताकि पाइपलाइन टूटने की समस्या को रोका जा सके और साफ पानी की सप्लाई सुनिश्चित की जा सके। इसके साथ ही, अधिकारियों से आग्रह किया गया है कि वे सड़क निर्माण कार्यों के दौरान पाइपलाइनों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और नागरिकों को बीमारियों से बचाने के लिए उचित प्रबंध करें।

इंटीग्रेटेड योग शिविर : पतंजलि योगपीठ से आए स्वामी परमार्थ देव के सानिध्य में शुरू हुआ तीन दिवसीय योग अभ्यास

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। शहर के कालिका माता उद्यान में तीन दिवसीय इंटीग्रेटेड निःशुल्क योग शिविर का शुभारंभ सोमवार सुबह 5 बजे से शुरू हुआ। योग शिविर 29 मई 2024 तक रोज 5 बजे से शुरू होगा। इस शिविर में मुख्य रूप से पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से योग ऋषि स्वामी रामदेव महाराज के प्रिय शिष्य स्वामी परमार्थ देव के सानिध्य मे योग की शिक्षा दी जा रही है।स्वामी परमार्थ देव कई वर्षो से योग की अलख जगाने का कार्य कर रहे है। सोमवार को मंच पर स्वामी परमार्थ देव का आगमन हुआ जिसके बाद दीप प्रज्वलन किया गया।

इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रेम पूनिया, अनोखी लाल कटारिया, मुन्नालाल शर्मा,उत्तम शर्मा, नितेंद्र आचार्य, राजेंद्र आर्य , विक्रम डूडी ,योगेन्द्र आर्य आदि मौजूद रहे। योग शिविर सूक्ष्म व्यायाम से प्रारंभ कराया गया तथा योग की बारीकियों को स्वामी परमार्थ देव ने समझाया। स्वामी परमार्थ देव ने कहा की  रतलाम के योग प्रेमियों जिस तरह से आपने सेव, साड़ी और सोने को विश्व विख्यात किया है ऐसे ही आप योग को भी विख्यात करेंगे। कल मंगलवार को स्वामी परमार्थ देव आहार के बारे में समझाएंगे तथा योग के अन्य आयामों से परिचित करवाएंगे। योग शिविर में अपनी सेवाएं देने वाले राज्य प्रभारी प्रेम पुनिया, राजेंद्र आर्य , विक्रम डूडी , रश्मि राजे व्यास, राकेश सोनी,जयश्री राठौर,विशाल कुमार वर्मा , सोशल मीडिया प्रभारी नित्येंद्र एम.आचार्य व राजश्री राठौर, निखिल शर्मा, सीमा वर्मा, राजेश चंदवानी एवं पतंजलि के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

सेवा और समर्पण : कुष्ठ रोग से पीड़ित महिला को पहुंचाया अस्पताल, जन अभियान परिषद व समाजशास्त्र के विद्यार्थी बने मिसाल

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। जिले के बिरमावल के समीप छतरी गांव में एक महिला करीब 3 साल से कुष्ठ रोग से पीड़ित थी। समय पर इलाज ना मिलने से महिला की हालत बिगड़ती रही। इसी बीच गांव वालों ने भी महिला से दूरी बना ली। उसे कोई छूना तो दूर देखना तक पसंद नहीं कर रहा था। एक कमरे में खटिया पर पड़ी इस 42 वर्षीय महिला की देखभाल बुजुर्ग माता – पिता करते आ रहे थे। इसी बीच जन अभियान परिषद से जुड़ी समाजशास्त्र की छात्रा नेहा बोरासी को महिला की जानकारी मिली। नेहा ने तुरंत अपने परामर्शदाता प्रदीप बिलवाल को जानकारी दी। जिसके बाद टीम के शेरू कुमावत, नितिन पाठक, भूपेंद्र बिलवाल ने पहुंचकर महिला को बेहतर उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया। टीम द्वारा किए गए इस कार्य की सभी दूर प्रशंसा की जा रही है।

महिला को अस्पताल ले जाते टीम के सदस्य

नेहा बोरासी ने बताया की मुझे सूचना मिली थी 42 वर्षीय महिला सावित्री पति शम्भू खराड़ी तीन सालों से गंभीर बीमारी से पीड़ित है। जिसके बाद उनके घर पहुंच कर जानकारी जुटाई और देखा तो महिला के शरीर पर बड़े बड़े घाव और फोड़े हो रहे थे। डॉक्टरों से परामर्श करने के बाद मालूम हुआ की महिला कुष्ठ रोग से पीड़ित है। जिसके बाद घर वालों को समझाइश दी गई और महिला को एम्बुलेंस के माध्यम से मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। महिला 5 सालों से अपने पति से भी अलग रह रही थी। फिलहाल डॉक्टर महिला के बेहतर उपचार का प्रयास कर उसे स्वस्थ करने में जुट गए है। गौरतलब है की पूरी दुनिया में कुष्ठ रोग के बारे में लोगों के मन में गलत और अवैज्ञानिक धारणाएं हैं। इसके कारण कुष्ठ रोग से प्रभावित लोगों के प्रति भेदभाव भी बढ़ता देखा गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कुष्ठ रोग को लेकर कलंक के भाव के कारण लोग अपने लक्षणों को छिपाते हैं और उपचार में देरी करते हैं। इस रोग पर जीत हासिल करने के लिए लोगों में सही जानकारी होना जरूरी है। 

नशे का नया कारोबार: खुलेआम बिक रहा था लोकल एनैस्थिसिया इंजेक्शन, रंगे हाथ धराया मेडिकल संचालक

एसपी राहुल लोढा की सख्त चेतावनी, दर्जनों मेडिकल स्टोर्स रडार पर!

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। शहर में बढ़ रही नशाखोरी पर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। पिछले 10 दिनों में पुलिस ने दर्जनभर नशे के सौदागरों को सलाखों के पीछे किया। इसी बीच पुलिस ने एक नए नशे के इजात होने की भी जानकारी जुटाई। यह नशा था लोकल एनैस्थिसिया इंजेक्शन का। जो की बाजार में खूलेआम बेचा जा रहा था। एसपी राहुल लोढा ने एमडी, स्मेक जैसी ड्रग के अलावा एक टीम को इसमें भी लगाया। जब पुलिस ने इसके बारे में जानकारी जुटाई तो पुलिस के आला अफसर भी हक्के बक्के रह गए। एनैस्थिसिया (बेहोश या सुन्न करना) जैसी प्रोसेस के लिए उपयोग में ली जाने वाली ड्रग्स के लिए उसकी मात्रा, समय व स्पेशलिस्ट का होना बहुत आवश्यक है, वरना यह ड्रग आपकी जान ले सकती है। इसके बावजूद कुछ नशेड़ी इसको नशे के लिए इस्तेमाल कर रहे थे। यहां सबसे बड़ा सवाल यही है की आखिर इनके पास इसको लेने की मात्रा का अनुमान कैसे मालूम हुआ और कहां से सीखा गया? रतलाम पुलिस इसी तफ्तीश में जुटी है। फिलहाल पुलिस ने ऐसे ही एक मेडिकल स्टोर पर छापेमार कार्रवाई करते हुए इस मामले को उजागर किया है। पुलिस के पास ऐसे और भी मेडिकल स्टोर्स की सूची है जिन पर कार्रवाई होना बाकी है।

रंगे हाथ धराया मेडिकल संचालक
एसपी राहुल लोढा द्वारा नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में बुधवार रात को एक मेडिकल स्टोर पर कार्रवाई की गई। पुलिस को सूचना मिली थी की महू रोड स्थित सांवरिया मेडिकल स्टोर से लोकल एनैस्थिसिया इंजेक्शन को नशे के उपयोग के लिए ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है। पुलिस के साथ ड्रग विभाग की टीम भी कार्रवाई में शामिल थी। एसपी राहुल लोढा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस द्वारा लगातार नशे के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। एमडी और ब्राउन शुगर सहित अन्य मादक पदार्थ बेचने वाले 18 लोगों को पिछले कुछ दिनों में गिरफ्तार किया गया है।

फोटो : मामले की जानकारी देते एसपी राहुल लोढा व एएसपी राकेश खाखा

एसपी ने बताया इन लोगों से पूछताछ में जो जानकारी मिली उसमें यह बात भी सामने आई कि शहर के कुछ मेडिकल स्टोर से अलग-अलग तरह के इंजेक्शन लेकर नशे के आदि लोगों द्वारा उनमें एमडी और ब्राउन शुगर मिलाकर भी नशे के रूप में उपयोग किया जा रहा है। कुछ मेडिकल स्टोर्स पर बिना प्रिस्क्रिप्शन के प्रतिबंधित दवाओं को बेधड़क बेचा जा रहा है। जा सकता है, उसे कुछ मेडिकल संचालक नशे के आदि लोगों को ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं। जबकी इस दवा का उपयोग क्लिनिक या हॉस्पिटल में डॉक्टर्स के अलावा कोई नहीं करता है।

देखिए वीडियो : नशे के सौदागरों को चेतावनी में क्या बोले एसपी

पुलिस ने भेजा अपना ग्राहक
पुलिस ने बुधवार रात को ड्रग विभाग की टीम को साथ में लेकर पुलिस ने महू रोड स्थित सांवरिया मेडिकल दुकान पर कार्रवाई की है। पुलिस ने एक व्यक्ति को पहचान युक्त नोट देखकर दुकान पर एनैस्थिसिया इंजेक्शन लेने भेजा। दुकान पर बैठे व्यक्ति भरत राठौड़ ने जब प्रिंट रेट से ज्यादा रुपए लेकर इंजेक्शन दिया तो पुलिस ने ड्रग विभाग के अधिकारियों के साथ दुकान पर कार्रवाई की। ड्रग विभाग के अधिकारियों ने दुकान का स्टॉक रजिस्टर भी जप्त कर लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। एसपी राहुल लोढा ने कहा कि पुलिस के पास और भी कई जानकारियां है, जिसके आधार पर आगे भी कार्रवाई की जाएगी।कार्रवाई के दौरान एएसपी राकेश खाखा, ड्रग इंस्पेक्टर अजय ठाकुर, थाना स्टेशन रोड टीआई दिनेश भोजक मौजूद रहे।

सर्किल जेल पहुंचकर कैदियों को किया एड्स (AIDS) के प्रति जागरूक, 40 कैदियों का किया HIV टेस्ट

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा संचालित लक्ष्यगत हस्तक्षेप परियोजना (अरुणोदय इनफॉरमेशन मैनेजमेंट सोसायटी) अंतर्गत सर्किल जेल रतलाम के कैदियों के बीच पहुंचकर एचआईवी एड्स जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सर्किल जेल के जेलर बृजेश मकवाने को रेड रिबन लगाकर की गई। जिसके बाद जेल में कैदियों को IC मटेरियल वितरित कर एड्स रोग से संबंधित सभी जानकारी तथा उसके उपचार से संबंधित बाते बताई गई।

जेल में उपस्थित कैदी

परियोजना प्रबंधक नितिन परमार ने बताया की कैदियों को ART सेंटर और आईसीटीसी सेंटर से अवगत कराया गया। एचआईवी की जांच करवाने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही उन्हें एचआईवी/एड्स रोग की रोकथाम के बारे में भी बताया गया। विशेष रूप से उन कैदियों को समझाईश दी गई जो इंजेक्शन से नशा करने के आदी है। उन्हें OST IDU (सुइयो से नशा करने वाले) की जानकारी दी तथा समाज के प्रति उनके कर्तव्य को समझाया गया। कैदियों को एचआईवी के विंडो पीरियड तथा एड्स वायरस के बारे में संपूर्ण जानकारी दी गई। जेल में एचआईवी के 40 टेस्ट भी किए गए। इस दौरान प्रमुख प्रहरी तरुरेंद्र शेखर मिश्र, प्रहरी देवेंद्र आर्मो, संस्था के शुभम चौहान, हिमांशु चौहान, मोइन मेव, स्टाफ नर्स सेवंद्रा डावर आदि उपस्थित रहे।