नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। wedding 2024: इस साल के शादी के सीजन में भारतीय बाजार में बड़ी हलचल मचने वाली है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के अनुसार, नवंबर-दिसंबर के 60 दिनों के दौरान लगभग 48 लाख शादियों का अनुमान है, जिससे करीब 6 लाख करोड़ रुपए के कारोबार की उम्मीद है। इस आंकड़े के पीछे सिर्फ शादियां नहीं हैं, बल्कि पूरे रिटेल क्षेत्र पर इसका व्यापक प्रभाव दिखेगा।
त्योहारी सीजन से मिली आर्थिक मजबूती
दीवाली सीजन के दौरान जहां बाजार में लगभग 4.15 लाख करोड़ रुपए के सामान की बिक्री हुई, वही व्यापारियों की नजर अब शादी के सीजन पर है। CAIT के राष्ट्रीय महामंत्री और दिल्ली से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि अकेले दिल्ली में ही 4.6 लाख शादियों के होने की उम्मीद है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में 1.10 लाख करोड़ रुपए का कारोबार होने का अनुमान है।
कब से कब तक चलेगा शादी का सीजन?
CAIT के अनुसार, शादी का सीजन 12 नवंबर से शुरू होकर 16 दिसंबर तक चलेगा।पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक शुभ विवाह मुहूर्त हैं। 2023 में जहां केवल 11 शुभ मुहूर्त थे, वहीं इस साल 18 शुभ मुहूर्त होने से कारोबार में खासा उछाल देखने को मिलेगा।
इन 18 दिनों में हैं शुभ मुहूर्त
इस साल के विवाह मुहूर्त इस प्रकार हैं:
– नवंबर: 12, 17, 18, 22, 25, 26, 28 और 29 तारीख
– दिसंबर: 4, 5, 9, 10, 11, 14, 15 और 16 तारीख
शादियों के खर्च का अनुमानित ब्योरा
शादी के खर्च का भी कैट ने अनुमान दिया है। 10 लाख शादियों में करीब 3 लाख रुपए का खर्च प्रति शादी अनुमानित है, जबकि अन्य 10 लाख शादियों में 30 लाख रुपए का खर्च संभावित है। इसके अलावा, लगभग 50,000 शादियों में प्रति शादी 1 करोड़ या उससे अधिक खर्च होने का अनुमान है।
वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा
कैट के मुताबिक, उपभोक्ताओं के व्यवहार में बदलाव आ रहा है, वे भारतीय उत्पादों की ओर ज्यादा रुझान दिखा रहे हैं। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” और “वोकल फॉर लोकल” अभियान को भी मजबूती मिली है।
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MP News: भोपाल में दुकानदार की पिटाई एक मामूली बात की बड़ी कीमत
भोपाल – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है। जाटखेड़ी इलाके में एक दुकानदार को सिर्फ इसलिए पीटा गया क्योंकि उसने एक ग्राहक को “अंकल” कह दिया। यह मामला साफ तौर पर दिखाता है कि कैसे छोटी-मोटी बातें भी हिंसा का कारण बन सकती हैं।
क्या हुआ था?
यह घटना तब घटी जब एक ग्राहक, रोहित रिछारिया, अपनी पत्नी के साथ एक दुकान पर साड़ी खरीदने गया। दुकानदार विशाल शास्त्री ने रोहित को “अंकल” कहकर संबोधित किया, जिससे रोहित काफी नाराज हो गया। उसे लगा कि दुकानदार उसका अपमान कर रहा है। इसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हुई और रोहित गुस्से में दुकान से चला गया।
हिंसा का तांडव
थोड़ी देर बाद, रोहित अपने छह साथियों के साथ दुकान पर वापस लौटा। उन्होंने दुकानदार को बाहर खींचकर बेरहमी से पीटा। हमलावरों ने डंडों और बेल्ट से दुकानदार पर ताबड़तोड़ वार किए। इस दौरान एक महिला ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन हमलावरों ने उसे भी नहीं बख्शा।
सीसीटीवी में कैद हुई घटना
पूरी घटना दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो से साफ पता चलता है कि किस तरह से एक मामूली बात को लेकर दुकानदार को किस तरह से पीटा गया।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
मिसरोद पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपियों की पहचान कर ली है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
BUS Accident In UK: अल्मोड़ा बस हादसे में 36 लोगों की दर्दनाक मौत, उत्तराखंड में मचा कोहराम
उत्तराखंड – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। BUS Accident In UK: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में बुधवार को एक दर्दनाक हादसे ने सबको हिला दिया। अल्मोड़ा के मार्चुला इलाके के पास एक यात्री बस खाई में गिर गई, जिससे अब तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे में 45 यात्री सवार थे, जिनमें से कई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग ने 36 लोगों की मौत की पुष्टि की है, जबकि शेष घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है।
कैसे हुआ हादसा?
बताया जा रहा है कि बस अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। हादसे का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं है, लेकिन सड़क की हालत और इलाके की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यह आशंका जताई जा रही है कि तेज मोड़ या ब्रेक फेल होना इसका कारण हो सकता है। पुलिस और प्रशासन दुर्घटना के कारणों की जांच कर रहे हैं।
घटना से राज्य में शोक की लहर
अल्मोड़ा बस हादसे की खबर से राज्यभर में शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है और घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजे की भी घोषणा की है।
Ratlam News: घरों में हुई गोवर्धन पूजा, विहिप ने किया महिलाओं को पुरुस्कृत
रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Ratlam News: विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के कालिका माता प्रखंड में महावीर नगर में मातृशक्ति द्वारा गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। इस विशेष मौके पर महिलाओं और बहनों ने पूरी श्रद्धा के साथ गोवर्धन जी का निर्माण कर पूजा-अर्चना की। इस आयोजन में विश्व हिंदू परिषद द्वारा महिलाओं को पुरस्कृत भी किया गया, जिससे उनकी श्रद्धा और भक्ति को सम्मान मिला।
इस अवसर पर जिला से मोंटी जी जायसवाल और पंकज जी चौहान, प्रखंड से विजय प्रजापत और अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने इस पूजा के महत्व को समझाया और श्रद्धालुओं के साथ गोवर्धन पर्व का आनंद लिया।
गोवर्धन पूजा का महत्व हिंदू धर्म में अत्यधिक माना जाता है। मान्यता है कि त्रेतायुग में भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव के प्रकोप से गोकुलवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाया था। इस पर्वत की पूजा कर उन्होंने लोगों को अपने कार्यों का महत्व समझाया और प्रकृति की पूजा करने का संदेश दिया। गोवर्धन पूजा के माध्यम से आज भी भक्तजन भगवान श्रीकृष्ण के उस अद्भुत कार्य को याद करते हुए प्रकृति और जीवन में संतुलन बनाए रखने का संकल्प लेते हैं।
Diwali In Ayodhya: अयोध्या में राम मंदिर की पहली दिवाली, भव्य दीपोत्सव का आयोजन, गिनीज बुक में दर्ज हुए दो विश्व रिकॉर्ड
अयोध्या – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| Diwali In Ayodhya : अयोध्या में इस बार दिवाली का पर्व खास धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। यहां 8वें दीपोत्सव का आयोजन किया गया है, जो पूरे विश्व में अपनी भव्यता के लिए चर्चित हो गया है। इस दीपोत्सव में 25 लाख 12 हजार 585 दीप जलाए गए, जो एक नया विश्व रिकॉर्ड है। साथ ही, सरयू नदी पर 1121 लोगों ने सामूहिक आरती की, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। आपको बता दे 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली दिवाली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर ट्वीट कर लिखा की अद्भुत, अतुलनीय और अकल्पनीय! भव्य-दिव्य दीपोत्सव के लिए अयोध्यावासियों को बहुत-बहुत बधाई! लाखों दीयों से आलोकित राम लला की पावन जन्मस्थली पर यह ज्योतिपर्व भावविभोर कर देने वाला है। अयोध्या धाम से निकला यह प्रकाशपुंज देशभर के मेरे परिवारजनों में नया जोश और नई ऊर्जा भरेगा। मेरी कामना है कि भगवान श्री राम समस्त देशवासियों को सुख-समृद्धि और यशस्वी जीवन का आशीर्वाद प्रदान करें। जय श्री राम!
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा की 500 वर्षों के उपरांत हम सबके आराध्य प्रभु श्री रामलला के अपने भव्य मंदिर में पुनः विराजमान होने के पश्चात यह प्रथम दीपोत्सव है। अद्भुत-अलौकिक आभा से दीप्त श्री अयोध्या धाम का यह दिव्य-भव्य स्वरूप हम सभी को त्रेतायुग की अनुभूति करा रहा है। आज अयोध्या हर्षित है, संपूर्ण भारत गर्वित है। ‘दीपोत्सव 2024’ में सहभागी सभी रामभक्तों को हार्दिक बधाई एवं उनका अभिनंदन! जय जय श्री राम!
दिवाली की रौनक और नए रिकॉर्ड
देशभर में दिवाली की तैयारियों के बीच, 30 अक्तूबर को अयोध्या में दीपों से सरयू के घाटों को जगमगाया गया। इस भव्य आयोजन के लिए लगभग 28 लाख दीयों का प्रबंध किया गया था, ताकि 10% दीये भी खराब हो जाएं, तो भी 25 लाख दीये जलाकर यह विश्व रिकॉर्ड बनाया जा सके।
अयोध्या पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ और कई प्रमुख नेता
दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanatha)खुद अयोध्या पहुंचे। सीएम योगी ने भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान बने कलाकारों के रथ को खींचकर समारोह में भाग लिया और सरयू घाट पर आरती की। उन्होंने रामलला के मंदिर में जाकर पूजा अर्चना भी की।
लेजर शो और रंगारंग कार्यक्रमों से सजी अयोध्या
दीपोत्सव के दौरान अयोध्या के घाटों को दीयों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया। लेजर शो और ध्वनि-प्रकाश शो के जरिए रामलीला का मनोहारी वर्णन किया गया, जो दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है।
अयोध्या का दीपोत्सव बना आकर्षण का केंद्र
देशभर से लोग इस अद्वितीय दीपोत्सव को देखने के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि अयोध्या की विश्वस्तरीय पहचान को भी मजबूती दे रहा है।
एक नजर में पूरा आयोजन
– 25 लाख दीयों का प्रज्वलन: अयोध्या के दीपोत्सव में 25 लाख 12 हजार 585 दीये जलाए गए, जो एक विश्व रिकॉर्ड है।
– 1121 लोगों की आरती: सरयू नदी के घाट पर 1121 लोगों ने एक साथ आरती की, जो एक नया कीर्तिमान है।
– लेजर शो और रंगारंग कार्यक्रम: दीपोत्सव के दौरान लेजर और लाइट शो, ध्वनि-प्रकाश शो के माध्यम से रामलीला का प्रदर्शन।
Ratlam News: रतलाम: कर्तव्य फाउंडेशन के ‘मिशन घर की लक्ष्मी’ में पत्रकार राकेश पोरवाल का सम्मान
रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| Ratlam News: समाज सेवा और जनहित के उद्देश्यों से किए गए कार्य हमेशा सफल होते हैं और इनमें समाज का सहयोग स्वतः मिल जाता है। इसी विचार को चरितार्थ करते हुए कर्तव्य फाउंडेशन ने अपने ‘मिशन घर की लक्ष्मी’ अभियान के तहत जरूरतमंदों तक वस्त्र और मिठाई पहुंचाने का कार्य कर समाज सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस सामाजिक पहल के अंतर्गत, फाउंडेशन ने रतलाम के वरिष्ठ पत्रकार राकेश पोरवाल का सम्मान सैलाना रोड स्थित हीरा पैलेस में आयोजित समारोह में किया।
इस अवसर पर पत्रकार राकेश पोरवाल ने कहा, “किसी भी सेवा कार्य की शुरुआत निचले स्तर से होती है और यदि उद्देश्य अच्छा हो तो लोग स्वतः ही जुड़ जाते हैं।” उन्होंने कर्तव्य फाउंडेशन के इस मिशन की सराहना की और इसे लक्ष्मी का वास्तविक प्रतीक बताया जो जरूरतमंदों के लिए सहायक सिद्ध हो रहा है।
कार्यक्रम में पत्रकारिता और प्रेस फोटोग्राफी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए फाउंडेशन के जय तलेरा, तनु बाफना, यश मित्तल और नयन राय ने पत्रकार राकेश पोरवाल को शाल, श्रीफल, और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर विशेष रूप से नीरज बरमेचा, आयुष कसेरा, गुरनाम सिंह डंग, सविता तिवारी, सीमा बोथरा और रवि बोथरा का भी सम्मान किया गया।
कार्यक्रम का संचालन जय तलेरा ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन तनु बाफना ने किया।
PM Narendra Modi Diwali 2024: प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार 11वीं बार जवानों के बीच मनाई दिवाली, कच्छ में बीएसएफ, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जवानों संग बिताए खास पल
नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। PM Narendra Modi Diwali 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल भी अपनी परंपरा को कायम रखते हुए दिवाली जवानों के बीच मनाई। इस बार वे गुजरात के कच्छ पहुंचे, जहां बीएसएफ, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जवानों के साथ इस खास अवसर को साझा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi in Diwali) ने जवानों को मिठाई बांटी और उनके साथ उत्सव मनाया। यह लगातार 11वां वर्ष है जब प्रधानमंत्री ने जवानों के साथ दिवाली मनाई है, उनके इस कदम ने सैनिकों (Indian Army) के बीच आत्मीयता का विशेष संचार किया है। पीएम मोदी पिछले 11 सालों से हर दिवाली के मौके को खास बना देते हैं. एक-दो बार छोड़ दें तो बीते 8-10 सालों में पीएम मोदी का दीपावली त्यौहार दिल्ली से दूर ही मनता है। पीएम मोदी ने थल, जल और वायु तीनों सेनाओं को कच्छ से बड़ा संदेश दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की कच्छ के क्रीक क्षेत्र में लक्की नाला में बीएसएफ, सेना, नौसेना और वायु सेना के हमारे बहादुर कर्मियों के साथ दिवाली मनाकर खुशी हुई। यह क्षेत्र चुनौतीपूर्ण भी है और दुर्गम भी। दिन अत्यधिक गर्म होते हैं और ठंड भी पड़ती है। क्रीक क्षेत्र में अन्य पर्यावरणीय चुनौतियाँ भी हैं। हमारे सुरक्षाकर्मी दुर्गम स्थानों पर भी डटे रहते हैं और हमारी रक्षा करते हैं। हमें उन पर बहुत गर्व है। हमारा संकल्प है नेशन फर्स्ट, भारतीय सेना के जवानों के बीच दिवाली मनाता हूं तो मेरी दिवाली की मिठास कई गुना बढ़ जाती है। दुश्मन जब भारतीय सेना को देखता है तो उसे उसके मंसूबों का अंत दिखता है। इस दौरान महिला सैनिक जवानों ने पीएम के सामने देशभक्ति गीत भी प्रस्तुत किए। मोदी ने सभी को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए, अपने हाथों से मिठाई खिलाई।
मोदी की यह विशेष परंपरा 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से जारी है, जब वे पहली बार सियाचिन पहुंचे थे। जानिए कब और कहां गए मोदी –
1. 2014 – प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी पहली बार सियाचिन पहुंचे और वहां तैनात जवानों के साथ दिवाली मनाई। उन्होंने जवानों को मिठाई खिलाई और उनका हौसला बढ़ाया।
2. 2015 – इस वर्ष प्रधानमंत्री मोदी अमृतसर में जवानों के साथ दिवाली मनाने पहुंचे थे। उन्होंने जवानों को मिठाई खिलाई और भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस की सराहना की।
3. 2016 – पीएम मोदी ने लगातार तीसरे साल हिमाचल प्रदेश में चीन बॉर्डर के पास ITBP के जवानों के बीच दिवाली का जश्न मनाया। उन्होंने सीमावर्ती इलाके में तैनात जवानों को मिठाई खिलाकर उनका उत्साहवर्धन किया।
4. 2017 – इस वर्ष मोदी जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर पहुंचे और वहां सैनिकों के साथ दिवाली मनाई। यह दौर उन सैनिकों के लिए एक यादगार पल बन गया, जिन्होंने प्रधानमंत्री को अपने साथ पाया।
5. 2018 – मोदी दिवाली के मौके पर उत्तराखंड के केदारनाथ पहुंचे और वहां के हरशिल गाँव के निकट तैनात भारतीय सशस्त्र बल और ITBP के जवानों के साथ दिवाली मनाई।
6. 2019 – प्रधानमंत्री इस साल जम्मू-कश्मीर के राजौरी क्षेत्र पहुंचे और LoC पर तैनात सैनिकों के साथ दिवाली मनाई। उन्होंने सीमा की रक्षा में जुटे जवानों के साहस की सराहना की।
7. 2020 – इस बार पीएम मोदी राजस्थान के जैसलमेर के लोंगेवाला पोस्ट पर तैनात सैनिकों के बीच दिवाली मनाने पहुंचे। उन्होंने जवानों को मिठाई खिलाई और भारतीय सीमा की सुरक्षा को लेकर उनकी भूमिका की प्रशंसा की।
8. 2021 – प्रधानमंत्री मोदी जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि वे एक प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि सैनिकों के परिवार के सदस्य के तौर पर आए हैं।
9. 2022 – मोदी इस वर्ष कारगिल में सैनिकों के साथ दिवाली मनाने पहुंचे। उन्होंने कारगिल युद्ध में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और वर्तमान में सीमा पर तैनात जवानों के साथ यह पर्व मनाया।
10. 2023 – इस साल प्रधानमंत्री हिमाचल प्रदेश के लेपचा पहुंचे और वहां जवानों के साथ दिवाली का जश्न मनाया।
11. 2024 – प्रधानमंत्री ने गुजरात के कच्छ में बीएसएफ, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जवानों के साथ दिवाली मनाई। उन्होंने जवानों को मिठाई खिलाई और उनके साथ बातचीत कर देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इन दौरों से न केवल सैनिकों का मनोबल बढ़ाया है, बल्कि देशवासियों को एकता, सुरक्षा और देशभक्ति के प्रति सजग रहने का संदेश भी दिया है। उनके इस विशेष प्रयास ने हर वर्ष जवानों को नई ऊर्जा दी है और देश के नागरिकों को गर्व का अनुभव कराया है।
MP News: मध्यप्रदेश के इस शहर में मुर्दे नहीं दीपक जलाते है; दिवाली पर फुलझड़ियों व रंगोलियों से सजता है श्मशान, जानिए क्या है वजह
रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। MP News: मध्यप्रदेश के रतलाम में दिवाली से एक दिन पहले श्मशान दीपक से जगमगाते हुए दिखेगा। यहां रंगोलियां बनाई जाती है, आतिशबाजियां होती है। आमतौर पर श्मशान में जाने से लोग कतराते है, वो भी किसी खास त्योहार वाले दिन। लेकिन यहां इसके बिल्कुल उल्टा है। शहर का प्रसिद्ध त्रिवेणी मुक्तिधाम बुधवार शाम को दीपदान के आयोजन से जगमगा उठा। पूरे परिसर को रंगोली और दीपों से सजाया गया, जहां बच्चों ने फुलझड़ियां जलाकर और लोगों ने आतिशबाजी करके इस विशेष मौके को मनाया। महिलाओं ने ढोल की थाप पर पारंपरिक नृत्य कर माहौल को उल्लासमय बना दिया। त्रिवेणी मुक्तिधाम के अलावा शहर के भक्तन की बावड़ी और जवाहर नगर मुक्तिधाम में भी दीपों का यह उजाला देखने को मिला।
आयोजन को करने वाले संस्था के प्रमुख सदस्य गोपाल सोनी ने बताया, “दीपावली का यह 5 दिवसीय पर्व न केवल हमारे घर-आंगन को रोशन करता है, बल्कि पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का भी एक माध्यम है। हम मुक्तिधाम में दीप जलाकर, रंगोली सजाकर, और आतिशबाजी कर पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते हैं। इससे हम यह प्रार्थना करते हैं कि यदि हमारे पूर्वज अंधकार में हों, तो वे प्रकाश की ओर जाएं।” सोनी के अनुसार, इस परंपरा का आरंभ 2006 में हुआ था, और अब यह हर वर्ष बड़े उत्साह से मनाई जाती है।
मोनिका शर्मा, जो अपने परिवार के साथ इस अवसर पर आईं, ने बताया, “पहले मुक्तिधाम में आने से लोग हिचकते थे, लेकिन अब यह परंपरा का हिस्सा बन गया है और सभी लोग इसमें शामिल होकर दीपदान करते हैं।” इस आयोजन का धार्मिक महत्व भी है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर किए जाने वाले इस दीपदान का उद्देश्य यमराज से यमयातना से मुक्ति प्राप्त करना है। गोपाल सोनी ने बताया, “नरक चतुर्दशी के इस दिन यमराज को दीपदान करने का विधान है, जिससे हमारे पूर्वजों को शांति प्राप्त होती है।
माना जाता है कि राजा बलि ने इस दिन का वरदान मांगा था कि जो व्यक्ति इस दिन यमराज को दीपदान करेगा, वह दुखों से मुक्त रहेगा।” पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्वजों की प्रसन्नता से देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और पितृदोष भी समाप्त हो जाता है। रतलाम में इस अद्वितीय आयोजन ने न केवल पूर्वजों की स्मृति को जीवित रखा है बल्कि समाज में आस्था और परंपरा के महत्व को भी उजागर किया है।
Ratlam’s Lakshmi Temple : MP के इस शहर में है कुबेर का खजाना! ; प्रसाद में बंटते है कड़क नोट और गहने
रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam’s Lakshmi Temple: आपसे कोई पूछे की कुबेर का खजाना कहां है? तो आपको जवाब नहीं मिलेगा। लेकिन मध्यप्रदेश के रतलाम शहर का एक ऐसा मंदिर है जिसे आप देख ले तो आपको आपका जवाब जरूर मिल जाएगा। रतलाम के माणक चौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर दिवाली पर कुछ ऐसे ही नजर आता है। इस मंदिर में इतना धन – दौलत देखकर हर कोई इसे कुबेर के खजाने से ही जोड़ता है। लेकिन असल में यह कुबेर का खजाना नहीं बल्कि भक्तों का धन है जो महालक्ष्मी को अर्पण किया जाता है।
दरअसल दीपावली (Diwali) के पर्व पर रतलाम का ऐतिहासिक महालक्ष्मी (Ratlam Lakshmi Mandir) मंदिर देशभर में अनूठा आकर्षण बना हुआ है। यहां महालक्ष्मी की मूर्ति को सजाने के लिए भक्तों द्वारा दिए गए करोड़ों रुपये के नोट और आभूषणों से पूरा मंदिर परिसर कुबेर के खजाने की तरह जगमगा उठा है। यह देश का इकलौता मंदिर है जहां दीपावली पर भक्तों द्वारा दिए गए गहनों और नकदी से सजावट की जाती है।
नोटों और आभूषणों की अद्भुत सजावट
मंदिर में इस वर्ष दीपावली सजावट की शुरुआत 14 अक्टूबर, शरद पूर्णिमा से ही हो चुकी थी। विभिन्न मूल्यवर्ग के नोट, 1 रुपये से लेकर 500 रुपये तक के नए-नए नोट, मंदिर के हर कोने में सजाए गए हैं। ये नोट और आभूषण भक्तों द्वारा स्वेच्छा से श्रद्धा के साथ दिए जाते हैं। मंदसौर, नीमच, इंदौर, उज्जैन, नागदा, खंडवा, देवास सहित राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, जम्मू कश्मीर आदि तक से भक्तजन धन और आभूषणों के साथ मंदिर में माता महालक्ष्मी का श्रृंगार करने पहुंचते हैं।
श्रद्धालु अपने घरों की तिजोरी से नकदी और गहने लेकर मंदिर में सजावट के लिए जमा कराते हैं। यहां तक कि कई भक्त तो 5 लाख रुपये तक नकद भी श्रद्धापूर्वक रखते हैं। इन नोटों से मंदिर के लिए विशेष वंदनवार बनाए जाते हैं, जिससे पूरा गर्भगृह कुबेर के खजाने जैसा दिखाई देने लगता है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
मंदिर में इतने विशाल खजाने की सुरक्षा के लिए 4 गार्ड और सीसीटीवी कैमरे तैनात हैं। साथ ही, मंदिर के निकट स्थित माणक चौक पुलिस थाना 24 घंटे मंदिर की सुरक्षा में मुस्तैद रहता है। भक्तजनों की संपत्ति की पवित्रता बनाए रखने के लिए मंदिर प्रशासन हर प्रकार का एहतियात बरतता है। जितने विश्वास से भक्त यहां सजावट के लिए धन व आभूषण अर्पित करते है, उतने ही विश्वास से लेने भी आते है। हैरानी की बात है की आज तक कभी किसी के धन वापसी करते समय कोई विघ्न नहीं आया है।
श्रद्धालुओं के नोट और आभूषण सुरक्षित, रजिस्टर में एंट्री के साथ टोकन
मंदिर प्रशासन भक्तों की संपदा की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रबंध करता है। प्रत्येक भक्त के नोट और आभूषणों का नाम, पता और मोबाइल नंबर एक रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। इसके साथ ही, भक्त का पासपोर्ट आकार का फोटो भी लगाया जाता है और टोकन देकर यह संपत्ति उन्हें बाद में सुरक्षित रूप से लौटाई जाती है। यह व्यवस्था इतनी पुख्ता है कि आज तक किसी भी भक्त की संपदा में कोई हेरफेर नहीं हुआ है।
दीपावली के बाद प्रसाद में लौटाए जाएंगे गहने और नकदी
सबसे विशेष और रहस्यमय पहलू यह है कि दीपावली का पर्व समाप्त होते ही भाई दूज के दिन भक्तों को उनका धन और गहने “प्रसाद” के रूप में लौटा दिए जाते हैं। मान्यता है कि जिनके धन से महालक्ष्मी का श्रृंगार होता है, उनके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
दो शताब्दियों पुरानी परंपरा
मंदिर के कुलदीप त्रिवेदी के अनुसार लगभग 200 वर्ष पहले राजा रतन सिंह ने अपने राज्य की समृद्धि और प्रजा की खुशहाली के लिए यह परंपरा शुरू की थी। उन्होंने अपनी संपदा पांच दिनों तक देवी महालक्ष्मी के चरणों में अर्पित करने का संकल्प लिया, जो आज तक निभाया जा रहा है। इसी क्रम में इस मंदिर में महालक्ष्मी के आठ स्वरूपों—अधी लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी, लक्ष्मीनारायण, धन लक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, वीर लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी और ऐश्वर्य लक्ष्मी—की प्रतिमाएं स्थापित हैं।
वास्तविक कुबेर के खजाने जैसा भव्य रूप
दीपावली पर पूरे सप्ताह तक यह मंदिर वैभव और आस्था का अनोखा प्रतीक बन जाता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां दिए गए धन से महालक्ष्मी के आशीर्वाद से उनका घर और जीवन समृद्धि से भर जाता है।
Festival Special Train: पश्चिम रेलवे ने त्योहारों में यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनों का संचालन किया
रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Festival Special Trains: त्योहारी सीजन के दौरान यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पश्चिम रेलवे ने उधना-कटिहार-उज्जैन स्पेशल, उधना-दानापुर-वडोदरा अनारक्षित स्पेशल, और उधना-प्रयागराज-उधना अनारक्षित स्पेशल ट्रेनों का संचालन करने का निर्णय लिया है। ये ट्रेनें यात्रियों की सुविधा के लिए एक-एक फेरे में चलेंगी।
1. उधना-कटिहार-उज्जैन स्पेशल (गाड़ी संख्या 09047/09048):
गाड़ी संख्या 09047 उधना-कटिहार स्पेशल 01 नवंबर को उधना से रात 00:20 बजे रवाना होगी और 02 नवंबर को दोपहर 14:00 बजे कटिहार पहुंचेगी। वापसी में गाड़ी संख्या 09048 कटिहार से 02 नवंबर को शाम 17:00 बजे चलकर 03 नवंबर को रात 23:30 बजे उज्जैन पहुंचेगी। यह ट्रेन भरुच, वडोदरा, रतलाम, नागदा और उज्जैन सहित कई प्रमुख स्टेशनों पर रुकेगी। इस ट्रेन में सेकंड एसी, थर्ड एसी, स्लीपर और सामान्य श्रेणी के कोच होंगे।
2. उधना-दानापुर-वडोदरा अनारक्षित स्पेशल (गाड़ी संख्या 09053/09054):
गाड़ी संख्या 09053 उधना-दानापुर स्पेशल 31 अक्टूबर को सुबह 10:00 बजे उधना से रवाना होगी और अगले दिन 01 नवंबर को रात 23:30 बजे दानापुर पहुंचेगी। वापसी में गाड़ी संख्या 09054, 02 नवंबर को सुबह 04:00 बजे दानापुर से चलकर 03 नवंबर को दोपहर 12:00 बजे वडोदरा पहुंचेगी। इस ट्रेन का रतलाम, उज्जैन, बीना और कई अन्य स्टेशनों पर ठहराव रहेगा। इसमें 16 स्लीपर कोच होंगे जो पूरी तरह अनारक्षित होंगे।
3. उधना-प्रयागराज-उधना अनारक्षित स्पेशल (गाड़ी संख्या 09011/09012):
गाड़ी संख्या 09011 उधना-प्रयागराज स्पेशल 31 अक्टूबर को सुबह 07:00 बजे उधना से रवाना होगी और अगले दिन 01 नवंबर को सुबह 09:15 बजे प्रयागराज पहुंचेगी। वापसी में गाड़ी संख्या 09012, 01 नवंबर को दोपहर 12:30 बजे प्रयागराज से चलकर 02 नवंबर को शाम 16:05 बजे उधना पहुंचेगी। इस ट्रेन में 20 सामान्य श्रेणी के कोच होंगे जो पूरी तरह अनारक्षित होंगे।
यात्रियों से अनुरोध है कि वे इन ट्रेनों के ठहराव और समय की अधिक जानकारी के लिए [www.enquiry.indianrail.gov.in](http://www.enquiry.indianrail.gov.in) पर विजिट करें।