Solar Eclipse: सर्वपितृ अमावस्या पर साल का आखरी सूर्य ग्रहण, जानिए किन राशियों को करेगा प्रभावित

नई दिल्ली, पब्लिक वार्ता
न्यूज डेस्क| Solar Eclipse: साल 2024 का आखरी सूर्य ग्रहण सर्वपितृ अमावस्या के दिन यानी 02 अक्टूबर को होगा। इस दिन पितृ पक्ष का समापन भी होता है, जिसे तर्पण और श्राद्ध कर्म के लिए खास माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्य और पूजा-पाठ करने से बचना चाहिए, क्योंकि इसका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस ग्रहण का असर कब और कहां दिखाई देगा? साथ ही किन राशियों को यह प्रभावित करेगा।

कब और कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण?
हिंदू पंचांग के अनुसार, 02 अक्टूबर 2024 को सूर्य ग्रहण की शुरुआत होगी। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। भारत में ग्रहण 2 अक्टूबर रात 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगा जो मध्यरात्रि में 3 बजकर 17 मिनट पर खत्म होगा। इस वजह से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024 Shadow) पेरू, फिजी, प्रशांत महासागर, आर्कटिक और दक्षिणी अमेरिका समिति आदि देशों में देखने को मिलेगा।

मन्त्रों का करे जाप
सूर्य ग्रहण के समय पूजा-पाठ करना वर्जित है, लेकिन आप मन ही मन में किसी भी प्रभु के नाम का जप कर सकते हैं। इस दौरान गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जप करना फलदायी साबित होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचाव होता है। ग्रहण में भोजन, दूध, लस्सी, पनीर समेत अदि चीजों में तुलसी का पत्ता या कुश डाल देना चाहिए। ऐसा करने से यह चीजें सूर्य ग्रहण के प्रभाव से मुक्त हो जाती हैं। इसके बाद श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में अन्न, धन और वस्त्र का दान करना चाहिए।

यह राशियां होगी प्रभावित
ज्योतिष पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण वृष, मिथुन, कर्क, सिंह कन्या वृश्चिक और मीन राशि के जातकों को शुभ साबित हो सकता है। इस अवधि में आपको काम कारोबार में खास सफलता मिल सकती है। वहीं इस दौरान नौकरीपेशा लोगों को कार्यस्थल पर नई जिम्मेदारी मिलने के योग हैं। साथ ही परिवार के सदस्यों से आपको कोई शुभ समाचार मिल सकता है। वहीं बिजनस में आपने जो वेिश किया था उसका आपको अचानक से अभी जाकर लाभ मिल सकता है। साथ ही इस दौरान आप कोई वाहन प्रापर्टी खरीद सकते हैं।

वहीं सूर्य ग्रहण मेष, तुला और मकर राशि के जातकों को नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है। वहीं इस अवधि में इन लोगों का किसी व्यक्ति के साथ मनमुटाव हो सकता है। साथ ही धन की हानि के योग बन रहे हैं। वहीं इस समय किसी बात को लेकर मानसिक अशांति हो सकती है। साथ ही इस समय आपको वाहन सावधानी से चलाना चाहिए। क्योंकि दुर्घटना के योग बन रहे हैं।

(Disclaimer: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। पब्लिक वार्ता न्यूज नेटवर्क इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करे।)

Dada Saheb Falke Award 2024: मिथुन चक्रवर्ती को मिलेगा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार: सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित

नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Dada Saheb Falke Award 2024: भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती (mithun chakraborty) को उनकी अद्वितीय सिनेमाई यात्रा और योगदान के लिए 2024 में प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (Dada Saheb Falke Award 2024) से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें 8 अक्टूबर 2024 को 70वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड सेरेमनी के दौरान प्रदान किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस महत्वपूर्ण घोषणा को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X  पर साझा किया।

अश्विनी वैष्णव ने लिखा, “कोलकाता की सड़कों से लेकर सिनेमा की ऊंचाइयों तक का सफर तय करने वाले मिथुन दा ने हर पीढ़ी को प्रेरित किया है। यह बताते हुए मुझे गर्व हो रहा है कि दादा साहेब फाल्के चयन जूरी ने भारतीय सिनेमा में उनके उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए यह सम्मान देने का निर्णय लिया है।”

मिथुन चक्रवर्ती का सिनेमाई सफर
मिथुन चक्रवर्ती का फिल्मी करियर प्रेरणादायक रहा है। उनकी पहली ही फिल्म मृगया (1977) के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। इसके बाद उन्होंने हिंदी, बंगाली, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और पंजाबी जैसी भाषाओं में 350 से अधिक फिल्मों में काम किया। उनके चर्चित और हिट फिल्मों में डिस्को डांसर, अग्निपथ, हमसे बढ़कर कौन  और वो जो हसीना जैसी फिल्में शामिल हैं।

पहली फिल्म से ही जीता नेशनल अवॉर्ड
मिथुन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत छोटे रोल्स से की, लेकिन उनकी पहली मुख्य भूमिका वाली फिल्म सुरक्षा (1979) ने उन्हें पहचान दिलाई। इसके बाद आई फिल्म प्रेम विवाह ने भी उनके करियर को एक नई दिशा दी। मिथुन ने बंगाली सिनेमा में भी अपनी पहचान बनाई और उनकी पहली बंगाली फिल्म नदी थेके सागर (1978) थी। मिथुन चक्रवर्ती का सिनेमा के प्रति समर्पण और मेहनत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है।

RRB Vacancy 2024: 5154 पद बढ़े, 2 अक्टूबर से फिर से आवेदन का मौका, जानें पूरी डिटेल्स

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क । RRB VACANCY 2024: रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) ने टेक्नीशियन भर्ती में बंपर पदों की बढ़ोतरी की है। अब कुल 14298 पदों पर भर्तियां होंगी, जो पहले 9144 थी। इस भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन की विंडो 2 अक्टूबर से 16 अक्टूबर 2024 तक दोबारा खोली जाएगी। नए उम्मीदवार आवेदन कर सकेंगे, और जिन्होंने पहले से आवेदन किया है, उन्हें अपने आवेदन में करेक्शन का भी मौका मिलेगा।

2 अक्टूबर से आवेदन और करेक्शन का मौका
इस विंडो के दौरान उम्मीदवार अपनी पसंद की कैटेगरी में बदलाव कर सकते हैं और फोटो, हस्ताक्षर समेत अन्य जानकारियों में भी सुधार कर सकेंगे। मौजूदा उम्मीदवारों को किसी नए आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी, जबकि नए उम्मीदवार कैटेगरी 2 से 40 के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं।

करेक्शन के लिए आरआरबी ने जारी किए नियम:
– मौजूदा उम्मीदवार, जिन्होंने किसी भी कैटेगरी में आवेदन किया है और फीस का भुगतान किया है, वे बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के करेक्शन कर सकते हैं।
– मौजूदा उम्मीदवार शैक्षणिक योग्यता, फोटो/हस्ताक्षर और पोस्ट प्रेफरेंस में बदलाव कर सकते हैं।
– नए उम्मीदवार वही माने जाएंगे, जिन्होंने फीस का भुगतान नहीं किया है या नए कैटेगरी में आवेदन करना चाहते हैं।

RRB टेक्नीशियन भर्ती में परीक्षा पैटर्न
इस बार टेक्नीशियन भर्ती के लिए केवल एक चरण में सीबीटी (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) होगा। परीक्षा में 90 मिनट में 100 प्रश्न पूछे जाएंगे। सामान्य वर्ग के लिए 40%, ओबीसी और एससी के लिए 30%, और एसटी के लिए 25% न्यूनतम अंक आवश्यक होंगे।

प्रमुख विषयों में शामिल होंगे:
– जनरल अवेयरनेस: 10 प्रश्न
– जनरल इंटेलिजेंस एंड रीजनिंग: 15 प्रश्न
– बेसिक कंप्यूटर और एप्लीकेशंस: 20 प्रश्न
– मैथ्स: 20 प्रश्न
– बेसिक साइंस और इंजीनियरिंग: 35 प्रश्न

नेगेटिव मार्किंग का ध्यान रखें
प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक काटे जाएंगे, इसलिए सावधानी से उत्तर दें।

आरआरबी टेक्नीशियन भर्ती 2024 में 5154 नए पद जोड़े गए हैं, जिससे कुल पदों की संख्या 14298 हो गई है। अगर आप रेलवे में करियर बनाने का सपना देख रहे हैं, तो यह सुनहरा मौका है। आवेदन की विंडो 2 अक्टूबर से खुलेगी, इसलिए तैयारी में जुट जाएं और समय रहते आवेदन करें।

Festival Special Train: त्योहारों पर रेलवे चलाएगा 500 से अधिक स्पेशल ट्रेन, भीड़ से बचने के लिए पहले कर ले ये काम

1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक 6,000 से अधिक फेरे चलाने वाली 519 फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों का होगा संचालन, पश्चिम रेलवे चलाएगा 86 स्पेशल ट्रेनें।

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Festival Special Train: दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पूजा के त्योहारी सीजन में यात्रियों की सुगम आवाजाही के लिए भारतीय रेलवे Indian Railways) ने 1 अक्टूबर से 30 नवंबर 2024 तक 6,000 से अधिक फेरे चलाने वाली 519 फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया है। रेलवे द्वारा हर साल त्योहारों के अवसर पर विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाता है, लेकिन इस बार बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए ट्रेनों की संख्या में भारी वृद्धि की गई है।

1. कुल 519 फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें: भारतीय रेलवे द्वारा इस बार 519 स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाएगा, जो पूरे देश में यात्रियों की यात्रा को सुगम बनाएगी।
  
2. 6,000 से अधिक फेरे: ये स्पेशल ट्रेनें 6,000 से अधिक फेरे लगाएंगी, जिससे लाखों यात्री अपने गंतव्यों तक आसानी से पहुंच सकेंगे।

3. पश्चिम रेलवे में यह सुविधा:
    – 86 स्पेशल ट्रेनें: पश्चिम रेलवे (western railways) ने 86 फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की है।
    – 1,380 से अधिक फेरे: इन ट्रेनों द्वारा कुल 1,382 फेरे लगाए जाएंगे, जो पूरे भारतीय रेलवे में सबसे अधिक हैं।
    – मुंबई और सूरत से प्रमुख संचालन: मुंबई और सूरत/उधना से 14 जोड़ी ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा सूरत से होकर 20 अन्य स्पेशल ट्रेनें भी गुजरेंगी।
   
4. उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों के लिए विशेष ध्यान: त्योहारों के दौरान सबसे अधिक भीड़ उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर भारत और उत्तर-पूर्व के राज्यों की ओर बढ़ती है। रेलवे ने इन गंतव्यों के लिए अधिक ट्रेनों का संचालन सुनिश्चित किया है।

5. विशेष ट्रेनों की सूची (List Of Special Train):
    – मुंबई सेंट्रल, बांद्रा टर्मिनस, सूरत, अहमदाबाद, वडोदरा, राजकोट, वापी और इंदौर से विभिन्न गंतव्यों के लिए विशेष ट्रेनें चल रही हैं।
    – अहमदाबाद से चलने वाली ट्रेनें उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल की ओर प्रमुख गंतव्यों के लिए यात्रा करेंगी।
 
पश्चिम रेलवे द्वारा संचालित प्रमुख ट्रेनें:
– मुंबई से देश के प्रमुख गंतव्यों तक: मुंबई से उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य प्रमुख राज्यों तक यात्रियों के लिए विशेष ट्रेनें संचालित हो रही हैं।
– सूरत/उधना से अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन: सूरत/उधना से 8 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, ताकि वहां के यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।

पिछले साल की तुलना में वृद्धि:
– पिछले साल भारतीय रेलवे ने कुल 4,429 फेरे लगाए थे। इस वर्ष इसमें भारी वृद्धि की गई है और कुल 6,000 फेरे लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
 
यात्रियों के लिए सलाह:
– चूंकि त्योहारों के दौरान यात्रियों की संख्या अधिक होती है, इसलिए यात्रा की योजना पहले से बना लेना और समय रहते टिकट बुक करना आवश्यक है।
– टिकट की बुकिंग IRCTC की वेबसाइट और रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध है।
 
भारतीय रेलवे द्वारा इस वर्ष फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों की संख्या में वृद्धि यात्रियों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए की गई है। ये ट्रेनें यात्रियों को दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पूजा के अवसर पर उनके गंतव्य तक आरामदायक और सुविधाजनक यात्रा प्रदान करेंगी। यात्रा की योजना और ट्रेन की समय सारणी की जानकारी रेलवे की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर उपलब्ध है।

Coldplay Concert India: कोल्डप्ले के मुंबई शो के लिए टिकट की मारामारी, 2 लाख तक में हो रहा ब्लैक! क्या है इस बैंड में ऐसा खास?

प्रदेश के यंग आईपीएस ऑफिसर और रतलाम एसपी अमित कुमार का नवाचार, हर जवान को 5 और 10 हजार का नगद ईनाम, हर 15 दिन में खुद लेंगे समीक्षा बैठक

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। ब्रिटिश रॉक बैंड Coldplay एक बार फिर से भारत में सुर्खियों में है। जनवरी 2025 में मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में होने वाले उनके तीन शो को लेकर फैंस के बीच जबरदस्त उत्साह है। कोल्डप्ले के ‘Music of the Spheres’ वर्ल्ड टूर के तहत 18, 19 और 21 जनवरी को ये शो आयोजित होंगे। टिकटों की बुकिंग के साथ ही वेबसाइट क्रैश हो गई, और चंद मिनटों में सारे टिकट बिक गए। इससे फैंस निराश हैं और सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कंसर्ट के टिकट की कालाबाजारी (Coldplay Tickets in black) का भी दावा किया जा रहा है। कालाबाजारी में टिकट को 50 हजार से 2 लाख रुपए तक में बेचने का आरोप है। खुलासे के बाद ऐसी खबर भी है की टिकट बुकिंग वेबसाइट बुक माय शो (Book My Show) ने कोल्डप्ले कॉन्सर्ट की नकली टिकट बेचने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है।

कौन है ये बैंड?
Coldplay एक ब्रिटिश रॉक बैंड है, जिसकी शुरुआत 1996 में लंदन में हुई थी। फ्रंटमैन क्रिस मार्टिन और गिटारिस्ट जॉनी बकलैंड की मुलाकात यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) में हुई थी। बाद में गाइ बेरीमैन और विल चैंपियन के जुड़ने से बैंड ने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई। उनके मशहूर एल्बम जैसे Yellow, A Rush of Blood to the Head और Viva la Vida ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाई।

टिकट विवाद और ब्लैक मार्केटिंग
कोल्डप्ले के मुंबई कॉन्सर्ट के टिकट चंद मिनटों में ही बिक गए, लेकिन इसके बाद बुकमायशो पर कई यूजर्स टिकट खरीदने में असमर्थ रहे। इसके चलते ब्लैक मार्केट में टिकट की कीमतें कई गुना बढ़ गईं। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है की कुछ थर्ड-पार्टी साइट्स पर टिकटों को 30 से 50 गुना दाम पर बेचा जा रहा है, जिसके चलते मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। वकील अमित व्यास ने बुकमायशो और लाइव नेशन के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।

होटलों की आसमान छूती कीमतें
कॉन्सर्ट के दौरान नवी मुंबई के होटलों का किराया 1.60 लाख रुपये तक पहुंच गया है, जबकि सामान्य दिनों में यह 10,000 से 25,000 रुपये के बीच होता है। आयोजन स्थल के पास सभी होटल पहले से ही बुक हो चुके हैं। Coldplay के इस कॉन्सर्ट को लेकर भारतीय फैंस में जबरदस्त उत्साह है।

कॉन्सर्ट में क्या होगा खास?
Coldplay के शो में 5 साल या उससे अधिक उम्र के बच्चों को प्रवेश की अनुमति होगी। शो में 4 घंटे की नॉन-स्टॉप परफॉर्मेंस होगी, जिसमें LED रिस्टबैंड और लाइव म्यूजिक का शानदार अनुभव शामिल होगा। लाउंज टिकट लेने वाले दर्शकों को प्रीमियम सुविधाएं मिलेंगी।

Hezbollah leader Hassan Nasrallah died: जम्मू-कश्मीर में हिजबुल्ला नेता हसन नसरुल्ला की मौत पर इजराइल विरोधी प्रदर्शन, सड़कों पर उतरे लोग!

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। लेबनान के हिजबुल्ला नेता हसन नसरुल्ला (Hezbollah leader Hassan Nasrallah died) की हत्या के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) में शनिवार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। श्रीनगर के विभिन्न इलाकों में इजराइल और अमेरिका विरोधी नारे गूंज उठे, जब लोग काले झंडे लेकर सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारियों ने हिजबुल्ला प्रमुख की हत्या की निंदा करते हुए इजराइल और अमेरिका के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया।

श्रीनगर के हसनाबाद, रैनावारी, सैदाकदल, मीर बेहरी और आशाबाग जैसे इलाकों में प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ उमड़ी, जिसमें बच्चों समेत कई लोग शामिल थे। विरोध प्रदर्शन के चलते कई स्थानों पर ट्रैफिक बाधित हुआ, वहीं पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी।

कश्मीरी नेताओं की प्रतिक्रिया
हिजबुल्ला प्रमुख हसन नसरुल्ला की मौत पर कश्मीरी नेताओं ने भी गहरा दुख जताया। अंजुमन-ए-शरी के अध्यक्ष ने अपने बयान में कहा, “हसन नसरुल्ला के खून से हजारों नसरुल्ला पैदा होंगे,” और इस घटना की कड़ी निंदा की। कई अन्य राजनीतिक और धार्मिक संगठनों ने भी इस घटना पर विरोध दर्ज कराया है।

यह विरोध प्रदर्शन हिजबुल्ला और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में हुआ है, जिसने वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। जम्मू-कश्मीर में इस घटना ने स्थानीय भावनाओं को प्रभावित किया है, जिससे जनता के बीच गुस्सा और असंतोष देखने को मिला है।

शांति बनाए रखने की अपील
अधिकारियों ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और इस तनावपूर्ण माहौल में शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।

Top School In World: कैसे एक टीचर ने MP के सरकारी स्कूल को झुग्गियों से निकाल इंटरनेशनल लेवल पर पहुंचाया, आज देशभर में नाम

सेंव, साड़ी और सोने की प्रसिद्धि से ट्रिपल S नगरी कहे जाने वाले रतलाम में एक और S जुड़ा, वो S है STUDY यानी शिक्षा!, विज्ञान के शिक्षक गजेन्द्रसिंह राठौर के प्रयासों ने बनाया अव्वल…

मध्यप्रदेश – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Top School In World: मध्यप्रदेश के  रतलाम का सीएम राइज विनोबा स्कूल (CM RISE SCHOOL RATLAM) न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित कर चुका है। इस सरकारी स्कूल को T4 अंतर्राष्ट्रीय संस्था (T4 Education :World’s Best School Prizes 2024) द्वारा नवाचार श्रेणी में विश्वभर के टॉप 10 स्कूलों में शामिल किया गया और अंततः इसने तीसरा स्थान हासिल किया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद से स्कूल के छात्रों, शिक्षकों और परिजनों में गर्व है। इस स्कूल को 1991 में रतलाम की शहरी झुग्गियों में स्थापित किया गया था। इस स्कूल ने अपनी शुरुआती चुनौतियों के बावजूद, नवाचारी प्रक्रियाओं और सामुदायिक जुड़ाव के माध्यम से आज यह मुकाम हासिल किया है। 

विज्ञान की कक्षा में प्रेक्टिकल कर विद्यार्थियों को पढ़ाते शिक्षक राठौर

सरकारी स्कूल के एडमिशन में अब प्रवेश के लिए होड़ मची हुई है। इसके यहां तक पहुंचने के पीछे की कहानी में एक शिक्षक गजेन्द्रसिंह सिंह राठौर की भूमिका बहुत मायने रखती है। राठौर स्कूल के वाईस प्रिंसीपल भी है। साइंस टीचर गजेन्द्रसिंह राठौर (Science Teacher Gajendra Singh Rathore) के पढाने का तरीका बहुत अलग है। उनका कहना है विज्ञान रट्टा मारने का नहीं बल्कि समझने का विषय है। किताब में छपे विषयों को राठौर प्रेक्टिकल कर बच्चों को समझाते है। रॉकेट उड़ता कैसे है, घर्षण होता क्या है, भूकंप आता क्यो है ऐसे कई रहस्यों को पढ़ाने की बजाय उन्हें प्रेक्टिकल से समझाते है। राठौर ऑनलाइन भी बच्चों को विज्ञान को समझने के लिए प्रेरित करते है।

नहीं बदला अंदाज, राठौर से पढ़ने का क्रेज
विद्यार्थियों में राठौर से पढ़ने का अलग ही क्रेज है। जहां भी शिक्षक रहे उन्होंने अपने पढ़ाने के अंदाज नहीं बदले। पढ़ाने में इनोवेशन के तरीकों को उन्होंने यहां भी लागू रखा। उनके साथ अन्य स्टाफ ने भी सहभागिता की और गजेन्द्रसिंह के तरीकों को अपनाया। जिसकी बदौलत आज पूरे विश्व में MP का सरकारी स्कूल चमक रहा है। आपको बता दे साल 2016 में राठौर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हो चुके है। आज भी राठौर अपने पढ़ाए विद्यार्थियों के साथ जीवंत संपर्क में रहते है। विद्यार्थी भी उनसे जीवन की कठिनाइयों से निकलने के टिप्स लेते है। परेशानियों में उनसे सलाह लेते है।अवार्ड की घोषणा के समय कार्यक्रम के दौरान राठौर भावुक हो उठे थे और उनके आंसू निकल आए थे।

File Photo

राठौर ने बनाई योजना, नवाचार किए लागू
दो साल पहले विनोबा स्कूल में उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर ने स्कूल में विद्यार्थियों की कम उपस्थिति को सुधारने के लिए वरिष्ठ शिक्षकों के साथ मिलकर “साइकिल ऑफ ग्रोथ मेकैनिज्म” योजना बनाई। इस योजना का उद्देश्य शिक्षकों के पेशेवर विकास के साथ-साथ छात्रों की भागीदारी बढ़ाना था। इसमें टीचर्स के लिए टीम हर्डल, कैप्सूल ट्रेनिंग, क्लासरूम मॉनिटरिंग, वन-ऑन-वन फीडबैक, और रीवार्ड एवं रिकग्निशन जैसी गतिविधियाँ शामिल की गईं।
इसके अलावा, “विनोबा मॉडल ऑफ पैरेंटल एंगेजमेंट”, “कम्युनिटी एज ए लर्निंग रिसोर्स”, और “ट्रैकिंग डाटा के इनोवेटिव आइडिया” जैसी पहलें भी जुड़ती गईं। इन सब नवाचारों ने स्कूल में एक उत्साही और सकारात्मक वातावरण तैयार किया, जहाँ बच्चे आसानी से सीखने लगे। इस योजना को सफल बनाने में प्राचार्य संध्या वोरा, उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर, प्रधान अध्यापक अनिल मिश्रा, सीमा चौहान, हीना शाह और अन्य शिक्षकों ने नियमित रूप से योगदान दिया।

इस प्रकार हुआ चयन
टी फॉर एजुकेशन ने दुनिया भर के स्कूलों से फरवरी 2024 तक विभिन्न श्रेणियों में आवेदन मांगे थे। हजारों आवेदनों में से विनोबा स्कूल को “इनोवेशन” श्रेणी में चुना गया, जहाँ उप प्राचार्य और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक गजेंद्र सिंह राठौर को स्कूल लीडर के रूप में नामित किया गया। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय शिक्षाविदों द्वारा एक घंटे का ऑनलाइन इंटरव्यू लिया गया। इंटरव्यू के बाद दस्तावेजों के आधार पर मूल्यांकन किया गया।
शिक्षकों की ऑनलाइन मीटिंग और विभिन्न स्तरों के परीक्षण के बाद, 13 जून को पहले चरण में स्कूल टॉप 10 में आया और गुरुवार को टॉप 3 में जगह बनाई। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा संजय गोयल, आयुक्त लोक शिक्षण शिल्पा गुप्ता, और संचालक लोक शिक्षण डीएस कुशवाह ने उन्हें इस सफलता पर बधाई दी।

विद्यालय परिवार के साथ खुशियां मनाते राठौर

इनोवेशन कैटेगरी में ऐतिहासिक उपलब्धि
रतलाम का यह शासकीय स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में नवीनतम तकनीक और प्रयोगात्मक तरीकों का उपयोग कर रहा है, जिससे छात्रों को आधुनिक दृष्टिकोण के साथ शिक्षा दी जा रही है। गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि विद्यालय में कुल 577 छात्र अध्ययनरत हैं, जिनमें से 525 छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इस सफलता के पीछे स्कूल के सामूहिक प्रयास और शिक्षकों की कड़ी मेहनत है।

मुख्यमंत्री ने दी बधाई
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्कूल की उपलब्धि पर बधाई दी। शहर विधायक व मंत्री चैतन्य काश्यप ने स्कूल का दौरा कर छात्रों और शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने इस अवसर पर स्कूल की प्राचार्य संध्या वोहरा और उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह को विशेष रूप से सम्मानित किया। काश्यप ने कहा कि यह स्कूल प्रदेश के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा और भविष्य में अन्य शासकीय स्कूलों को भी इसी प्रकार से ऊंचाइयों पर पहुंचाने का काम करेगा।

सीएम राइज स्कूल: एक ड्रीम प्रोजेक्ट
गौरतलब है कि सीएम राइज स्कूल योजना मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के शासकीय स्कूलों को उन्नत और आधुनिक सुविधाओं से लैस कर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गया। आज रतलाम के विनोबा स्कूल ने इस पहल की सफलता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिद्ध कर दिया है।

लाइटहाउस स्कूल का दर्जा
अब इस स्कूल को “लाइटहाउस” का दर्जा दिया गया है, जिसका मतलब है कि अन्य स्कूल भी इसके नवाचार और सफलता से प्रेरणा लेकर अपने छात्रों के लिए बेहतर शिक्षा प्रणाली विकसित करेंगे। गजेंद्र सिंह राठौड़ के अनुसार, स्कूल की यह सफलता अभिभावकों के लिए एक संकेत है कि अब उन्हें महंगे निजी स्कूलों में अपने बच्चों को भेजने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सरकारी स्कूल भी उन्हें उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान कर सकते हैं। रतलाम के इस स्कूल ने साबित कर दिया है कि सही दिशा में मेहनत और दृढ़ संकल्प से सरकारी स्कूल भी विश्व स्तरीय उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं।

टीम विनोबा

Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: तारक मेहता शो की सोनू यानी पलक सिधवानी ने लगाए आरोप, आखिर क्यों बनाया शो छोड़ने का मन!

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। लोकप्रिय टीवी शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा(Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) इन दिनों अपने कलाकारों के विवादों के कारण सुर्खियों में है। शो में सोनू भिड़े का किरदार निभा रही अभिनेत्री पलक सिधवानी ने शो के मेकर्स पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हाल ही में, पलक ने दावा किया कि वह शो को छोड़ना चाहती हैं, लेकिन मेकर्स उनके इस्तीफे को जानबूझकर लटका रहे हैं।

प्रोडक्शन हाउस ने पलक को भेजा लीगल नोटिस

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शो के प्रोडक्शन हाउस नीला टेलीफिल्म्स ने पलक पर उनके कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। प्रोडक्शन हाउस का दावा है कि पलक बिना सहमति के थर्ड पार्टी गतिविधियों में शामिल हो रही थीं, जिससे शो और प्रोडक्शन को नुकसान हो रहा है। कई बार चेतावनी देने के बावजूद उन्होंने नियमों का पालन नहीं किया, जिसके बाद उन्हें लीगल नोटिस भेजा गया।

पलक सिधवानी का जवाब
पलक सिधवानी ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह शो को हेल्थ और प्रोफेशनल ग्रोथ के कारण छोड़ना चाहती हैं। बॉम्बे टाइम्स को दिए इंटरव्यू में पलक ने कहा कि उन्होंने मेकर्स को अपनी इस्तीफे की जानकारी दी थी, लेकिन इसे मंजूर करने में जानबूझकर देरी की जा रही है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मेकर्स उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। पलक ने कहा, “मैंने शो छोड़ने का फैसला किया क्योंकि मेरा स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है और मेरे करियर की ग्रोथ रुक गई है। मैंने कई बार प्रोडक्शन हाउस से बात की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।”

क्या पलक सिधवानी शो छोड़ देंगी?
पलक का कहना है कि उनका *तारक मेहता का उल्टा चश्मा* में आखिरी दिन 30 सितंबर को है। हालांकि, मेकर्स की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अभिनेत्री के आरोपों और शो छोड़ने की खबरों से यह विवाद और गहराता दिख रहा है।

निष्कर्ष 
पलक सिधवानी और प्रोडक्शन हाउस के बीच चल रहा यह विवाद दर्शकों और इंडस्ट्री में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखना होगा कि यह मामला किस दिशा में जाता है और क्या पलक वाकई शो को छोड़ देंगी।

UP News: स्कूल की तरक्की के लिए मासूम छात्र की चढ़ा दी “बलि”, स्कूल निदेशक और स्टाफ गिरफ्तार

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। UP News: हाथरस में तंत्र-मंत्र के नाम पर दूसरी कक्षा में पढ़ रहे 11 साल के बच्चे  कृतार्थ  की बलि देने की घटना ने सभी को हिला कर रख दिया है। पुलिस के मुताबिक, एक स्कूल संचालक और उसके स्टाफ ने मिलकर दूसरी कक्षा के छात्र की गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस ने इस मामले में स्कूल मैनेजर दिनेश बघेल, उनके पिता जशोधन समेत प्रिंसिपल लक्ष्मण सिंह, कंप्यूटर शिक्षक वीरपाल और एक अन्य टीचर रामप्रकाश को गिरफ्तार किया है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। 

हत्या का मकसद स्कूल की समृद्धि के लिए बलि देना था
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि स्कूल के संचालक और स्टाफ ने तंत्र-मंत्र के लिए बलि देने की योजना बनाई थी। उनका मानना था कि बलि से स्कूल की सफलता और आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी। स्कूल संचालक पर कर्ज भी था, जिसके कारण वे इस तरह की अंधविश्वासी सोच में फंस गए थे। 

कैसे हुआ मामला उजागर
पीड़ित छात्र के पिता कृष्ण कुशवाह ने पुलिस को बताया कि स्कूल प्रशासन ने उन्हें फोन कर सूचना दी कि उनका बेटा बीमार हो गया है। जब वे स्कूल पहुंचे तो बताया गया कि निदेशक बच्चे को अस्पताल लेकर गए हैं। बाद में, बच्चे का शव स्कूल निदेशक की कार में मिला। 

पहले भी हो चुकी थी हत्या की कोशिश
इससे पहले भी 6 सितंबर को एक और बच्चे राज की हत्या की योजना बनाई गई थी, लेकिन वह बच गया। राज का मेडिकल टेस्ट हुआ, जिसमें गला दबाने की पुष्टि हुई थी। स्कूल के ट्यूबवेल के पास से पूजा सामग्री भी मिली, जिससे साफ हुआ कि यहां तंत्र-मंत्र किया जा रहा था।   पुलिस ने इस घिनौनी घटना की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों को जेल भेज दिया है। यह मामला अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के नाम पर हो रही अपराधी गतिविधियों को सामने लाता है, जिससे समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत है।

Kangana ranaut: BJP नेताओं के विरोध के बाद कंगना रनौत ने मांगी माफी, कृषि कानूनों पर दिया था बयान

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Kangana ranaut on Farmer Law: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद कंगना रनौत ने हाल ही में दिए गए अपने बयान पर माफी मांगी है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को फिर से लागू करने की मांग की थी। यह बयान देते ही विपक्षी दलों ने भाजपा और कंगना पर निशाना साधा।

कंगना ने माफी मांगते हुए कहा कि यदि उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो वे अपने शब्द वापस लेती हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी मंशा किसी की भावनाओं को आहत करने की नहीं थी। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी कंगना के बयान की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर बोलने का अधिकार नहीं है।

वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर किसानों के खिलाफ कोई कदम उठाया गया तो फिर से प्रधानमंत्री को माफी मांगनी पड़ेगी। कंगना के इस बयान से किसानों के बीच नाराजगी थी, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा के किसानों में, जो पहले भी कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर चुके थे।

कंगना ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट की और कहा कि उनका सुझाव था कि किसानों को खुद प्रधानमंत्री से इन कानूनों को वापस लाने की अपील करनी चाहिए, जिससे उनकी समृद्धि बाधित न हो। यह मामला तब उठा जब कंगना ने 23 सितंबर को हिमाचल प्रदेश में एक कार्यक्रम के दौरान तीनों कृषि कानूनों को फिर से लागू करने की वकालत की थी। गौरतलब है की 14 महीने के किसान आंदोलन के बाद केंद्र सरकार ने नवंबर 2021 में कानूनों को वापस ले लिया था।