Sustainable Electricity: 2035 तक चाहिए 100% रिन्यूएबल बिजली: ग्लोबल बिज़नेस लीडर्स ने सरकारों को दिया अल्टीमेटम

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp
Telegram

नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Sustainable Electricity: दुनिया भर के कारोबारी नेताओं ने साफ़ संदेश दिया है – अब वक्त आ गया है कि सरकारें कोयला और गैस जैसे पारंपरिक ईंधनों से हटकर सौर और पवन ऊर्जा पर पूरी तरह शिफ्ट हों। एक नए वैश्विक सर्वे के मुताबिक, 15 देशों के 97% बिज़नेस लीडर्स चाहते हैं कि 2035 तक बिजली उत्पादन पूरी तरह रिन्यूएबल सोर्स से हो।

इस सर्वे को Savanta ने किया और E3G, Beyond Fossil Fuels व We Mean Business Coalition ने कमिशन किया था। इसमें शामिल मिड और बड़ी कंपनियों के टॉप एक्ज़ीक्यूटिव्स ने बताया कि अगर उनकी सरकारें रिन्यूएबल एनर्जी की दिशा में तेजी नहीं दिखाएंगी, तो वे अपने ऑपरेशन्स और सप्लाई चेन उन देशों में शिफ्ट कर सकती हैं, जहां ये सुविधाएं बेहतर हैं।

रिन्यूएबल एनर्जी = विकास और सुरक्षा
सर्वे में 75% नेताओं ने माना कि सौर और पवन ऊर्जा से ऊर्जा सुरक्षा बढ़ेगी, जबकि 77% ने इसे आर्थिक विकास से जोड़ा। जर्मनी के 78% लीडर्स ने कहा कि इससे उनके देश को महंगे और अस्थिर ऊर्जा आयात से राहत मिलेगी।

ये अब पर्यावरण नहीं, बिज़नेस का मामला है”
Iberdrola के क्लाइमेट डायरेक्टर गोंज़ालो साएंज दे मीरा ने कहा, “रिन्यूएबल एनर्जी में निवेश अब CSR नहीं, बल्कि स्मार्ट बिज़नेस स्ट्रैटेजी है। इससे लॉन्ग-टर्म ग्रोथ और कीमतों में स्थिरता आती है।”

Schneider Electric के स्टुअर्ट लेमन ने कहा कि रिन्यूएबल अपनाने वाली कंपनियां इनोवेशन और कॉस्ट सेविंग में आगे रहेंगी।

भारत समेत कई देशों में दिखा मज़बूत समर्थन

  • भारत: 93% कारोबारी नेताओं ने रिन्यूएबल में तेज़ निवेश की मांग की।
  • इंडोनेशिया: 94% समर्थन।
  • ब्राज़ील: 89% लीडर्स 2035 तक पूरी तरह रिन्यूएबल शिफ्ट के पक्ष में।
  • ऑस्ट्रेलिया: 60% ने कहा, इससे नई नौकरियां बनेंगी।
  • तुर्किए: 81% समर्थन, लेकिन 39% ने फॉसिल फ्यूल लॉबी को रुकावट बताया।
  • जापान और कनाडा: पॉलिसी पारदर्शिता और वर्कफोर्स री-स्किलिंग की ज़ोरदार मांग।

गैस नहीं, सीधा रिन्यूएबल चाहिए
करीब दो-तिहाई लीडर्स का मानना है कि कोयला हटाने के बाद गैस को मिडवे सॉल्यूशन न बनाया जाए। सीधे रिन्यूएबल, स्टोरेज और ग्रिड पर फोकस किया जाए।

सरकारों को चाहिए क्लियर पॉलिसी
कंपनियों ने चेताया कि धीमी परमिटिंग और अस्पष्ट लक्ष्यों से निवेश का माहौल बिगड़ता है। उन्हें क्लियर रोडमैप, री-स्किलिंग प्लान और जॉब क्रिएशन की ज़रूरत है।

“ये क्लाइमेट नहीं, कॉम्पिटिशन की रेस है”
We Mean Business Coalition की CEO मारिया मेंडीलूसे ने कहा, “रिन्यूएबल एनर्जी अब वैश्विक प्रतिस्पर्धा का मुद्दा है। जो देश पहले कदम उठाएंगे, वहीं भविष्य की नौकरियां और निवेश आकर्षित करेंगे।”

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp
Telegram