रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Ratlam News: रतलाम जिले के होटल उजाला पैलेस में बजरंग दल रतलाम विभाग की विभागीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में मालवा प्रांत के प्रांत संयोजक नितिन पाटीदार, प्रांत साप्ताहिक मिलन प्रमुख मंगलेश सोनी, रतलाम विभाग के संगठन मंत्री अर्जुन गहलोत, विभाग सह मंत्री पवन बंजारा और विभाग संयोजक विनोद शर्मा के साथ तीनों जिले रतलाम, झाबुआ और जावरा के जिला और प्रखंड पदाधिकारी शामिल हुए।
बैठक में बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने “रन फॉर हेल्थ” और “शौर्य यात्रा” के आयोजन की योजना बनाई। कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी रतलाम जिला संयोजक मुकेश व्यास ने दी। बैठक के दौरान उपस्थित पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने संगठन की आगामी गतिविधियों पर विचार-विमर्श किया और योजनाओं को सफल बनाने का संकल्प लिया।
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Ratlam News: रतलाम में नव नियुक्त डाक सहायकों का 56 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी
रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: रतलाम संभागीय डाक प्रशिक्षण केंद्र में 24 सितंबर 2024 से 18 नवंबर 2024 तक नव नियुक्त डाक सहायकों का 56 दिवसीय प्रारंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य नव नियुक्त सहायकों को डाक विभाग की योजनाओं, कार्यप्रणाली, सॉफ्टवेयर एवं संसाधनों के उपयोग में दक्ष बनाना है।
प्रशिक्षण सत्र के दौरान प्रशिक्षुओं ने रतलाम प्रधान डाकघर का दौरा किया, जहां उन्हें डाकघर की विभिन्न योजनाओं और कार्यप्रणाली की जानकारी दी गई। इस अवसर पर राजेश कुमावत, अधीक्षक रतलाम डाकघर ने नव नियुक्त सहायकों को आह्वान किया की वे विभाग की सभी योजनाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास करें और सदैव विभाग के कार्यों के प्रति तत्पर रहें।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन गोपाल सोनी, प्रशिक्षक रतलाम संभागीय प्रशिक्षण केंद्र, द्वारा किया जा रहा है। प्रशिक्षण में रतलाम, मंदसौर और नीमच जिलों के डाक सहायक शामिल हैं, जिन्हें विभागीय नियमों, तकनीकी दक्षताओं और ग्राहक सेवा से संबंधित जानकारी प्रदान की जा रही है।
MP News: विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार रतलाम पहुंचे, जात – पात से ऊपर उठने पर दिया जोर; समाज के प्रबुद्धजनों से मिले
सेवा कार्य सबसे बड़ा कार्य, देश व धर्म को बचाकर सेवा कार्य करना बहुत आवश्यक है – आलोक कुमार
रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। MP News: विश्व हिन्दू परिषद सामाजिक समरसता विभाग द्वारा रतलाम में सामाजिक समरसता संगोष्ठी व प्रबुद्धजन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में विशेष मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार उपस्थित हुए। इस आयोजन का उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों के बीच समरसता और एकता को बढ़ावा देना है। संगोष्ठी से पूर्व अतिथियों ने भारत माता व भगवान श्रीराम के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रांत मंत्री विनोद शर्मा, संगठन मंत्री अर्जुन गेहलोद, समाजसेवी व व्यापारी अनोखीलाल कटारिया, प्रकाश शर्मा सांवरिया आदि मौजूद रहे। मंच का संचालन जिला सामाजिक समरसता प्रमुख मनोज सगरवंशी व विशेष संपर्क प्रमुख मनोज पंवार ने किया।
अपने संबोधन में आलोक कुमार ने भारत में सनातन धर्म में सामाजिक समरसता को लेकर जात-पात से ऊपर उठकर सभी समाज को एक साथ रहने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे मन में भगवान विराजमान हैं, तो छोटा-बड़ा का कोई प्रश्न नहीं उठता। हिंदू धर्म में पहले समय में व्यक्ति हजार कष्टों को सहकर चार धाम तीर्थ यात्रा करता था। उस समय सड़क, परिवहन आदि की व्यवस्था नहीं होती थी। लोग अपने सभी हिसाब-किताब को सुधारते, गलतियों को स्वीकार करते और यह सोचकर जाते कि यदि मृत्यु हुई तो मोक्ष की प्राप्ति होगी, और यदि लौट आए तो ईश्वर की कृपा मानी जाती। यह सब इसलिए होता था क्योंकि लोग देश को एक मानते थे। उन्होंने कहा कि हम सभी को जात, मत, पंथ से ऊपर उठकर हिंदू के रूप में एकजुट रहना चाहिए और बच्चों को हिंदू धर्म की शिक्षा देना अति आवश्यक है। अन्यथा विधर्मी हमारे समाज को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे लव जिहाद जैसे गंभीर मामले सामने आते हैं।
आलोक कुमार ने कहा कि आज कुछ राजनेता आदिवासी समाज को अन्य समाज से अलग करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें उकसा रहे हैं। जबकि वैज्ञानिक शोध से यह सिद्ध हो चुका है कि आदिवासी समाज और सनातन को मानने वाले अन्य पंथ के सभी बंधु मूल निवासी हैं और हिंदू हैं। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भी बौद्ध धर्म अपनाने से पूर्व ईसाई और इस्लाम मत पर विचार किया, लेकिन निष्कर्ष निकाला कि बौद्ध धर्म भारत के लिए अधिक उपयुक्त है। उन्होंने इस विषय पर “Thoughts on Pakistan” पुस्तक भी लिखी, जिसे सभी को पढ़ना चाहिए।
इस आयोजन में विभाग से सह मंत्री पवन बंजारा, वीनू शर्मा, मोहित चौबे; जिला उपाध्यक्ष राधेश्याम रावल, पवन देवड़ा; जिला संयोजक मुकेश व्यास, मनोज सगरवंशी, मनोज पंवार, मुन्नू कुशवाहा, अक्षय गोमै, योगेश चौहान, आशु टॉक, राजा राम ओहरी, अनिल रौतेला, कृष्ण भामा, पाखंड से विजय, नीरज सतवानी, दीपांशु गुप्ता, जिला प्रचार प्रसार प्रमुख मोंटी जायसवाल, जिला शाह पसार रिकी सेन; शंकर सिंह, हीरालाल सीरवी एवं विभाग, जिला एवं प्रखंड टीम के सदस्य उपस्थित रहे। जानकारी जिला प्रचार प्रसार प्रमुख मोंटी जायसवाल ने दी।
Ratlam News: महामंडलेश्वर श्री राधे राधे बाबा का रतलाम आगमन, विहिप पदाधिकारियों ने किया स्वागत
रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Ratlam News: गुरुवार दोपहर को महामंडलेश्वर श्री राधे राधे बाबा (केंद्र मार्गदर्शक, विश्व हिंदू परिषद और संयुक्त राष्ट्रीय महामंत्री, अखिल भारतीय संत समिति) दिल्ली से रतलाम पहुंचे। उनके साथ श्री महंत जगदीशदास महाराज भी थे। इस अवसर पर उन्होंने विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में हिंदू समाज को एकजुट रहने की आवश्यकता है। उन्होंने समाज को जाति-पंथ से ऊपर उठकर एक रहने का आह्वान किया और बताया कि सनातन परंपरा जाति-भेद की नहीं है, बल्कि भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की परंपरा है, जिसमें एकता सर्वोपरि है।
महामंडलेश्वर श्री राधे राधे बाबा ने यह भी बताया कि 23 से 27 नवंबर तक राजस्थान के बांसवाड़ा में परम पूज्य टीला गद्दाचार्य मंगल पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 स्वामी माधवाचार्य जी महाराज के सानिध्य में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन होगा। इस भव्य आयोजन में सभी भक्तों से जुड़ने का आह्वान किया गया है।
जिला प्रचार प्रसार प्रमुख मोंटी जायसवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि महामंडलेश्वर श्री राधे राधे बाबा इंदौर से बांसवाड़ा प्रवास के दौरान रतलाम पधारे। उन्होंने कालिका माता मंदिर पहुंचकर विधिवत पूजन-अर्चन किया। विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल की ओर से श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में उनका और श्री महंत जगदीशदास महाराज का पुष्प माला से भव्य स्वागत किया गया। इस मौके पर विश्व हिंदू परिषद के विभाग, जिला, प्रखंड और नगर के वरिष्ठ समाजजन उपस्थित रहे।
Ratlam News: श्री नित्य चिंताहरण गणपति मंदिर पर अन्नकूट महोत्सव महाआरती और महाप्रसादी का आयोजन
रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| Ratlam News: रतलाम स्थित श्री नित्य चिंताहरण गणपति जी मंदिर, पेलेस रोड पर आज अन्नकूट महोत्सव का आयोजन धूमधाम से संपन्न हुआ। इस धार्मिक कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए और भगवान श्री गणपति जी के दर्शन कर प्रसाद ग्रहण किया।
इस अवसर पर मंदिर ट्रस्ट द्वारा भगवान गणपति जी को छप्पन भोग अर्पित किया गया। दोपहर 12 बजे महाआरती के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तजनों को महाप्रसादी के रूप में अन्नकूट वितरित किया गया।
मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष जनक नागल ने जानकारी देते हुए बताया कि यह आयोजन हर वर्ष दीवाली के बाद होता है, जिसमें भक्तजनों को प्रसाद ग्रहण करने का सौभाग्य मिलता है।
कार्यक्रम में प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेश गिरी गोस्वामी, उपाध्यक्ष सुजीत उपाध्याय, पत्रकार आशीष पाठक, राजेश पोरवाल, शुभ दशोत्तर, और सिकंदर पटेल सहित विशेष आमंत्रित अतिथियों का स्वागत किया गया। उन्हें दुपट्टा ओढ़ाकर तथा भगवान गणपति जी की तस्वीर भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस आयोजन में ट्रस्ट के अध्यक्ष जनक नागल, कार्याध्यक्ष सचिन सिंह देवड़ा, पंडित अमित रावल, मुकेश व्यास, महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमती सारिका दवे, श्रीमती रत्ना पाल, राहुल शर्मा एडवोकेट, अमित देवड़ा, भुवनेश सिंह राठौर, अशोक मेहता, नवीन व्यास, रवि पंवार, और हितेश नागल ने मुख्य रूप से अतिथियों का स्वागत किया।
Ratlam News: घरों में हुई गोवर्धन पूजा, विहिप ने किया महिलाओं को पुरुस्कृत
रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Ratlam News: विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के कालिका माता प्रखंड में महावीर नगर में मातृशक्ति द्वारा गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। इस विशेष मौके पर महिलाओं और बहनों ने पूरी श्रद्धा के साथ गोवर्धन जी का निर्माण कर पूजा-अर्चना की। इस आयोजन में विश्व हिंदू परिषद द्वारा महिलाओं को पुरस्कृत भी किया गया, जिससे उनकी श्रद्धा और भक्ति को सम्मान मिला।
इस अवसर पर जिला से मोंटी जी जायसवाल और पंकज जी चौहान, प्रखंड से विजय प्रजापत और अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने इस पूजा के महत्व को समझाया और श्रद्धालुओं के साथ गोवर्धन पर्व का आनंद लिया।
गोवर्धन पूजा का महत्व हिंदू धर्म में अत्यधिक माना जाता है। मान्यता है कि त्रेतायुग में भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव के प्रकोप से गोकुलवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाया था। इस पर्वत की पूजा कर उन्होंने लोगों को अपने कार्यों का महत्व समझाया और प्रकृति की पूजा करने का संदेश दिया। गोवर्धन पूजा के माध्यम से आज भी भक्तजन भगवान श्रीकृष्ण के उस अद्भुत कार्य को याद करते हुए प्रकृति और जीवन में संतुलन बनाए रखने का संकल्प लेते हैं।
Diwali In Ayodhya: अयोध्या में राम मंदिर की पहली दिवाली, भव्य दीपोत्सव का आयोजन, गिनीज बुक में दर्ज हुए दो विश्व रिकॉर्ड
अयोध्या – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| Diwali In Ayodhya : अयोध्या में इस बार दिवाली का पर्व खास धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। यहां 8वें दीपोत्सव का आयोजन किया गया है, जो पूरे विश्व में अपनी भव्यता के लिए चर्चित हो गया है। इस दीपोत्सव में 25 लाख 12 हजार 585 दीप जलाए गए, जो एक नया विश्व रिकॉर्ड है। साथ ही, सरयू नदी पर 1121 लोगों ने सामूहिक आरती की, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। आपको बता दे 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली दिवाली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर ट्वीट कर लिखा की अद्भुत, अतुलनीय और अकल्पनीय! भव्य-दिव्य दीपोत्सव के लिए अयोध्यावासियों को बहुत-बहुत बधाई! लाखों दीयों से आलोकित राम लला की पावन जन्मस्थली पर यह ज्योतिपर्व भावविभोर कर देने वाला है। अयोध्या धाम से निकला यह प्रकाशपुंज देशभर के मेरे परिवारजनों में नया जोश और नई ऊर्जा भरेगा। मेरी कामना है कि भगवान श्री राम समस्त देशवासियों को सुख-समृद्धि और यशस्वी जीवन का आशीर्वाद प्रदान करें। जय श्री राम!
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा की 500 वर्षों के उपरांत हम सबके आराध्य प्रभु श्री रामलला के अपने भव्य मंदिर में पुनः विराजमान होने के पश्चात यह प्रथम दीपोत्सव है। अद्भुत-अलौकिक आभा से दीप्त श्री अयोध्या धाम का यह दिव्य-भव्य स्वरूप हम सभी को त्रेतायुग की अनुभूति करा रहा है। आज अयोध्या हर्षित है, संपूर्ण भारत गर्वित है। ‘दीपोत्सव 2024’ में सहभागी सभी रामभक्तों को हार्दिक बधाई एवं उनका अभिनंदन! जय जय श्री राम!
दिवाली की रौनक और नए रिकॉर्ड
देशभर में दिवाली की तैयारियों के बीच, 30 अक्तूबर को अयोध्या में दीपों से सरयू के घाटों को जगमगाया गया। इस भव्य आयोजन के लिए लगभग 28 लाख दीयों का प्रबंध किया गया था, ताकि 10% दीये भी खराब हो जाएं, तो भी 25 लाख दीये जलाकर यह विश्व रिकॉर्ड बनाया जा सके।
अयोध्या पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ और कई प्रमुख नेता
दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanatha)खुद अयोध्या पहुंचे। सीएम योगी ने भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान बने कलाकारों के रथ को खींचकर समारोह में भाग लिया और सरयू घाट पर आरती की। उन्होंने रामलला के मंदिर में जाकर पूजा अर्चना भी की।
लेजर शो और रंगारंग कार्यक्रमों से सजी अयोध्या
दीपोत्सव के दौरान अयोध्या के घाटों को दीयों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया। लेजर शो और ध्वनि-प्रकाश शो के जरिए रामलीला का मनोहारी वर्णन किया गया, जो दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है।
अयोध्या का दीपोत्सव बना आकर्षण का केंद्र
देशभर से लोग इस अद्वितीय दीपोत्सव को देखने के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि अयोध्या की विश्वस्तरीय पहचान को भी मजबूती दे रहा है।
एक नजर में पूरा आयोजन
– 25 लाख दीयों का प्रज्वलन: अयोध्या के दीपोत्सव में 25 लाख 12 हजार 585 दीये जलाए गए, जो एक विश्व रिकॉर्ड है।
– 1121 लोगों की आरती: सरयू नदी के घाट पर 1121 लोगों ने एक साथ आरती की, जो एक नया कीर्तिमान है।
– लेजर शो और रंगारंग कार्यक्रम: दीपोत्सव के दौरान लेजर और लाइट शो, ध्वनि-प्रकाश शो के माध्यम से रामलीला का प्रदर्शन।
Ratlam News: रतलाम: कर्तव्य फाउंडेशन के ‘मिशन घर की लक्ष्मी’ में पत्रकार राकेश पोरवाल का सम्मान
रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| Ratlam News: समाज सेवा और जनहित के उद्देश्यों से किए गए कार्य हमेशा सफल होते हैं और इनमें समाज का सहयोग स्वतः मिल जाता है। इसी विचार को चरितार्थ करते हुए कर्तव्य फाउंडेशन ने अपने ‘मिशन घर की लक्ष्मी’ अभियान के तहत जरूरतमंदों तक वस्त्र और मिठाई पहुंचाने का कार्य कर समाज सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस सामाजिक पहल के अंतर्गत, फाउंडेशन ने रतलाम के वरिष्ठ पत्रकार राकेश पोरवाल का सम्मान सैलाना रोड स्थित हीरा पैलेस में आयोजित समारोह में किया।
इस अवसर पर पत्रकार राकेश पोरवाल ने कहा, “किसी भी सेवा कार्य की शुरुआत निचले स्तर से होती है और यदि उद्देश्य अच्छा हो तो लोग स्वतः ही जुड़ जाते हैं।” उन्होंने कर्तव्य फाउंडेशन के इस मिशन की सराहना की और इसे लक्ष्मी का वास्तविक प्रतीक बताया जो जरूरतमंदों के लिए सहायक सिद्ध हो रहा है।
कार्यक्रम में पत्रकारिता और प्रेस फोटोग्राफी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए फाउंडेशन के जय तलेरा, तनु बाफना, यश मित्तल और नयन राय ने पत्रकार राकेश पोरवाल को शाल, श्रीफल, और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर विशेष रूप से नीरज बरमेचा, आयुष कसेरा, गुरनाम सिंह डंग, सविता तिवारी, सीमा बोथरा और रवि बोथरा का भी सम्मान किया गया।
कार्यक्रम का संचालन जय तलेरा ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन तनु बाफना ने किया।
PM Narendra Modi Diwali 2024: प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार 11वीं बार जवानों के बीच मनाई दिवाली, कच्छ में बीएसएफ, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जवानों संग बिताए खास पल
नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। PM Narendra Modi Diwali 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल भी अपनी परंपरा को कायम रखते हुए दिवाली जवानों के बीच मनाई। इस बार वे गुजरात के कच्छ पहुंचे, जहां बीएसएफ, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जवानों के साथ इस खास अवसर को साझा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi in Diwali) ने जवानों को मिठाई बांटी और उनके साथ उत्सव मनाया। यह लगातार 11वां वर्ष है जब प्रधानमंत्री ने जवानों के साथ दिवाली मनाई है, उनके इस कदम ने सैनिकों (Indian Army) के बीच आत्मीयता का विशेष संचार किया है। पीएम मोदी पिछले 11 सालों से हर दिवाली के मौके को खास बना देते हैं. एक-दो बार छोड़ दें तो बीते 8-10 सालों में पीएम मोदी का दीपावली त्यौहार दिल्ली से दूर ही मनता है। पीएम मोदी ने थल, जल और वायु तीनों सेनाओं को कच्छ से बड़ा संदेश दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की कच्छ के क्रीक क्षेत्र में लक्की नाला में बीएसएफ, सेना, नौसेना और वायु सेना के हमारे बहादुर कर्मियों के साथ दिवाली मनाकर खुशी हुई। यह क्षेत्र चुनौतीपूर्ण भी है और दुर्गम भी। दिन अत्यधिक गर्म होते हैं और ठंड भी पड़ती है। क्रीक क्षेत्र में अन्य पर्यावरणीय चुनौतियाँ भी हैं। हमारे सुरक्षाकर्मी दुर्गम स्थानों पर भी डटे रहते हैं और हमारी रक्षा करते हैं। हमें उन पर बहुत गर्व है। हमारा संकल्प है नेशन फर्स्ट, भारतीय सेना के जवानों के बीच दिवाली मनाता हूं तो मेरी दिवाली की मिठास कई गुना बढ़ जाती है। दुश्मन जब भारतीय सेना को देखता है तो उसे उसके मंसूबों का अंत दिखता है। इस दौरान महिला सैनिक जवानों ने पीएम के सामने देशभक्ति गीत भी प्रस्तुत किए। मोदी ने सभी को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए, अपने हाथों से मिठाई खिलाई।
मोदी की यह विशेष परंपरा 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से जारी है, जब वे पहली बार सियाचिन पहुंचे थे। जानिए कब और कहां गए मोदी –
1. 2014 – प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी पहली बार सियाचिन पहुंचे और वहां तैनात जवानों के साथ दिवाली मनाई। उन्होंने जवानों को मिठाई खिलाई और उनका हौसला बढ़ाया।
2. 2015 – इस वर्ष प्रधानमंत्री मोदी अमृतसर में जवानों के साथ दिवाली मनाने पहुंचे थे। उन्होंने जवानों को मिठाई खिलाई और भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस की सराहना की।
3. 2016 – पीएम मोदी ने लगातार तीसरे साल हिमाचल प्रदेश में चीन बॉर्डर के पास ITBP के जवानों के बीच दिवाली का जश्न मनाया। उन्होंने सीमावर्ती इलाके में तैनात जवानों को मिठाई खिलाकर उनका उत्साहवर्धन किया।
4. 2017 – इस वर्ष मोदी जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर पहुंचे और वहां सैनिकों के साथ दिवाली मनाई। यह दौर उन सैनिकों के लिए एक यादगार पल बन गया, जिन्होंने प्रधानमंत्री को अपने साथ पाया।
5. 2018 – मोदी दिवाली के मौके पर उत्तराखंड के केदारनाथ पहुंचे और वहां के हरशिल गाँव के निकट तैनात भारतीय सशस्त्र बल और ITBP के जवानों के साथ दिवाली मनाई।
6. 2019 – प्रधानमंत्री इस साल जम्मू-कश्मीर के राजौरी क्षेत्र पहुंचे और LoC पर तैनात सैनिकों के साथ दिवाली मनाई। उन्होंने सीमा की रक्षा में जुटे जवानों के साहस की सराहना की।
7. 2020 – इस बार पीएम मोदी राजस्थान के जैसलमेर के लोंगेवाला पोस्ट पर तैनात सैनिकों के बीच दिवाली मनाने पहुंचे। उन्होंने जवानों को मिठाई खिलाई और भारतीय सीमा की सुरक्षा को लेकर उनकी भूमिका की प्रशंसा की।
8. 2021 – प्रधानमंत्री मोदी जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि वे एक प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि सैनिकों के परिवार के सदस्य के तौर पर आए हैं।
9. 2022 – मोदी इस वर्ष कारगिल में सैनिकों के साथ दिवाली मनाने पहुंचे। उन्होंने कारगिल युद्ध में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और वर्तमान में सीमा पर तैनात जवानों के साथ यह पर्व मनाया।
10. 2023 – इस साल प्रधानमंत्री हिमाचल प्रदेश के लेपचा पहुंचे और वहां जवानों के साथ दिवाली का जश्न मनाया।
11. 2024 – प्रधानमंत्री ने गुजरात के कच्छ में बीएसएफ, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जवानों के साथ दिवाली मनाई। उन्होंने जवानों को मिठाई खिलाई और उनके साथ बातचीत कर देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इन दौरों से न केवल सैनिकों का मनोबल बढ़ाया है, बल्कि देशवासियों को एकता, सुरक्षा और देशभक्ति के प्रति सजग रहने का संदेश भी दिया है। उनके इस विशेष प्रयास ने हर वर्ष जवानों को नई ऊर्जा दी है और देश के नागरिकों को गर्व का अनुभव कराया है।
MP News: मध्यप्रदेश के इस शहर में मुर्दे नहीं दीपक जलाते है; दिवाली पर फुलझड़ियों व रंगोलियों से सजता है श्मशान, जानिए क्या है वजह
रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। MP News: मध्यप्रदेश के रतलाम में दिवाली से एक दिन पहले श्मशान दीपक से जगमगाते हुए दिखेगा। यहां रंगोलियां बनाई जाती है, आतिशबाजियां होती है। आमतौर पर श्मशान में जाने से लोग कतराते है, वो भी किसी खास त्योहार वाले दिन। लेकिन यहां इसके बिल्कुल उल्टा है। शहर का प्रसिद्ध त्रिवेणी मुक्तिधाम बुधवार शाम को दीपदान के आयोजन से जगमगा उठा। पूरे परिसर को रंगोली और दीपों से सजाया गया, जहां बच्चों ने फुलझड़ियां जलाकर और लोगों ने आतिशबाजी करके इस विशेष मौके को मनाया। महिलाओं ने ढोल की थाप पर पारंपरिक नृत्य कर माहौल को उल्लासमय बना दिया। त्रिवेणी मुक्तिधाम के अलावा शहर के भक्तन की बावड़ी और जवाहर नगर मुक्तिधाम में भी दीपों का यह उजाला देखने को मिला।
आयोजन को करने वाले संस्था के प्रमुख सदस्य गोपाल सोनी ने बताया, “दीपावली का यह 5 दिवसीय पर्व न केवल हमारे घर-आंगन को रोशन करता है, बल्कि पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का भी एक माध्यम है। हम मुक्तिधाम में दीप जलाकर, रंगोली सजाकर, और आतिशबाजी कर पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते हैं। इससे हम यह प्रार्थना करते हैं कि यदि हमारे पूर्वज अंधकार में हों, तो वे प्रकाश की ओर जाएं।” सोनी के अनुसार, इस परंपरा का आरंभ 2006 में हुआ था, और अब यह हर वर्ष बड़े उत्साह से मनाई जाती है।
मोनिका शर्मा, जो अपने परिवार के साथ इस अवसर पर आईं, ने बताया, “पहले मुक्तिधाम में आने से लोग हिचकते थे, लेकिन अब यह परंपरा का हिस्सा बन गया है और सभी लोग इसमें शामिल होकर दीपदान करते हैं।” इस आयोजन का धार्मिक महत्व भी है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर किए जाने वाले इस दीपदान का उद्देश्य यमराज से यमयातना से मुक्ति प्राप्त करना है। गोपाल सोनी ने बताया, “नरक चतुर्दशी के इस दिन यमराज को दीपदान करने का विधान है, जिससे हमारे पूर्वजों को शांति प्राप्त होती है।
माना जाता है कि राजा बलि ने इस दिन का वरदान मांगा था कि जो व्यक्ति इस दिन यमराज को दीपदान करेगा, वह दुखों से मुक्त रहेगा।” पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्वजों की प्रसन्नता से देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और पितृदोष भी समाप्त हो जाता है। रतलाम में इस अद्वितीय आयोजन ने न केवल पूर्वजों की स्मृति को जीवित रखा है बल्कि समाज में आस्था और परंपरा के महत्व को भी उजागर किया है।