गौरक्षा विभाग ने की मांग – जिस थाना क्षेत्र में हो तस्करी, वहां थाना प्रभारी हो निलंबित!
पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। विश्व हिंदू परिषद के गौरक्षा विभाग द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। यह ज्ञापन प्रदेश में लगातार बढ़ती जा रही गौवंश तस्करी की रोकथाम के लिए दिया गया। सोमवार सुबह विहिप बजरंगदल के कार्यकर्ता नवीन कलेक्टर ऑफिस रतलाम में एकत्रित हुए और जमकर नारेबाजी की। नारेबाजी के बाद ज्ञापन वहां उपस्थित नायब तहसीलदार को सौंपा गया।
इस दौरान प्रांत गौ रक्षा प्रमुख जगदीश धाकड़, विभाग सहमंत्री पवन बंजारा, विभाग संयोजक विनोद शर्मा, विभाग गौरक्षा प्रमुख नटवर सिंह, विभाग सामाजिक समरसता प्रमुख राहुल सोनी, जिला उपाध्यक्ष राधेश्याम रावल, जिला उपाध्यक्ष रवि निंदाने, जिला मंत्री गौरव शर्मा, जिला संयोजक मुकेश व्यास, सह संयोजक आशु टांक, गौरक्षा प्रमुख योगेश चौहान, सहगौरक्षा प्रमुख दीपक प्रजापत, जिला कोषाध्यक्ष शंकर सिंह, जिला सहमंत्री पवन देवड़ा, अक्षय गोमे, जिला सामाजिक समरसता प्रमुख मनोज पंवार, जिला सेवा प्रमुख अनिल रौतेला, लखन बरगुंडा, जिला साप्ताहिक मिलन प्रमुख सुनील राठौड़, हीरालाल सीरवी व अन्य प्रखंड के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे।
ज्ञापन में रखी यह मांगे
विहिप द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया की प्रदेश में गोवंश तस्करी बंद हो, पशु बाजार बंद किए जाए। यदि मेले की चिट्ठी पर गोवंश नियम विरुद्ध भरा हो तो मेला समिति पर गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएं। आबकारी के नियम जैसे नियम विरुद्ध गोवंश परिवहन पर वहन राजसात अनिवार्य करें।
जिस थाना क्षेत्र में गो तस्करी होती हैं तो थाना प्रभारी को निलंबित किया जावे। एक से अधिक बार वाहन गो तस्करी करते पकड़े जाने पर रासुका के तहत प्रकरण दर्ज किया जावे।1962 संजीवनी पशु एंबुलेंस को गोवंश के लिए 150 रुपए शुल्क से मुक्त रखा जावे। खेत की मेड़ पर लगने वाली झटका मशीन पर प्रतिबंध लगाया जावे। गो तस्करी रोकने में बलिदान या अंग विहीन होने पर गो भक्तों को गौ सेवक सम्मान दिया जाए। परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी दी जाए। गौशालाओं को भूमि आवंटन प्रक्रिया सरल कर तुरंत भूमि आवंटित की जाए। गौशालाओं को 5 हॉर्स पावर का विद्युत कनेक्शन मुक्त दिया जाए,जनभागीदारी से गौशालाओं में निर्माण कार्य की अनुमति हो। स्वयंसेवी संस्थाओं को मनरेगा से मजदूर (सेवक) दिया जावे। गोचर भूमि अतिक्रमण मुक्त की जावे। गौशालाओं द्वारा निर्मित वर्मी कंपोस्ट, किट नियंत्रक, को फर्टिलाइजर्स एक्ट से बाहर किया जाए। गौशालाओं द्वारा निर्मित वर्मी कंपोस्ट, किट नियंत्रक को शासन खरीद कर सहकारी संस्थाओं के माध्यम से बिक्री करें। गो उत्पाद को टैक्स मुक्त किया जाएं। पशु जांच चौकिया स्थापित की जाए। गो समाधि स्थल का चयन कर सुरक्षित की जाए। प्रदेश में नवनिर्मित मनरेगा गौशाला को पूर्ण कर गोवंश रखा जाए ताकि बारिश में गोवंश सुरक्षित रह सके। प्रत्येक गोपालक जो की घर में गौ माता की सेवा करता है। उसे प्रति गाय के हिसाब से प्रति माह 1200 रुपए गो वंदन राशि दी जाए।