Mahashivratri 2025: पति-पत्नी एक साथ करें शिव-पार्वती की पूजा, सुहाग सामग्री का करें दान  

नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि 2025 का पर्व 26 फरवरी, बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन शिव-पार्वती की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पति-पत्नी को एक साथ शिव-पार्वती की पूजा करनी चाहिए। इससे आपसी प्रेम और तालमेल बढ़ता है।  

महाशिवरात्रि 2025 का महत्व  

महाशिवरात्रि भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का पावन पर्व है। इस दिन शिवलिंग का पूजन, अभिषेक और मंत्र जप करने से विशेष फल प्राप्त होता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, महाशिवरात्रि पर घर में सुख-समृद्धि और शांति के लिए शिव-पार्वती की पूजा करनी चाहिए। पूजा में ऊँ उमा महेश्वराय नमः मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।  

महाशिवरात्रि पर पति-पत्नी को क्यों करनी चाहिए एक साथ पूजा  

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पति-पत्नी को एक साथ पूजा-पाठ, तीर्थ यात्रा और अन्य धार्मिक कार्य करने चाहिए। इससे दांपत्य जीवन में सामंजस्य बढ़ता है और रिश्ते में मधुरता बनी रहती है। आपसी विवाद और मतभेद की संभावनाएं कम हो जाती हैं। पूजा के दौरान समर्पण भाव जाग्रत होता है, जिससे रिश्ते मजबूत होते हैं।  

महाशिवरात्रि पर महामृत्युंजय मंत्र का जप करें  

महाशिवरात्रि के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है। इससे भय, चिंता और नकारात्मकता दूर होती है।  

महामृत्युंजय मंत्र:  

ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।  

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।  

शिव जी की सरल पूजा विधि  

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।  

किसी शिव मंदिर जाएं और शिवलिंग पर जल अर्पित करें।  

जल चढ़ाते समय ऊँ नमः शिवाय, ऊँ महेश्वराय नमः, ऊँ रुद्राय नमः मंत्रों का जाप करें।  

चंदन, फूल, धतूरा, बेलपत्र, चावल और प्रसाद अर्पित करें।  

घी का दीपक जलाएं और शिवजी की आरती करें।  

आधी परिक्रमा करें और भक्तों में प्रसाद बांटें।  

घर पर भी विधि-विधान से शिव पूजा कर सकते हैं।  

महाशिवरात्रि पर दान-पुण्य का महत्व  

इस दिन सुहागिन महिलाओं को सुहाग सामग्री जैसे लाल साड़ी, लाल चुनरी, कुमकुम, चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर, आभूषण आदि दान करना शुभ माना जाता है।  

गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।  

ग्रहों का विशेष संयोग: महाशिवरात्रि 2025  

इस वर्ष महाशिवरात्रि के दिन सूर्य, बुध और शनि कुंभ राशि में एक साथ स्थित रहेंगे। यह दुर्लभ योग 1965 के बाद पहली बार बन रहा है। ऐसे संयोग में शिव पूजा करने से विशेष फल मिलता है और कुंडली दोष शांत होते हैं।  

महाशिवरात्रि पर 12 ज्योतिर्लिंग दर्शन का महत्व  

जो लोग किसी ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं कर सकते, वे घर पर ही भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। शिवपुराण में वर्णित 12 ज्योतिर्लिंगों का नाम स्मरण करने से भी पुण्य लाभ मिलता है।  

(ध्यान दें: यह लेख धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, जिसका उद्देश्य जानकारी देना है। किसी भी पूजा-पद्धति को अपनाने से पहले अपने गुरु या विशेषज्ञ से सलाह लें।)