पटाखों पर बैन नहीं : सोशल मीडिया के ज्ञान ने मचाया रतलाम के व्यवसायियों में हड़कंप, जानिए पूरी खबर

केवल बच्चे नहीं बड़े भी जलाते है क्रेकर्स! – सुप्रीम कोर्ट

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। भारत में पटाखों की बिक्री, खरीद और उपयोग पर बेन यानी प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। इसी बीच रतलाम में पटाखा व्यवसायियों में हड़कंप मच गया। जब एक सोशल मिडिया इंस्टाग्राम पेज ने भ्रामक जानकारी प्रसारित कर दी। सोशल मीडिया के अधूरे ज्ञान और अपुष्ट खबरे अब कई लोगों की मुश्किलें बन चुकी है। कई व्यापारियों ने इस भ्रामक खबर के बाद ऑर्डर भी केंसल करवा दिए। पब्लिक वार्ता ने जब इस खबर की पड़ताल की तो मालूम हुआ की सुप्रीम कोर्ट ने कुछ और ही कहा।
पटाखा जलाने पर बैन को लेकर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पर्यावरण की चिंता करना केवल कोर्ट का काम नहीं हैं। यह गलत धारणा है कि पर्यावरण की चिन्ता केवल कोर्ट को होनी चाहिए। वहीं, जस्टिस सुंदरेश ने कहा कि आजकल केवल बच्चे ही क्रैकर्स नहीं जलाते, आजकल तो बड़े लोग भी पटाखा जलाते हैं।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर रोक लगाने के लिए कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पटाखों के उपयोग पर पूर्व में जारी आदेश को लागू किया जाए। आपको बता दे सुप्रीम कोर्ट ने पहले त्योहारों और विशेष अवसरों के दौरान पटाखे फोड़ने के लिए एक विशेष समय और प्रकार के दिशानिर्देश दिए थे। यह निर्देश दिल्ली में बढ़ते प्रदुषण को लेकर थे। कोर्ट के अनुसार यह निर्देश केवल दिल्ली एनसीआर के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए थे जो अब भी लागू रहेंगे। बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण राजस्थान के उदयपुर में दिवाली त्योहार के दौरान पटाखे फोड़ने पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने आज कोई भी निर्देश पारित करने से इनकार कर दिया और कहा कि राजस्थान सहित सभी राज्यों को वायु और ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए पटाखे फोड़ने पर पहले के आदेश को लागू करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध केवल त्योहारों के दौरान ही नहीं बल्कि पूरे साल भर लगाया जाना चाहिए।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम राज्यों को उचित कदम उठाने का निर्देश दे सकते हैं।