RRB Vacancy 2024: 5154 पद बढ़े, 2 अक्टूबर से फिर से आवेदन का मौका, जानें पूरी डिटेल्स

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क । RRB VACANCY 2024: रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) ने टेक्नीशियन भर्ती में बंपर पदों की बढ़ोतरी की है। अब कुल 14298 पदों पर भर्तियां होंगी, जो पहले 9144 थी। इस भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन की विंडो 2 अक्टूबर से 16 अक्टूबर 2024 तक दोबारा खोली जाएगी। नए उम्मीदवार आवेदन कर सकेंगे, और जिन्होंने पहले से आवेदन किया है, उन्हें अपने आवेदन में करेक्शन का भी मौका मिलेगा।

2 अक्टूबर से आवेदन और करेक्शन का मौका
इस विंडो के दौरान उम्मीदवार अपनी पसंद की कैटेगरी में बदलाव कर सकते हैं और फोटो, हस्ताक्षर समेत अन्य जानकारियों में भी सुधार कर सकेंगे। मौजूदा उम्मीदवारों को किसी नए आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी, जबकि नए उम्मीदवार कैटेगरी 2 से 40 के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं।

करेक्शन के लिए आरआरबी ने जारी किए नियम:
– मौजूदा उम्मीदवार, जिन्होंने किसी भी कैटेगरी में आवेदन किया है और फीस का भुगतान किया है, वे बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के करेक्शन कर सकते हैं।
– मौजूदा उम्मीदवार शैक्षणिक योग्यता, फोटो/हस्ताक्षर और पोस्ट प्रेफरेंस में बदलाव कर सकते हैं।
– नए उम्मीदवार वही माने जाएंगे, जिन्होंने फीस का भुगतान नहीं किया है या नए कैटेगरी में आवेदन करना चाहते हैं।

RRB टेक्नीशियन भर्ती में परीक्षा पैटर्न
इस बार टेक्नीशियन भर्ती के लिए केवल एक चरण में सीबीटी (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) होगा। परीक्षा में 90 मिनट में 100 प्रश्न पूछे जाएंगे। सामान्य वर्ग के लिए 40%, ओबीसी और एससी के लिए 30%, और एसटी के लिए 25% न्यूनतम अंक आवश्यक होंगे।

प्रमुख विषयों में शामिल होंगे:
– जनरल अवेयरनेस: 10 प्रश्न
– जनरल इंटेलिजेंस एंड रीजनिंग: 15 प्रश्न
– बेसिक कंप्यूटर और एप्लीकेशंस: 20 प्रश्न
– मैथ्स: 20 प्रश्न
– बेसिक साइंस और इंजीनियरिंग: 35 प्रश्न

नेगेटिव मार्किंग का ध्यान रखें
प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक काटे जाएंगे, इसलिए सावधानी से उत्तर दें।

आरआरबी टेक्नीशियन भर्ती 2024 में 5154 नए पद जोड़े गए हैं, जिससे कुल पदों की संख्या 14298 हो गई है। अगर आप रेलवे में करियर बनाने का सपना देख रहे हैं, तो यह सुनहरा मौका है। आवेदन की विंडो 2 अक्टूबर से खुलेगी, इसलिए तैयारी में जुट जाएं और समय रहते आवेदन करें।

Festival Special Train: त्योहारों पर रेलवे चलाएगा 500 से अधिक स्पेशल ट्रेन, भीड़ से बचने के लिए पहले कर ले ये काम

1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक 6,000 से अधिक फेरे चलाने वाली 519 फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों का होगा संचालन, पश्चिम रेलवे चलाएगा 86 स्पेशल ट्रेनें।

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Festival Special Train: दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पूजा के त्योहारी सीजन में यात्रियों की सुगम आवाजाही के लिए भारतीय रेलवे Indian Railways) ने 1 अक्टूबर से 30 नवंबर 2024 तक 6,000 से अधिक फेरे चलाने वाली 519 फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया है। रेलवे द्वारा हर साल त्योहारों के अवसर पर विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाता है, लेकिन इस बार बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए ट्रेनों की संख्या में भारी वृद्धि की गई है।

1. कुल 519 फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें: भारतीय रेलवे द्वारा इस बार 519 स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाएगा, जो पूरे देश में यात्रियों की यात्रा को सुगम बनाएगी।
  
2. 6,000 से अधिक फेरे: ये स्पेशल ट्रेनें 6,000 से अधिक फेरे लगाएंगी, जिससे लाखों यात्री अपने गंतव्यों तक आसानी से पहुंच सकेंगे।

3. पश्चिम रेलवे में यह सुविधा:
    – 86 स्पेशल ट्रेनें: पश्चिम रेलवे (western railways) ने 86 फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की है।
    – 1,380 से अधिक फेरे: इन ट्रेनों द्वारा कुल 1,382 फेरे लगाए जाएंगे, जो पूरे भारतीय रेलवे में सबसे अधिक हैं।
    – मुंबई और सूरत से प्रमुख संचालन: मुंबई और सूरत/उधना से 14 जोड़ी ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा सूरत से होकर 20 अन्य स्पेशल ट्रेनें भी गुजरेंगी।
   
4. उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों के लिए विशेष ध्यान: त्योहारों के दौरान सबसे अधिक भीड़ उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर भारत और उत्तर-पूर्व के राज्यों की ओर बढ़ती है। रेलवे ने इन गंतव्यों के लिए अधिक ट्रेनों का संचालन सुनिश्चित किया है।

5. विशेष ट्रेनों की सूची (List Of Special Train):
    – मुंबई सेंट्रल, बांद्रा टर्मिनस, सूरत, अहमदाबाद, वडोदरा, राजकोट, वापी और इंदौर से विभिन्न गंतव्यों के लिए विशेष ट्रेनें चल रही हैं।
    – अहमदाबाद से चलने वाली ट्रेनें उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल की ओर प्रमुख गंतव्यों के लिए यात्रा करेंगी।
 
पश्चिम रेलवे द्वारा संचालित प्रमुख ट्रेनें:
– मुंबई से देश के प्रमुख गंतव्यों तक: मुंबई से उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य प्रमुख राज्यों तक यात्रियों के लिए विशेष ट्रेनें संचालित हो रही हैं।
– सूरत/उधना से अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन: सूरत/उधना से 8 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, ताकि वहां के यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।

पिछले साल की तुलना में वृद्धि:
– पिछले साल भारतीय रेलवे ने कुल 4,429 फेरे लगाए थे। इस वर्ष इसमें भारी वृद्धि की गई है और कुल 6,000 फेरे लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
 
यात्रियों के लिए सलाह:
– चूंकि त्योहारों के दौरान यात्रियों की संख्या अधिक होती है, इसलिए यात्रा की योजना पहले से बना लेना और समय रहते टिकट बुक करना आवश्यक है।
– टिकट की बुकिंग IRCTC की वेबसाइट और रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध है।
 
भारतीय रेलवे द्वारा इस वर्ष फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों की संख्या में वृद्धि यात्रियों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए की गई है। ये ट्रेनें यात्रियों को दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पूजा के अवसर पर उनके गंतव्य तक आरामदायक और सुविधाजनक यात्रा प्रदान करेंगी। यात्रा की योजना और ट्रेन की समय सारणी की जानकारी रेलवे की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर उपलब्ध है।

AIR TRAIN: दिल्ली एयरपोर्ट पर चलेगी देश की पहली एयर ट्रेन, यात्रियों को मिलेगी बड़ी राहत

नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Air Train in Delhi:  दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर यात्रियों के लिए जल्द ही एक नई और अत्याधुनिक सुविधा उपलब्ध होने वाली है। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने घोषणा की है कि एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 से टर्मिनल 2 और 3 के बीच अब देश की पहली एयर ट्रेन चलाई जाएगी। यह ऑटोमेटेड पीपल मूवर (APM) सिस्टम, यात्रियों को जाम और समय की कमी से बचाने के उद्देश्य से लाया जा रहा है, ताकि यात्री टर्मिनलों के बीच फ्री में सफर कर सकें और उनकी फ्लाइट छूटने का खतरा न रहे।

क्या है एयर ट्रेन की खासियत?
दिल्ली एयरपोर्ट पर आने वाले लाखों यात्रियों के लिए यह एक बड़ी राहत साबित होगी। इस नई *एयर ट्रेन* का मुख्य उद्देश्य टर्मिनलों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाना है, जिससे यात्रियों को टर्मिनल 1 से टर्मिनल 2 या 3 पर पहुंचने में लगने वाले समय और जाम की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

APM की मुख्य विशेषताएं:
– ऑटोमेटेड सिस्टम: यह एयर ट्रेन पूरी तरह से ऑटोमेटेड होगी, यानी इसे चलाने के लिए किसी मैन्युअल ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं होगी।
– एलिवेटेड ट्रैक: एयर ट्रेन का ट्रैक *एलिवेटेड* होगा, जिससे सड़क यातायात से कोई बाधा नहीं होगी।
– फ्री यात्रा: यात्रियों के लिए इस एयर ट्रेन में सफर मुफ्त होगा, जो टर्मिनलों के बीच तेजी से आवाजाही में सहायक साबित होगी।
   एयर ट्रेन की लॉन्चिंग और निर्माण
इस प्रोजेक्ट के लिए *डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण मॉडल* के आधार पर कार्य किया जाएगा। DIAL ने इसके लिए पहले ही टेंडर जारी कर दिए हैं और आने वाले महीनों में इस परियोजना पर तेजी से काम शुरू हो सकता है।

IGI एयरपोर्ट: देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा
इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है, जहां रोज़ाना हजारों यात्री घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए आते-जाते हैं। तीन टर्मिनलों वाले इस एयरपोर्ट पर यातायात में बढ़ोतरी के कारण टर्मिनल 1 और 2/3 के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की ज़रूरत महसूस की जा रही थी। एयर ट्रेन के माध्यम से यह समस्या काफी हद तक हल हो जाएगी।

इस नई सुविधा से यात्रियों का सफर और भी सुगम और तेज़ हो जाएगा। दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर ट्रेन के आने से यातायात का दबाव कम होगा और यात्रियों के लिए समय की बचत भी होगी।

कुछ ऐसी दिखाई देगी एयर ट्रेन

IRCTC & Indian Railways: पटरी पर दौड़ता लग्जरी होटल है यह ट्रेन, चोंका देगी “गर्वी गुजरात” की यात्री सुविधाएं!, जानिए कब से होगी शुरू

अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस है IRCTC की ये टूरिस्ट ट्रेन, शॉवर, क्यूबिकल्स, सेंसर-आधारित वॉशरूम, और फुट मसाजर जैसी सुविधाएं, गुजरात के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों की कराएगी सेर.

नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। भारतीय रेल, पर्यटन को एक नई दिशा देने के उद्देश्य से लगातार नई पहल कर रही है। इसी कड़ी में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) द्वारा “गर्वी गुजरात” भारत गौरव डीलक्स एसी टूरिस्ट ट्रेन (GARVI GUJARAT TRAIN) का संचालन 1 अक्टूबर 2024 से किया जाएगा। इस खास ट्रेन का उद्देश्य पर्यटकों को गुजरात के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों से परिचित कराना है। इस ट्रेन में पहली बार वडनगर को भी शामिल किया गया है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृहनगर भी है।

“गर्वी गुजरात” ट्रेन की शुरुआत दिल्ली रेलवे स्टेशन से होगी। अगर आप बुकिंग करवाते है और दिल्ली नहीं पहुंच सकते तो सफदरजंग, गुड़गांव, रेवाड़ी, रींगस, फुलेरा, अजमेर रेलवे स्टेशन से आप इस ट्रेन में चढ़ सकते है और गुजरात की अपनी यात्रा पर निकल सकते है। जिसके बाद ट्रेन का स्टॉपेज अहमदाबाद, मोढेरा, पाटन, वडनगर, वडोदरा, केवड़िया, वेरावल (सोमनाथ),  दीव, द्वारका रहेगा। द्वारका के बाद ट्रेन वापस दिल्ली के लिए रवाना हो जाएगी। इसके किराए से जुड़ी जानकारी फिलहाल रेलवे ने नहीं दी है। IRCTC की वेबसाइट या हेल्पलाइन से आप बाकी अन्य जानकारी ले सकते है।

ऐसा है ट्रेन में बना फ़ूड रेस्टोरेंट

ट्रेन की सुविधाएं और प्रमुख आकर्षण
“गर्वी गुजरात” भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, जिसमें एसी-1, एसी-2 और एसी-3 श्रेणी के कोच हैं। कुल 150 पर्यटक इस ट्रेन में सफर कर सकेंगे। यात्रियों के लिए खानपान की व्यवस्था दो डाइनिंग रेस्टोरेंट्स और एक आधुनिक रसोई में की जाएगी। सुरक्षा के लिहाज से सभी कोचों में सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं। इस ट्रेन में शॉवर क्यूबिकल्स, सेंसर-आधारित वॉशरूम, और फुट मसाजर जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।

गुजरात के प्रमुख स्थलों का दौरा
ट्रेन की यात्रा का कुल समय 10 दिनों का है, जिसमें पर्यटक गुजरात के प्रमुख धार्मिक और विरासत स्थलों का दौरा करेंगे। अहमदाबाद में पर्यटक साबरमती आश्रम और अक्षरधाम मंदिर का दौरा करेंगे। इसके बाद मोढेरा सूर्य मंदिर, रानी की वाव, और सहस्त्रलिंग तालाब जैसे ऐतिहासिक स्थानों का भ्रमण किया जाएगा। वडनगर में कीर्ति तोरण, हाटकेश्वर मंदिर और शर्मिष्ठा झील जैसे दर्शनीय स्थल ट्रेन की यात्रा के प्रमुख आकर्षण होंगे। इसके साथ ही वडनगर रेलवे स्टेशन भी पर्यटकों को दिखाया जाएगा। पावागढ़ में महाकाली मंदिर (Pavagadh) और यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त चंपानेर पावागढ़ पुरातत्व पार्क भी यात्रा का हिस्सा होंगे।

अन्य धार्मिक स्थल
ट्रेन की यात्रा में द्वारकाधीश मंदिर (Dwarka), नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, सोमनाथ मंदिर (Somnath Jyotirling), और दीव किला भी शामिल हैं। केवडिया में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ और लेजर शो भी पर्यटकों को दिखाया जाएगा। यह ट्रेन लगभग 3,500 किलोमीटर का सफर तय करेगी और 10वें दिन दिल्ली लौट आएगी।

फूल ऐसी ट्रेन है गर्वी गुजरात, 10 दिनों का रहेगा सफर

भारत गौरव ट्रेनों का संचालन
भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेनें भारतीय रेल द्वारा शुरू की गई एक खास पहल है, जिसका उद्देश्य देश के धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों का प्रचार-प्रसार करना है। देश भर में अब तक 24 राज्यों में 180 से अधिक भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेनों का संचालन किया जा चुका है, जिनमें 80,000 से अधिक यात्री सफर कर चुके हैं।

भारतीय रेलवे में KAVACH 4.0: नई सुरक्षा प्रणाली कवच से ट्रेनों की रफ्तार और सुरक्षा में होगा बड़ा सुधार

सिग्नल पासिंग, ओवरस्पीड और अन्य सुरक्षा परीक्षण सफल, कवच 4.0 (Kavach 4.0) एक स्वचालित ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) प्रणाली है, कवच 4.0 सिस्टम ट्रेन की गति पर नजर रखता है।

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। भारतीय रेलवे ने देश के सबसे व्यस्त रेल मार्गों में से एक, दिल्ली-मुंबई रूट पर कवच 4.0 (Kavach 4.0) प्रणाली का सफल परीक्षण और इंस्टॉलेशन कर लिया है। इस नई स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली से न केवल ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी, बल्कि सुरक्षा भी मजबूत होगी।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में सवाई माधोपुर से इंदरगढ़ सुमेरगंज मंडी सेक्शन के बीच इसका ट्रायल सफल रहा, जिससे 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनों का संचालन संभव हो सकेगा। ट्रायल के दौरान सिग्नल पासिंग, ओवरस्पीड और अन्य सुरक्षा परीक्षण सफल रहे। रेलवे के इस मिशन रफ्तार के तहत 545 किमी ट्रैक पर कवच प्रणाली लागू की जा रही है, जो ट्रेन सुरक्षा में एक बड़ा कदम है।

क्या है कवच 4.0?
कवच 4.0 एक स्वचालित ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) प्रणाली है, जिसे भारतीय रेलवे ने स्वदेशी रूप से विकसित किया है। इसका उद्देश्य ट्रेनों के बीच संभावित टकराव की स्थिति को रोकना और लोको पायलट की गलतियों से होने वाली दुर्घटनाओं को कम करना है। यह तकनीक ट्रेनों को ट्रैक पर सिग्नल पासिंग, ओवरस्पीडिंग, और दुर्घटनाओं से बचाने के लिए बनाई गई है।

कैसे काम करता है कवच 4.0?
कवच 4.0 सिस्टम ट्रेन की गति पर नजर रखता है और जरूरत पड़ने पर स्वचालित रूप से ब्रेक लगाता है। अगर ट्रेन की गति निर्धारित सीमा से 2 किमी/घंटा अधिक हो जाती है, तो कवच ओवरस्पीड अलार्म जारी करता है। 5 किमी/घंटा से अधिक पर सामान्य ब्रेक और 7 किमी/घंटा से अधिक पर पूर्ण ब्रेकिंग सिस्टम एक्टिव हो जाता है। अगर 9 किमी/घंटा से ज्यादा हो जाती है, तो आपातकालीन ब्रेक स्वचालित रूप से लागू हो जाता है। यह प्रणाली विशेष रूप से लो विजिबिलिटी और कोहरे की स्थिति में भी लोको पायलट की मदद करती है।

कवच 4.0 का महत्व
– तेज रफ्तार: इस प्रणाली के जरिए दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंचाई जा सकती है।
– सुरक्षा में बढ़ोतरी: यह तकनीक ट्रेन के टकराव, सिग्नल पासिंग और अन्य दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक है।
– स्वदेशी तकनीक: भारत में निर्मित यह प्रणाली रेलवे की आत्मनिर्भरता और तकनीकी उन्नति को दर्शाती है।

पुराने और नए वर्जन में अंतर
कवच 4.0, अपने पुराने संस्करणों से अधिक उन्नत है। यह सिस्टम अधिक सटीकता के साथ काम करता है और गति की छोटी से छोटी अनियमितताओं को भी तुरंत पहचान सकता है। यह संस्करण कोहरे और अन्य प्राकृतिक बाधाओं के बावजूद ट्रेनों की सुरक्षित संचालन में मददगार साबित होता है। रेल मंत्रालय के अनुसार कवच 4.0 के इंस्टॉलेशन से भारतीय रेलवे एक और कदम सुरक्षा और गति में सुधार की दिशा में बढ़ा है। अगले वर्ष तक इस नई प्रणाली के कारण दिल्ली-मुंबई रूट पर ट्रेनों की गति 160 किमी प्रति घंटे तक बढ़ने की संभावना है, जिससे यात्रा समय में कमी आएगी और सुरक्षा स्तर भी उन्नत होगा।