रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में “मिशन वात्सल्य” के तहत किशोर न्याय अधिनियम पर आधारित एक विशेष प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बच्चों के संरक्षण और उनके सर्वोत्तम हितों को सुनिश्चित करने के लिए कानून की समझ बढ़ाना था। इस दौरान कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों के साथ किस प्रकार संवेदनशील और जिम्मेदारीपूर्ण तरीके से व्यवहार किया जाए, इस पर विशेष जोर दिया गया।
कार्यशाला का उद्घाटन जिला न्यायाधीश अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने किशोर न्याय अधिनियम के तहत उन बच्चों के साथ की जाने वाली कार्रवाई में विशेष सावधानियों के बारे में विस्तार से बताया, जो कानून का उल्लंघन करते हैं। उन्होंने कहा कि इन बच्चों के मामलों में संवेदनशीलता और मानवता के साथ काम करना आवश्यक है, ताकि उनके अधिकारों की सुरक्षा हो सके और उन्हें समाज में पुनर्वासित किया जा सके।
कर्तव्यों से परे जाकर काम करना होगा – एसपी अमित कुमार
पुलिस अधीक्षक श्री अमित कुमार ने किशोर न्याय अधिनियम की संवेदनशीलता पर प्रकाश डाला और बताया कि हमें बच्चों के सर्वोत्तम हितों को प्राथमिकता देते हुए कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें अपने सामान्य पुलिस कर्तव्यों से परे जाकर काम करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों की हर संभव मदद की जाए।” एसपी ने यह भी कहा कि पुलिस और बाल कल्याण समितियों के बीच तालमेल बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि बच्चों की देखभाल और संरक्षण के मामले में कोई चूक न हो।
छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना जरूरी – कृतिका सिंह
कार्यशाला में किशोर न्याय बोर्ड की प्रधान न्यायाधीश सुश्री कृतिका सिंह ने प्रतिभागियों को बताया कि कानून के तहत बच्चों के साथ काम करते समय छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने बताया कि किशोर न्याय अधिनियम का उद्देश्य न केवल बच्चों के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करना है, बल्कि उन्हें सही मार्ग पर लाने के लिए अवसर प्रदान करना भी है। सुश्री सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि बच्चों के मामलों में जल्दबाजी और कठोरता से बचते हुए संवेदनशीलता के साथ काम करना चाहिए।
प्रश्न मंच और समाधान
कार्यशाला के दौरान, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, स्पेशल जूवेनाइल पुलिस यूनिट और चाइल्ड हेल्पलाइन के सदस्यों ने अपनी जिज्ञासाओं को प्रश्न मंच के माध्यम से व्यक्त किया। इन प्रश्नों का समाधान जिला न्यायाधीश और अन्य विशेषज्ञों द्वारा अधिनियम के अनुसार किया गया। इस सत्र में अधिकारियों ने कानून से संबंधित कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे, जिनका उत्तर न्यायाधीशों ने स्पष्ट और व्यावहारिक ढंग से दिया।
विशेष सहयोग और उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनीश सिन्हा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाका, बाल सुरक्षा अधिकारी श्रीमती पवनकुंवर सिसोदिया सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही। इस कार्यशाला के सफल आयोजन में गिरिश दुबे (विशेष किशोर पुलिस इकाई) और श्रीमती मनीषा पाटीदार व आयुषी पोरवाल का विशेष योगदान रहा। कार्यशाला का संचालन पवनकुंवर सिसोदिया द्वारा किया गया, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम को प्रभावी और सुगम तरीके से चलाया। यह कार्यशाला रतलाम जिले के बाल कल्याण और किशोर न्याय से जुड़े अधिकारियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रही। इसने सभी प्रतिभागियों को किशोर न्याय अधिनियम के तहत बच्चों की देखभाल, संरक्षण और उनके सर्वोत्तम हितों के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को बेहतर तरीके से समझने का अवसर प्रदान किया।
Ratlam News: महिला एवं बाल विकास का “मिशन वात्सल्य”, किशोर न्याय अधिनियम पर प्रशिक्षण सहकार्यशाला का आयोजन
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