रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: मेडिकल कॉलेज रतलाम के एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) की टीम ने 600 ग्राम के अत्यंत कमजोर नवजात को नया जीवन देकर एक और मिसाल पेश की है। यह बच्चा, जिसे जन्म के तुरंत बाद गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं थीं, अब पूरी तरह स्वस्थ होकर घर जा चुका है। घर जाते वक्त डॉक्टरों को धन्यवाद देते हुए बच्चे की मां संगीता की आंखें भी भर आई। वहीं पिता वीरेंद्र ने भी रतलाम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को धन्यवाद दिया।
गंभीर स्थिति में हुआ था नवजात का जन्म
31 अगस्त 2024 को संगीता पति वीरेंद्र को उच्च रक्तचाप और पैरों में सूजन की शिकायत के चलते मेडिकल कॉलेज रतलाम में भर्ती किया गया। चिकित्सीय आपात स्थिति को देखते हुए समय से पूर्व उनकी डिलीवरी करवाई गई। जन्म के समय नवजात का वजन मात्र 600 ग्राम था और उसे सांस लेने में गंभीर परेशानी हो रही थी। पति वीरेंद्र ने बताया की जब बच्चे का जन्म हुआ तो हमने आशा छोड़ दी थी कि यह जिंदा रहेगा। मगर डॉक्टरों व अन्य स्टाफ के लोगों ने हमसे ज्यादा समय हमारे बच्चे को दिया। उसकी देखभाल की। जिससे आज 3 महीने बाद हमारा बच्चा स्वस्थ है। इसके लिए में डॉक्टरों का जीवनभर आभारी रहूंगा।

एसएनसीयू टीम ने संभाली जिम्मेदारी
नवजात को तुरंत एसएनसीयू में भर्ती किया गया, जहां बच्चे की धीमी धड़कन और सांस की समस्या के कारण वेंटिलेटर पर रखा गया। जीवनरक्षक दवाओं और विशेषज्ञ देखभाल से नवजात की स्थिति धीरे-धीरे स्थिर हुई। सात दिनों के गहन उपचार के बाद बच्चे को वेंटिलेटर से हटाया गया। हालांकि, इस दौरान उसका वजन घटकर 480 ग्राम हो गया।
कंगारू मातृ देखभाल से बढ़ाया वजन
डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने माता को “कंगारू मातृ देखभाल” के तहत बच्चे को नियमित देखभाल और उचित पोषण दिया। 93 दिनों के सतत प्रयासों और विशेषज्ञ निगरानी से बच्चे का वजन बढ़ाकर 1 किलो 200 ग्राम किया गया। कंगारू मातृ देखभाल में, नवजात बच्चे या विशेष रुप से ऐसे बच्चे जिनका जन्म समय-पूर्व होता है। उनकी देखरेख की विशेष तकनीक है, जिसमें नवजात शिशु की देखभाल उसके माता-पिता अथवा अभिभावक त्वचा से त्वचा के स्पर्श द्वारा करते हैं।
डिस्चार्ज पर परिवार ने व्यक्त किया आभार
डिस्चार्ज के समय नवजात पूरी तरह स्वस्थ था। बच्चे की मां और परिजनों ने एसएनसीयू की टीम, विशेष रूप से डॉ. देवेंद्र नरगावे, डॉ. आशीष कुमार गुप्ता, डॉ. प्राची मट्टा और नर्सिंग स्टाफ का आभार व्यक्त किया। इस दौरान डॉ. एम.एल. बर्मन ने भी समय-समय पर मार्गदर्शन किया।
एसएनसीयू टीम की सफलता
एसएनसीयू के नोडल अधिकारी डॉ. देवेंद्र नरगावे ने बताया कि यह सफलता टीम के अथक प्रयास और अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का परिणाम है। मेडिकल कॉलेज रतलाम की एसएनसीयू इकाई नवजात शिशुओं की देखभाल में एक मिसाल बनती जा रही है।