Navratri 2024: मध्यप्रदेश के गरबा पंडालों में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक, शहर काजी का फरमान – “मेले में जाना दीन-ए-इस्लाम के खिलाफ!”

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Navratri 2024: मध्यप्रदेश के रतलाम में इस वर्ष नवरात्रि के दौरान गरबा पंडालों में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर सख्त रोक लगा दी गई है। इस निर्णय के तहत कई गरबा पंडालों के प्रवेश द्वारों पर बैनर लगाए गए हैं, जिनमें गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध की सूचना दी गई है। यह कदम हिंदू संगठनों और आयोजन समितियों की सहमति से लिया गया है, जिसका उद्देश्य गरबा आयोजन को धार्मिक और सांस्कृतिक सीमाओं के भीतर सुरक्षित और मर्यादित रखना है।

मेला और गरबा से दूर रहें मुस्लिम समुदाय
शहर काजी सैयद अहमद अली ने कथित तौर पर एक लेटर जारी करते हुए मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि वे नवरात्रि के दौरान मेला और गरबा देखने से बचें और अपने घरों में रहें। उन्होंने इसे दीन-ए-इस्लाम के खिलाफ बताया और कहा कि वर्तमान माहौल को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम नौजवान, महिलाएं और बच्चे गरबा या मेले में न जाएं। काजी ने कहा, “बाजार और मेलों में जाना इस्लाम में जायज नहीं है और इसलिए हम चाहते हैं कि हमारी मां-बहनें इन गैर-धार्मिक गतिविधियों से दूर रहें।”

काजी द्वारा जारी लेटर



व्हाट्सअप के संदेश से लिया फैसला
काजी सैयद अहमद अली ने स्पष्ट किया कि उनका यह कदम रतलाम शहर के माहौल को देखते हुए नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर फैल रहे संदेशों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा, “रतलाम एक शांतिपूर्ण शहर है, लेकिन बाहर से आने वाले वॉट्सऐप संदेशों के चलते हमने यह निर्णय लिया है ताकि कोई भी अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो।” उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे प्रशासन के साथ सहयोग करें और किसी भी प्रकार की अवांछनीय गतिविधियों से बचें।

गरबा पंडालों में सुरक्षा और मर्यादित वेशभूषा पर जोर
नगर व जिले के कई प्रमुख गरबा स्थलों, जैसे मां कालिका माता मंदिर और श्री राम नवयुवक मंडल आदि में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने वाले बैनरों के साथ-साथ मर्यादित वेशभूषा की भी अपील की गई है। पंडालों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है, और सभी संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है।

पुलिस का अलर्ट मोड
रतलाम पुलिस भी नवरात्रि के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए अलर्ट मोड पर है। एसपी अमित कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। जिले में 735 स्थानों पर गरबा रास का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें से 28 स्थानों को संवेदनशील घोषित किया गया है। पुलिस द्वारा इन स्थानों पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है ताकि धार्मिक आयोजन बिना किसी विघ्न के संपन्न हो सके।

Ratlam News:  लक्ष्मी नगर में होगा भव्य गरबा आयोजन, लकी ड्रा में होंगे आकर्षक उपहार

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: शहर ने लक्ष्मी नगर स्थित मां अंबे माता मंदिर में इस वर्ष का नवरात्रि महोत्सव बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। माँ अम्बे नवयुवक मंडल द्वारा आयोजित यह नौ दिवसीय गरबा महोत्सव 3 अक्टूबर, गुरुवार से प्रारंभ होकर 11 अक्टूबर तक चलेगा। हर दिन भव्य महाआरती का आयोजन रात 8:30 बजे होगा, जिसके बाद रात 9 बजे से गरबा उत्सव की शुरुआत की जाएगी।

इस महोत्सव में गरबा खेलने वाली सभी बालिकाओं के लिए कार्ड लगाना अनिवार्य किया गया है। साथ ही, पंचमी, छठ, सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिनों में लकी ड्रॉ का आयोजन होगा, जिसमें मिक्सर, माइक्रो ओवन, 32 इंच स्मार्ट टीवी, वाशिंग मशीन और फ्रिज जैसे आकर्षक इनाम दिए जाएंगे। प्रतिदिन की आरती और महाप्रसादी के बाद भक्तों और गरबा प्रेमियों को इस धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव में भाग लेने के लिए सादर आमंत्रित किया गया है।

शारदीय नवरात्रि 2023 : चुनावी माहौल के बीच 130 से अधिक स्थानों पर होगी मां की आराधना, पुलिस व प्रशासन की तैयारियां पूरी

जानिए किस शुभ मुहूर्त में व कैसे होगी घट स्थापना, केवल 48 मिनट का है अभिजीत मुहूर्त!

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। साल में 4 बार नवरात्रि आते है, जिसमें शारदीय, चैत्र नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि होते हैं। इस साल शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर रविवार से आरंभ हो रही हैं। नवरात्रि में पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही हर साल नवरात्रि में मां दुर्गा अलग- अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं। जिसका विशेष महत्व होता है। इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। हाथी की सवारी पूरे साल अच्छी बारिश का प्रतीक मानी जाती है। वहीं रतलाम में चुनावी आचार संहिता के बीच इस वर्ष नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाएगा। पुलिस व प्रशासन ने आयोजन समितियों से इस संबंध में आवश्यक बैठक कर जरूरी दिशा निर्देश भी दिए है। बैठक पुराने पुलिस कंट्रोल रूम पर आयोजित की गई।

सीएसपी अभिनव बारंगे ने बताया कि शहर में शांति व सौहाद्र से नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाएगा। संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस फोर्स की तैनाती रहेगी। आचार संहिता में विशेष ध्यान रखा जाएगा। गरबा रात्रि में 10 बजे तक ही होंगे। संदिग्ध लोगों की चेकिंग इस दौरान लगातार की जाएगी। शहर में 130 से अधिक स्थानों पर माता की प्रतिमा स्थापित होने के साथ 80 से अधिक स्थानों पर गरबा का आयोजन होगा। इसके अलावा मेला स्थल का भी निरीक्षण कर वहां की सुरक्षा व्यवस्था की भी तैयारियां पूरी है। माहौल बिगाड़ने व सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार व शांति भंग करने वाले आसामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा और कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान आयोजन समिति सदस्यों के साथ ही शहर एसडीएम संजीवकुमार पांडे, आइए थाना प्रभारी राजेंद्र वर्मा, माणक चौक थाना प्रभारी प्रीति कटारे, दीनदयाल नगर थाना प्रभारी सुरेंद्र गडरिया, एसआई आशीष पाल आदि मौजूद थे।

बैठक में शामिल समिति सदस्य

घटस्थापना या कलश स्थापना का मुहूर्त  (Kalash Sthapana Shubh Muhurat) :

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि को यानी पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को इस प्रकार है –

  • घटस्थापना मुहूर्त:  प्रातः 06:30 मिनट से प्रातः 08: 47  मिनट तक।
  • अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 मिनट तक।

घटस्थापना के दौरान करें इस मंत्र का जप
तदुक्तं तत्रैव कात्यायनेन प्रतिपद्याश्विने मासि भवो वैधृति चित्रयोः । आद्य पादौ परित्यज्य प्रारम्भेन्नवरान्नकमिति।।

कलश या घट स्थापना (Kalash Sthapana) :
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। कलश स्थापना को घट स्थापना भी कहा जाता है। नवरात्रि की शुरुआत घट स्थापना के साथ ही होती है। घट स्थापना शक्ति की देवी का आह्वान है। मान्यता है कि गलत समय में घट स्थापना करने से देवी मां क्रोधित हो सकती है। रात के समय और अमावस्या के दिन घट स्थापित करने की मनाही है।
घट स्थापना का सबसे शुभ समय प्रतिपदा का एक तिहाई भाग बीत जाने के बाद होता है। अगर किसी कारण वश आप उस समय कलश स्थापित न कर पाएं तो अभिजीत मुहूर्त में भी स्थापित कर सकते है। प्रत्येक दिन का आठवां मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त कहलाता है। सामान्यत: यह 40 मिनट का होता है। हालांकि इस बार घट स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।

कलश स्थापना की सामग्री (Kalash Sthapana Samigri) :
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि मां दुर्गा को लाल रंग खास पसंद है इसलिए लाल रंग का ही आसन खरीदे। इसके अलावा कलश स्थापना के लिए मिट्टी का पात्र, जौ, मिट्टी, जल से भरा हुआ कलश, मौली, इलायची, लौंग, कपूर, रोली, साबुत सुपारी, साबुत चावल, सिक्के, अशोक या आम के पांच पत्ते, नारियल, चुनरी, सिंदूर, फल-फूल, फूलों की माला और श्रृंगार पिटारी भी चाहिए।

कैसे करें कलश स्थापना (Kaise Karen Kalash Sthapana) :
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि नवरात्रि के पहले दिन यानी कि प्रतिपदा को सुबह स्नान कर ले।मंदिर की साफ-सफाई करने के बाद सबसे पहले गणेश जी का नाम लें और फिर मां दुर्गा के नाम से अखंड ज्योत जलाएं। कलश स्थापना के लिए मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर उसमें जौ के बीज बोएं। अब एक तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं. लोटे के ऊपरी हिस्से में मौली बांधे।
अब इस लोटे में पानी भरकर उसमें कुछ बूंदें गंगाजल की मिलाएं। फिर उसमें सवा रुपया, दूब, सुपारी, इत्र और अक्षत डालें. इसके बाद कलश में अशोक या आम के पांच पत्ते लगाएं। अब एक नारियल को लाल कपड़े से लपेटकर उसे मौली से बांध दें। फिर नारियल को कलश के ऊपर रख दे।  अब इस कलश को मिट्टी के उस पात्र के ठीक बीचों बीच रख दे जिसमें आपने जौ बोएं है। कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि के नौ व्रतों को रखने का संकल्प लिया जाता है। आप चाहें तो कलश स्थापना के साथ ही माता के नाम की अखंड ज्योति भी जला सकते है।