Ratlam News: पटवारी संघ ने किया प्रदर्शन, तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन  

रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: प्रांतीय पटवारी संघ जिला रतलाम के पदाधिकारियों और सैलाना अनुभाग के पटवारियों ने बाजना तहसील कार्यालय में प्रदर्शन कर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। यह विरोध प्रदर्शन दो दिन पूर्व निलंबित किए गए पटवारी सुनील भगोरा की बहाली और तहसील की विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर किया गया।  

पटवारी संघ ने उठाई बहाली की मांग  

पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पाटीदार ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में पटवारियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इनमें ग्रामीणों का पलायन, मोबाइल नेटवर्क की समस्या, किसानों की अशिक्षा और आधार कार्ड में मोबाइल नंबर न जुड़े होने जैसी परेशानियां शामिल हैं। इसके बावजूद पटवारी अपने नियमित कार्यों के साथ-साथ शासन की योजनाओं को सफल बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं। उन्होंने कहा कि सुनील भगोरा के निलंबन की कार्रवाई अधिकारियों के द्वेषपूर्ण व्यवहार को दर्शाती है, जो कि निंदनीय है। यदि तीन दिन के भीतर निलंबन समाप्त नहीं किया जाता, तो पटवारी संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।  

संघटनों का मिला समर्थन  

बाजना में हुए इस विरोध प्रदर्शन को अपाक्स और ट्राइबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन का समर्थन मिला। पटवारी संघ के बैनर तले जिलाध्यक्ष नरेंद्र कुमार टांक भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि शिक्षक संघ पूरी तरह से पटवारी संघ के साथ खड़ा है और सुनील भगोरा के निलंबन के विरोध में हरसंभव सहयोग देगा।  

पटवारियों ने जताई नाराजगी  

संघ के पूर्व जिलाध्यक्ष ध्रुवलाल निनामा ने कहा कि पटवारी हमेशा किसानों के हित में कार्य करता है और शासन की योजनाओं को क्रियान्वित करने में पूरी निष्ठा से जुटा रहता है। उन्होंने कहा कि यदि किसी अधिकारी के साथ गलत व्यवहार होता है, तो संघ उसके समर्थन में खड़ा रहता है। ऐसे में जब एक छोटे कर्मचारी के साथ अन्याय हुआ है, तो उसका विरोध करना भी जरूरी है।  

इस दौरान ज्ञापन का वाचन अशोक योगी द्वारा किया गया। विरोध प्रदर्शन में सैलाना अनुभाग के सभी पटवारी एवं तीनों तहसीलों के अध्यक्ष उपस्थित रहे।  

MP News: सुस्त तकनीक से पटवारी परेशान; अधिकारियों की खरी खोटी सुनना और कार्रवाई झेलना बना मजबूरी, संघ ने सौंपा ज्ञापन

रतलाम – पब्लिक वार्ता,

जयदीप गुर्जर। MP News: मध्यप्रदेश के पटवारियों ने अपनी विभिन्न तकनीकी समस्याओं और मनमाने निलंबन व अन्य कार्यवाही के खिलाफ आवाज उठाते हुए मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री को ज्ञापन सौंपा है। ‘प्रांतीय पटवारी संघ’ की रतलाम ग्रामीण तहसील शाखा द्वारा जारी इस पत्र में बताया गया है कि राज्य में ‘राजस्व महाअभियान 3.0’ के सफल क्रियान्वयन के लिए पटवारी लगातार किसानों की भूमि से संबंधित e-KYC कार्यों में लगे हुए हैं। लेकिन शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए सॉफ्टवेयर और ऐप में लगातार तकनीकी खामियां आ रही हैं, जिससे कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। ज्ञापन के दौरान जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पाटीदार, ध्रुवलाल निनामा, मणिलाल कोलवार, दयाराम गुर्जर, दीपक राठौड़, संतोष राठौड़ सहित तहसील के पटवारी मौजूद रहे। 

ज्ञापन में प्रमुख मांगें निम्नलिखित है-

1. फार्मर रजिस्ट्रियों पर e-KYC समस्या – तकनीकी खामियों के कारण e-KYC कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क समस्याओं के चलते पटवारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

2. मनमाना निलंबन और दंडात्मक कार्रवाई – कई जिलों में अधिकारियों द्वारा बिना उचित जांच के पटवारियों का निलंबन किया जा रहा है। इसके चलते पटवारियों में असंतोष बढ़ रहा है।

3. गिरदावरी कार्य में समस्याएँ – गिरदावरी कार्य की जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए इसे पेपर बेस्ड प्रणाली के रूप में करने की मांग की गई है।

4. पटवारियों के तकनीकी उपकरणों की कमी – पटवारियों को सरकारी लैपटॉप और मोबाइल फोन उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। 2017 में सरकार ने प्रति पटवारी मोबाइल के लिए ₹7300 की राशि निर्धारित की थी, लेकिन यह राशि आज की तकनीकी जरूरतों के हिसाब से अपर्याप्त है।

5. सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का भुगतान – सरकार द्वारा दी जाने वाली योजनाओं के कार्य को पूरा करने के बावजूद पटवारियों को ₹7500 प्रति ग्राम पंचायत की राशि समय पर नहीं मिल रही है।

6. पटवारियों की गोपनीय चरित्रावली – 2019 से शासन द्वारा पटवारियों की गोपनीय चरित्रावली ऑनलाइन कर दी गई थी, लेकिन इसमें तकनीकी खामियां हैं जिससे कई पटवारियों का प्रमोशन और वेतन वृद्धि बाधित हो रही है।

7. तकनीकी समस्याओं का त्वरित समाधान – सभी तकनीकी समस्याओं के समाधान के लिए राज्य स्तर पर एक टेक्निकल टीम गठित कर, शिकायतों का निवारण 3 दिनों के भीतर करने की मांग की गई है।

पटवारियों ने चेतावनी दी है कि यदि समस्याओं का समाधान जल्द नहीं किया गया तो प्रदेश भर के पटवारी कार्य का बहिष्कार कर सकते हैं। संघ ने यह भी कहा कि अगर किसी भी पटवारी को मनमाने तरीके से निलंबित किया गया तो उसके विरोध में प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।

Ratlam News: राजस्व महाभियान 3.0 में तकनीकी खामियों और संसाधन अभाव के विरोध में पटवारियों का ज्ञापन

रतलाम-पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: प्रांतीय पटवारी संघ भोपाल के आव्हान पर रतलाम जिले के पटवारियों ने आज जिलाधीश के माध्यम से मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन रतलाम शहर के एसडीएम श्री अनिल भाना को सौंपा गया।  

ज्ञापन में कहा गया कि राजस्व महाभियान 3.0 के तहत फार्मर रजिस्‍ट्री और आधार ई-केवायसी में राजस्व विभाग के त्रुटिपूर्ण सॉफ्टवेयर के कारण अपेक्षित प्रगति नहीं हो रही है। इसके अलावा, दो बार पटवारियों की भर्ती के बावजूद शासन ने अभी तक मोबाइल और लैपटॉप जैसी बुनियादी संसाधन उपलब्ध नहीं कराए हैं।  

पटवारियों ने यह भी बताया कि महाभियान में शामिल किए गए कार्यों के लिए भत्ता तीन महीने से नहीं दिया जा रहा है। इसके विपरीत, सॉफ्टवेयर में आ रही तकनीकी समस्याओं का ठीकरा पटवारियों पर फोड़ते हुए कई जिलों में उनके खिलाफ निलंबन और वेतन रोकने जैसी दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है।  

इस विरोध के तहत, प्रांतीय पटवारी संघ के आह्वान पर जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पाटीदार के नेतृत्व में जिले भर के पटवारियों ने ज्ञापन दिया। इसमें मांग की गई कि पटवारियों को उच्च गुणवत्ता वाले संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, तकनीकी खामियों को शीघ्र दूर किया जाए और पटवारियों पर हो रही अनुचित कार्रवाई को तुरंत रोका जाए।  

ज्ञापन में यह भी चेतावनी दी गई कि अगर इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो प्रांतीय पटवारी संघ को प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इस अवसर पर संघ के जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पाटीदार के साथ वरिष्ठ पटवारी संतोष राठौर, नवीन शर्मा, गोपाल रावत, प्रवीण जैन, सत्यनारायण सिसौदिया, भावना द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में जिले भर के पटवारी उपस्थित रहे।  

मुख्य मांगें:

1. पटवारियों को कार्य के लिए उच्च गुणवत्ता वाले मोबाइल और लैपटॉप उपलब्ध कराए जाएं।  

2. सॉफ्टवेयर में आ रही तकनीकी खामियों को शीघ्र दूर किया जाए।  

3. महाभियान में शामिल कार्यों के लिए लंबित भत्तों का भुगतान किया जाए।  

4. प्रदेश में पटवारियों पर हो रही दंडात्मक कार्रवाई को बंद किया जाए।  

रतलाम जिले के पटवारियों का यह कदम राज्य के अन्य जिलों में भी समर्थन प्राप्त कर सकता है। अब देखना यह है कि शासन इस पर क्या कदम उठाता है।