नेता नहीं आपके बीच आपका बेटा और सेवक बनकर आया हूं – डॉ. ओहरी
पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। रतलाम ग्रामीण से निर्दलीय नामंकन दाखिल करने के बाद जयस नेता डॉ. अभय ओहरी ने भी विधानसभा के चुनावी रण में अपना बिगुल फूंक दिया है। डॉ. ओहरी लगातार ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा करने में व्यस्त है। इनकी चौपाल पर चर्चा के अंदाज ने सबको हैरत में डाला हुआ है। डॉ. ओहरी के मैदान में आने के बाद ग्रामीण में तीसरे विकल्प के कयास लगने तेज हो गए है। डॉ ओहरी के जनसपंर्क को “बदलाव के लिए तैयार है हम” अभियान का नाम दिया गया है। चौपाल बैठकों में आने वाले नागरिक अपनी – अपनी समस्याओं से डॉ. ओहरी को अवगत करवा रहे है। मंगलवार को डॉ. अभय ओहरी ने समर्थकों के साथ 4 पंचायतों में जनसपंर्क किया। जिसमें राजपुरा, सरवनी खुर्द, बिबड़ोद, रामपुरिया व पलसोड़ी में चौपाल बैठक आयोजित की गई। इस दौरान पूर्व विधायक श्रीमति लक्ष्मीदेवी खराड़ी ने डॉ. ओहरी का स्वागत कर जीत के लिए अग्रिम शुभकामनाएं दी। डॉ. ओहरी ने लक्ष्मीदेवी खराड़ी के पैर छूकर जीत का आशीर्वाद लिया।
डॉ. ओहरी ने चौपाल पर दिए एक भाषण में खुद के पीछे हटने से साफ मना कर दिया है। ओहरी ने बताया कि इस बार ग्रामीण की जनता बदलाव चाहती है। ग्रामीण का हर व्यक्ति ना भाजपा को पसंद करता है और ना ही कांग्रेस को। विपक्षी दलों द्वारा एक नई अफवाह को जन्म दिया जा रहा है। जिससे ग्रामीण की भोली भाली जनता को बरगलाया जा सके।
विपक्षी दल के लोग कान खोलकर सुन ले की मेरे द्वारा किसी भी कीमत पर नामांकन फार्म वापस नहीं लिया जाएगा। चुनावी मैदान से अब हम पीछे नहीं हटेंगे और जनता का हमें पूरा समर्थन है। इस बार पूरा विश्वास है कि जनता अपना आशीर्वाद देकर हमारी विजयी सुनिश्चित करेगी।
ग्रामीण करेगा तरक्की, वादा है! :
डॉ. ओहरी ने जनता से संवाद करते हुए कहा कि में नेता नहीं आपके बीच आपका बेटा और सेवक बनकर आया हूं। लगातार सत्ता व शासन से आपकी मूलभूत सुविधाओं और अधिकारों की लड़ाई में आपके साथ खड़ा रहा और आगे भी खड़ा रहूंगा। पिछले जितने विधायक जीतकर आए उन्होंने ग्रामीण की हमारी भोली भाली जनता को केवल झूठे वादे और आश्वासन दिया। आपका आशीर्वाद मुझ पर बना रहा तो निश्चित ही हमारा ग्रामीण क्षेत्र उम्मीद से अधिक तरक्की करेगा यह वादा भी है और इरादा भी। समस्याओं से घिरा मेरा ग्रामीण परिवार अब बदलाव के लिए तैयार है। जनसंपर्क में जयस के कार्यकर्ता व ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद रहे।