Diwali In Ayodhya: अयोध्या में राम मंदिर की पहली दिवाली, भव्य दीपोत्सव का आयोजन, गिनीज बुक में दर्ज हुए दो विश्व रिकॉर्ड

अयोध्या – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| Diwali In Ayodhya : अयोध्या में इस बार दिवाली का पर्व खास धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। यहां 8वें दीपोत्सव का आयोजन किया गया है, जो पूरे विश्व में अपनी भव्यता के लिए चर्चित हो गया है। इस दीपोत्सव में 25 लाख 12 हजार 585 दीप जलाए गए, जो एक नया विश्व रिकॉर्ड है। साथ ही, सरयू नदी पर 1121 लोगों ने सामूहिक आरती की, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। आपको बता दे 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली दिवाली है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर ट्वीट कर लिखा की अद्भुत, अतुलनीय और अकल्पनीय! भव्य-दिव्य दीपोत्सव के लिए अयोध्यावासियों को बहुत-बहुत बधाई! लाखों दीयों से आलोकित राम लला की पावन जन्मस्थली पर यह ज्योतिपर्व भावविभोर कर देने वाला है। अयोध्या धाम से निकला यह प्रकाशपुंज देशभर के मेरे परिवारजनों में नया जोश और नई ऊर्जा भरेगा। मेरी कामना है कि भगवान श्री राम समस्त देशवासियों को सुख-समृद्धि और यशस्वी जीवन का आशीर्वाद प्रदान करें। जय श्री राम!


सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा की 500 वर्षों के उपरांत हम सबके आराध्य प्रभु श्री रामलला के अपने भव्य मंदिर में पुनः विराजमान होने के पश्चात यह प्रथम दीपोत्सव है। अद्भुत-अलौकिक आभा से दीप्त श्री अयोध्या धाम का यह दिव्य-भव्य स्वरूप हम सभी को त्रेतायुग की अनुभूति करा रहा है। आज अयोध्या हर्षित है, संपूर्ण भारत गर्वित है। ‘दीपोत्सव 2024’ में सहभागी सभी रामभक्तों को हार्दिक बधाई एवं उनका अभिनंदन! जय जय श्री राम!

तस्वीरों में अयोध्या की दिवाली की झलक :


दिवाली की रौनक और नए रिकॉर्ड
देशभर में दिवाली की तैयारियों के बीच, 30 अक्तूबर को अयोध्या में दीपों से सरयू के घाटों को जगमगाया गया। इस भव्य आयोजन के लिए लगभग 28 लाख दीयों का प्रबंध किया गया था, ताकि 10% दीये भी खराब हो जाएं, तो भी 25 लाख दीये जलाकर यह विश्व रिकॉर्ड बनाया जा सके।


अयोध्या पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ और कई प्रमुख नेता
दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanatha)खुद अयोध्या पहुंचे। सीएम योगी ने भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान बने कलाकारों के रथ को खींचकर समारोह में भाग लिया और सरयू घाट पर आरती की। उन्होंने रामलला के मंदिर में जाकर पूजा अर्चना भी की।



लेजर शो और रंगारंग कार्यक्रमों से सजी अयोध्या
दीपोत्सव के दौरान अयोध्या के घाटों को दीयों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया। लेजर शो और ध्वनि-प्रकाश शो के जरिए रामलीला का मनोहारी वर्णन किया गया, जो दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है।


अयोध्या का दीपोत्सव बना आकर्षण का केंद्र
देशभर से लोग इस अद्वितीय दीपोत्सव को देखने के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि अयोध्या की विश्वस्तरीय पहचान को भी मजबूती दे रहा है।


एक नजर में पूरा आयोजन
– 25 लाख दीयों का प्रज्वलन: अयोध्या के दीपोत्सव में 25 लाख 12 हजार 585 दीये जलाए गए, जो एक विश्व रिकॉर्ड है।
– 1121 लोगों की आरती: सरयू नदी के घाट पर 1121 लोगों ने एक साथ आरती की, जो एक नया कीर्तिमान है।
– लेजर शो और रंगारंग कार्यक्रम: दीपोत्सव के दौरान लेजर और लाइट शो, ध्वनि-प्रकाश शो के माध्यम से रामलीला का प्रदर्शन।

PM Narendra Modi Diwali 2024: प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार 11वीं बार जवानों के बीच मनाई दिवाली, कच्छ में बीएसएफ, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जवानों संग बिताए खास पल

नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। PM Narendra Modi Diwali 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल भी अपनी परंपरा को कायम रखते हुए दिवाली जवानों के बीच मनाई। इस बार वे गुजरात के कच्छ पहुंचे, जहां बीएसएफ, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जवानों के साथ इस खास अवसर को साझा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi in Diwali) ने जवानों को मिठाई बांटी और उनके साथ उत्सव मनाया। यह लगातार 11वां वर्ष है जब प्रधानमंत्री ने जवानों के साथ दिवाली मनाई है, उनके इस कदम ने सैनिकों (Indian Army) के बीच आत्मीयता का विशेष संचार किया है। पीएम मोदी पिछले 11 सालों से हर दिवाली के मौके को खास बना देते हैं. एक-दो बार छोड़ दें तो बीते 8-10 सालों में पीएम मोदी का दीपावली त्यौहार दिल्ली से दूर ही मनता है। पीएम मोदी ने थल, जल और वायु तीनों सेनाओं को कच्छ से बड़ा संदेश दिया।

पीएम मोदी से मिलकर खुश होती महिला जवानों की टुकड़ी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की कच्छ के क्रीक क्षेत्र में लक्की नाला में बीएसएफ, सेना, नौसेना और वायु सेना के हमारे बहादुर कर्मियों के साथ दिवाली मनाकर खुशी हुई। यह क्षेत्र चुनौतीपूर्ण भी है और दुर्गम भी। दिन अत्यधिक गर्म होते हैं और ठंड भी पड़ती है। क्रीक क्षेत्र में अन्य पर्यावरणीय चुनौतियाँ भी हैं। हमारे सुरक्षाकर्मी दुर्गम स्थानों पर भी डटे रहते हैं और हमारी रक्षा करते हैं। हमें उन पर बहुत गर्व है। हमारा संकल्प है नेशन फर्स्ट, भारतीय सेना के जवानों के बीच दिवाली मनाता हूं तो मेरी दिवाली की मिठास कई गुना बढ़ जाती है। दुश्मन जब भारतीय सेना को देखता है तो उसे उसके मंसूबों का अंत दिखता है। इस दौरान महिला सैनिक जवानों ने पीएम के सामने देशभक्ति गीत भी प्रस्तुत किए। मोदी ने सभी को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए, अपने हाथों से मिठाई खिलाई।

मोदी की यह विशेष परंपरा 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से जारी है, जब वे पहली बार सियाचिन पहुंचे थे। जानिए कब और कहां गए मोदी –

1. 2014 – प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी पहली बार सियाचिन पहुंचे और वहां तैनात जवानों के साथ दिवाली मनाई। उन्होंने जवानों को मिठाई खिलाई और उनका हौसला बढ़ाया।
  
2. 2015 – इस वर्ष प्रधानमंत्री मोदी अमृतसर में जवानों के साथ दिवाली मनाने पहुंचे थे। उन्होंने जवानों को मिठाई खिलाई और भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस की सराहना की।

3. 2016 – पीएम मोदी ने लगातार तीसरे साल हिमाचल प्रदेश में चीन बॉर्डर के पास ITBP के जवानों के बीच दिवाली का जश्न मनाया। उन्होंने सीमावर्ती इलाके में तैनात जवानों को मिठाई खिलाकर उनका उत्साहवर्धन किया।

4. 2017 – इस वर्ष मोदी जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर पहुंचे और वहां सैनिकों के साथ दिवाली मनाई। यह दौर उन सैनिकों के लिए एक यादगार पल बन गया, जिन्होंने प्रधानमंत्री को अपने साथ पाया।

5. 2018 – मोदी दिवाली के मौके पर उत्तराखंड के केदारनाथ पहुंचे और वहां के हरशिल गाँव के निकट तैनात भारतीय सशस्त्र बल और ITBP के जवानों के साथ दिवाली मनाई।

6. 2019 – प्रधानमंत्री इस साल जम्मू-कश्मीर के राजौरी क्षेत्र पहुंचे और LoC पर तैनात सैनिकों के साथ दिवाली मनाई। उन्होंने सीमा की रक्षा में जुटे जवानों के साहस की सराहना की।

7. 2020 – इस बार पीएम मोदी राजस्थान के जैसलमेर के लोंगेवाला पोस्ट पर तैनात सैनिकों के बीच दिवाली मनाने पहुंचे। उन्होंने जवानों को मिठाई खिलाई और भारतीय सीमा की सुरक्षा को लेकर उनकी भूमिका की प्रशंसा की।

8. 2021 – प्रधानमंत्री मोदी जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि वे एक प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि सैनिकों के परिवार के सदस्य के तौर पर आए हैं।

9. 2022 – मोदी इस वर्ष कारगिल में सैनिकों के साथ दिवाली मनाने पहुंचे। उन्होंने कारगिल युद्ध में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और वर्तमान में सीमा पर तैनात जवानों के साथ यह पर्व मनाया।

10. 2023 – इस साल प्रधानमंत्री हिमाचल प्रदेश के लेपचा पहुंचे और वहां जवानों के साथ दिवाली का जश्न मनाया।

11. 2024 – प्रधानमंत्री ने गुजरात के कच्छ में बीएसएफ, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जवानों के साथ दिवाली मनाई। उन्होंने जवानों को मिठाई खिलाई और उनके साथ बातचीत कर देश के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इन दौरों से न केवल सैनिकों का मनोबल बढ़ाया है, बल्कि देशवासियों को एकता, सुरक्षा और देशभक्ति के प्रति सजग रहने का संदेश भी दिया है। उनके इस विशेष प्रयास ने हर वर्ष जवानों को नई ऊर्जा दी है और देश के नागरिकों को गर्व का अनुभव कराया है।

Ratlam’s Lakshmi Temple : MP के इस शहर में है कुबेर का खजाना! ; प्रसाद में बंटते है कड़क नोट और गहने

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam’s Lakshmi Temple: आपसे कोई पूछे की कुबेर का खजाना कहां है? तो आपको जवाब नहीं मिलेगा। लेकिन मध्यप्रदेश के रतलाम शहर का एक ऐसा मंदिर है जिसे आप देख ले तो आपको आपका जवाब जरूर मिल जाएगा। रतलाम के माणक चौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर दिवाली पर कुछ ऐसे ही नजर आता है। इस मंदिर में इतना धन – दौलत देखकर हर कोई इसे कुबेर के खजाने से ही जोड़ता है। लेकिन असल में यह कुबेर का खजाना नहीं बल्कि भक्तों का धन है जो महालक्ष्मी को अर्पण किया जाता है।

दरअसल दीपावली (Diwali) के पर्व पर रतलाम का ऐतिहासिक महालक्ष्मी (Ratlam Lakshmi Mandir) मंदिर देशभर में अनूठा आकर्षण बना हुआ है। यहां महालक्ष्मी की मूर्ति को सजाने के लिए भक्तों द्वारा दिए गए करोड़ों रुपये के नोट और आभूषणों से पूरा मंदिर परिसर कुबेर के खजाने की तरह जगमगा उठा है। यह देश का इकलौता मंदिर है जहां दीपावली पर भक्तों द्वारा दिए गए गहनों और नकदी से सजावट की जाती है।

मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान महालक्ष्मी माता, दाएं भगवान गणेश व बाएं देवी सरस्वती की प्रतिमा

नोटों और आभूषणों की अद्भुत सजावट
मंदिर में इस वर्ष दीपावली सजावट की शुरुआत 14 अक्टूबर, शरद पूर्णिमा से ही हो चुकी थी। विभिन्न मूल्यवर्ग के नोट, 1 रुपये से लेकर 500 रुपये तक के नए-नए नोट, मंदिर के हर कोने में सजाए गए हैं। ये नोट और आभूषण भक्तों द्वारा स्वेच्छा से श्रद्धा के साथ दिए जाते हैं। मंदसौर, नीमच, इंदौर, उज्जैन, नागदा, खंडवा, देवास सहित राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, जम्मू कश्मीर आदि तक से भक्तजन धन और आभूषणों के साथ मंदिर में माता महालक्ष्मी का श्रृंगार करने पहुंचते हैं।

तस्वीर में मंदिर की भव्यता की झलक, हर कोना नोट और आभूषणों से भरा पड़ा है, जो कुबेर के खजाने सा प्रतित हो रहा है।

श्रद्धालु अपने घरों की तिजोरी से नकदी और गहने लेकर मंदिर में सजावट के लिए जमा कराते हैं। यहां तक कि कई भक्त तो 5 लाख रुपये तक नकद भी श्रद्धापूर्वक रखते हैं। इन नोटों से मंदिर के लिए विशेष वंदनवार बनाए जाते हैं, जिससे पूरा गर्भगृह कुबेर के खजाने जैसा दिखाई देने लगता है।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
मंदिर में इतने विशाल खजाने की सुरक्षा के लिए 4 गार्ड और सीसीटीवी कैमरे तैनात हैं। साथ ही, मंदिर के निकट स्थित माणक चौक पुलिस थाना 24 घंटे मंदिर की सुरक्षा में मुस्तैद रहता है। भक्तजनों की संपत्ति की पवित्रता बनाए रखने के लिए मंदिर प्रशासन हर प्रकार का एहतियात बरतता है। जितने विश्वास से भक्त यहां सजावट के लिए धन व आभूषण अर्पित करते है, उतने ही विश्वास से लेने भी आते है। हैरानी की बात है की आज तक कभी किसी के धन वापसी करते समय कोई विघ्न नहीं आया है।

श्रद्धालुओं के नोट और आभूषण सुरक्षित, रजिस्टर में एंट्री के साथ टोकन
मंदिर प्रशासन भक्तों की संपदा की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रबंध करता है। प्रत्येक भक्त के नोट और आभूषणों का नाम, पता और मोबाइल नंबर एक रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। इसके साथ ही, भक्त का पासपोर्ट आकार का फोटो भी लगाया जाता है और टोकन देकर यह संपत्ति उन्हें बाद में सुरक्षित रूप से लौटाई जाती है। यह व्यवस्था इतनी पुख्ता है कि आज तक किसी भी भक्त की संपदा में कोई हेरफेर नहीं हुआ है।

सजावट के लिए नोटों की लड़ियां तैयार करते कारीगर

दीपावली के बाद प्रसाद में लौटाए जाएंगे गहने और नकदी
सबसे विशेष और रहस्यमय पहलू यह है कि दीपावली का पर्व समाप्त होते ही भाई दूज के दिन भक्तों को उनका धन और गहने “प्रसाद” के रूप में लौटा दिए जाते हैं। मान्यता है कि जिनके धन से महालक्ष्मी का श्रृंगार होता है, उनके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

दो शताब्दियों पुरानी परंपरा
मंदिर के कुलदीप त्रिवेदी के अनुसार लगभग 200 वर्ष पहले राजा रतन सिंह ने अपने राज्य की समृद्धि और प्रजा की खुशहाली के लिए यह परंपरा शुरू की थी। उन्होंने अपनी संपदा पांच दिनों तक देवी महालक्ष्मी के चरणों में अर्पित करने का संकल्प लिया, जो आज तक निभाया जा रहा है। इसी क्रम में इस मंदिर में महालक्ष्मी के आठ स्वरूपों—अधी लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी, लक्ष्मीनारायण, धन लक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, वीर लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी और ऐश्वर्य लक्ष्मी—की प्रतिमाएं स्थापित हैं।

वास्तविक कुबेर के खजाने जैसा भव्य रूप
दीपावली पर पूरे सप्ताह तक यह मंदिर वैभव और आस्था का अनोखा प्रतीक बन जाता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां दिए गए धन से महालक्ष्मी के आशीर्वाद से उनका घर और जीवन समृद्धि से भर जाता है।

Diwali 2024: जानें दिवाली की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजाविधि

नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Diwali 2024 Date, Time, Muhurat and Poojavidhi: दिवाली का पर्व हर साल कार्तिक माह की अमावस्या को धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल पंचांग भेद के कारण दिवाली दो दिनों तक मनाई जाएगी—31 अक्टूबर और 1 नवंबर को। दीपावली पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा का खास महत्व होता है। जानिए दिवाली की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, और पूजाविधि।

कब है दिवाली?
पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत 29 अक्टूबर को धनतेरस से हो चुकी है। इसके बाद 31 अक्टूबर को छोटी दिवाली और फिर दिवाली का मुख्य पर्व मनाया जाएगा। कुछ स्थानों पर दिवाली 31 अक्टूबर को, तो कुछ जगहों पर 1 नवंबर को मनाई जाएगी। दिवाली के अगले दिन, 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा और 3 नवंबर को भाई दूज के साथ यह उत्सव समाप्त होगा।

दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि प्रारंभ: 31 अक्टूबर, दोपहर 3:52 बजे
– अमावस्या तिथि समाप्त: 1 नवंबर, शाम 6:16 बजे
– लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त:
  – 31 अक्टूबर, शाम 5:36 बजे से शाम 6:16 बजे तक 
  – शाम 6:27 बजे से रात 8:32 बजे तक
– निशिता काल पूजा:
  – 31 अक्टूबर, रात 11:39 बजे से 12:31 बजे तक

दिवाली पूजाविधि
1. साफ-सफाई: दिवाली की पूजा से पहले घर की सफाई करें, विशेषकर ईशान कोण का ध्यान रखें, जिसे देवी-देवताओं का स्थान माना गया है।
2. पूजा की तैयारी: लकड़ी की चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति स्थापित करें। साथ ही कुबेर देवता की तस्वीर भी लगाएं।
3. कलश की स्थापना: चौकी पर जल से भरे कलश में कौड़ियां, सिक्के, सुपारी, और गंगाजल डालें। कलश पर स्वास्तिक का निशान बनाकर मोली लपेटें और आम के पत्ते लगाएं।
4. लक्ष्मी पूजन: मां लक्ष्मी के सामने लाल कपड़े की थैली में 5 कौड़ी, 5 गोमती चक्र, हल्दी की गांठ रखें। पूजन के बाद इसे तिजोरी में रखें।
5. दीप जलाना: गणेशजी, लक्ष्मी जी, और कुबेर देवता के सामने घी का 5 या 11 दीपक जलाएं। घर के कोनों में सरसों के तेल के दीपक लगाएं।
6. मंत्र जाप और पाठ: गणेश अथर्वशीर्ष और श्री सूक्तम का पाठ करें और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए पूजा समाप्त करें।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारी परंपरागत मान्यताओं पर आधारित है। इसे अपनाने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

Local For Vocal: MP का ये IPS अधिकारी ठेले पर मिट्टी के दीपक लेने पहुंचा, अब हो रही वाह वाही!

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Local For Vocal:  मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के “वोकल फॉर लोकल” अभियान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रतलाम एसपी अमित कुमार ने दीपावली (Diwali) के अवसर पर स्थानीय विक्रेताओं से खरीदारी की मिसाल पेश की। सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए शहर का दौरा करते हुए एसपी अमित कुमार (IPS Amit Kumar) महालक्ष्मी मंदिर क्षेत्र माणक चौक पहुंचे, जहां उन्होंने सड़क किनारे दीपक बेच रही महिला से खरीदारी की।

बाजार का निरीक्षण करते एसपी व टीम

एसपी अमित कुमार के साथ माणकचौक थाना प्रभारी सुरेन्द्र गड़रिया और अन्य पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। ठेले पर दीपक बेच रही महिला की दुकान पर रुककर उन्होंने स्वयं दीपक खरीदे और उसका भुगतान भी किया। उनकी इस पहल को देखकर आस-पास मौजूद लोग भी रुक गए और इस सकारात्मक उदाहरण की सराहना की।

एसपी अमित कुमार ने कहा कि दीपावली के इस पर्व पर लोगों को “वोकल फॉर लोकल” का समर्थन करते हुए स्थानीय दुकानदारों से खरीदारी करनी चाहिए, जिससे छोटे व्यापारियों को भी आर्थिक सहयोग मिल सके।

Dhanteras2024: जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और माता लक्ष्मी के लिए भोग रेसिपी

नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Dhanteras2024:  धनतेरस का पर्व हर साल दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है, जिससे दीपावली की शुरुआत होती है। इस वर्ष धनतेरस का पर्व मंगलवार, 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन को लेकर लोगों के मन में शुभ मुहूर्त और तिथि को लेकर कई सवाल रहते हैं। यहां जानिए धनतेरस की पूजा तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और माता लक्ष्मी के भोग के बारे में।

धनतेरस 2024 की तिथि और शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, त्रयोदशी तिथि की शुरुआत मंगलवार, 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे से होगी और यह बुधवार, 30 अक्टूबर दोपहर 1:15 बजे तक रहेगी। चूंकि धनतेरस की पूजा शाम को होती है, इसलिए धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। 
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:31 बजे से 8:13 बजे तक रहेगा।

धनतेरस पूजा विधि
धनतेरस के दिन शाम के समय कुबेर देवता के साथ माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या तस्वीर को पूजास्थल पर स्थापित करें। दीप जलाकर उन्हें फल और फूल अर्पित करें और उनका प्रिय भोग लगाएं। पूजा के दौरान “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” मंत्र का जाप करें और अंत में आरती करें।

धनतेरस के लिए विशेष भोग रेसिपी
माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए धनतेरस के दिन मखाने और दूध की खीर का भोग लगाया जा सकता है। इसे बनाने के लिए मखाने, दूध, चीनी, ड्राई फ्रूट्स और इलायची पाउडर का उपयोग करें।

Diwali 2024 Date: 31 अक्टूबर या 1 नवंबर? जानें महालक्ष्मी पूजा की सही तिथि और शुभ मुहूर्त

नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Diwali 2024 Date: इस साल दिवाली के दिन को लेकर असमंजस की स्थिति है क्योंकि अमावस्या तिथि दो दिन, 31 अक्टूबर और 1 नवंबर, को पड़ रही है। ऐसे में लोग यह जानना चाहते हैं कि लक्ष्मी पूजा कब करनी चाहिए। 

दिवाली की सही तारीख
ज्योतिषाचार्य पं. अभिषेक जोशी के अनुसार हिंदू धर्म में दिवाली का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार, इस साल अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 3:52 बजे शुरू होगी और 1 नवंबर 2024 को शाम 5:14 बजे समाप्त होगी। 

वेदिक पंचांग के अनुसार, व्रत और त्योहारों को उदया तिथि के आधार पर मनाया जाता है। हालांकि, दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल में की जाती है, जो सूर्यास्त के बाद से लेकर रात के समय तक रहता है। इस साल, ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 31 अक्टूबर को प्रदोष काल और निशिता काल (मध्यरात्रि) में लक्ष्मी पूजा करना सबसे शुभ रहेगा। 

लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषियों के अनुसार, 31 अक्टूबर 2024 को लक्ष्मी पूजा के लिए यह शुभ मुहूर्त होंगे: 
– प्रदोष काल: शाम 5:36 से रात 8:11 तक 
– वृषभ लग्न: शाम 6:25 से रात 8:20 तक 
– लक्ष्मी पूजा का निशिता मुहूर्त: रात 11:39 से 12:31 तक 

इस दिन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त शाम 6:25 से 7:13 के बीच माना गया है। इस 48 मिनट के दौरान लक्ष्मी पूजन करना सबसे अधिक शुभ होगा। 

क्यों 31 अक्टूबर है सही तिथि?
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर से शुरू हो रही है और लक्ष्मी पूजा का सबसे शुभ समय प्रदोष काल और निशिता काल में ही आता है। इसलिए 31 अक्टूबर को दिवाली मनाना और लक्ष्मी पूजा करना श्रेष्ठ माना गया है। 1 नवंबर को निशिता काल उपलब्ध नहीं है, जिससे इस दिन पूजा करना शुभ नहीं माना जाएगा। 

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी ज्योतिषीय गणनाओं और पंचांग के आधार पर है। इसे किसी भी प्रकार से उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करे।)

Chath Puja & Diwali Special Train: दीपावली और छठ पूजा के अवसर पर यात्रियों के लिए विशेष ट्रेनें, इन स्टेशनों से बुकिंग हुई शुरू

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Chath Puja & Diwali Special Train: पश्चिम रेलवे ने दीपावली और छठ पूजा के दौरान यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को देखते हुए रतलाम मंडल से होकर गुजरने वाली दो त्‍यौहार विशेष ट्रेनों का परिचालन करने का निर्णय लिया है। इन ट्रेनों को विशेष किराये पर संचालित किया जाएगा, जिससे यात्रियों को राहत मिल सके।

1.अहमदाबाद-जयनगर-अहमदाबाद त्‍यौहार स्‍पेशल ट्रेन:
गाड़ी संख्‍या 09467 अहमदाबाद-जयनगर स्‍पेशल ट्रेन 25 अक्‍टूबर, 2024 को अहमदाबाद से शाम 4:35 बजे प्रस्थान करेगी। यह ट्रेन रतलाम मंडल के रतलाम (रात 10:00 बजे), नागदा (रात 10:38 बजे) और उज्‍जैन (रात 11:45 बजे) होते हुए 27 अक्‍टूबर को सुबह 7:30 बजे जयनगर पहुंचेगी। वापसी में, गाड़ी संख्‍या 09468 जयनगर-अहमदाबाद स्‍पेशल 27 अक्‍टूबर, 2024 को सुबह 10:30 बजे जयनगर से चलेगी और 28 अक्‍टूबर को रतलाम मंडल के उज्‍जैन (शाम 4:55 बजे), नागदा (शाम 5:55 बजे), और रतलाम (शाम 7:00 बजे) होते हुए 29 अक्‍टूबर को सुबह 1:10 बजे अहमदाबाद पहुंचेगी।

इस ट्रेन का दोनों दिशाओं में रतलाम, नागदा, उज्जैन, प्रयागराज छिवकी, पाटलिपुत्र, दरभंगा, मधुबनी समेत कई प्रमुख स्टेशनों पर ठहराव दिया गया है। यह ट्रेन फर्स्‍ट एसी, सेकंड एसी, थर्ड एसी, स्‍लीपर एवं सामान्‍य श्रेणी के कोच के साथ चलेगी। ट्रेन संख्या 09467 की बुकिंग 24 अक्टूबर, 2024 से शुरू होगी।

2. उधना-गया-वडोदरा त्‍यौहार स्‍पेशल ट्रेन:
गाड़ी संख्‍या 09011 उधना-गया स्‍पेशल 25 अक्‍टूबर, 2024 को रात 10:00 बजे उधना से प्रस्थान करेगी। यह ट्रेन रतलाम मंडल के दाहोद (रात 2:50 बजे), रतलाम (सुबह 5:00 बजे), नागदा (सुबह 5:50 बजे), उज्जैन (सुबह 7:10 बजे) और मक्‍सी (सुबह 8:00 बजे) होते हुए अगले दिन सुबह 7:00 बजे गया पहुंचेगी। वापसी में, गाड़ी संख्‍या 09012 गया-वडोदरा स्‍पेशल 27 अक्‍टूबर, 2024 को सुबह 10:00 बजे गया से चलेगी और 28 अक्‍टूबर को रतलाम मंडल के मक्‍सी (सुबह 7:55 बजे), उज्जैन (सुबह 8:40 बजे), नागदा (सुबह 9:25 बजे), रतलाम (सुबह 10:00 बजे) और दाहोद (सुबह 11:30 बजे) होते हुए दोपहर 2:00 बजे वडोदरा पहुंचेगी।

इस ट्रेन का दोनों दिशाओं में वडोदरा, गोधरा, रतलाम, नागदा, उज्जैन, प्रयागराज छिवकी और डेहरी ओन सोन समेत कई प्रमुख स्टेशनों पर ठहराव रहेगा। यह ट्रेन सेकंड एसी, थर्ड एसी, स्‍लीपर और सामान्‍य श्रेणी कोचों के साथ चलेगी।  ट्रेन संख्या 09011 की बुकिंग भी 24 अक्टूबर, 2024 से शुरू होगी।

रतलाम मंडल जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीना ने बताया यात्रियों से अनुरोध है कि ट्रेन के ठहराव और संरचना संबंधी विस्तृत जानकारी के लिए www.enquiry.indianrail.gov.in पर अवलोकन करें।

Guru Pushya Nakshatra 2024: दिवाली से पहले पुष्य नक्षत्र में अमृत सिद्धि का योग, शुभ मुहूर्त में इन चीजों की खरीदारी से होगा लाभ

नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Guru Pushya Nakshatra 2024: इस वर्ष 24 अक्टूबर 2024, गुरुवार को दिवाली से पहले गुरु पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है, जो हर प्रकार की खरीदारी और निवेश के लिए अत्यंत लाभकारी है। इस दिन अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग भी विद्यमान रहेगा, जो इसे और भी शुभ बनाता है। इस नक्षत्र को खास तौर पर सोना, चांदी और वाहन खरीदने के लिए उत्तम माना जाता है। 

ज्योतिषाचार्य पं. अभिषेक जोशी के अनुसार 2024 में गुरु पुष्य नक्षत्र 24 अक्टूबर कार्तिक कृष्ण अष्टमी गुरुवार प्रातः सूर्योदय पूर्व 6:15 से प्रारम्भ होकर दिनांक 25 अक्टूबर शुक्रवार को प्रातः 7:40 तक रहेगा। गुरुवार को प्रातः 06:42 से 08:07 तक, प्रातः 09:32 से दोपहर 03:12, (चल, लाभ, अमृत) सायं 16:37 से 07:37 के मध्य बही खाता लाने का व चांदी – सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त रहेगा।

क्या खरीदें गुरु पुष्य नक्षत्र में?
ज्योतिष के अनुसार, पुष्य नक्षत्र में सोना, चांदी, वाहन, लोहा, वस्त्र, और बहीखाते खरीदने का विशेष महत्व है। इसका संबंध गुरु (बृहस्पति) और शनि ग्रह से होता है, इसलिए इस नक्षत्र में की गई खरीदारी लंबे समय तक लाभकारी सिद्ध होती है। साथ ही, इस दिन नए व्यापार की शुरुआत या बड़े निवेश भी सफलता और समृद्धि लेकर आते हैं।

अमृत और सर्वार्थ सिद्धि योग का महत्व
गुरु पुष्य नक्षत्र के साथ अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग का बनना इस दिन को और भी खास बनाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस प्रकार के योगों में किया गया कार्य विशेष रूप से सफल और शुभ होता है। अगर आप नया व्यापार शुरू करना चाह रहे हैं, तो यह दिन इसके लिए बेहद अनुकूल है। साथ ही, वाहन, संपत्ति या घर खरीदना भी लाभकारी होगा। दीपावली महापर्व के अवसर पर गुरु पुष्य नक्षत्र 24 अक्टूबर 2024 को होने वाले शुभ मुहूर्त के बारे में है। चौघड़िया मुहूर्त, स्थिरलम मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त और राहु काल का विवरण निम्न है-
चौघड़िया मुहूर्त:
शुभ: प्रातः 06:24 से 07:50
चर: सुबह 10:41 से 12:07
लाभ: दोपहर 12:07 से 01:33
अमृत: दोपहर 01:33 से 02:59
शुभ: शाम 04:24 से 05:50
अमृत: शाम 05:50 से 07:24
चर: शाम 07:24 से 08:59
स्थिरलम मुहूर्त:
वृश्चिक: प्रातः 08:11 से 10:27
कुम्भ: दोपहर 02:19 से 03:52
वृषभ: रात 07:03 से 09:01
अभिजीत मुहूर्त:
सुबह 11:44 से 12:30 तक
राहु काल:
दोपहर 01:33 से 02:59 तक
यह मुहूर्त विशेष रूप से नए वस्त्र क्रय करने हेतु सबसे श्रेष्ठ माना गया है।

कौन सी राशियों के लिए है खास दिन?
इस विशेष संयोग का कुछ राशियों पर विशेष प्रभाव रहेगा। तुला, मकर, और वृषभ राशियों के जातकों को भाग्य का पूरा सहयोग मिलेगा, जिससे उन्हें सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होगी। इनके लिए यह समय किसी भी बड़े निवेश या नए कार्य की शुरुआत के लिए सर्वोत्तम है।

गुरु पुष्य नक्षत्र में क्यों करे खरीदारी
अगर आप दिवाली (Diwali) से पहले अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं, तो गुरु पुष्य नक्षत्र 2024 का दिन सबसे अनुकूल समय है। चाहे आप सोना-चांदी खरीदें, या फिर किसी नए प्रोजेक्ट की शुरुआत करें, यह समय आपके लिए शुभ और फलदायी सिद्ध होगा।

(Disclaimer: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। पब्लिक वार्ता न्यूज नेटवर्क इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करे।)

Ratlam News: महालक्ष्मी मंदिर में पुजारी को लेकर विवाद, आरोप; सूतक के दौरान मंदिर में पहुंचा, शुध्दिकरण कर खोला मंदिर

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: रतलाम के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में पंडित संजय पुजारी द्वारा सूतक के दौरान पूजा करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। श्रीमाली ब्राह्मण समाज ने इस कृत्य का विरोध जताया। विवाद बढ़ने के बाद रविवार रात को प्रशासन ने मंदिर का ताला लगा दिया और सोमवार सुबह 11 घंटे बाद मंदिर का ताला खोला गया। प्रशासन ने संजय पुजारी को हटाकर सत्यनारायण व्यास को अस्थायी पुजारी नियुक्त कर दिया।

शहर के माणक चौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर को हर साल दिवाली पर करोड़ों रुपए के नोटों और जेवरों से सजाया जाता है। इस वर्ष भी सजावट का काम शुरू हो चुका है, लेकिन पंडित संजय पुजारी के बड़े भाई के निधन से सूतक के चलते उन्हें पूजा से दूर रहने का कहा गया था। फिर भी उन्होंने पूजा की, जिससे श्रीमाली समाज में नाराजगी फैल गई। गौरतलब है की श्रीमाली ब्राह्मण समाज लक्ष्मी जी को कुलदेवी के रूप में पूजता है। पुजारी को समझाईश देने आए बाद भी उसने मंदिर में प्रवेश करना नहीं बंद किया। जिसके बाद समाज के लोग आक्रोशित होकर मंदिर पहुंचे और उन्होंने प्रशासन की मौजूदगी में ताला लगवा दिया।

मंदिर शुद्धिकरण करते श्रीमाली ब्राह्मण समाजजन

समाज का विरोध और शुद्धिकरण
श्री माली ब्राह्मण समाज ने मंदिर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और गंगाजल व गोमूत्र से शुद्धिकरण किया। समाज के अनुसार, सूतक के दौरान पूजा नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन पुजारी संजय ने नियमों का पालन नहीं किया। नायब तहसीलदार आशीष उपाध्याय की मौजूदगी में विवाद के समाधान के लिए पुजारी को बदला गया और सजावट का काम जारी रखने का निर्णय लिया गया।

सजावट की जिम्मेदारी और सुरक्षा
मंदिर में दिवाली के दौरान सजावट के लिए भक्त बड़ी मात्रा में रुपए और आभूषण दान कर रहे हैं। विवाद के बाद लोगों ने चिंता जताई कि अब सजावट की जिम्मेदारी कौन संभालेगा। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सजावट का कार्य रुकेगा नहीं और पुराने पुजारी के सहयोगी इसे पूरा करेंगे। साथ ही, मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के लिए पुलिस और पटवारियों की तैनाती की गई है, ताकि दान की गई धनराशि और आभूषणों का सही रिकॉर्ड रखा जा सके।

अस्थायी रूप से नया पुजारी नियुक्त
तहसीलदार ऋषभ ठाकुर ने बताया कि फिलहाल मंदिर में पटवारियों को तैनात किया गया है, जो अलग-अलग समय पर मंदिर में मौजूद रहेंगे। मंदिर के पुजारी परिवार में सूतक समाप्त होने के बाद, वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार संजय पुजारी के मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। मंदिर में दीपावली पर होने वाली सजावट को लेकर प्रशासन ने सभी संबंधित पक्षों को शांति बनाए रखने की अपील की है ताकि किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।