Bahraich Violence: राम गोपाल हत्याकांड के आरोपियों पर एसटीएफ का बड़ा एक्शन, एनकाउंटर में दो घायल, पांच गिरफ्तार

बहराइच – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Bahraich Violence: राम गोपाल हत्याकांड में यूपी एसटीएफ और पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से दो मुख्य आरोपी सरफराज उर्फ रिंकू और तालीम उर्फ सबलू को एनकाउंटर में घायल कर पकड़ा गया है। एनकाउंटर के दौरान दोनों आरोपियों के पैरों में गोली लगी, जिन्हें नानपारा सीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल भेजा गया। डॉक्टरों ने सरफराज की हालत गंभीर बताई है, जबकि दोनों को खतरे से बाहर बताया जा रहा है।

क्या है पूरा मामला?
13 अक्टूबर को बहराइच के महाराजगंज इलाके में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान पथराव के बाद हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में 25 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद जिले में तनाव फैल गया था और आगजनी की घटनाएं भी हुई थीं। इस हत्याकांड में सरफराज, तालीम और अब्दुल हमीद सहित 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। सभी आरोपी हत्या के बाद फरार हो गए थे।


घटना के बाद यूपी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश के नेतृत्व में टीमें आरोपियों की तलाश में जुट गईं। गुरुवार दोपहर एसटीएफ को सूचना मिली कि आरोपी नेपाल भागने की फिराक में हैं। पुलिस ने नानपारा कोतवाली क्षेत्र के हांडा बसहरी इलाके में घेराबंदी की, जहां एनकाउंटर के बाद सरफराज और तालीम को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस पर फायरिंग, जवाबी कार्रवाई में आरोपी घायल
पुलिस ने जब आरोपियों को गिरफ्तार किया, तो उनके द्वारा झाड़ियों में छिपाकर रखे गए असलहों से फायरिंग की गई। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोली चलाई, जिससे सरफराज और तालीम के पैरों में गोली लगी। घटना स्थल से दो अवैध असलहे भी बरामद किए गए हैं। एसटीएफ ने बताया कि अगर पुलिस सक्रिय न होती, तो घायल हो सकती थी।


परिजनों के आरोप
सरफराज की बहन रुखसार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि उनके पिता अब्दुल हमीद, भाई सरफराज, फहीम और एक अन्य युवक को एसटीएफ ने पहले ही हिरासत में ले लिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके परिजनों का एनकाउंटर किए जाने की साजिश रची जा रही है। रुखसार ने एक वीडियो जारी करते हुए अपने भाई और शौहर की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है।

अस्पताल में भारी सुरक्षा
पुलिस मुठभेड़ में घायल हुए आरोपियों को नानपारा सीएचसी और फिर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। पुलिस और पीएसी के जवानों के साथ आरआरएफ की तैनाती भी की गई है। एसपी वृंदा शुक्ला समेत अन्य अधिकारी भी अस्पताल में मौजूद हैं। किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए तीमारदारों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है और पूरा अस्पताल परिसर खाली करा दिया गया है।

सरकार का बयान
यूपी सरकार के मंत्री ओ.पी. राजभर ने इस मुठभेड़ पर बयान देते हुए कहा, “अगर पुलिस किसी को पकड़ने जाएगी और उन पर गोलियों की बौछार की जाएगी, तो क्या पुलिस उन्हें माला पहनाएगी? अपराधियों को जिंदा या मुर्दा पकड़ना ही होगा।”

पुलिस द्वारा इस मुठभेड़ और गिरफ्तारी के बाद हिंसा में शामिल अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए भी जांच जारी है।

धार्मिक झंडे को लेकर बवालः हाट की चौकी क्षेत्र में हिंदू और मुस्लिम पक्ष आमने – सामने, महिनेभर में इस प्रकार की यह तिसरी घटना

एसपी के निर्देश के बाद देर शाम टीआई ने दोनों पक्षों के प्रबुद्धजनों को बुलाकर की चर्चा, आपसी सोहाद्र बनाने की अपील

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। शहर के हाट की चौकी क्षेत्र में हिंदू और मुस्लिम पक्ष आमने – सामने हो गए। मामला धार्मिक झंडे को रोड किनारे पर लगाने का था। दरअसल आने वाले दिनों में हिंदू धर्म का प्रमुख गणेशोत्सव का त्यौहार है। वहीं मुस्लिम समुदाय का भी ईद मिलादुन्नबी का त्यौहार मनाया जाना है। ऐसे में दोनों पक्षों की तैयारियां चल रही है। मंगलवार दोपहर झंडे लगाने की बात पर करीब 3 घंटों तक गहमागहमी चलती रही। सूचना मिलते ही चौकी प्रभारी अनुराग यादव मौके पर बल सहित पहुंचे और समझाइश के बाद मामला शांत करवाया। दोनों पक्षों ने अपने – अपने झंडे एक साथ में लगा लिए। महिनेभर में धार्मिक झंडे के विवाद का यह तिसरा मामला है। इससे पहले मोहर्ऱम के समय उकाला रोड व दो दिन पहले कलाईगर रोड पर विवाद सामने आ चुके है। हालांकी दोनों में पुलिस ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत करवाया। जिला प्रशासन को इसे गंभीरता से लेते हुए कड़े नियम लागू करने की आवश्यकता है। जिससे भविष्य में कोई बड़े सांप्रदायिक विवाद जैसी स्थिति निर्मित ना हो।   

हिंदू समाज के लोगों का कहना था की हर साल गणेशोत्सव के पहले हनुमान मंदिर के पास पांडाल लगाया जाता है। पांडाल के आसपास रोड किनारे पोल पर भगवा ध्वज और लाइट लगाई जाती है। यह बात दुसरे पक्ष को पहले से पता होने के बावजूद उन्होने पांडाल व उसके आसपास देर रात झंडे लगा दिए। जबकी हर बार दोनों पक्ष तय सीमा में ही अपने झंडे लगाते है। लेकिन इस बार पांडाल के पास ही झंडे लगा दिए। वहीं दुसरी और मुस्लिम पक्ष के अनुसार ईद मिलादुन्नबी के पहले मस्जिद के आसपास वे भी हर साल सजावट करते है और झंडे लगाते है। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाईश देकर पांडाल स्थल के पास लगे झंडों को हटवाया। एसपी राहुल लोढ़ा ने मामले में थाना दिनदयाल नगर टीआई रविंद्र दण्डोतिया को क्षेत्र के प्रबुद्धजनों से चर्चा के लिए निर्देशित किया। जिसके बाद टीआई रविंद्र ने दोनों पक्षों को बुलाकर आगामी त्यौहार शांति व सोहाद्र से बनाने की अपील की। टीआई ने बताया की अगर कोई भी द्वेष फेलाकर शांतिभंग करने की कोशिश करता है तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों पर पुलिस विशेष निगरानी रखे हुए है।

मौके पर समझाईश देते चौकी प्रभारी अनुराग यादव

विरोध प्रदर्शनः कार्रवाई ना होने से हिंदू जागरण मंच ने घेरा थाना, डेढ़ माह पहले हिंदू युवती को बहला कर ले गया था मुस्लिम शिक्षक

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। हिंदू जागरण मंच ने रविवार दोपहर शहर के डीडी नगर पुलिस थाने का घेराव कर दिया। इस दौरान कार्यकर्ता थाने के बाहर जमीन पर बैठ गए। पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए मुर्दाबाद के नारे लगाए। सीएसपी के देरी से आने पर नाराज होकर पदाधिकारियों ने थाने के बाहर से गुजर रहे रतलाम-शिवगढ़ रोड पर जाम लगा दिया। दरअसल मामला डेढ़ माह पूर्व एक हिंदू युवती को मुस्लिम शिक्षक गुमराह कर ले जाने का है। युवती के परिजनों ने थाने गुमशुदगी दर्ज कराई है। डेढ़ माह बितने के बाद भी आज तक युवती का पुलिस पता नहीं कर पाई। इस कारण थाने का घेराव किया।

थाना प्रभारी रविंद्र दंडोतिया बात करने आए तो पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाने की मांग पर पदाधिकारी अड़ गए। सीएसपी अभिनव बारंगे को सूचना दी गई। सीएसपी के आने में देरी होने से प्रदर्शन कर रहे पदाधिकारी व कार्यकर्ता आक्रोशित होने लगे। सड़क जाम करने की चेतावनी दी। तब उन्हें बताया कि सीएसपी जगन्नाथ रथ यात्रा में है। कुछ देर इंतजार के बाद सभी थाने परिसर से बाहर निकल रतलाम-शिवगढ़ मार्ग सागोद रोड पुलिया पर पहुंच जाम लगा दिया। इस दौरान सीएसपी बारंगे आ गए। पदाधिकारियों ने युवती की तलाश नहीं करने पर सवाल-जवाब किए।

पदाधिकारियों का कहना था कि युवक का परिवार रतलाम में ही रहता है तो अभी तक युवती की तलाश क्यों नहीं की गई। इसके अलावा शहर में समय से पहले दुकाने बंद कराने को लेकर भी कार्यकर्ताओं ने विरोध कर कहा कि विशेष वर्ग समुदाय के क्षेत्रों में देर रात तक दुकाने खुली रहती है। सीएसपी ने सारी बाते सुनकर तीन से चार दिन में युवती की तलाश कर लाने का आश्वासन दिया। जिसके बाद मामला शांत हुआ। जागरण मंच के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर तीन से चार दिन में युवती को पुलिस तलाश नहीं कर पाती है तो सर्व हिंदू समाज द्वारा रतलाम बंद कराया जाएगा।
इस दौरान हिंदू जागरण मंच के प्रांत कार्यकारिणी सदस्य राजेश कटारिया, जिला संयोजक जगदीश पाटीदार, कमलेश ग्वालियरी, सिद्धार्थ पंड्या, कार्तिक, नंदकिशोर,सूरज चौहान, राकेश मिश्रा समेत बड़ी संख्या में हिंदू संगठन पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।

दर्ज है गुमशुदगी, नहीं हो रही कार्रवाई
पुलिस के अनुसार परिजनों थाने में जो आवेदन दिया था उसमें युवती 21 मई 24 को घर से जाना बताया। 23 मई को अनीस खान निवासी लक्ष्मणपुरा के खिलाफ गुमराह कर ले जाने को लेकर गुमशुदगी दर्ज कराई। लगातार युवती को तलाश भी किया गया। परिजनों को आशंका है कि युवती को गुमराह कर ले जाया गया है। पुलिस की माने तो युवती की तलाश के बाद सारे बिंदुओं पर जांच की जाएगी। डीडी नगर थाना प्रभारी रविंद्र दंतोडिया ने बताया युवती की तलाश के लिए लगातार टीमे लगी हुई है। एमपी के बाहर भी पुलिस टीम गई है। शीघ्र ही युवती को तलाश कर लिया जाएगा।
हिंदू जागरण मंच के प्रांत कार्यकारिणी सदस्य राजेश कटारिया ने बताया कि डेढ़ माह पूर्व हिंदू युवती को मुस्लिम शिक्षक गुमराह करके ले गया है। डेढ़ माह से पुलिस से संपर्क कर रहे है। पुलिस द्वारा सही कार्रवाई नहीं की जा रही है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी समय पर नहीं पहुंचे तो चक्काजाम करना पड़ा। अधिकारियों ने कहा कि की तीन से चार दिन में युवती को तलाश लेंगे। युवती को तलाश कर नहीं लाया जाता है तो हम हिंदू सर्व समाज को लेकर रतलाम बंद करेंगे।