MP News: बीमार थीं प्रोफेसर, चपरासी ने जांची यूनिवर्सिटी एग्जाम की कॉपियां, वायरल वीडियो से मचा बवाल

नर्मदापुरम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। MP News: मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के पिपरिया स्थित शहीद भगत सिंह शासकीय पीजी यूनिवर्सिटी में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां परीक्षा की कॉपियों की जांच किसी योग्य प्रोफेसर ने नहीं, बल्कि एक चपरासी ने कर दी। बताया जा रहा है कि संबंधित प्रोफेसर बीमार थीं, ऐसे में उन्होंने यह जिम्मेदारी गैरशैक्षणिक कर्मचारी यानी एक चपरासी को सौंप दी।

मामले का खुलासा तब हुआ जब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में चपरासी को कॉपियों की जांच करते हुए देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि इसके बदले चपरासी को 5000 रुपये का भुगतान भी किया गया।

छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ के इस मामले ने उच्च शिक्षा विभाग को भी चौकन्ना कर दिया है।

वीडियो वायरल होने के बाद विभाग ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, प्रारंभिक जांच के आधार पर संबंधित प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया है।

उच्च शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और छात्रों के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

  • यूनिवर्सिटी: शहीद भगत सिंह शासकीय पीजी यूनिवर्सिटी, पिपरिया
  • दोषी: एक महिला प्रोफेसर (बीमार थीं)
  • आरोप: परीक्षा कॉपियां चपरासी से जांचवाना
  • भुगतान: 5000 रुपये
  • कार्रवाई: प्रोफेसर निलंबित, विभागीय जांच जारी

सोशल मीडिया पर उठ रहे सवाल
सोशल मीडिया पर लोग शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। यूजर्स का कहना है कि यदि यही हाल रहा तो छात्रों के भविष्य का क्या होगा?

MP News: मां नर्मदा संरक्षण यात्रा: पर्यावरण जागरूकता का संदेश लेकर 2 जनवरी से होगी शुरू

खंडवा/हरदा – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। MP News: पर्यावरण संरक्षण और मां नर्मदा जी के तटीय क्षेत्रों के संवर्धन के उद्देश्य को लेकर रुपई ग्रुप मध्यप्रदेश और अमृतवन संरक्षण फाउंडेशन के नेतृत्व में एक विशेष यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। यह मां नर्मदा संरक्षण संभावना यात्रा 2 जनवरी 2025 से शुरू होकर 22 जनवरी 2025 तक जारी रहेगी। 

इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य नर्मदा नदी के संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण को लेकर जनमानस में जागरूकता फैलाना है। यात्रा के दौरान बुद्धिजीवी वर्ग के 20 सदस्य नर्मदा तट पर बसे गांवों और शहरों से होकर गुजरेंगे। इन स्थानों पर किसानों, युवाओं और प्रशासनिक अधिकारियों से संवाद कर उनके विचारों को साझा किया जाएगा। 

संरक्षण के लिए चिंतन और संवाद
इस यात्रा के आयोजन के पीछे रुपई ग्रुप के संरक्षक और पर्यावरणविद गौरीशंकर मुकाती जी की प्रमुख भूमिका है। यात्रा के दौरान संगोष्ठियों और विचार-विमर्श के जरिए नर्मदा तटीय क्षेत्रों में संरक्षण और संवर्धन की संभावनाओं पर मंथन किया जाएगा। 
यात्रा में भाग लेने वाले सभी सदस्य समाज के चिंतनशील और बुद्धिजीवी वर्ग से हैं, जो पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और संरक्षण के लिए ठोस योजना तैयार करने का कार्य करेंगे। 

यात्रा की विशेषताएं
– यात्रा गुजरात और मध्यप्रदेश के उन क्षेत्रों से होकर गुजरेगी, जहां से नर्मदा नदी का जल बहता है। 
– नर्मदा तटीय क्षेत्र के किसानों और युवाओं से संवाद कर उनके सुझावों को समझा जाएगा। 
– यात्रा के बाद पर्यावरण संरक्षण की एक व्यापक योजना तैयार की जाएगी, जो नर्मदा जी के दीर्घकालिक संरक्षण और संवर्धन में मददगार होगी। 

हर जिले में बन रही टोलियां
यात्रा के सफल संचालन के लिए हर जिले में विशेष टोलियां बनाई जा रही हैं, जो यात्रा के उद्देश्यों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करेंगी। 

रुपई ग्रुप के सदस्य राजा मलगाया ने बताया कि यात्रा का उद्देश्य केवल पर्यावरण जागरूकता तक सीमित नहीं है, बल्कि भविष्य के लिए एक ठोस रणनीति तैयार करना भी है, ताकि मां नर्मदा के संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन को भी बनाए रखा जा सके। 

यह यात्रा समाज और प्रकृति के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकती है।