पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। प्रदेशभर में बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो चुकी है। परीक्षाओं को सफल रूप से आयोजित करने में अहम जिम्मेदारी केंद्र के प्रमुख यानी केंद्राध्यक्ष की होती है। लेकिन ड्यूटी निभा रहे केंद्राध्यक्ष खुद को ठगा महसूस कर रहे है। ऐसा इसलिए क्योंकि शिक्षको के केंद्र अधिक दूरी पर है। इसके अलावा उनका यात्रा भत्ता और समय पर पहुंचने के नियम टेढ़ी खील साबित हो रहे है।अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए शुक्रवार को मध्यप्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ रतलाम द्वारा अपर कलेक्टर शालिनी श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल के अध्यक्ष के नाम सौंपा गया।
संघ के जिलाध्यक्ष प्राचार्य आर.एन. केरावत ने बताया की बोर्ड परीक्षा में नियुक्त किए गए केंद्र अध्यक्ष की ड्यूटी कर्तव्य स्थल से बहुत दूर लगाई हुई है। बोर्ड के नियमानुसार पेपर्स को सुबह 6:00 से 7:00 बजे के बीच निकलना अनिवार्य है जो की अव्यावहारिक है। साथ ही पारिश्रमिक बहुत कम दिया जा रहा है। विभिन्न समस्याओं से अवगत कराते हुए बोर्ड अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा है। यदि उचित निर्णय नहीं लिया जाता है तो आगामी बोर्ड के कार्यों में सभी अधिकारी वर्ग बहिष्कार करेंगे। इस दौरान सचिव बालकृष्ण पाटीदार, गिरीश सारस्वत, ममता अग्रवाल, सुनील कदम, जीएस सिसोदिया, गोपाल वर्मा, राजेंद्र पुष्पद, सरोज शर्मा, वर्षा कुलकर्णी, निर्मला जोसेफ, माधुरी फडनिस, आफाक सिद्दीकी, श्रवण भावसार, सुधीर गुप्ता, इसरार खान, वहीदा रहमान, मधु परिहार आदि उपस्थित थे।
इन मांगों को लेकर दिया ज्ञापन
1. वर्तमान में संचालित बोर्ड परीक्षाओं में केंद्राध्यक्ष / सहायक केंद्राध्यक्षों की ड्यूटी उनके कर्तव्य स्थल लगभग 100 किलोमीटर दूर तक लगाई गई है, और उन्हें प्रातः 6 से 7 बजे के बीच थाने पहुंचकर प्रश्न पत्र निकालने की कार्यवाही संपन्न करना होती है, जो न केवल अत्यंत असुविधाजनक है बल्कि अव्यवहारिक भी है।
2. प्रातः काल में अधिकतर केंद्र अध्यक्ष तीन से चार घंटे की यात्रा अपने निजी वाहन से करते हैं, और घर से प्रातः 4 से 5 बजे निकल रहे हैं, एवं शीत ऋतु में कोहरा होने से दुर्घटना होने आशंका भी बनी रहती है। (उल्लेखनीय है कि दिनांक 05/02/2024 को परीक्षा के लिये कार से रहे केन्द्राध्यक्ष श्री जाकिर हुसैन मेव की निजि कार दुर्घटना का शिकार हो गई जिसमें उन्हें मामुली चोट आई एवं कार भी क्षतिग्रस्त हो गई। अतः समय की बाध्यता को समाप्त किया जाए।
3. केंद्राध्यक्ष/सहायक केंद्राध्यक्षों की नियुक्ति रेंडमाइजेशन के माध्यम से विकासखंड के अंदर ही की जाए।
4. बोर्ड द्वारा प्रदान किया जा रहा यात्रा भत्ता समस्त केंद्राध्यक्ष / सहायक केंद्राध्यक्ष के लिए एक समान है। चाहे उनकी ड्यूटी स्थानीय स्तर पर है या 100 किलोमीटर की दूरी पर है जो कि न्याय संगत नही है।अतः दूरी के आधार पर यात्रा भत्ता प्रदान किया जाए।
5. केंद्राध्यक्ष / सहायक केंद्राध्यक्ष राजपत्रित श्रेणी के अधिकारी हैं उन्हें बोर्ड द्वारा पारिश्रमिक के मात्र ₹300
प्रदान किया जा रहे हैं, जो बिल्कुल न्यायोचित नहीं है, इसे बढ़ाकर ₹1000 किया जाएं।
6. बोर्ड द्वारा इस वर्ष परीक्षा संचालन हेतु प्रति छात्र ₹80 रुपए प्रदान किए गए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में मात्र ₹5 अधिक है, जबकि अन्य कर्मचारियों के पारिश्रमिक में ₹100 के स्थान पर ₹150 की वृद्धि की गई है जो उचित नहीं है, न्यायोचित रूप से पारिश्रमिक राशि में वृद्धि की जाए एवं प्रति छात्र ₹120 रुपए रखी जाए।