शिक्षा, पोषण और चिकित्सा को प्राथमिकता, तीन हजार करोड़ रुपये बढ़ा बजट
भोपाल- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। MP Board Result 2025: रिजल्ट को समय पर घोषित करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। सीएम ने अधिकारियों को स्पष्ट कहा कि विद्यार्थियों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और पोषण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से राज्य सरकार ने शिक्षा बजट में इस साल 3000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा व्यवस्था में बड़े सुधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का पूर्ण रूप से पालन किया जाए। अन्य राज्यों के शिक्षा मॉडल का अध्ययन कर कार्ययोजना तैयार की जाए। साथ ही प्राथमिक स्तर से ही बच्चों को नैतिक शिक्षा और पारिवारिक मूल्य सिखाने पर जोर दिया गया है। इसके लिए विद्या भारती, गायत्री परिवार और आर्ट ऑफ लिविंग जैसी संस्थाओं को स्कूलों से जोड़ा जाएगा।
दो बार होगी बोर्ड परीक्षा, मिलेगा दूसरा मौका
NEP के तहत अब बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी। इससे असफल छात्रों को साल खराब किए बिना दोबारा परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। साल के अंत में अंतिम परीक्षा की अंकसूची दी जाएगी।
बोर्ड परीक्षा केंद्रों पर कड़ी निगरानी
इस वर्ष 266 संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल जैमर लगाए गए हैं ताकि नकल और पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोका जा सके। परीक्षा केंद्रों पर सतर्कता बढ़ाई गई है।
स्कूलों की अधोसंरचना और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
सीएम ने कहा कि जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों, समाजसेवी संगठनों, CSR फंड और पूर्व छात्रों से सहयोग लिया जाए। विधानसभावार सूची बनाकर अधोसंरचना विकास किया जाएगा। शिक्षा से जुड़े सभी विभागों की एक संयुक्त समिति बनाकर शैक्षिक सुधार की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
सांदीपनि स्कूल बनें राष्ट्रीय आदर्श मॉडल
सीएम मोहन यादव ने कहा कि सांदीपनि स्कूल को ऐसा आदर्श मॉडल बनाया जाए जहां बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद, कला-संस्कृति और व्यक्तित्व विकास का समुचित प्रशिक्षण मिले। स्कूल बस संचालन में सुरक्षा नियमों का पालन हो और ड्राइवर-कंडक्टर के व्यवहार पर विशेष निगरानी रखी जाए।
सरकारी स्कूलों में भी शुरू हो नर्सरी
मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों में बच्चों के प्रवेश कम होने का कारण पूछा, जिस पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि नर्सरी की सुविधा न होने से बच्चे प्राइवेट स्कूलों में शिफ्ट हो जाते हैं। इस पर सीएम ने सरकारी स्कूलों में भी नर्सरी कक्षा शुरू करने के निर्देश दिए।
शिक्षकों के तबादलों में पारदर्शिता जरूरी
सीएम ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति और तबादलों में पारदर्शिता रखी जाए। लापरवाही पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उज्जैन में संयुक्त संचालक का पद शीघ्र भरने के आदेश भी दिए गए।