MP News: गोठड़ा माताजी भविष्यवाणी: नहीं बदलेगा राजा, पर राजनीति में खींचतान रहेगी, बारिश-फसल-आगहानी पर भी जताई आशंका, देखिए लाइव वीडियो

रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। MP News: जावरा तहसील के मेलनी नदी किनारे स्थित प्रसिद्ध गोठड़ा माताजी मंदिर में हर साल की तरह इस बार भी नवमी पर हजारों भक्तों की मौजूदगी में भविष्यवाणी हुई। मंदिर परिसर में माताजी के दर्शन और पंडाजी की भविष्यवाणी सुनने के लिए मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों से श्रद्धालु पहुंचे।

वीडियो : भविष्य को लेकर क्या बोले मंदिर के पंडा जी

माताजी के अनन्य भक्त और सात पीढ़ियों से इस परंपरा को निभा रहे पंडा श्री नागुलालजी धनगर ने इस वर्ष की भविष्यवाणी में देश-दुनिया, राजनीति, मौसम, फसल और बाजार के हालातों का पूर्वानुमान दिया। 

उन्होंने कहा,
इस साल राजा नहीं बदलेगा, लेकिन आपसी खींचतान बहुत रहेगी। राजनीति में उठा-पटक देखने को मिलेगी, दंगे-फसाद की भी आशंका है। दुर्घटनाएं बढ़ेंगी, इसलिए सतर्क रहें।

मौसम को लेकर चेतावनी
पंडाजी के अनुसार, इस वर्ष गर्मी अत्यधिक पड़ेगी, जिससे कई जगहों पर आगजनी की घटनाएं होंगी, यहां तक कि वाहनों में भी आग लग सकती है। बैसाख माह में हवा के साथ बारिश होगी जबकि आषाढ़ में आंधी-तूफान से जन-धन की भारी हानि हो सकती है।

फसल और भाव का पूर्वानुमान


पंडाजी ने कहा कि आने वाले साल में ओले गिरेंगे, मावठे की बारिश भी होगी। हालांकि बारिश समय से पहले आ सकती है, लेकिन शुरुआती बारिश में बोवनी न करने की सलाह दी गई है। इस साल खंड वर्षा के चलते दो बार बोवनी करनी पड़ सकती है।

फसलें अच्छी होंगी, लेकिन धैर्य जरूरी होगा।

* लहसुन-प्याज के भाव अच्छे रहेंगे

* सोयाबीन में इल्ली का प्रकोप रहेगा

* मटर, टमाटर, चना, मिर्च सहित अन्य फसलों के दाम बढ़िया रहेंगे

* सोना-चांदी का भाव मिडियम रहेगा

रोगों के फैलाव की संभावना
पंडाजी ने यह भी कहा कि इस साल बीमारियां अधिक फैलेंगी। इसलिए यज्ञ, हवन और कुलदेवताओं की पूजा करनी चाहिए, जिससे संकट टाला जा सके।

लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी


इस भविष्यवाणी को सुनने के लिए न केवल आमजन बल्कि सांसद, विधायक, अधिकारी और उद्योगपति तक पहुंचते हैं। अप्रैल की चिलचिलाती गर्मी में भी हजारों की भीड़ यह भविष्यवाणी सुनने के लिए उमड़ती है।

सदियों पुरानी परंपरा
पंडाजी की सात पीढ़ियों से माताजी के धाम पर यह भविष्यवाणी की परंपरा चली आ रही है, जिसे आस्था का विषय माना जाता है। गोठड़ा माताजी मंदिर का यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक रूप से भी अत्यंत महत्व रखता है।

भारतीय रेलवे में KAVACH 4.0: नई सुरक्षा प्रणाली कवच से ट्रेनों की रफ्तार और सुरक्षा में होगा बड़ा सुधार

सिग्नल पासिंग, ओवरस्पीड और अन्य सुरक्षा परीक्षण सफल, कवच 4.0 (Kavach 4.0) एक स्वचालित ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) प्रणाली है, कवच 4.0 सिस्टम ट्रेन की गति पर नजर रखता है।

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। भारतीय रेलवे ने देश के सबसे व्यस्त रेल मार्गों में से एक, दिल्ली-मुंबई रूट पर कवच 4.0 (Kavach 4.0) प्रणाली का सफल परीक्षण और इंस्टॉलेशन कर लिया है। इस नई स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली से न केवल ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी, बल्कि सुरक्षा भी मजबूत होगी।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में सवाई माधोपुर से इंदरगढ़ सुमेरगंज मंडी सेक्शन के बीच इसका ट्रायल सफल रहा, जिससे 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनों का संचालन संभव हो सकेगा। ट्रायल के दौरान सिग्नल पासिंग, ओवरस्पीड और अन्य सुरक्षा परीक्षण सफल रहे। रेलवे के इस मिशन रफ्तार के तहत 545 किमी ट्रैक पर कवच प्रणाली लागू की जा रही है, जो ट्रेन सुरक्षा में एक बड़ा कदम है।

क्या है कवच 4.0?
कवच 4.0 एक स्वचालित ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) प्रणाली है, जिसे भारतीय रेलवे ने स्वदेशी रूप से विकसित किया है। इसका उद्देश्य ट्रेनों के बीच संभावित टकराव की स्थिति को रोकना और लोको पायलट की गलतियों से होने वाली दुर्घटनाओं को कम करना है। यह तकनीक ट्रेनों को ट्रैक पर सिग्नल पासिंग, ओवरस्पीडिंग, और दुर्घटनाओं से बचाने के लिए बनाई गई है।

कैसे काम करता है कवच 4.0?
कवच 4.0 सिस्टम ट्रेन की गति पर नजर रखता है और जरूरत पड़ने पर स्वचालित रूप से ब्रेक लगाता है। अगर ट्रेन की गति निर्धारित सीमा से 2 किमी/घंटा अधिक हो जाती है, तो कवच ओवरस्पीड अलार्म जारी करता है। 5 किमी/घंटा से अधिक पर सामान्य ब्रेक और 7 किमी/घंटा से अधिक पर पूर्ण ब्रेकिंग सिस्टम एक्टिव हो जाता है। अगर 9 किमी/घंटा से ज्यादा हो जाती है, तो आपातकालीन ब्रेक स्वचालित रूप से लागू हो जाता है। यह प्रणाली विशेष रूप से लो विजिबिलिटी और कोहरे की स्थिति में भी लोको पायलट की मदद करती है।

कवच 4.0 का महत्व
– तेज रफ्तार: इस प्रणाली के जरिए दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंचाई जा सकती है।
– सुरक्षा में बढ़ोतरी: यह तकनीक ट्रेन के टकराव, सिग्नल पासिंग और अन्य दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक है।
– स्वदेशी तकनीक: भारत में निर्मित यह प्रणाली रेलवे की आत्मनिर्भरता और तकनीकी उन्नति को दर्शाती है।

पुराने और नए वर्जन में अंतर
कवच 4.0, अपने पुराने संस्करणों से अधिक उन्नत है। यह सिस्टम अधिक सटीकता के साथ काम करता है और गति की छोटी से छोटी अनियमितताओं को भी तुरंत पहचान सकता है। यह संस्करण कोहरे और अन्य प्राकृतिक बाधाओं के बावजूद ट्रेनों की सुरक्षित संचालन में मददगार साबित होता है। रेल मंत्रालय के अनुसार कवच 4.0 के इंस्टॉलेशन से भारतीय रेलवे एक और कदम सुरक्षा और गति में सुधार की दिशा में बढ़ा है। अगले वर्ष तक इस नई प्रणाली के कारण दिल्ली-मुंबई रूट पर ट्रेनों की गति 160 किमी प्रति घंटे तक बढ़ने की संभावना है, जिससे यात्रा समय में कमी आएगी और सुरक्षा स्तर भी उन्नत होगा।