“फोन” लेना है क्या? : कोड वर्ड में पिस्टल बेचने वाले 4 बदमाशों को पुलिस ने दबोचा, बड़ी वारदात टली

खाचरोद व जावरा के बदमाश गिरफ्तार, धार जिले का मुख्य सप्लायर फरार

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। पुलिस ने जिले के जावरा में अवैध हथियार मामले में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से पुलिस ने 4 अवैध पिस्टल व 11 जिंदा राउंड भी जप्त किए। जिनकी अनुमानित कीमत करीब 81 हजार बताई जा रही है। मामले में 1 आरोपी फरार है जो की सिकलीगर कारीगर है। आरोपी पिस्टलों की खरीद फरोख्त के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे। बदमाशों ने पिस्टल का कोड फोन रखा हुआ था। पुलिस आरोपियों के द्वारा शहर या अन्य जिलों में बेची गई पिस्टल आदि की भी जानकारी जुटा रही है।

आरोपियों से जप्त पिस्टल व जिंदा कारतूस

जावरा सिटी थाना प्रभारी जितेंद्रसिंह जादौन ने बताया की एसपी राहुल लोढा के निर्देशन व जावरा सीएसपी दुर्गेश आर्मो के मार्गदर्शन में अवैध हथियार के सौदागरों के खिलाफ अभियान चलाया गया। जिसके बाद मुखबिर तंत्र को सक्रिय करने पर सूचना प्राप्त हुई की शहर के हिस्ट्रीशीटर बदमाश पिस्टल के अवैध धंधे में लिप्त है। सूचना पर मच्छी भवन मैदान जावरा से आरोपी शोएब खान निवासी उदासी की बाडी तालनाका व शाजेब खान निवासी कमलीपुरा जावरा को पकडा तथा उनके कब्जे से कुल 03 पिस्टल 09 राऊण्ड जप्त किए। आरोपीगण जावरा शहर मे कोई बडी घटना मिलकर कारित करने वाले थे। पूछताछ के दौरान उन्होंने पिस्टल उज्जैन के खाचरोद से लाना बताया।

आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने टीम बनाकर खाचरोद के सप्लायर्स की तलाश शुरू कर दी। टीम ने भुरा पिता छोटे खान पठान निवासी जमातखाने के सामने व शोएब मेव पिता रफिक मेव उर्फ मामा निवासी खाचरोद को दबिश देकर गिरफ्तार किया। इनके पास से पुलिस ने 1 पिस्टल व 2 जिंदा राउंड जप्त किए। खाचरोद के पकड़ाए इन आरोपियों से जब पूछताछ की गई तो इनका कनेक्शन धार के सिकलीगर कारीगर से मिला। आरोपियों ने पुलिस को बताया की धार जिले के बारिया गंधवानी निवासी गुरुचरण पिता महेन्द्रसिह चांवला से वे पिस्टलों की अवैध खरीदी करते थे। पुलिस अब फरार आरोपी गुरुचरण की तलाश में जुटी है।

सराहनीय भुमिका:
मामले के खुलासे में टीआई जितेन्द्र सिह जादौन, एसआई जगदीशसिंह तोमर , एएसआई हीरालाल परमार, आर. अंतिम चौधरी, राधेश्याम चौहान, राजेश पवार, आरक्षक ललीत जगावत, आरक्षक रामप्रसाद मीणा एवं सायबर सेल रतलाम की भूमिका सराहनीय रही।