भोपाल – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| MP Monsoon Update: मध्यप्रदेश में मानसून की विदाई के बीच एक बार फिर से बारिश का दौर शुरू हो गया है। राज्य के 46 जिलों से मानसून लौट चुका है, लेकिन वर्तमान में बने 2 सिस्टम के कारण प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हो रही है। रतलाम और आगर मालवा में सुबह से ही तेज बारिश हो रही है। उज्जैन, धार और गुना समेत 27 जिलों में अगले तीन दिनों तक बारिश की संभावना बनी हुई है।
रतलाम और आगर मालवा में तेज बारिश, उज्जैन-धार में भी पानी गिरा
रतलाम और आगर मालवा में रविवार सुबह से तेज बारिश हो रही है। उज्जैन और गुना में भी हल्की बारिश दर्ज की गई। धार जिले के मनावर में शनिवार रात को करीब डेढ़ घंटे तक बारिश हुई। इंदौर समेत प्रदेश के अन्य जिलों में भी हल्की बारिश का अनुमान जताया गया है।
क्यों हो रही है बारिश?
मौसम वैज्ञानिको ने बताया कि अरब सागर में बने लो प्रेशर एरिया और मानसून ट्रफ की एक्टिविटी के कारण दक्षिण-पश्चिमी हवाएं नमी लेकर आ रही हैं, जिससे इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, नर्मदापुरम, जबलपुर और शहडोल संभागों में बारिश हो रही है। यह स्थिति 15 अक्टूबर तक बनी रहेगी।
मानसून विदाई की स्थिति
मौसम विभाग के अनुसार, मध्यप्रदेश के 46 जिलों से मानसून विदा हो चुका है। 2 अक्टूबर को ग्वालियर, मुरैना, भिंड समेत 6 जिलों से और 5 अक्टूबर को भोपाल, इंदौर, रतलाम सहित 28 जिलों से मानसून लौट गया था। 11 अक्टूबर तक जबलपुर, शहडोल, रीवा संभाग के भी कई जिलों से मानसून की विदाई हो चुकी है।
3 दिन बाद पूरी तरह विदा होगा मानसून
मौसम विभाग ने 13, 14 और 15 अक्टूबर को प्रदेश में गरज-चमक और हल्की बारिश की चेतावनी जारी की है। इसके बाद मध्यप्रदेश से मानसून पूरी तरह से विदा हो जाएगा।
बारिश का असर
प्रदेश में इस साल औसतन 44.1 इंच बारिश हुई है। जबलपुर संभाग में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई, जिसमें मंडला जिले में 60.6 इंच से ज्यादा और सिवनी में 56.8 इंच बारिश हुई है। श्योपुर, निवाड़ी और राजगढ़ में भी 52 इंच से ज्यादा बारिश हुई है। भोपाल, सागर, अलीराजपुर, डिंडौरी और छिंदवाड़ा भी सबसे ज्यादा बारिश वाले टॉप-10 जिलों में शामिल हैं।
अगले सप्ताह ठंड बढ़ने के आसार
मौसम विभाग का अनुमान है कि 20 अक्टूबर के बाद प्रदेश में ठंडक बढ़ने लगेगी। रात के तापमान में गिरावट आकर यह 20 डिग्री सेल्सियस के नीचे जा सकता है। हालांकि, दिन का तापमान 33-34 डिग्री के बीच रहने की संभावना है। अक्टूबर के अंत तक दिन के तापमान में भी कमी आने लगेगी।
अगले तीन दिनों तक मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बारिश और गरज-चमक का दौर जारी रहेगा, जिसके बाद मानसून पूरी तरह से विदा हो जाएगा। इसके बाद प्रदेश में ठंड बढ़ने की संभावना है, जिससे लोगों को मौसम में बदलाव का अहसास होगा।
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Heavy Rain in Ratlam: रतलाम में रविवार को मूसलाधार बारिश, किसानों की सोयाबीन भीगी, बाइक सवार गिरे नाले में, बिजली भी गिरी
रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Heavy Rain in Ratlam: शहर में रविवार को भारी बारिश हुई, जिसने शहर की सड़कों को तालाब में तब्दील कर दिया। दोपहर 2 बजे के बाद शुरू हुई हल्की बारिश ने शाम 4:30 बजे के आसपास मूसलाधार रूप धारण कर लिया। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि बादल फट गए हों, क्योंकि दो घंटे तक लगातार तेज बारिश होती रही, इस दौरान लगभग 2 इंच बारिश दर्ज की गई। रतलाम में अब तक 43.88 इंच के करीब वर्षा हो चुकी है, जो की सामान्य से 7.96 इंच ज्यादा है।
तेज बारिश के दौरान कई क्षेत्रों में पानी भर गया। खासतौर पर अलकापुरी क्षेत्र में बिजली गिरने से बिजली आपूर्ति बंद हो गई, और अन्य क्षेत्र भी प्रभावित हुए। हालांकी इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। वहीं बारिश के बीच नगर निगम की बड़ी लापरवाही सामने आई है। शहर के बाजना बस स्टैंड क्षेत्र में राहगीर खुले नाले में बाइक सहित गिर गए, जिन्हें आसपास के लोगों ने समय रहते सुरक्षित बाहर निकाला। गनीमत रही कि कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई।
निचले क्षेत्र जलमग्न
शहर के पावर हाउस रोड, डॉट की पुलिया, न्यू रोड, बाजना बस स्टैंड, बड़बड़ और अन्य क्षेत्रों में पानी भरने से यातायात प्रभावित हुआ। घने अंधेरे और जलभराव के कारण वाहन चालकों को अपने वाहनों की हेडलाइट जलाकर वाहन चलाने पड़े, और कई जगहों पर वाहन फिसलने की घटनाएं भी हुईं।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी बारिश का असर
रतलाम से 8 किलोमीटर दूर पलसोड़ा गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गया। यहां का मुख्य चौराहा पानी से भर गया और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा तक पानी आ गया। गांव के सड़क मार्गों का संपर्क टूट गया, जिससे आवागमन बाधित हो गया। नामली में भी सड़कों की हालत नदियों की तरह हो गई।
खेतों में पानी, सोयाबीन की फसलें प्रभावित
रतलाम के आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी खेतों में पानी भर गया। सोयाबीन की फसलें भीग गईं और कई किसानों की फसलें खराब हो गईं। कटाई के बाद खेतों में रखे सोयाबीन भी पानी में डूबने से नुकसान हो गया। कुछ वीडियो में सोयाबीन की फसलें पानी में बहकर भी जाती हुई दिखाई दी। जाते मानसून ने कई किसानों को प्रभावित किया है। सितंबर के अंत में हुई इस भारी बारिश ने रतलाम शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को काफी प्रभावित किया। निचले क्षेत्रों में पानी भरने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, और खेतों में पानी भरने से किसानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है।
MP Weather: मध्य प्रदेश में मानसून फिर सक्रिय: भोपाल-इंदौर समेत 25 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
भोपाल – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। मध्य प्रदेश में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है, जिसके चलते राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश (Heavy Rain in MP) का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, जबलपुर और उज्जैन संभाग के जिलों में अगले 24 घंटों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी दी है। प्रदेश में इस मानसून सीजन में अब तक औसत से 15% अधिक वर्षा दर्ज की जा चुकी है, जिससे जलस्तर बढ़ने के साथ ही जनजीवन पर असर पड़ा है। (MP Weather)
अलर्ट वाले जिले
बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, झाबुआ, धार, मऊगंज, अनूपपुर, उमरिया, डिंडौरी, कटनी, जबलपुर, छिंदवाड़ा, मंडला और सागर जैसे जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग ने 27 सितंबर को इंदौर-उज्जैन संभाग और 28 सितंबर को जबलपुर, शहडोल और सागर संभाग में बारिश की संभावना जताई है।
मौसम प्रणालियों का असर
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, दक्षिणी छत्तीसगढ़ में हवा के ऊपरी हिस्से में चक्रवात बना हुआ है, जो प्रदेश में बारिश का प्रमुख कारण है। इसके साथ ही कोंकण से लेकर बांग्लादेश तक फैली द्रोणिका (ट्रफ लाइन) और तेलंगाना के पास बनी शियर जोन भी बारिश को प्रबल कर रही है। इन मौसमी प्रणालियों के कारण राज्यभर में रुक-रुककर बारिश हो रही है।
अब तक हुई वर्षा
प्रदेश में 1 जून से 25 सितंबर तक कुल 1074.8 मिमी. वर्षा दर्ज की गई है, जो सामान्य 937.9 मिमी. से 15% अधिक है। प्रमुख जिलों की बात करें तो खंडवा में 56 मिमी, मंडला में 30 मिमी, दमोह और उमरिया में 18 मिमी, पचमढ़ी में 17 मिमी, और इंदौर में 8 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में रुक-रुककर भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी गई है, क्योंकि कहीं-कहीं बाढ़ जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
मानसून की विदाई
सितंबर का चौथा मजबूत मौसम प्रणाली सक्रिय होने के बाद, अक्टूबर के पहले सप्ताह तक मानसून की विदाई की संभावना है।