काला कारोबार : रतलाम में स्मैक के साथ इंदौर के दो युवक धराए, राजस्थान से मध्यप्रदेश-गुजरात में धड़ल्ले से सप्लाय हो रहा नशा

दो राज्यों की पुलिस के बीच फंसा रहता है पेंच, आखिर क्यों प्रतापगढ़ बना है अड्डा, पढ़िए पूरी खबर

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। शहर में अवैध नशे के कारोबार को लेकर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी बीच पिपलोदा थाना अंतर्गत पुलिस ने इंदौर के दो युवकों को गिरफ्तार किया। दोनों अवैध मादक पदार्थ स्मैक को ले जा रहे थे। पुलिस ने इनसे 25 ग्राम स्मैक जप्त की है, जिसकी अनुमानित कीमत 50 हजार के करीब बताई जा रही है। बरहाल पुलिस के लिए नशे का अवैध कारोबार सिर दर्द बना हुआ है। एमडी ड्रग्स, कोकीन, ब्राऊन शुगर जैसे घातक नशे की खेप मध्यप्रदेश के पड़ोसी राज्य राजस्थान से एंट्री कर रही है। जिस पर अंकुश लगाने में पुलिस अब तक कोई ठोस अंजाम तक नहीं पहुंची है। राजस्थान से नशा एंट्री करते हुए मध्यप्रदेश के बड़े शहरों समेत गुजरात में पहुंचता है। वहीं नशे के सरगनाओं तक पहुंचने की बात की जाए तो रतलाम पुलिस के हाथ अब तक खाली है।
रतलाम पुलिस ने नशे के कारोबार पर जो कार्रवाई अब तक कि है, उनमें से अधिकांश का तार सीधे राजस्थान से जुड़ा मिला है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या रतलाम पुलिस प्रतापगढ़ से रतलाम में एंट्री कर रहे नशे के कारोबार के ठिकानों और सरगनाओं तक पहुंचेगी या इसी तरह केवल तस्करी पर कार्रवाई करते हुए अपनी पीठ थपथपाती रहेगी। इसके अलावा गौर करने वाली बात यह है की नशे के कारोबार पर निगरानी रखने वाला मुख्य विभाग नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) कार्रवाई के मामले में कहीं नजर नहीं आता दिखाई देता है, सारी धरपकड़ पुलिस के जिम्मे ही नजर आती है।

पुलिस की गिरफ्त में तस्करी के आरोपी

आपको बता दे कि रतलाम में विगत माह ड्रग्स के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन युवाओं ने किया था। जिसके बाद पुलिस ने खास अभियान चलाकर एमडी, कोकीन जैसी हैवी ड्रग्स पर एक के बाद एक कार्रवाई की। रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढा ने जिले के सभी थानों पर अवैध मादक पदार्थों के व्यापार एवं परिवहन से जुड़े संदिग्ध लोगों पर कड़ी निगरानी रखकर सभी को सख्त निर्देश दिए है। पिपलोदा थाना प्रभारी विक्रमसिंह चौहान के अनुसार शनिवार को टीम ने मुखबिर की सूचना पर इंदौर के रोहित पिता मनोज सिमोलिया उम्र 20 वर्ष नि. कृष्णबाग कॉलोनी मालवीय नगर व मुनेन्द्रसिंह पिता मानवेन्द्रसिंह सेंगर उम्र 22 वर्ष निवासी महेशबाग कॉलोनी को 25 ग्राम अवैध मादक पदार्थ स्मैक के साथ गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी एक होंडा कम्पनी की स्कूटी से स्मैक ले जा रहे थे। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ स्मैक व स्कूटी (mp09uj2016) को जप्त कर लिया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

राजस्थान का प्रतापगढ़ बना अड्डा :
सूत्रों की माने तो इंदौर के ये दोनों युवक अपने खुद के इस्तेमाल के लिए स्मैक ले जा रहे थे। दोनों ही राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के गांव कोटड़ी से स्मैक इंदौर ले जा रहे थे। तस्कर और नशाखोरी के आदि लोग जावरा के पिपलोदा से सीधे राजस्थान में एंट्री करते है। यहां से राजस्थान में पनप रही नशा कारोबार की दुनिया शुरू होती है। प्रतापगढ़ के गांव कोटड़ी, नौगावा, देवल्दी, कोटडी, धमोमर के आस पास के कई इलाके में जहरीले नशे का कारोबार चला रहा है। जो मध्यप्रदेश की युवा पीढ़ी को खोखला कर रहा है। गरीब तबके के लोगों को इस अवैध नशे के कारोबार में शामिल किया जाता है। गरीब युवाओं को नशीले पदार्थ को कोरियर करने के लिए उपयोग में लिया जाता है। नशा कारोबारियों की गुंडई के कारण लोकल आदमी शिकायत से डरता है।  सूत्रों की माने तो बड़े पैमाने पर चल रहे इस कारोबार को राजनीतिक शह के साथ ही विभागीय साठगांठ जान फूंके हुए है। कहा जाता है की इनका खुफिया तंत्र और ऊपर तक परोसा गया पैसा पुलिस तंत्र से ज्यादा सक्रिय है।

यहां अफीम की बेहतरीन खेती, बनी फैक्ट्रियां :
राजस्थान के प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ और मध्यप्रदेश के मंदसौर, नीमच की जमीन अफीम उत्पादन के लिए बेहतरीन जमीन है। यहां हर साल बड़ी मात्रा में अफीम का उत्पादन होता है और इसी से एमडीएमए ड्रग बनती है। इसके अलावा हेरोइन, कोकीन सहित अन्य नशीले ड्रग्स भी इसी से बनाए जाते हैं। कुछ समय पहले तक ड्रग तस्कर यहां से सिर्फ अफीम लेकर जाते थे और बाद में अन्य राज्यों और जिलों में छोटे घरेलू प्लांट के माध्यम से इनमें कैमिकल मिलाते हुए अन्य ड्रग्स बनाते थे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने जब कार्रवाई करते हुए अफीम तस्करी पर ही रोकथाम लगा दी तो तस्करों ने नया जुगाड़ निकाला। लोकल स्तर पर ही छोटे – छोटे घरों में इसका निर्माण शुरू कर दिया। इसे बनाने के लिए ज्यादा बड़े प्लांट की आवश्यकता नहीं होती और जिन कैमिकल की जरूरत होती है वह कैमिस्ट्री शॉप या ऑनलाइन आर्डर कर मिल जाते हैं।
मध्यप्रदेश और राजस्थान में नशे के सरगना के रूप में लाला-पठान बंधुओं का नाम पहले नंबर पर आता है। कुनबे के कई लोग मादक पदार्थों की तस्करी, हथियारों की तस्करी, सूदखोरी और जमीन हथियाने के धंधे में शामिल हैं। इन पर पुलिस ने पिछले 3 सालों में कई बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। लेकिन फिर भी नशे के काले कारोबार के बंद होने का कोई अंदेशा अब तक नजर आता नहीं दिख रहा है।