MP News: किसानों को झेलने होगी परेशानियां क्योंकि इस कारण से 5 दिन मंडी के गेट पर लगा रहेगा ताला

रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। MP News: रतलाम कृषि उपज मंडी समिति ने आगामी त्योहारों और बैंक वार्षिक लेखाबंदी को ध्यान में रखते हुए मंडी में अवकाश घोषित किया है। मंडी समिति ने कृषक, व्यापारी, तुलावटी और हैम्माल बंधुओं को सूचित किया है कि रतलाम मंडी के विभिन्न प्रांगण निम्नलिखित तिथियों को बंद रहेंगे।  

मंडी अवकाश का विवरण  

-28 मार्च, शुक्रवार – रमजान माह का अंतिम शुक्रवार 

-29 मार्च, शनिवार – व्यापारी एसोसिएशन के आवेदन अनुसार  

-30 मार्च, रविवार – शासकीय अवकाश  

-31 मार्च, सोमवार – ईद-उल-फितर पर्व  

-1 अप्रैल, मंगलवार – बैंक वार्षिक लेखाबंदी  

 किन-किन मंडियों में रहेगा अवकाश  

इन अवकाश के दौरान मुख्य अनाज मंडी प्रांगण, लहसुन-प्याज मंडी प्रांगण एवं उप मंडी नामली प्रांगण बंद रहेंगे।  

हरी सब्जी मंडी रहेगी चालू  

मंडी समिति ने स्पष्ट किया है कि इन अवकाश के दौरान हरी सब्जी का क्रय-विक्रय सामान्य रूप से जारी रहेगा।  

कृषि उपज मंडी समिति रतलाम का आग्रह  

मंडी समिति ने सभी किसानों, व्यापारियों और श्रमिकों से अपील की है कि वे इन तिथियों को ध्यान में रखते हुए अपनी व्यापारिक एवं कृषि गतिविधियों की योजना बनाएं।  

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Ratlam News: किसानों को एमएसपी से कम दाम पर बेचना पड़ रहा गेहूं, जानिए वजह

रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में किसानों को अपनी मेहनत की फसल गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर बेचनी पड़ रही है। कृषि उपज मंडी में गेहूं की कीमतें सरकार द्वारा निर्धारित 2425 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे जा रही हैं, जिससे किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि सरकारी खरीदी केंद्रों पर अब तक गेहूं की खरीद शुरू नहीं हुई है, जिसके कारण उन्हें मजबूरी में निजी व्यापारियों को औने-पौने दाम पर फसल बेचनी पड़ रही है।  

मंडी में गेहूं की बंपर आवक बनी वजह  

रतलाम और आसपास के क्षेत्रों में गेहूं की तेजी से हार्वेस्टिंग हो रही है, जिससे कृषि उपज मंडियों में बंपर आवक देखने को मिल रही है। लेकिन सरकारी खरीदी शुरू न होने से किसानों को कम दाम पर ही फसल बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है।  

नौगांवा गांव के किसान दीपक प्रजापत ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में गेहूं के दाम 300 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गए हैं। एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल होने के बावजूद मंडी में 2200-2400 रुपये प्रति क्विंटल तक ही दाम मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि खेती से जुड़े खर्चों, मजदूरी और केसीसी की किश्त चुकाने के लिए उन्हें मजबूरी में कम दाम पर गेहूं बेचना पड़ रहा है।  

सरकारी खरीद में देरी से बढ़ी किसानों की परेशानी  

किसानों का कहना है कि सरकारी खरीदी अप्रैल में शुरू होगी और भुगतान मिलने में भी समय लगेगा। ऐसे में उन्हें तुरंत नकद पैसों की जरूरत होने के कारण मंडी में गेहूं बेचना पड़ रहा है। किसान समर्थ पाटीदार का कहना है कि गेहूं की वास्तविक कीमत 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक मिलनी चाहिए, लेकिन फिलहाल हमें एमएसपी से भी कम दाम मिल रहे हैं। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसान को एमएसपी से कम दाम न मिले।  

गेहूं के दाम गिरने की बड़ी वजहें  

मंडी में गेहूं खरीदने वाले व्यापारी नरेंद्र जैन ने बताया कि इस बार मंडी में नमीयुक्त और मध्यम गुणवत्ता का गेहूं अधिक मात्रा में आ रहा है, जिससे उसके दाम 2200-2400 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गए हैं। हालांकि, अच्छी गुणवत्ता और सूखा गेहूं 2700-2800 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है।  

किसानों को चाहिए समय पर सरकारी खरीद  

किसान संगठनों का कहना है कि अगर सरकार समय पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदारी शुरू कर दे, तो किसानों को मजबूरी में गेहूं औने-पौने दाम पर नहीं बेचना पड़ेगा। सरकार को चाहिए कि वह मंडियों में एमएसपी से कम में हो रही बिक्री पर सख्त कदम उठाए और तत्काल खरीद शुरू करे, ताकि किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिल सके।