रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Heavy Rain in Ratlam: शहर में रविवार को भारी बारिश हुई, जिसने शहर की सड़कों को तालाब में तब्दील कर दिया। दोपहर 2 बजे के बाद शुरू हुई हल्की बारिश ने शाम 4:30 बजे के आसपास मूसलाधार रूप धारण कर लिया। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि बादल फट गए हों, क्योंकि दो घंटे तक लगातार तेज बारिश होती रही, इस दौरान लगभग 2 इंच बारिश दर्ज की गई। रतलाम में अब तक 43.88 इंच के करीब वर्षा हो चुकी है, जो की सामान्य से 7.96 इंच ज्यादा है।
तेज बारिश के दौरान कई क्षेत्रों में पानी भर गया। खासतौर पर अलकापुरी क्षेत्र में बिजली गिरने से बिजली आपूर्ति बंद हो गई, और अन्य क्षेत्र भी प्रभावित हुए। हालांकी इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। वहीं बारिश के बीच नगर निगम की बड़ी लापरवाही सामने आई है। शहर के बाजना बस स्टैंड क्षेत्र में राहगीर खुले नाले में बाइक सहित गिर गए, जिन्हें आसपास के लोगों ने समय रहते सुरक्षित बाहर निकाला। गनीमत रही कि कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई।
निचले क्षेत्र जलमग्न
शहर के पावर हाउस रोड, डॉट की पुलिया, न्यू रोड, बाजना बस स्टैंड, बड़बड़ और अन्य क्षेत्रों में पानी भरने से यातायात प्रभावित हुआ। घने अंधेरे और जलभराव के कारण वाहन चालकों को अपने वाहनों की हेडलाइट जलाकर वाहन चलाने पड़े, और कई जगहों पर वाहन फिसलने की घटनाएं भी हुईं।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी बारिश का असर
रतलाम से 8 किलोमीटर दूर पलसोड़ा गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गया। यहां का मुख्य चौराहा पानी से भर गया और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा तक पानी आ गया। गांव के सड़क मार्गों का संपर्क टूट गया, जिससे आवागमन बाधित हो गया। नामली में भी सड़कों की हालत नदियों की तरह हो गई।
खेतों में पानी, सोयाबीन की फसलें प्रभावित
रतलाम के आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी खेतों में पानी भर गया। सोयाबीन की फसलें भीग गईं और कई किसानों की फसलें खराब हो गईं। कटाई के बाद खेतों में रखे सोयाबीन भी पानी में डूबने से नुकसान हो गया। कुछ वीडियो में सोयाबीन की फसलें पानी में बहकर भी जाती हुई दिखाई दी। जाते मानसून ने कई किसानों को प्रभावित किया है। सितंबर के अंत में हुई इस भारी बारिश ने रतलाम शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को काफी प्रभावित किया। निचले क्षेत्रों में पानी भरने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, और खेतों में पानी भरने से किसानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है।
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MP Weather Alert: अगले 2 दिन मौसम रहेगा खराब या निकलेगी धूप, इन जिलों में बारिश का अलर्ट
उज्जैन में रामघाट डूबा, रतलाम की सड़कों पर भरा पानी: कई जिलों में गरज चमक के साथ हल्की बारिश; अब तक 17% ज्यादा बरसा मानसून
भोपाल – पब्लिक वार्ता,
MP Weather Alert: मध्य प्रदेश में एक बार फिर से जोरदार बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के कई जिलों में 2 दिन के लिए मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान जारी किया है। 30 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, वहीं कुछ स्थानों पर भारी बारिश की भी संभावना जताई गई है। मध्यप्रदेश में रविवार को उज्जैन, ग्वालियर और रतलाम समेत कुछ जिलों में बारिश हुई। उज्जैन में शिप्रा का रामघाट डूब गया। रतलाम में दोपहर में तेज बारिश से शहर की सड़कें पूरी तरह से जलमग्न हो गई। शाम 5:30 बजे अंधेरा सा छा गया, जिसके चलते वाहनों चालकों को हेडलाइट्स ऑन कर गाड़ियां चलानी पड़ी। कई जगह गरज चमक के साथ आकाशीय बिजली भी गिरी है।
किन जिलों में बारिश का अलर्ट?
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम यूपी पर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश पर प्रभाव पड़ रहा है, जिससे कई जिलों में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। रतलाम में अब तक 42.81 इंच के करीब वर्षा हो चुकी है, जो की सामान्य से 6.96 इंच ज्यादा है।
30 सितंबर को इन जिलों में बारिश की संभावना
भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, नर्मदापुरम, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, झाबुआ, धार, अलीराजपुर, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, मंदसौर, शाजापुर, आगर मालवा।
1 अक्टूबर को इन जिलों में बारिश का पूर्वानुमान
मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योंपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, शहडोल, डिंडोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर, पांढुरना।
प्रदेश में अब तक कितनी हुई बारिश?
मध्य प्रदेश में 1 जून से 27 सितंबर तक औसत से 17% अधिक बारिश दर्ज की गई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 13% और पश्चिमी मध्य प्रदेश में 19% अधिक बारिश हो चुकी है। इस साल अब तक प्रदेश में 43.6 इंच बारिश दर्ज की गई है, जबकि सामान्यतः इस अवधि में 37.2 इंच बारिश होती है। यह सामान्य से 17% ज्यादा है। मंडला ऐसा जिला है, जहां सबसे ज्यादा 60.5 इंच पानी गिर चुका है। सिवनी प्रदेश में दूसरे नंबर पर है। यहां 56 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है।
विशेष रूप से श्योपुर में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है, जहां औसत से 98% ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। यहां 657.3 मिमी की तुलना में 1320.2 मिमी बारिश हो चुकी है। वहीं, रीवा, इंदौर और उज्जैन में अपेक्षाकृत कम बारिश दर्ज की गई है। मध्यप्रदेश में मानसून के इस आखिरी दौर के बाद 1 अक्टूबर से मौसम के साफ होने की संभावना है।
MP Weather: मध्य प्रदेश में मानसून फिर सक्रिय: भोपाल-इंदौर समेत 25 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
भोपाल – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। मध्य प्रदेश में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है, जिसके चलते राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश (Heavy Rain in MP) का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, जबलपुर और उज्जैन संभाग के जिलों में अगले 24 घंटों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी दी है। प्रदेश में इस मानसून सीजन में अब तक औसत से 15% अधिक वर्षा दर्ज की जा चुकी है, जिससे जलस्तर बढ़ने के साथ ही जनजीवन पर असर पड़ा है। (MP Weather)
अलर्ट वाले जिले
बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, झाबुआ, धार, मऊगंज, अनूपपुर, उमरिया, डिंडौरी, कटनी, जबलपुर, छिंदवाड़ा, मंडला और सागर जैसे जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग ने 27 सितंबर को इंदौर-उज्जैन संभाग और 28 सितंबर को जबलपुर, शहडोल और सागर संभाग में बारिश की संभावना जताई है।
मौसम प्रणालियों का असर
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, दक्षिणी छत्तीसगढ़ में हवा के ऊपरी हिस्से में चक्रवात बना हुआ है, जो प्रदेश में बारिश का प्रमुख कारण है। इसके साथ ही कोंकण से लेकर बांग्लादेश तक फैली द्रोणिका (ट्रफ लाइन) और तेलंगाना के पास बनी शियर जोन भी बारिश को प्रबल कर रही है। इन मौसमी प्रणालियों के कारण राज्यभर में रुक-रुककर बारिश हो रही है।
अब तक हुई वर्षा
प्रदेश में 1 जून से 25 सितंबर तक कुल 1074.8 मिमी. वर्षा दर्ज की गई है, जो सामान्य 937.9 मिमी. से 15% अधिक है। प्रमुख जिलों की बात करें तो खंडवा में 56 मिमी, मंडला में 30 मिमी, दमोह और उमरिया में 18 मिमी, पचमढ़ी में 17 मिमी, और इंदौर में 8 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में रुक-रुककर भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी गई है, क्योंकि कहीं-कहीं बाढ़ जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
मानसून की विदाई
सितंबर का चौथा मजबूत मौसम प्रणाली सक्रिय होने के बाद, अक्टूबर के पहले सप्ताह तक मानसून की विदाई की संभावना है।