पॉलिटिकल ड्रामा : पूंजीपति काश्यप की तारीफ़ों पर उमा को हुआ एतराज!, ट्विटर पर तंज कसने के बाद देना पड़ी सफाई!

पूरे मामले में मंत्री चेतन्य काश्यप ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया, उमा से मिलने पहुंचे उनके घर तो बदले सुर!

पब्लिक वार्ता – भोपाल,रतलाम
जयदीप गुर्जर। हालही में मध्‍यप्रदेश के नवनियुक्त केबिनेट मंत्री चेतन्य काश्‍यप (Madhya Pradesh Minister Chetanya Kasyap) ने अपनी विधायकी का वेतन भत्ता छोड़ने का एलान कर खूब सुर्खियां बटोरी। जिसके बाद उन्हें केबिनेट भी शामिल किया गया। इतने दिनों बाद अब काश्यप के वेतन नहीं लेने के फैसले पर पूर्व मुख्‍यमंत्री उमा भारती (Former Chief Minister Uma Bharti) ने एक्‍स हैंडल (ट्विटर) पर प्रतिक्रिया दी है। उमा भारती (Uma Bharti) ने 5 बिंदुओं का एक बड़ा ट्वीट सुबह 10 बजकर 23 मिनट पर किया। यह ट्वीट उमा भारती ने प्रदेश के मुखिया सीएम डॉ मोहन यादव, संगठन के महामंत्री हितानंद शर्मा व बीजेपी के ऑफिसियल हेंडल को टैग किया।

उमा भारती का अपनी ही सरकार और उनके नेताओं को घेरने का यह कोई नया मामला नहीं है। इससे पहले वो कई मुद्दों पर शिवराज सरकार को घेर चुकी है। इस बार उन्होंने चेतन्य काश्यप के वेतन भत्ते छोड़ने की बात पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए तंज कसा। जिसके बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई। इस मुद्दे पर कई भाजपा नेताओं का दबी जुबान से कहना है की यह कोई विषय नहीं था यह केवल नई सरकार में अटेंशन लेने का एक तरीका था। जैसा कि वह पूर्व में भी कई बार कर चुकी है। हालांकि इस पूरे पॉलिटिकल ड्रामे के बीच मंत्री चेतन्य काश्यप ने किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उमा भारती की और से अपना पक्ष रखते हुए एक प्रेस रिलीज जारी की गई है। जिसमें उन्होंने उनकी बातों को गलत तरीके से पेश करने की बात कही।

उमा ने बिंदुवार ट्वीट में लिखा की 1) हाल ही में मंत्री बने तथा रतलाम के एक संपन्न जैन व्यवसायी चेतन कश्यप ने अपनी संपत्ति 296 करोड़ घोषित की हैं । अभी कुछ दिनों पहले मध्यप्रदेश के अखबारों में उनकी तारीफ़ लिखी थी की वो अपना विधायक का वेतन नहीं लेते जो की साल भर का क़रीब 12 लाख होता हैं । 296 करोड़ वाला व्यक्ति अगर सरकार के 12 लाख छोड़ देता है तो इसमें कौनसी बड़ी बात हैं । 2) चेतन कश्यप सरकार को वेतन वापिस करने के बजाय वह राशि अभावग्रस्त लड़कियाँ की शिक्षा पर खर्च करें । 3) हमे यह याद रखना पड़ेगा की सभी विधायक बड़े व्यवसायी नहीं होते और ना वो राजनीति से अपना व्यवसाय बढ़ाते हैं । 4) एक बार सांसद वरुण गाँधी ने कहा था की सांसदों को तनखा एवं पेंशन नहीं लेना चाहिए । वरुण गाँधी ऐसा कर सकते है क्यूँकि वो हज़ारो करोड़ों की पैतृक संपत्ति के मालिक है । अपना सर्वस्व त्यागकर राजनीति के माध्यम से जनसेवा करने वाले जनप्रतिनिधियों को हर तरह की सहूलियत सरकार से मिलनी चाहिए । 5) अगर विधायकों और सांसदों को ईमानदारी की राह पर चलना आसान बनाना है तो चेतन कश्यप जैसे पूँजीपति विधायकों को छोड़कर सभी विधायक की तनखा एवं अन्य भत्ते आज की सभी परिस्थितियों को देखकर मिलना चाहिए ।

ट्वीट के बाद मचा बवाल
काश्यप के लिए किए गए इस ट्वीट के बाद भाजपा में हड़कंप मच गया। उमा भारती को अचानक काश्यप पर हमलावर होता देख हर कोई नेता हैरान था। उमा भारती के पास जब हाईकमान से फोन घनघनाए तो दोपहर 3 बजे बाद उमा भारती ने अपने ट्वीट पर सफाई पेश करते हुए एक और ट्वीट किया। यह बाद में एडिट भी हुआ। हालांकि उमा ने अपना पिछला ट्वीट नहीं हटाया। अपने दूसरे ट्वीट में उमा भारती ने वरुण गांधी और वीडी शर्मा को टैग कर लिखा की 1) जो मुझे आशंका थी वही हुआ । कुछ लोगों ने मेरी बातों का ग़लत मतलब निकाल ही लिया । लोकतंत्र में अमीर हो ग़रीब, सबको सांसद या विधायक होने का अधिकार है ।
2) स्वयं मैं जब आठ वर्ष की थी तब से आज तक मैंने सुविधा संपन्न जीवन जिया है । मैं सरकार से प्राप्त सुविधाओं का पात्रता एवं आवश्यकता के अनुसार उपयोग करती हूँ । कभी कभी किसी संस्था, कोई असहाय महिला या किसी बच्चे की शिक्षा की सुविधा के लिए मैं चेक से ही राशि देती हूँ । लेकिन सरकार को कुछ वापिस नहीं करती ।
3) रतलाम के विधायक जो अभी मंत्री बने हैं वह बहुत बड़े व्यवसायी एवं बहुत बड़े दानी भी है और मुझे उनसे कोई तकलीफ़ नहीं है। वरुण गाँधी एवं उनके इस विवरण को सुनकर की वो सांसद या विधायक की सुविधा नहीं लेते। तो यह बड़ी बात नहीं है किंतु जिन जनप्रतिनिधियों का जीवन यापन एवं अतिथि सेवा इन्ही सुविधाओं से होतीहै  वह स्वयं को छोटा अनुभव करेंगे जब की ऐसा नहीं है। सब बराबर है। जनता सबको वोट देती है।

और पहुंच गए काश्यप
ट्विटर वार के बाद मंत्री काश्यप उमा भारती से मिलने उनके निवास जा पहुंचे। शाम करीब 5 बजे ट्वीट कर उमा भारती ने इसकी जानकारी दी। उमा ने ट्वीट कर लिखा की  1. रतलाम से विधायक एवं हाल ही में बने प्रदेश सरकार के मंत्री श्री चैतन्य कश्यप मेरे दूसरे ट्वीट के जवाब में स्वयं उपस्थित हो गए। 2. चैतन्य कश्यप जी को मैं 20 साल से जानती हूं वह बहुत बड़े व्यवसायी, बहुत बड़े दानी एवं समाजसेवी हैं। 3. वह अपने व्यवसाय से प्राप्त लाभ का बहुत बड़ा हिस्सा दान करते हैं किंतु फिर भी मैंने अपना सुझाव दोहराया कि वह अपने वेतन एवं भत्ते सरकार को वापस करने की जगह पर दान की राशि में शामिल कर लिया करें उन्होंने इस पर कहा कि वह इस पर विचार करेंगे। 4. मैंने उन्हें सफल मंत्री बनने के लिए शुभकामनाएं तथा आशीर्वाद भी दिया।

राम मंदिर अयोध्या : नगर में घर – घर पिले चावल देकर दे रहे निमंत्रण, लोग अपने आराध्य के लिए बिछा रहे पलके

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की रूपरेखा तय हो गई है। 22 जनवरी 2024 को मुख्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा। लेकिन उससे पहले अक्षत कलश के माध्यम से घर – घर निमंत्रण दिया जा रहा है। अयोध्या से आए अक्षत कलश को रामभक्त विधि विधान से पूजन अर्चन कर रहे है। मोहल्लों में पहुंच रहे अक्षत कलश को रैली के रूप में भृमण करवाकर मंदिर में पूजन के लिए रखा जा रहा है। भ्रमण के दौरान कई लोग कलश को अपने घर में प्रवेश देकर उसका पूजन कर रहे है।

मोहल्ले में घर घर होता अक्षत कलश पूजन

थावरिया बाजार बस्ती के धभाई जी का वास में बुधवार को अक्षत कलश पहुंचा। यहां क्षेत्रवासियों ने ढोल ढमाकों के साथ उसका स्वागत किया। जिसके बाद रैली के रूप में कलश को भ्रमण करवाते हुए घर – घर पिले चावल देते हुए अयोध्या में बनने जा रहे भव्य राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए निमंत्रण दिया। लोगों ने घर के बाहर आए कलश के दर्शन वंदन कर उसका पूजन किया। बस्ती के संयोजक मुरलीधर गुर्जर ने बताया की क्षेत्र में महिलाओं ने कलश का स्वागत वंदन किया। भजन कीर्तन करते हुए पूरे मोहल्ले में शोभायात्रा निकाली गई। बाद में कलश देवनारायण मंदिर पर सार्वजनिक पूजन के लिए रखा गया। हम लोगों का अयोध्या जाना मुमकिन नहीं है, लेकिन हम उस दिन अपने मोहल्ले व नगर में एक दिन की दीवाली जरूर मना सकते है। इस दिन हम घरों में साज – सज्जा, मंदिरों में भजन कीर्तन, भंडारे आदि करते हुए इस दिन को विशेष बना सकते है। इस दौरान क्षेत्र के राधेश्याम गुर्जर, नरेंद्रसिंह सोनगरा, हिम्मतसिंह चौहान, भीमसिंह गोहिल, सीताबाई गुर्जर, मंजू सक्सेना आदि भक्तगण उपस्थित थे।

कलश को घर में विराजमान कर पूजन करते भक्त

समाज जागरण : सेवावीरों ने किया 121वां सामुहिक हनुमान चालीसा पाठ, मांगल्य मंदिर पर हुआ तुलसी पूजन

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। नगर की सेवावीर सामाजिक कल्याण समिति द्वारा संचालित श्रीमंगलनाथ महाकाल रक्तदान मण्डल द्वारा सामुहिक हनुमान चालीसा पाठ का क्रम लगातार जारी है। मंडल के सदस्य प्रत्येक मंगलवार को निश्चित मंदिर का चुनाव कर वहां के क्षेत्रवासियों के साथ मिलकर सुबह 8 बजे चालीसा पाठ करते है। इस मंगलवार हनुमान चालीसा का 121वां सामुहिक पाठ किया गया। यह पाठ इंडस्ट्रियल एरिया क्षेत्र स्थित मांगल्य मंदिर (जेवीएल मंदिर) पर रखा गया। साथ ही मंदिर में उपस्थित लोगों ने तुलसी पूजन भी किया।

चालीसा का पाठ करते मंडल सदस्य

कार्यक्रम की जानकारी देते हुए मंडल प्रचार प्रमुख अतुल जैन ने बताया की प्रति मंगलवार किये जाने वाले इस आयोजन का उद्देश्य समस्त सदस्यों को एकत्रित कर समाज हित के कार्य करने हेतु समाज को जाग्रत करना है। तुलसी पूजन करने के पहले सभी को तुलसी के औषधिय गुणों व धार्मिक मान्यता व वैज्ञानिक रूप से उसका महत्व बताया गया। 

अयोध्या नहीं जा सकते, तो यही मनाए उत्सव
मण्डल द्वारा समस्त समाज से आग्रह किया गया कि 22 जनवरी के दिन सभी लोगो का अयोध्या जाना संभव नही है इसलिए अपने-अपने क्षेत्र के धार्मिक स्थलों, जैन मंदिर, गुरुद्वारा आदि स्थानों पर अपनी परंपरा एवं मान्यता के अनुसार पूजन अर्चन करे। प्रभात फेरिया निकाले, दीपावली मना कर प्रभु श्रीराम की आराधना करे।

जेवीएल मंदिर में उपस्थित भक्तगण


भीलांचल के गांधी : मामा बालेश्वर दयाल स्मारिका का लोकार्पण, पुण्यतिथि पर हुआ भव्य आयोजन

पब्लिक वार्ता – झाबुआ,
जयदीप गुर्जर। वरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व पूर्व राज्यसभा सदस्य समाजवादी चिंतक मामा बालेश्वर दयाल की 25वीं पुण्यतिथि भील आश्रम, बामनिया में मनाई गई। इस अवसर पर मामा बालेश्वर दयाल के लाखों अनुयायियों ने 25 दिसंबर की सुबह से 26 दिसंबर की शाम तक समाधि स्थल पहुंचकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। बामनिया स्थित आश्रम पर 25 दिसंबर को रात भर सभा के साथ भजन व कीर्तन होता रहा।

मामा बालेश्वर दयाल

समाधि स्थल पर इंदौर के वरिष्ठ पत्रकार रामस्वरूप मंत्री द्वारा संपादित स्मारिका “भीलांचल के गांधी : मामा बालेश्वर दयाल” का लोकार्पण पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम, वरिष्ठ पत्रकार क्रांति कुमार वैद्य, पर्यावरणविद् डॉ खुशालसिंह पुरोहित, गोविंद यादव, जयस संरक्षक डॉ अभय ओहरी, समाजवादी नेता राजू अग्रवाल, मास्टर रामलाल निनामा, पत्रकार सत्यनारायण शर्मा, दिनेश सिंह कुशवाह, लीलाधर चौधरी, डॉ सोमेश्वर सिंह एवं इंद्रसेन निमोनकर द्वारा किया गया।

इस अवसर पर समाजवादी विचारक व पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने कहा कि मामा जी की पुण्यतिथि पर बड़ी संख्या में अनुयायी बामनिया पहुंचते हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा अनुयायियों के लिए किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नही की जाती है बल्कि परेशानियां पैदा की जाती है। सरकार मामाजी को भारत रत्न देने की बजाए उन्हें तिरस्कृत कर रही है। डॉ सुनीलम ने कहा कि गुजरात मॉडल की नहीं मामाजी के सामाजिक आर्थिक मॉडल की देश को जरूरत है।    

जयस संरक्षक डॉ अभय ओहरी ने कहा कि समाधि स्थल का  विकास एक शिक्षण केंद्र के तौर पर किया जाना चाहिए तथा मामाजी का संग्रहालय स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा जयस मामाजी के सपनों को साकार करेगा।


  
डॉ खुशाल सिंह पुरोहित ने कहा कि समाज परिवर्तन हेतु मामा जी ने अपना पूरा जीवन लगाया था। इंदौर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय को मामा बालेश्वर दयाल शोध पीठ की स्थापना करनी चाहिए। जिससे नई पीढ़ी मामा जी के विचारों से जुड़ सके।
    वरिष्ठ पत्रकार रामस्वरूप मंत्री ने कहा कि मामा बालेश्वर दयाल के विचारों के प्रचार प्रसार को लेकर हमने क्रांति कुमार वैद्य एवं डॉ सुनीलम के साथ मिलकर अब तक 20 पुस्तिकाएं एवं स्मारिकाएं प्रकाशित की है, प्रकाशन का कार्य आगे भी जारी रहेगा।
    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजवादी चिंतक कांति कुमार वैद्य ने कहा कि मामा बालेश्वर दयाल का मूल्यांकन होना अभी बाकी है। ज्यों ज्यों समय बीतता जा रहा है त्यों त्यों मामा जी के विचारों की प्रासंगिकता लगातार बढ़ती जा रही है। युवा पीढ़ी भी मामाजी के प्रति आकर्षित हो रही है।
     सुशीला बहन ने कहा कि मेरे लिए यह गर्व की बात है कि मामाजी के जीवनकाल में  उनकी सेवा करने का मौका मिला तथा अब मेरा जीवन मामा जी के विचारों के प्रचार प्रसार के लिए समर्पित है।
    मास्टर रामलाल निनामा ने बताया कि हर वर्ष की तरह  इस वर्ष भी राजस्थान के हजारों अनुयायियों ने 21 दिसंबर को पदयात्रा शुरू की थी। उन्होंने बताया कि मेरी आठ पीढ़ियां मामा जी के विचारों से प्रभावित रही है। हम मामाजी को देवताओं का देवता मानते हैं। उन्होंने कहा की नई पीढ़ी को जोड़ने के लिए साहित्य प्रकाशन और उसका वितरण जरूरी है।

    समाजवादी नेता गोविंद यादव ने कहा कि वर्तमान समय में पूंजीवाद का मुकाबला मामा जी द्वारा प्रतिपादित प्रकृतिवाद एवं समाजवाद से चल रहा है।उन्होंने कहा मामा जी के विचारों पर चलकर ही मानवता के अस्तित्व को बचाया जा सकता है।
बामनिया कार्यक्रम राजस्थान की वयोवृद्ध समाजवादी नेत्री मालती बहन की उपस्थिति एवं संरक्षण में संपन्न हुआ।