MP News: दीपावली से पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव का बड़ा फैसला, शासकीय कर्मचारियों को दिया ये तोहफा

भोपाल – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। MP News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीपावली के मद्देनजर प्रदेश के सभी शासकीय सेवकों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अक्टूबर माह का वेतन 28 अक्टूबर तक आहरित कर लिया जाए, ताकि सभी शासकीय कर्मचारियों को दीपावली से पहले वेतन मिल सके। यह कदम शासकीय सेवकों के त्यौहार को और भी आनंददायक बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोशल मीडिया पर संदेश जारी कर सभी शासकीय कर्मचारियों को दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा, “त्यौहार से पूर्व वेतन प्राप्त होने से सभी कर्मचारियों का दीपोत्सव और भी विशेष हो जाएगा। दीपावली परिवार और प्रियजनों के साथ मिलकर मनाने का पर्व है, और वेतन समय पर मिलना इसे और खुशहाल बनाएगा।” सरकार के इस फैसले से प्रदेश के हजारों कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है, क्योंकि दीपावली के खर्चों के लिए समय पर वेतन मिलना उनके लिए बेहद सहूलियत भरा रहेगा।

दिवाली पर रहे सावधान! : रतलाम जिले में मिलावट का जहर, प्रतिष्ठित दुकानों व फैक्ट्रियों के सैंपल फेल

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। दिवाली पर रहे सावधान! : त्योहारों का मौसम आते ही बाजारों में रौनक बढ़ जाती है, लेकिन इस बीच एक गंभीर खतरा भी मंडरा रहा है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा हाल ही में की गई जांच में 13 खाद्य पदार्थों को मानकों पर खरा नहीं पाया गया। कलेक्टर राजेश बाथम के निर्देशन में लिए गए 109 खाद्य सैंपलों की रिपोर्ट ने त्योहार की खुशियों पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। दीवाली जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार के समय पर मिलावटखोरों का यह खेल लाखों लोगों की सेहत और जान से खिलवाड़ प्रतीत हो रहा है।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी कमलेश जमरा ने बताया कि जिन संस्थाओं के नमूने अवमानक पाए गए हैं, उनमें कई प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं। इनमें बिलपांक स्थित ग्रीन ईडन सिस्टमैटिक प्राइवेट लिमिटेड का चना दाल, जावरा के राजश्री नमकीन सेंटर के सेव, ढोढर के श्री गणेश रेस्टोरेंट का सेव, जावरा के श्री राधे नमकीन की मावा बर्फी, रावटी के जाट दूध डेरी का मिक्सड दूध, रतलाम के सज्जन मिल रोड स्थित फायदा बाजार का काबुली चना, पिपलौदा के मां आशापुरा मिल्क चिलिंग सेंटर का मिक्सड दूध, परवलिया के होटल ग्रीन प्लाजा का पनीर, सज्जन पद के साइन मिलकर प्रोसेसिंग प्लांट का भैंस का दूध, सैलाना के हकीम ब्रदर का रिफाइंड सोयाबीन ऑयल, सैलाना के देवेंद्र स्वीट्स का मावा पेडा, ढोढर के बालाजी नाश्ता सेंटर की मिठाई और पीर हिंगोरिया के नाथूलाल मावा भट्टी का भैंस का दूध शामिल हैं।

सवाल उठता है कि क्या ऐसे समय में जब लोग अपने परिवार के साथ त्यौहार की खुशियाँ मना रहे हैं, मिलावटखोर अपनी जेबें भरने के लिए उनकी जिंदगी से खेल रहे हैं? क्या ये मिलावट सिर्फ सस्ती चीजों तक सीमित है या फिर ये हमारे त्योहारी खाद्य पदार्थों में भी जहर घोल रहे हैं?

प्रशासन ने सभी संबंधित उत्पादकों को सुधार के लिए एक माह की समय सीमा दी है। अगर इस अवधि में अपील नहीं की गई, तो उनके खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत न्यायालय में मामला दर्ज किया जाएगा। लेकिन सवाल यह भी उठता है कि जब तक कार्रवाई होगी, तब तक कितने और लोग इन मिलावटी उत्पादों का शिकार बनेंगे?

खाद्य सुरक्षा की यह ढीली निगरानी लाखों लोगों के जीवन से खेल रही है। इस दीवाली, जहाँ लोग मिठाई और अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, वहां इस तरह की घातक मिलावट समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। जनता को इस बारे में सतर्क रहना होगा और प्रशासन को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि त्यौहार की खुशियाँ किसी के लिए दुखदाई न बनें।

Web Series On Lawrence: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की जिंदगी पर बनेगी एक्शन वेब सीरीज, कौन निभाएगा किरदार!

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Web Series On Lawrence: गुजरात की जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की जिंदगी पर आधारित वेब सीरीज बनने जा रही है। इस सीरीज का नाम ‘लॉरेंस ए गैंगस्टर स्टोरी’ रखा गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस सीरीज का निर्माण फायरफॉक्स फिल्म प्रोडक्शन हाउस द्वारा किया जा रहा है, और इसका टाइटल इंडियन मोशन पिक्चर एसोसिएशन से मंजूरी भी मिल गई है। 

वेब सीरीज में लॉरेंस बिश्नोई के साधारण लड़के से खतरनाक गैंगस्टर बनने की पूरी कहानी को दिखाया जाएगा। इसमें बताया जाएगा कि कैसे वह अपराध की दुनिया में कदम रखता है और उसके जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया जाएगा। सीरीज में भरपूर एक्शन सीक्वेंस होंगे, जो दर्शकों को अपराध की दुनिया से रूबरू कराएंगे।

प्रोडक्शन हाउस के प्रमुख अमित जानी ने बताया कि इस सीरीज के माध्यम से वे सच्चाई को सामने लाने की कोशिश करेंगे। हालांकि, अभी तक इस वेब सीरीज की कास्ट और इसे किस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया जाएगा, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।

गौरतलब है कि फायरफॉक्स फिल्म प्रोडक्शन हाउस इससे पहले भी सच्ची घटनाओं पर आधारित कई फिल्में बना चुका है, जिनमें ‘कराची टू नोएडा’ और ‘ए टेलर मर्डर स्टोरी’ प्रमुख हैं। इनमें ‘कराची टू नोएडा’ फिल्म, सचिन और सीमा हैदर की कहानी पर आधारित थी, जिसने काफी सुर्खियां बटोरी थीं।

लॉरेंस बिश्नोई फिलहाल गुजरात की साबरमती जेल में बंद है, जहां उसे हाई सिक्योरिटी जोन में रखा गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस वेब सीरीज के जरिए गैंगस्टर की असल जिंदगी और अपराध की दुनिया को कैसे पेश किया जाएगा।

Karwa Chauth 2024: कल है करवा चौथ, जानें कब निकलेगा चंद्रमा और पूजन का शुभ मुहूर्त

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Karwa Chauth 2024 Date and Significance:
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाने वाला करवा चौथ का व्रत इस साल 20 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। यह व्रत सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा पति की दीर्घायु और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना के लिए रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को और भगवान शिव ने माता पार्वती को बताया था। व्रत के दिन भगवान गणेश, माता गौरी और चंद्रमा की पूजा की जाती है।

करवा चौथ 2024 शुभ मुहूर्त (Karwa Chauth 2024 Shubh Muhurat):
हिंदू पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को सुबह 6:46 बजे होगी और इसका समापन 21 अक्टूबर को सुबह 4:16 बजे होगा। पूजा के लिए मुख्य रूप से दो शुभ मुहूर्त मिलेंगे:
– अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:43 से दोपहर 12:28 तक।
– विजय मुहूर्त: दोपहर 1:59 से 2:45 तक। 

चंद्रोदय का समय (Karwa Chauth Moonrise Time): 
इस साल करवा चौथ पर चंद्रमा का उदय शाम 7:54 बजे होगा।

करवा चौथ की पूजन विधि (Karwa Chauth Pujan Vidhi)
– सूर्योदय से पहले स्नान करके पूजा घर की सफाई करें। 
– सास द्वारा दिए गए भोजन का सेवन करें और निर्जला व्रत का संकल्प लें। 
– शाम को एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करें और करवे रखकर पूजा प्रारंभ करें। 
– चंद्रोदय से एक घंटा पहले पूजा शुरू करें और करवा चौथ की कथा सुनें। 
– चंद्रमा के दर्शन के बाद छलनी से चंद्र दर्शन करके अर्घ्य दें। फिर सास को थाली में मिष्ठान, फल और उपहार देकर आशीर्वाद प्राप्त करें।

करवा चौथ पर विशेष सावधानियां (Karwa Chauth Precautions):
– पूजा के बाद विवाहित महिलाओं में करवा बांटें। 
– दिन भर निराहार रहकर गणेश मंत्र का जाप करें। 
– चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करने के साथ गणेश जी और चतुर्थी माता को भी अर्घ्य दें। 
– नमक युक्त भोजन से दूर रहें। 
– व्रत को कम से कम 12 या 16 साल तक रखें और इसके बाद उद्यापन करें। 

करवा चौथ व्रत से जुड़ी इन परंपराओं और नियमों का पालन करके महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं।

Karwa Chauth Vrat Katha: करवा चौथ व्रत की कथा, क्या है इसके पीछे का रहस्य?

नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Karwa Chauth Vrat Katha: करवा चौथ का पर्व सनातन धर्म में खास महत्व रखता है। यह व्रत पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस साल करवा चौथ 20 अक्टूबर 2024, रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन सुहागिनें माता करवा और चंद्रमा की पूजा करती हैं और करवा चौथ की व्रत कथा सुनती हैं। कहा जाता है कि इस कथा के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। यहां जानिए करवा चौथ व्रत की पूरी कथा।

करवा चौथ व्रत की कथा :
प्राचीन समय में एक ब्राह्मण के सात पुत्र और एक पुत्री थी, जिसका नाम करवा था। करवा का विवाह एक योग्य ब्राह्मण के साथ हुआ था। एक दिन कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि को करवा अपने ससुराल में थी। उस दिन उसने पूरे विधि-विधान से करवा चौथ का व्रत रखा। शाम के समय, जब चंद्रमा निकलने से पहले करवा चांद का इंतजार कर रही थी, तभी उसके भाइयों ने उसकी भूख देखकर उसे भोजन करने का आग्रह किया।

करवा ने अपने भाइयों से कहा कि वह चंद्रमा के दर्शन के बाद ही भोजन करेगी, लेकिन उसके भाइयों से उसकी भूख बर्दाश्त नहीं हुई। इसलिए उन्होंने एक चाल चली। भाइयों ने पीपल के पेड़ के पीछे एक दीपक जलाकर छलपूर्वक करवा से कहा, “देखो, चांद निकल आया है, अब तुम अपना व्रत तोड़ सकती हो।” करवा ने बिना ध्यान दिए, उनके कहे अनुसार चंद्रमा के दर्शन कर व्रत तोड़ दिया और भोजन कर लिया।

व्रत तोड़ते ही करवा का पति बीमार हो गया और उसका स्वास्थ्य बिगड़ने लगा। करवा को एहसास हुआ कि उसने चंद्रमा के उदय से पहले व्रत तोड़ा था, जो व्रत के नियमों का उल्लंघन था। उसने अपने गलती के लिए पश्चाताप किया और अगले वर्ष फिर से पूरे विधि-विधान से करवा चौथ का व्रत रखा। इस बार उसने सच्चे मन और श्रद्धा से व्रत किया और चंद्रमा के दर्शन कर विधिपूर्वक अपना व्रत तोड़ा। इस व्रत के प्रभाव से उसका पति स्वस्थ हो गया और उन्हें सुख-समृद्धि प्राप्त हुई। तब से यह मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए करती हैं।
करवा चौथ की यह कथा स्त्रियों को पति की दीर्घायु, प्रेम और विश्वास का प्रतीक बनाती है, और इसे पूर्ण निष्ठा से मनाने की परंपरा आज भी चलती आ रही है।

करवा चौथ व्रत का महत्व
करवा चौथ व्रत न केवल पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है, बल्कि यह पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को भी बढ़ाता है। इस व्रत को करने से रिश्तों में मजबूती आती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। विवाहित महिलाएं इस व्रत को अपने सुखी वैवाहिक जीवन और समृद्धि के लिए रखती हैं। यह व्रत महिलाओं को संपूर्ण जीवन में सौभाग्यशाली बनाता है और उनके जीवन में खुशहाली लाता है।

Bahraich Violence: राम गोपाल हत्याकांड के आरोपियों पर एसटीएफ का बड़ा एक्शन, एनकाउंटर में दो घायल, पांच गिरफ्तार

बहराइच – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Bahraich Violence: राम गोपाल हत्याकांड में यूपी एसटीएफ और पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से दो मुख्य आरोपी सरफराज उर्फ रिंकू और तालीम उर्फ सबलू को एनकाउंटर में घायल कर पकड़ा गया है। एनकाउंटर के दौरान दोनों आरोपियों के पैरों में गोली लगी, जिन्हें नानपारा सीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल भेजा गया। डॉक्टरों ने सरफराज की हालत गंभीर बताई है, जबकि दोनों को खतरे से बाहर बताया जा रहा है।

क्या है पूरा मामला?
13 अक्टूबर को बहराइच के महाराजगंज इलाके में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान पथराव के बाद हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में 25 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद जिले में तनाव फैल गया था और आगजनी की घटनाएं भी हुई थीं। इस हत्याकांड में सरफराज, तालीम और अब्दुल हमीद सहित 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। सभी आरोपी हत्या के बाद फरार हो गए थे।


घटना के बाद यूपी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश के नेतृत्व में टीमें आरोपियों की तलाश में जुट गईं। गुरुवार दोपहर एसटीएफ को सूचना मिली कि आरोपी नेपाल भागने की फिराक में हैं। पुलिस ने नानपारा कोतवाली क्षेत्र के हांडा बसहरी इलाके में घेराबंदी की, जहां एनकाउंटर के बाद सरफराज और तालीम को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस पर फायरिंग, जवाबी कार्रवाई में आरोपी घायल
पुलिस ने जब आरोपियों को गिरफ्तार किया, तो उनके द्वारा झाड़ियों में छिपाकर रखे गए असलहों से फायरिंग की गई। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोली चलाई, जिससे सरफराज और तालीम के पैरों में गोली लगी। घटना स्थल से दो अवैध असलहे भी बरामद किए गए हैं। एसटीएफ ने बताया कि अगर पुलिस सक्रिय न होती, तो घायल हो सकती थी।


परिजनों के आरोप
सरफराज की बहन रुखसार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि उनके पिता अब्दुल हमीद, भाई सरफराज, फहीम और एक अन्य युवक को एसटीएफ ने पहले ही हिरासत में ले लिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके परिजनों का एनकाउंटर किए जाने की साजिश रची जा रही है। रुखसार ने एक वीडियो जारी करते हुए अपने भाई और शौहर की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है।

अस्पताल में भारी सुरक्षा
पुलिस मुठभेड़ में घायल हुए आरोपियों को नानपारा सीएचसी और फिर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। पुलिस और पीएसी के जवानों के साथ आरआरएफ की तैनाती भी की गई है। एसपी वृंदा शुक्ला समेत अन्य अधिकारी भी अस्पताल में मौजूद हैं। किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए तीमारदारों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है और पूरा अस्पताल परिसर खाली करा दिया गया है।

सरकार का बयान
यूपी सरकार के मंत्री ओ.पी. राजभर ने इस मुठभेड़ पर बयान देते हुए कहा, “अगर पुलिस किसी को पकड़ने जाएगी और उन पर गोलियों की बौछार की जाएगी, तो क्या पुलिस उन्हें माला पहनाएगी? अपराधियों को जिंदा या मुर्दा पकड़ना ही होगा।”

पुलिस द्वारा इस मुठभेड़ और गिरफ्तारी के बाद हिंसा में शामिल अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए भी जांच जारी है।

Train Ticket Rules: दिवाली से पहले रेलवे का बड़ा फैसला, 60 दिन में होगा अब टिकट रिज़र्वेशन!

नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Train Ticket Rules: भारतीय रेलवे ने दिवाली से पहले ट्रेन टिकटों की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। यात्रियों की सुविधाओं और टिकटों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने टिकट बुकिंग के नियमों में अहम बदलाव किया है। रेलवे ने गुरुवार को घोषणा की कि 1 नवंबर 2024 से एडवांस में टिकट बुकिंग की समय सीमा 120 दिनों से घटाकर 60 दिन कर दी जाएगी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार यह कदम टिकटों की कालाबाजारी पर लगाम लगाने और टिकट वितरण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

नए नियमों के तहत बदलाव
अब तक भारतीय रेलवे (Indian Railways) यात्रियों को 120 दिन पहले से ट्रेन टिकट बुक करने की सुविधा देता था, लेकिन 1 नवंबर से यह समय सीमा घटाकर 60 दिन कर दी जाएगी। इसका मतलब है कि यात्री अब अपनी यात्रा के लिए 60 दिन पहले तक ही टिकट बुक कर सकेंगे। इस 60 दिन की अवधि में यात्रा की तारीख को शामिल नहीं किया जाएगा। 31 अक्टूबर तक पुरानी व्यवस्था यानी 120 दिन की एडवांस बुकिंग का नियम लागू रहेगा।

कालाबाजारी पर रोक लगाने का प्रयास
ट्रेन टिकटों की कालाबाजारी लंबे समय से एक गंभीर समस्या रही है। त्योहारों और छुट्टियों के दौरान ट्रेन टिकटों की भारी मांग होती है, जिससे कई बार टिकट दलालों द्वारा कालाबाजारी की जाती है। एडवांस बुकिंग की समय सीमा को कम करने से रेलवे को उम्मीद है कि इस समस्या पर काफी हद तक काबू पाया जा सकेगा। कम समय में टिकट बुकिंग से दलालों द्वारा बड़ी संख्या में टिकट खरीदकर उन्हें ऊंचे दामों पर बेचने की गुंजाइश कम होगी।

यात्रियों को होगा सीधा लाभ
रेलवे के इस कदम से यात्रियों को सीधा लाभ मिलने की संभावना है। पहले, 120 दिन पहले बुक किए गए टिकटों की कालाबाजारी की संभावना अधिक थी, जिससे असली यात्रियों को टिकट पाने में कठिनाई होती थी। अब 60 दिन की बुकिंग अवधि से यात्रियों के लिए टिकट प्राप्त करना अधिक सुलभ होगा और उन्हें उचित दरों पर यात्रा करने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, इस बदलाव से रेलवे को भी टिकट वितरण प्रणाली को अधिक सुगम और पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी।

त्योहारी सीजन के मद्देनजर निर्णय
यह बदलाव खासतौर पर दिवाली और अन्य प्रमुख त्योहारों के मद्देनजर लिया गया है, जब देशभर में रेल यात्रा की मांग चरम पर होती है। इस समय यात्रियों की भारी भीड़ होती है, और कालाबाजारी की घटनाएं बढ़ जाती हैं। नए नियम लागू होने से टिकटों की कालाबाजारी रोकने में काफी हद तक सफलता मिलने की उम्मीद है। रेलवे ने इस निर्णय को लागू करने से पहले सभी यात्रियों को इस बदलाव की जानकारी देने का प्रयास किया है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

Lawrance bishnoi: कॉलेज की पढ़ाई छोड़ कैसे बना सबसे खतरनाक गैंगस्टर?, लॉरेंस बिश्नोई की सलमान से क्या है दुश्मनी!

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क: Lawrance bishnoi: लॉरेंस बिश्नोई का नाम हाल के दिनों में आपराधिक गतिविधियों के चलते सुर्खियों में रहा है। वह एक ऐसा नाम है, जो उत्तर भारत में गैंगस्टर की दुनिया में बड़ा बन चुका है। पंजाब के फिरोजपुर जिले के घत्तरांवाली गांव का रहने वाला लॉरेंस बिश्नोई एक संपन्न किसान परिवार से आता है। वह बिश्नोई समुदाय से ताल्लुक रखता है, जो पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में बसा हुआ है।

चंडीगढ़ से हुई शुरुआत
लॉरेंस ने 12वीं तक अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की और फिर 2010 में उच्च शिक्षा के लिए चंडीगढ़ गया। वहां उसने डीएवी कॉलेज, पंजाब यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और जल्द ही छात्र राजनीति में सक्रिय हो गया। 2011-2012 में वह पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र संगठन (SOPU) का अध्यक्ष भी बना। हालांकि, इस दौरान उसकी गतिविधियां अपराध की ओर मुड़ गईं और 2010 में उस पर हत्या की कोशिश का पहला केस दर्ज हुआ।

क्या है सलमान से लॉरेंस बिश्नोई की दुश्मनी की वजह?
सलमान खान के ऊपर 1998 में काले हिरणों के शिकार का आरोप लगा। इस मामले को लेकर काफी हंगामा हुआ। सलमान पर आरोप था कि उन्होंने जोधपुर में फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान शहर से सटे कांकाणी गांव के पास दो काले हिरणों को मारा था। राजस्थान में बिश्नोई समाज काले हिरण को अपने परिवार की तरह मानता है। उनके बीच काले हिरण की पूजा होती है। ऐसे में सलमान खान बिश्नोई समाज के निशाने पर आ गए। मामला कोर्ट तक भी पहुंचा। अप्रैल 2018 में सलमान खान को इस मामले में दोषी मानते हुए 5 साल की सजा सुनाई गई। हालांकि, उसी दिन सलमान 50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत लेकर बाहर आ गए।

गैंगस्टर बनने की शुरुआत
(Lawrance bishnoi) लॉरेंस बिश्नोई की आपराधिक गतिविधियां जल्द ही बढ़ने लगीं। वह जबरन वसूली, तस्करी और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग जैसी गंभीर अपराधों में शामिल हो गया। साबरमती सेंट्रल जेल में बंद होने के बावजूद, उसने अपने गैंग को बाहर से नियंत्रित करना जारी रखा। बिश्नोई का गैंग कई गैंग वॉर का हिस्सा रहा है और उत्तर भारत में यह एक प्रमुख आपराधिक गिरोह बन गया है।

गैंग की गतिविधियां
(Lawrance bishnoi) लॉरेंस बिश्नोई गैंग की गतिविधियां उत्तर भारत के अलावा मुंबई तक फैली हुई हैं। इस गैंग का नाम कई हाई-प्रोफाइल हत्याओं से जुड़ा है, जिसमें पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला और महाराष्ट्र के राजनेता बाबा सिद्दीकी की हत्या शामिल हैं। गैंग की विशेषता यह है कि यह राजनीति और व्यापार से जुड़े प्रभावशाली लोगों को निशाना बनाता है।

जेल से चलाता है साम्राज्य
हालांकि बिश्नोई फिलहाल जेल में बंद है, लेकिन उसने जेल से ही अपनी आपराधिक गतिविधियों को संचालित करना जारी रखा है। कथित तौर पर मोबाइल फोन के जरिए वह अपने गैंग के सदस्यों के संपर्क में रहता है और बाहर के कामों को निर्देशित करता है।

बाबा सिद्दीकी की हत्या में संलिप्तता
महाराष्ट्र के राजनेता बाबा सिद्दीकी की हत्या ने लॉरेंस बिश्नोई के गैंग को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। 12 अक्टूबर, 2024 को बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद इस गैंग का नाम सामने आया है। मुंबई पुलिस इसकी जांच में लगी हुई है, और इस बात की जांच की जा रही है कि हत्या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता या अन्य कारणों से हुई थी।

उत्तर भारत से लेकर मुंबई तक गैंग का विस्तार
उत्तर भारत में पैर जमाने के बाद, बिश्नोई का गैंग अब मुंबई के अंडरवर्ल्ड में भी अपनी जगह बना रहा है। मुंबई पुलिस को शक है कि बिश्नोई गैंग दाऊद इब्राहिम और रवि पुजारी जैसे गैंगस्टर्स की जगह लेने की कोशिश कर रहा है। खासकर बॉलीवुड और स्थानीय राजनीति में अपने संबंधों के जरिए यह गैंग अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।

लॉरेंस बिश्नोई की कहानी एक ऐसे शख्स की है, जिसने कॉलेज की पढ़ाई छोड़ अपराध की दुनिया में कदम रखा और आज उत्तर भारत के सबसे बड़े और खतरनाक गैंगस्टर्स में से एक बन गया है।

Lady Of Justice: सुप्रीम कोर्ट में ‘न्याय की देवी’ की प्रतिमा में बड़ा बदलाव, आंखों से पट्टी और हाथ से तलवार हटाई

नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता
न्यूज़ डेस्क। Lady Of Justice: सुप्रीम कोर्ट में ‘न्याय की देवी’ की प्रतिमा में बड़ा बदलाव किया गया है। इस बदलाव के तहत अब प्रतिमा की आंखों से पट्टी हटा दी गई है और हाथ में तलवार की जगह संविधान की प्रति दी गई है। इस नई प्रतिमा को सुप्रीम कोर्ट के परिसर में पिछले साल स्थापित किया गया था, लेकिन हाल ही में इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसने जनता और कानूनी विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बना दिया है। (Supreme Court Of India)

पारंपरिक रूप से, ‘न्याय की देवी’ को आंखों पर पट्टी और हाथ में तलवार के साथ दिखाया जाता है, जो न्याय की निष्पक्षता और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। लेकिन इस नई प्रतिमा में आंखों से पट्टी हटाकर न्याय की प्रक्रिया में पारदर्शिता और संविधान को सर्वोच्चता दी गई है। इस बदलाव को न्यायिक व्यवस्था के आधुनिक दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है, जहां कानून और संविधान को सर्वोपरि माना गया है।

प्रतिमा के इस नए रूप को लेकर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे न्याय की नई व्याख्या के रूप में देख रहे हैं, जहां कानून और संविधान की अहमियत को प्रमुखता दी गई है, वहीं कुछ पारंपरिक दृष्टिकोण के समर्थक इस बदलाव पर सवाल उठा रहे हैं।

Ratlam News: रोज के झगड़े से परेशान होकर बाप – बेटे ने पड़ोसी भतीजे को उतारा मौत के घाट, पुलिस ने रातो-रात पकड़ा

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: रतलाम जिले के बड़ावदा थाना पुलिस ने एक अंधे कत्ल का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। घटना का खुलासा तब हुआ जब 15 अक्टूबर 2024 को बड़ावदा वार्ड नंबर 5 में सुनिल चौहान की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत शरीर उसके घर में पाया गया। मृतक के गले पर गला घोंटने के निशान थे, जिससे प्रथम दृष्टया यह मर्डर का मामला प्रतीत हुआ। मृतक के भाई अंकित चौहान द्वारा पुलिस को दी गई सूचना के आधार पर जांच शुरू की गई। पुलिस ने तत्तपरता दिखाते हुए सूचना मिलने के बाद रातो रात आरोपियों को हिरासत में ले लिया। घटनास्थल पर पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने पहुंचकर तफ्तीश की और जांच अधिकारी को निर्देशित किया। हत्या में शामिल दोनों आरोपी मृतक के रिश्तेदार है। जिनमें एक मृतक का चाचा तो दुसरा उसका चचेरा भाई है।

पलंग पर पड़ा था शव
मृतक सुनिल चौहान का शव उसके घर के कमरे में पलंग पर पड़ा मिला, जिसके गले में गला घोंटने के स्पष्ट निशान थे। घटना स्थल की जांच के दौरान यह पाया गया कि कमरे का दरवाजा सिर्फ हल्का सा अटका हुआ था, जिससे यह साफ हुआ कि कोई बाहरी व्यक्ति कमरे में आ सकता था। पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में यह पुष्टि हुई कि सुनिल चौहान की मौत गला घोंटने के कारण हुई थी, जिसकी पुष्टि शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में भी हुई।


पुलिस जांच और आरोपियों का खुलासा
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम ने पड़ोसियों और पारिवारिक सदस्यों से पूछताछ की, जिससे यह जानकारी मिली कि मृतक सुनिल शराब पीने का आदि था और आए दिन पड़ोसियों के साथ झगड़ा करता रहता था। मृतक के पड़ोसी रमेश और उसका बेटा रवि पूछताछ के दौरान संदिग्ध पाए गए, जिन्हें हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की गई।

पूछताछ में रमेश और रवि ने अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि सुनिल के नशे में झगड़ा करने की आदत से वे परेशान हो गए थे। दिनांक 13 अक्टूबर 2024 की रात को, दोनों ने मिलकर प्लास्टिक पाइप से सुनिल का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी।

जप्ती और गिरफ्तारी
पुलिस ने हत्या में उपयोग किए गए प्लास्टिक पाइप को जप्त कर लिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी हैं: 
1. रमेश पिता देवीसिंह चौहान, उम्र 46 वर्ष 
2. रवि पिता रमेश चौहान, उम्र 25 वर्ष

पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
इस केस को सुलझाने में थाना प्रभारी टी.एस. डावर, उप निरीक्षक जे.सी. कुमावत, राजेश मालवीय, सउनि एम.एल. दसोरिया, प्र.आर. अलेक्जेण्डर राय, प्र.आर. राजेश पानोला, आरक्षक गोपालसिंह और आरक्षक बालुसिंह की सराहनीय भूमिका रही।

पुलिस अधीक्षक अमित कुमार (Ips Amit Kumar) ने इस सफल कार्यवाही के लिए टीम की प्रशंसा की और जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें, ताकि समाज में शांति और सुरक्षा बनी रहे