Ratlam News: युवराज नेमीकुमार को हुआ वैराग्य, वन गमन कर लिया दिगंबर दीक्षा  

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आज मनाया जाएगा ज्ञानकल्याणक महोत्सव  

रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: स्वर्ण नगरी रतलाम में श्री नेमीनाथ दिगंबर जिनबिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत चौथे दिन तपकल्याणक महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। सागोद रोड स्थित ऋषभधाम शौरीपुर नगरी में प्रातःकाल सामूहिक पूजन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस दौरान इंद्रसभा और राज्यसभा में आध्यात्मिक प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया।  

नेमीकुमार को मिला वैराग्य  

प्रश्नोत्तरी के बाद प्रतिष्ठाचार्य रजनीभाई दोशी के मार्गदर्शन में युवराज नेमीकुमार के वस्त्राभूषण परिवर्तन की विधि संपन्न हुई। इसी बीच राजसभा में युवराज नेमीकुमार के विवाह की चर्चा हुई और उनका विवाह जूनागढ़ की राजकुमारी राजुल से तय किया गया। बारात बड़े धूमधाम से शौरीपुर से जूनागढ़ के लिए प्रस्थान कर चुकी थी कि रास्ते में पशुओं के क्रंदन को सुनकर युवराज नेमीकुमार को वैराग्य हो गया। इसके बाद उन्होंने सांसारिक मोह त्यागकर दिगंबर दीक्षा ग्रहण करने का संकल्प लिया और गिरनार वन की ओर प्रस्थान किया।  

दीक्षा की भव्य विधि  

गिरनार वन में दीक्षा से पहले देवताओं और मनुष्यों के बीच पालकी उठाने को लेकर संवाद हुआ। अंततः संयम के पक्ष में निर्णय हुआ, और देवताओं ने प्रथम पांच कदम पालकी उठाई। इसके बाद राजाओं ने बारह भावना पाठ के साथ पालकी उठाई। दीक्षा विधि के दौरान युवराज नेमीकुमार के केशों का क्षेपण कर जयघोष किया गया। इस अवसर पर ब्रह्मचारी नन्हे भैया सागर, डॉ. मनीष शास्त्री मेरठ और डॉ. मनोज जैन जबलपुर के वैराग्यमय प्रवचनों का भी लाभ समाजजनों ने लिया।  

सांस्कृतिक प्रस्तुतियां बनीं आकर्षण का केंद्र  

संध्या के समय सकल समाज ने श्री जिनेंद्र भक्ति का लाभ लिया और विद्वानों के प्रवचन सुने। तत्पश्चात, तत्व लहर महिला मंडल रतलाम द्वारा नाटक चंद्रगुप्त और अहमदाबाद की सुश्री मान्या मेहता द्वारा भरत का अंतर्द्वंद्व नाटिका की सुंदर प्रस्तुति दी गई।  

आज मनाया जाएगा ज्ञानकल्याणक महोत्सव  

महोत्सव के मीडिया प्रभारी राकेश पोरवाल और दीपक राज जैन ने बताया कि मंगलवार, माघ कृष्ण एकम को ज्ञानकल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा। प्रातः 6:30 बजे शांति जाप के साथ शुभारंभ होगा। इसके बाद श्री जिनेंद्र पूजन, मंगल प्रवचन और मुनिराज नेमीनाथजी की आहार दान विधि होगी। दोपहर 2 बजे प्रतिष्ठाचार्य प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे। 3:15 बजे से समवशरण रचना, दिव्य ध्वनि का स्तवन और केवल ज्ञान कल्याणक की पूजन होगी।  

संध्या 6 बजे जिनेंद्र भक्ति, 7 बजे प्रवचन और रात्रि 9:30 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इसमें सकल जैन समाज को आमंत्रित किया गया है।  

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