ड्रग्स पर दबिश : रतलाम पुलिस की 10 दिन में तीसरी बड़ी कार्रवाई, सुनील सूर्या सहित 4 गिरफ्तार

संलिप्तता पाए जाने पर एसपी ने थाना स्टेशन रोड के 3 कांस्टेबल किए सस्पेंड

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। एमडी ड्रग्स मामले में पुलिस ने 10 दिन के भीतर ही तीसरी बड़ी कार्रवाई की। एसपी राहुलकुमार लोढा के निर्देश पर सीएसपी अभिनव वारंगे की टीम ने शहर में लगातार छापेमारी की कार्रवाई में बड़ी सफलता हासिल की है। आपको बता दे कुछ दिनों पहले विद्यार्थी परिषद ने शहर में बढ़ रही नशाखोरी पर आक्रोश जताते हुए एसपी व कलेक्टर को ज्ञापन दिया था। जिसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एमडी, स्मेक जैसे घातक जहरीले नशे पर कार्रवाई की। इसी मामले में लापरवाही बरतने के मामले में एसपी राहुल लोढा ने रविवार रात थाना स्टेशन रोड के तीन कांस्टेबल अभिषेक जोशी, पंकज बारिया व संजय चौहान को सस्पेंड कर दिया।

गिरफ्तार आरोपी

सोमवार को मुखबीर सुचना पर पर डीमार्ट बाय पास रोड होते हुवे भक्तन की बावडी वाले रोड से आरोपी आशीष पिता सुशील सोनी नि. चाँदनी चौक रतलाम को अवैध मादक पदार्थ एमडी 30 ग्राम किमती 1 लाख रूपये के साथ गिरफ्तार किया। आरोपी से उक्त एमडी किससे लाने के संबंध में पुछताछ की तो उसने जावरा  से एमडी लाना बताया। जो वह रतलाम के तीन व्यक्ति सईद पिता फजल हुसैन निवासी हकीमवाड़ा रतलाम, हनी पिता जफर शेख निवासी नाहरपुरा रतलाम व सुनिल सुर्या पिता इंदरमल जैन निवासी शास्त्री नगर रतलाम को देने के लिए लाया था। पुलिस ने आरोपी आशीष सोनी की निशानदेही पर अन्य आरोपी सईद, सुनील सूर्य व हनी को भी गिरफ्तार किया। उक्त मामले में थाना स्टेशन रोड पर अप.क्र 329/2024 धारा 8/22,8/29 एनडीपीएस एक्ट का पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया है।

सराहनीय भूमिका
थाना स्टेशन रोड टीआई दिनेश भोजक, उपनिरीक्षक आनंद बागवान, उनि अमित शर्मा, प्रआर.790 राजु अमलियार,आर. 374 हर्षल शर्मा, आर.902 विशाल सेन, आर 208 राकेश निनामा , आर.82 ललित वर्मा,आर 158 संदीप कुमरे की सराहनीय भूमिका रही।

नशे पर एक्शन या खानापूर्ति: एमडी ड्रग्स व स्मैक के साथ दो युवक गिरफ्तार, मुख्य सरगनाओं तक पहुंचने में पुलिस अब भी नाकाम

ABVP के विरोध के बाद जागी पुलिस, चॉकलेट – बिस्किट की तरह बिक रहा नशा

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। शहर में नशे के सौदागर बेखौफ अपना धंधा जमाए हुए है। जिम्मेदार आंख बंद कर दफ्तरों में आराम कर रहे है। जिले के आलम यह है की यहां जिम्मेदारों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास तभी होता है जब कोई विरोध प्रदर्शन हो  या कोई बड़ी घटना घटित हो। 2 हफ्ते पहले विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज में बढ़ रही नशाखोरी के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। जिसके बाद पुलिस तंत्र सक्रिय हुआ। रविवार को थाना स्टेशन रोड पुलिस द्वारा अलग – अलग स्थानों से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इससे पहले भी ड्रग्स के नशे में जान गवाने वाले कई किस्से शहर के लोगो ने सुने है। इसको लेकर पूर्व में एक बड़ा आंदोलन भी शहर में हुआ था, जब पुलिस हरकत में आई और कुछ दिनों तक लगातार कार्रवाई भी की। लेकिन पुलिस ने उसके बाद इनके ठिकानों और सरगनाओं तक पहुंचना जरूरी नहीं समझा। जिसके बाद अब फिर ड्रग्स का यह जहर शहर को खोखला करने में जुट गया है। चॉकलेट बिस्किट की तरह गांजा, अफीम, एमडी, स्मैक जैसे नशीले पदार्थ बाजार में बिक रहे है। मगर जिम्मेदारों के कान में जू तक नहीं रेंगती नजर आ रही है।

पुलिस ने रविवार आधी रात में डीमार्ट बायपास व भक्तन की बावडी रोड से आरोपी जाफर पिता अल्लाहबक्श खान उम्र 22 वर्ष निवासी फिरदौस बहन का मकान, मोचीपुरा को गिरफ्तार किया। जिसके पास से पुलिस ने 31 ग्राम एमडी ड्रग्स पकड़ी। जिसकी किमती करीब 1 लाख रूपये बताई जा रही है। वहीं दूसरी और पुलिस ने दोपहर में भक्तन की बावड़ी क्षेत्र से ही एक अन्य आरोपी मोईनुद्दीन भुरा उर्फ भुरू पिता मोहम्मद हुसैन उम्र 21 वर्ष निवासी पिंजारा पोल हाथी खाना, झोपड पट्टी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी मोईनुद्दीन के पास से 30 हजार कीमत की करीब 10 ग्राम स्मैक बरामद की। पुलिस ने दोनों के खिलाफ धारा 8/22 एनडीपीएस एक्ट में मामला पंजीबध्द कर विवेचना शुरू कर दी है।

राजस्थान से मंगवाई एमडी
एमडी ड्रग्स के साथ गिरफ्तार हुए आरोपी जाफर ने पुलिस पूछताछ में बताया की वह मोबाइल से राजस्थान के अरनोद थाना क्षेत्र के गांव देवल्दी निवासी अरबाज खान से मोबाईल पर बात कर मंगवाई थी। जो की एक अन्य आरोपी बालुराम मीणा नि. सिंगपुरा माताजी थाना अऱनोद जिला प्रतापगढ ने उसे डिलीवर की। पुलिस अब फरार आरोपी अरबाज खान व बालूराम मीणा को खोजने में जुटी है।

राजस्थान का “अरनोद” है नशे का हब
एमडी ड्रग्स, कोकीन, ब्राऊन शुगर जैसे घातक नशे की खेप मध्यप्रदेश के पड़ोसी राज्य राजस्थान से एंट्री कर रही है। जिस पर अंकुश लगाने में पुलिस अब तक कोई ठोस अंजाम तक नहीं पहुंची है। राजस्थान से नशा एंट्री करते हुए मध्यप्रदेश के बड़े शहरों समेत गुजरात में पहुंचता है। वहीं नशे के सरगनाओं तक पहुंचने की बात की जाए तो रतलाम पुलिस के हाथ अब तक खाली है।
रतलाम पुलिस ने नशे के कारोबार पर जो कार्रवाई अब तक कि है, उनमें से अधिकांश का तार सीधे राजस्थान से जुड़ा मिला है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या रतलाम पुलिस प्रतापगढ़ से रतलाम में एंट्री कर रहे नशे के कारोबार के ठिकानों और सरगनाओं तक पहुंचेगी या इसी तरह केवल तस्करी पर कार्रवाई करते हुए अपनी पीठ थपथपाती रहेगी?

सब जानकर भी है अनजान?
कई मामलो में देखा गया है की तस्कर और नशाखोरी के आदि लोग जावरा के पिपलोदा से सीधे राजस्थान में एंट्री करते है। यहां से राजस्थान में पनप रही नशा कारोबार की दुनिया शुरू होती है। प्रतापगढ़ के गांव कोटड़ी, नौगावा, देवल्दी, कोटडी, धमोमर के आस पास के कई इलाके में जहरीले नशे का कारोबार वर्षो से चला रहा है। जो मध्यप्रदेश की युवा पीढ़ी को खोखला कर रहा है। गरीब तबके के लोगों को इस अवैध नशे के कारोबार में शामिल किया जाता है। गरीब युवाओं को नशीले पदार्थ को डिलीवर करने के लिए उपयोग में लिया जाता है। नशा कारोबारियों की गुंडई के कारण लोकल आदमी शिकायत से डरता है। सूत्रों की माने तो बड़े पैमाने पर चल रहे इस कारोबार को राजनीतिक शह के साथ ही विभागीय साठगांठ जान फूंके हुए है। कहा जाता है की इनका खुफिया तंत्र और ऊपर तक परोसा गया पैसा पुलिस तंत्र से ज्यादा सक्रिय है। नारकोटिक्स विभाग की अनदेखी या चुप्पी भी कई सवालों को खड़ा करती है।

काला कारोबार : रतलाम में स्मैक के साथ इंदौर के दो युवक धराए, राजस्थान से मध्यप्रदेश-गुजरात में धड़ल्ले से सप्लाय हो रहा नशा

दो राज्यों की पुलिस के बीच फंसा रहता है पेंच, आखिर क्यों प्रतापगढ़ बना है अड्डा, पढ़िए पूरी खबर

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। शहर में अवैध नशे के कारोबार को लेकर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी बीच पिपलोदा थाना अंतर्गत पुलिस ने इंदौर के दो युवकों को गिरफ्तार किया। दोनों अवैध मादक पदार्थ स्मैक को ले जा रहे थे। पुलिस ने इनसे 25 ग्राम स्मैक जप्त की है, जिसकी अनुमानित कीमत 50 हजार के करीब बताई जा रही है। बरहाल पुलिस के लिए नशे का अवैध कारोबार सिर दर्द बना हुआ है। एमडी ड्रग्स, कोकीन, ब्राऊन शुगर जैसे घातक नशे की खेप मध्यप्रदेश के पड़ोसी राज्य राजस्थान से एंट्री कर रही है। जिस पर अंकुश लगाने में पुलिस अब तक कोई ठोस अंजाम तक नहीं पहुंची है। राजस्थान से नशा एंट्री करते हुए मध्यप्रदेश के बड़े शहरों समेत गुजरात में पहुंचता है। वहीं नशे के सरगनाओं तक पहुंचने की बात की जाए तो रतलाम पुलिस के हाथ अब तक खाली है।
रतलाम पुलिस ने नशे के कारोबार पर जो कार्रवाई अब तक कि है, उनमें से अधिकांश का तार सीधे राजस्थान से जुड़ा मिला है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या रतलाम पुलिस प्रतापगढ़ से रतलाम में एंट्री कर रहे नशे के कारोबार के ठिकानों और सरगनाओं तक पहुंचेगी या इसी तरह केवल तस्करी पर कार्रवाई करते हुए अपनी पीठ थपथपाती रहेगी। इसके अलावा गौर करने वाली बात यह है की नशे के कारोबार पर निगरानी रखने वाला मुख्य विभाग नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) कार्रवाई के मामले में कहीं नजर नहीं आता दिखाई देता है, सारी धरपकड़ पुलिस के जिम्मे ही नजर आती है।

पुलिस की गिरफ्त में तस्करी के आरोपी

आपको बता दे कि रतलाम में विगत माह ड्रग्स के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन युवाओं ने किया था। जिसके बाद पुलिस ने खास अभियान चलाकर एमडी, कोकीन जैसी हैवी ड्रग्स पर एक के बाद एक कार्रवाई की। रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढा ने जिले के सभी थानों पर अवैध मादक पदार्थों के व्यापार एवं परिवहन से जुड़े संदिग्ध लोगों पर कड़ी निगरानी रखकर सभी को सख्त निर्देश दिए है। पिपलोदा थाना प्रभारी विक्रमसिंह चौहान के अनुसार शनिवार को टीम ने मुखबिर की सूचना पर इंदौर के रोहित पिता मनोज सिमोलिया उम्र 20 वर्ष नि. कृष्णबाग कॉलोनी मालवीय नगर व मुनेन्द्रसिंह पिता मानवेन्द्रसिंह सेंगर उम्र 22 वर्ष निवासी महेशबाग कॉलोनी को 25 ग्राम अवैध मादक पदार्थ स्मैक के साथ गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी एक होंडा कम्पनी की स्कूटी से स्मैक ले जा रहे थे। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ स्मैक व स्कूटी (mp09uj2016) को जप्त कर लिया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

राजस्थान का प्रतापगढ़ बना अड्डा :
सूत्रों की माने तो इंदौर के ये दोनों युवक अपने खुद के इस्तेमाल के लिए स्मैक ले जा रहे थे। दोनों ही राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के गांव कोटड़ी से स्मैक इंदौर ले जा रहे थे। तस्कर और नशाखोरी के आदि लोग जावरा के पिपलोदा से सीधे राजस्थान में एंट्री करते है। यहां से राजस्थान में पनप रही नशा कारोबार की दुनिया शुरू होती है। प्रतापगढ़ के गांव कोटड़ी, नौगावा, देवल्दी, कोटडी, धमोमर के आस पास के कई इलाके में जहरीले नशे का कारोबार चला रहा है। जो मध्यप्रदेश की युवा पीढ़ी को खोखला कर रहा है। गरीब तबके के लोगों को इस अवैध नशे के कारोबार में शामिल किया जाता है। गरीब युवाओं को नशीले पदार्थ को कोरियर करने के लिए उपयोग में लिया जाता है। नशा कारोबारियों की गुंडई के कारण लोकल आदमी शिकायत से डरता है।  सूत्रों की माने तो बड़े पैमाने पर चल रहे इस कारोबार को राजनीतिक शह के साथ ही विभागीय साठगांठ जान फूंके हुए है। कहा जाता है की इनका खुफिया तंत्र और ऊपर तक परोसा गया पैसा पुलिस तंत्र से ज्यादा सक्रिय है।

यहां अफीम की बेहतरीन खेती, बनी फैक्ट्रियां :
राजस्थान के प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ और मध्यप्रदेश के मंदसौर, नीमच की जमीन अफीम उत्पादन के लिए बेहतरीन जमीन है। यहां हर साल बड़ी मात्रा में अफीम का उत्पादन होता है और इसी से एमडीएमए ड्रग बनती है। इसके अलावा हेरोइन, कोकीन सहित अन्य नशीले ड्रग्स भी इसी से बनाए जाते हैं। कुछ समय पहले तक ड्रग तस्कर यहां से सिर्फ अफीम लेकर जाते थे और बाद में अन्य राज्यों और जिलों में छोटे घरेलू प्लांट के माध्यम से इनमें कैमिकल मिलाते हुए अन्य ड्रग्स बनाते थे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने जब कार्रवाई करते हुए अफीम तस्करी पर ही रोकथाम लगा दी तो तस्करों ने नया जुगाड़ निकाला। लोकल स्तर पर ही छोटे – छोटे घरों में इसका निर्माण शुरू कर दिया। इसे बनाने के लिए ज्यादा बड़े प्लांट की आवश्यकता नहीं होती और जिन कैमिकल की जरूरत होती है वह कैमिस्ट्री शॉप या ऑनलाइन आर्डर कर मिल जाते हैं।
मध्यप्रदेश और राजस्थान में नशे के सरगना के रूप में लाला-पठान बंधुओं का नाम पहले नंबर पर आता है। कुनबे के कई लोग मादक पदार्थों की तस्करी, हथियारों की तस्करी, सूदखोरी और जमीन हथियाने के धंधे में शामिल हैं। इन पर पुलिस ने पिछले 3 सालों में कई बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। लेकिन फिर भी नशे के काले कारोबार के बंद होने का कोई अंदेशा अब तक नजर आता नहीं दिख रहा है।