Ratlam News: अनमोल पोर्टल के संबंध में मेडिकल ऑफिसर्स का उन्मुखीकरण सम्पन्न  

रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: जिले के जिला प्रशिक्षण केंद्र, विरियाखेड़ी में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने हेतु मेडिकल ऑफिसर्स को अनमोल पोर्टल के उपयोग पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. एम.एस. सागर ने सभी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने कार्यस्थल पर नियमित रूप से उपस्थित रहकर चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित करें।  

अनमोल पोर्टल: डिजिटल स्वास्थ्य प्रबंधन की ओर कदम  

प्रशिक्षण में बताया गया कि अनमोल पोर्टल के माध्यम से गर्भवती महिलाओं का ऑनलाइन पंजीयन किया जाता है। इस पोर्टल पर महिला की स्वास्थ्य स्थिति, हाई-रिस्क लक्षण, सभी प्रकार की जांच एवं टीकाकरण की जानकारी दर्ज की जाती है।  

इसके अलावा, गर्भवती महिला का आधार नंबर, समग्र आईडी और बैंक खाता संख्या भी पोर्टल पर अपलोड की जाती है, जिससे उन्हें प्रसव के समय जननी सुरक्षा योजना एवं मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना के तहत आर्थिक सहायता सीधे बैंक खाते में प्राप्त हो सके।  

लक्ष्य दंपत्तियों को लिंक करना अनिवार्य  

डॉ. सागर ने कहा कि सभी लक्ष्य दंपत्तियों को अपना आधार नंबर एवं समग्र आईडी लिंक करवाना आवश्यक है ताकि भुगतान में किसी प्रकार की बाधा न आए। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद चिकित्सा अधिकारी अपने क्षेत्र में ANM एवं आशा कार्यकर्ताओं को भी प्रशिक्षित करें ताकि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं का प्रभावी संचालन हो सके और सभी पात्र हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके।  

प्रशिक्षण में वरिष्ठ अधिकारी रहे उपस्थित  

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान डीएचओ डॉ. जितेंद्र जायसवाल, डीपीएम हीना मकरानी, सीपीएचसी कंसल्टेंट डॉ. संकल्प श्रीवास्तव, एम एंड ई अधिकारी आशीष कुमावत, जिला मीडिया अधिकारी आशीष चौरसिया, सचिन वर्मा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।  

Ratlam News: रतलाम में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का अनूठा आयोजन: दिवंगत 18 चिकित्सकों की फोटो गैलरी का अनावरण  

रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) रतलाम द्वारा नगर के दिवंगत और प्रसिद्ध 18 चिकित्सकों की याद में डॉ. निशिकांत शर्मा मेमोरियल हॉल में फोटो गैलरी स्थापित की गई। इस भावनात्मक कार्यक्रम में दिवंगत चिकित्सकों के परिजन और नगर के वरिष्ठ चिकित्सक शामिल हुए। स्वर्गीय डॉक्टरों की तस्वीरों पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई, जिससे माहौल भावुक हो गया।  

नगर के गौरवशाली चिकित्सा इतिहास का सम्मान  

कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ चिकित्सकों ने नगर की स्वास्थ्य सेवाओं में दिवंगत डॉक्टरों के योगदान को याद किया। डॉ. जयंत सूभेदार ने IMA रतलाम के संस्थापक डॉ. केडीएस राव और रतलाम में अंग्रेजी शासनकाल के दौरान कार्यरत कैनेडियन डॉक्टर बॉब मैक्लोर के अतुलनीय योगदान को रेखांकित किया।  

मध्य प्रदेश में पहली बार IMA द्वारा अनूठी पहल  

वरिष्ठ नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण पुरोहित ने बताया कि मध्य प्रदेश में यह पहला अवसर है जब IMA द्वारा दिवंगत चिकित्सकों की स्मृति में स्थायी फोटो गैलरी स्थापित की गई है। वरिष्ठ पैथोलॉजिस्ट कैप्टन एन. के. शाह ने कहा कि इस कार्य में समय जरूर लगा, लेकिन दिवंगत चिकित्सकों के परिजनों से संपर्क स्थापित होने के बाद इसे मूर्त रूप दिया गया।  

मुख्य अतिथियों ने की सराहना  

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रेल मंडल रतलाम के प्रबंधक अश्विनी कुमार और डॉ. अर्चना उपाध्याय ने इस सराहनीय पहल के लिए IMA रतलाम के सभी चिकित्सकों की प्रशंसा की। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित इस कार्यक्रम में वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. डॉली मेहरा ने महिलाओं को जागरूकता और सेवा कार्यों के लिए प्रेरित किया।  

भावुक क्षण: परिजनों की अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि  

कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. निशिकांत शर्मा के चित्र पर उनके पुत्र डॉ. सूर्यकांत शर्मा और पुत्रवधु डॉ. ममता शर्मा द्वारा माल्यार्पण से हुई। 92 वर्षीय चंद्रकांता निगम ने अपने पति स्वर्गीय डॉ. नूर सिंह निगम (सेवानिवृत्त CMHO) की तस्वीर पर माल्यार्पण कर भावुकता व्यक्त की। अन्य दिवंगत चिकित्सकों के परिजनों ने भी अपने स्वजन को श्रद्धांजलि दी।  

इन 18 दिवंगत चिकित्सकों को दी गई श्रद्धांजलि  

इस फोटो गैलरी में शामिल चिकित्सकों में डॉ. बॉब मैक्लोर, डॉ. केडीएस राव, डॉ. फजल हक, डॉ. इंद्रमल चौधरी, डॉ. जीएम फडनिस, डॉ. नूर सिंह निगम, डॉ. बीडी पुरोहित, डॉ. दशरथ व्यास, डॉ. वीएस जैन, डॉ. एसएन मेहरा, डॉ. केके माहेश्वरी, डॉ. श्याम काबरा, डॉ. एमएल गुप्ता, डॉ. अनिल बाजपेई, डॉ. डीसी बोरिवाल, डॉ. पीडी बंसल, डॉ. पीआर सिंह और डॉ. मनोज सोलंकी के नाम शामिल हैं।  

 IMA रतलाम ने रचा इतिहास  

इस कार्यक्रम में नगर के प्रमुख चिकित्सकों और IMA रतलाम के सदस्यों ने भाग लिया। संचालन डॉ. जयंत सूभेदार ने किया और IMA अध्यक्ष डॉ. गोपाल यादव ने आभार व्यक्त किया।  

Ratlam News: रतलाम मेडिकल कॉलेज में अमानक दवाइयों का सामूहिक दहन, डॉक्टरों ने जताया विरोध

रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: चिकित्सा महाविद्यालय रतलाम में मेडिकल टीचर एसोसिएशन रतलाम के सदस्यों ने शासकीय स्वशासी चिकित्सा महासंघ के तत्वाधान में अमानक दवाइयों का प्रतीकात्मक सामूहिक दहन किया। यह विरोध प्रदर्शन 21 फरवरी 2025 को दोपहर 1:30 बजे आयोजित किया गया, जिसमें डॉक्टरों ने शासकीय अस्पतालों में बांटी जा रही अमानक दवाइयों के खिलाफ नाराजगी जताई।  

डॉक्टरों ने जताई चिंता  

एमटीए रतलाम के अध्यक्ष डॉ प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि शासकीय अस्पतालों में अमानक दवाइयां आवंटित की जा रही हैं, जिससे मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। इसके कारण मरीजों की तबीयत बिगड़ने पर डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराया जाता है, जबकि असली गुनहगार कोई और होता है।  

डॉक्टर और मरीज के परिजनों के बीच बढ़ रहे विवाद  

डॉ बघेल ने कहा कि घटिया दवाइयों की वजह से मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार नहीं होता, जिससे डॉक्टरों और मरीजों के परिजनों के बीच झगड़े की नौबत आ जाती है। डॉक्टरों ने सरकार से मांग की है कि शासकीय अस्पतालों में गुणवत्ता वाली दवाइयां उपलब्ध कराई जाएं, ताकि मरीजों को सही उपचार मिल सके और डॉक्टरों को अनावश्यक विवादों का सामना न करना पड़े।  

प्रदर्शन में शामिल चिकित्सक  

इस विरोध प्रदर्शन में मेडिकल टीचर एसोसिएशन रतलाम के सचिव डॉ देवेंद्र नरगावे, डॉ अनिल मीणा, डॉ योगेश तिलकर, डॉ देवेंद्र चौहान, डॉ शैलेंद्र डावर सहित कई अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे।  

डॉक्टरों की सरकार से मांग  

डॉक्टरों ने सरकार से शासकीय अस्पतालों में दवाइयों की गुणवत्ता की जांच कराने और अमानक दवाइयों की आपूर्ति पर तुरंत रोक लगाने की मांग की। यदि इस मुद्दे पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो डॉक्टरों ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।  

डॉ प्रवीण सिंह बघेल, अध्यक्ष, मेडिकल टीचर एसोसिएशन रतलाम  

डॉ देवेंद्र नरगावे, सचिव, मेडिकल टीचर एसोसिएशन रतलाम

Ratlam News: रतलाम मेडिकल कॉलेज में सेगमेंटल स्पाइनल एनेस्थीसिया का पहला सफल प्रयोग

रतलाम-पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: सरकारी मेडिकल कॉलेज (DLNP GMC) में पहली बार सेगमेंटल स्पाइनल एनेस्थीसिया का सफल प्रयोग किया गया। यह प्रक्रिया जनरल सर्जरी टीम द्वारा किए गए एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी ऑपरेशन के दौरान की गई। एनेस्थीसिया विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. योगेश तिलकर और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. उत्सव शर्मा ने एचओडी एवं प्रोफेसर डॉ. शैलेन्द्र डावर के मार्गदर्शन में इस प्रक्रिया को अंजाम दिया।  

इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया में टी7-टी8 स्तर पर सेगमेंटल स्पाइनल एनेस्थीसिया दिया गया, जिसमें हाइपरबारिक बुपिवाकेन और आइसोबारिक लेवो बुपिवाकेन का संयोजन किया गया। एनेस्थीसिया टीम में डॉ. अंशुमान दत्ता (सीनियर रेजिडेंट), डॉ. भरत और उनकी टीम ने भी सराहनीय योगदान दिया। मरीज और उनके परिजनों ने डॉक्टरों की टीम का धन्यवाद व्यक्त किया।  

सर्जरी टीम की भूमिका  

यह सर्जरी जनरल सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. नीलम चार्ल्स, डॉ. विक्रम मुजाल्दे, डॉ. अनिल डावर और उनकी टीम ने सफलतापूर्वक पूरी की।  

प्रबंधन की सराहना  

कॉलेज की डीन प्रोफेसर डॉ. अनीता मुथा और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट प्रोफेसर डॉ. प्रदीप मिश्रा ने पूरी एनेस्थीसिया और सर्जरी टीम के प्रयासों की प्रशंसा की।  

यह कदम रतलाम मेडिकल कॉलेज के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है और भविष्य में मरीजों के लिए आधुनिक व उन्नत उपचार की संभावनाओं को प्रोत्साहित करेगा।  

Ratlam News: रतलाम मेडिकल कॉलेज में नई शुरुआत; मिलेगा कमर, गर्दन जैसे दर्द का निःशुल्क इलाज

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: शासकीय डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडे मेडिकल कॉलेज रतलाम (GMC Ratlam) ने विश्व विकलांगता दिवस के अवसर पर फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन (PMR) विभाग के तहत फिजियोथेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी और ऑर्थोटिक्स-प्रोस्थेटिक्स जैसी अत्याधुनिक सेवाओं का शुभारंभ किया। इन सेवाओं के माध्यम से अब मरीजों को कमर दर्द, गर्दन दर्द, बच्चों में विकार और कृत्रिम अंग एवं पट्टे जैसी समस्याओं का नि:शुल्क इलाज मिलेगा। 

विश्व विकलांगता दिवस का महत्व
हर साल 3 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह दिवस दिव्यांगों के अधिकारों और उनके प्रति करुणा एवं सम्मान का संदेश देता है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में PMR विभाग ने अत्याधुनिक मशीनों और सेवाओं के माध्यम से मरीजों के इलाज में नए आयाम जोड़े। 

PMR विभाग में निम्नलिखित आधुनिक मशीनें और सेवाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं: 
– लेजर थेरेपी
– ट्रैक्शन मशीन
– आईएफटी मशीन
– हीटिंग थेरेपी

इन सेवाओं का लाभ अस्पताल में भर्ती मरीज (IPD) और बाहरी मरीज (OPD) दोनों उठा सकते हैं। 

सफल इलाज के प्रेरणादायक मामले 
केस 1:
12 महीने की बच्ची, जिसे न्म से दाहिने कूल्हे में दर्द और पैर सीधा न रखने की समस्या थी, PMR विभाग में नियमित थेरेपी से पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी है। बच्ची अब चलने लगी है और किसी सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ी। 

केस 2:
दीपक पाटीदार, 35 वर्षीय व्यक्ति, जिन्हें लकवे की शिकायत थी, ने PMR विभाग में फिजियोथेरेपी करवाकर अपनी दैनिक गतिविधियां फिर से शुरू कर दी हैं। 

फिजियोथेरेपी के लाभ
– मांसपेशियों और जोड़ों की लचक बनाए रखता है। 
– वजन नियंत्रण और रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार। 
– हृदय, फेफड़े और शारीरिक क्षमता में वृद्धि। 
– मानसिक तनाव कम करके सकारात्मकता बढ़ाता है। 

ये रखे सावधानियां:
– उच्च रक्तचाप, सांस फूलने, अस्थिभंग (फ्रैक्चर) की स्थिति में सावधानी बरतें। 
– इंटरनेट से देखी गई एक्सरसाइज से बचें। 
– केंसर के शुरुआती स्टेज में

2000 से अधिक मरीज लाभान्वित
अब तक 2000 से अधिक मरीज (OPD और IPD) इस विभाग की सेवाओं से लाभान्वित हो चुके हैं।  PMR विभाग के विशेषज्ञों ने कहा कि यह पहल न केवल दिव्यांग मरीजों के लिए सहायक सिद्ध होगी, बल्कि उनके जीवन में आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान का नया अध्याय जोड़ेगी।

Ratlam News: मेडिकल कॉलेज में कंगारू टेक्नीक से बच्चे को मिला नया जीवन; 3 महीने तक डॉक्टर्स व स्टाफ ने की देखभाल

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: मेडिकल कॉलेज रतलाम के एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) की टीम ने 600 ग्राम के अत्यंत कमजोर नवजात को नया जीवन देकर एक और मिसाल पेश की है। यह बच्चा, जिसे जन्म के तुरंत बाद गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं थीं, अब पूरी तरह स्वस्थ होकर घर जा चुका है। घर जाते वक्त डॉक्टरों को धन्यवाद देते हुए बच्चे की मां संगीता की आंखें भी भर आई। वहीं पिता वीरेंद्र ने भी रतलाम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को धन्यवाद दिया।

गंभीर स्थिति में हुआ था नवजात का जन्म
31 अगस्त 2024 को संगीता पति वीरेंद्र को उच्च रक्तचाप और पैरों में सूजन की शिकायत के चलते मेडिकल कॉलेज रतलाम में भर्ती किया गया। चिकित्सीय आपात स्थिति को देखते हुए समय से पूर्व उनकी डिलीवरी करवाई गई। जन्म के समय नवजात का वजन मात्र 600 ग्राम था और उसे सांस लेने में गंभीर परेशानी हो रही थी। पति वीरेंद्र ने बताया की जब बच्चे का जन्म हुआ तो हमने आशा छोड़ दी थी कि यह जिंदा रहेगा। मगर डॉक्टरों व अन्य स्टाफ के लोगों ने हमसे ज्यादा समय हमारे बच्चे को दिया। उसकी देखभाल की। जिससे आज 3 महीने बाद हमारा बच्चा स्वस्थ है। इसके लिए में डॉक्टरों का जीवनभर आभारी रहूंगा।

अपने स्वस्थ बच्चे के साथ संगीता और वीरेंद्र

एसएनसीयू टीम ने संभाली जिम्मेदारी
नवजात को तुरंत एसएनसीयू में भर्ती किया गया, जहां बच्चे की धीमी धड़कन और सांस की समस्या के कारण वेंटिलेटर पर रखा गया। जीवनरक्षक दवाओं और विशेषज्ञ देखभाल से नवजात की स्थिति धीरे-धीरे स्थिर हुई। सात दिनों के गहन उपचार के बाद बच्चे को वेंटिलेटर से हटाया गया। हालांकि, इस दौरान उसका वजन घटकर 480 ग्राम हो गया। 

कंगारू मातृ देखभाल से बढ़ाया वजन
डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने माता को “कंगारू मातृ देखभाल” के तहत बच्चे को नियमित देखभाल और उचित पोषण दिया। 93 दिनों के सतत प्रयासों और विशेषज्ञ निगरानी से बच्चे का वजन बढ़ाकर 1 किलो 200 ग्राम किया गया। कंगारू मातृ देखभाल में, नवजात बच्चे या विशेष रुप से ऐसे बच्चे जिनका जन्म समय-पूर्व होता है। उनकी देखरेख की विशेष तकनीक है, जिसमें नवजात शिशु की देखभाल उसके माता-पिता अथवा अभिभावक त्वचा से त्वचा के स्पर्श द्वारा करते हैं।

डिस्चार्ज पर परिवार ने व्यक्त किया आभार
डिस्चार्ज के समय नवजात पूरी तरह स्वस्थ था। बच्चे की मां और परिजनों ने एसएनसीयू की टीम, विशेष रूप से डॉ. देवेंद्र नरगावे, डॉ. आशीष कुमार गुप्ता, डॉ. प्राची मट्टा और नर्सिंग स्टाफ का आभार व्यक्त किया। इस दौरान डॉ. एम.एल. बर्मन ने भी समय-समय पर मार्गदर्शन किया। 

एसएनसीयू टीम की सफलता
एसएनसीयू के नोडल अधिकारी डॉ. देवेंद्र नरगावे ने बताया कि यह सफलता टीम के अथक प्रयास और अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का परिणाम है। मेडिकल कॉलेज रतलाम की एसएनसीयू इकाई नवजात शिशुओं की देखभाल में एक मिसाल बनती जा रही है।

ढाबे पर डॉक्टरी… : मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स की गुंडागर्दी आई सामने, मारपीट और तोड़फोड़ का केस हुआ दर्ज

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। रतलाम पुलिस ने मेडिकल स्टूडेंट्स द्वारा की गई मारपीट और तोड़फोड़ के मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह घटना बंजली सेजावता बायपास पर स्थित रायल ढाबा पर हुई, जहां मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स ने ढाबे पर खाना खाने के बाद पैसे नहीं दिए और गालियां देते हुए शराब पीने के लिए पैसों की मांग की। पुलिस के अनुसार, रायल ढाबा संचालक रितिक राठौर पिता राजेश राठौर निवासी दीनदयाल नगर ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि मेडिकल कालेज के स्टूडेंट्स ने ढाबे पर खाना खाने के बाद पैसे नहीं दिए और गालियां देते हुए शराब पीने के लिए पैसों की मांग की। आरोपी स्टूडेंट्स ने घायल फरियादी से मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान भी मारपीट की। पुलिस ने आरोपियों पर हफ्ता वसूली, मारपीट, तोड़फोड़ सहित गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किया।

जानकारी के अनुसार फरियादी ढाबा संचालक रितिक राठौर ने बताया की सुमित जाटव, विजय परमार, महावीर सौलंकी, लोकेन्द्र चौहान, यश परमार, कार्तिक सारवे, मनीष परमार, आशीष सौलंकी, प्रतिक कौशल ढाबे पर खाना खाने आये थे। जिन्होने खाना खाने के बाद खाने का पैसे भी नही दिया और गालियां देते हुए शराब पीने के लिए पैसो की मांग करने लगे। इन लोगो को पैसे देने से मना किया और ढाबा बंद करके घर जाने के दौरान रात करीब 1 बजे सुमित जाटव, विजय परमार  ढाबे पर पत्थर फेंक कर भागे। जिनका पीछा करता हुआ फरियादी मेडिकल कालेज के केम्पस पहुंच गया। जहां सुमित जाटव, विजय परमार, संजय डांगी, महावीर सौलंकी, लोकेन्द्र चौहान, यश परमार, कार्तिक सारवे, मनीष परमार, आशीष सौलंकी, प्रतिक कौशल हाकी व डंडे लेकर एक साथ एक मत होकर आये और मारपीट करने लगे।तथा उतावलेपन से पत्थर फैंककर कार के कांच फोड दिये और कार मे रखा मोबाईल तोडकर नुकसान कर दिया।

पुलिस ने मामले में आरोपी सुमित जाटव और विजय परमार को गिरफ्तार किया है और अन्य आरोपियों संजय डांगी, महावीर सौलंकी, लोकेन्द्र चौहान, यश परमार, कार्तिक सारवे, मनीष परमार, आशीष सौलंकी, प्रतिक कौशल की तलाश जारी है। पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा ने कहा कि पुलिस ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी जो समाज में अशांति फैलाने की कोशिश करते हैं। इस मामले में पुलिस ने अपराध क्रमांक 616/2024 धारा-296,115(2),351(3),119(1), 125,191(2)(3),324(4) BNS का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ जल्द ही आरोप पत्र दायर किया जाएगा।

डीन की पिटाई! : मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स व डीन के बीच विवाद, डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता पर लगाए शराबखोरी जैसे गंभीर आरोप

कॉलेज के डॉक्टरो ने किया आज से काम बंद का एलान!
क्या है पूरा मामला ?, देखे वीडियो…

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। रतलाम का शासकीय डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडे मेडिकल कॉलेज (GMC) एक बार फिर सुर्खियों में है। यहां डॉक्टर्स और कॉलेज के डीन के बीच विवाद का मामला सामने आया है। जिन डॉक्टर्स पर मारपीट का आरोप लगा है वो जीएमसी में प्रोफेसर है जो स्टूडेंट्स को पढ़ाते भी है। आपको बता दे कि जीएमसी डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता का विवादों से पुराना नाता रहा है। चाहे वो रतलाम हो या पहले के उनके कार्यकाल वाले अन्य जिले। मंगलवार रात एक ऐसा ही मामला सामने आया। डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता अपनी पत्नी डॉ. रेखा गुप्ता के साथ औद्योगिक क्षेत्र थाने पहुंचे। जहां डीन ने आरोप लगाया है की डॉक्टर्स ने उनके घर में घुसकर मारपीट की।

देखे वीडियो

वहीं दूसरी और डॉक्टरों ने भी थाने पहुंचकर डीन के खिलाफ आवेदन दिया है। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने डीन पर शराब के नशे में रहने के गंभीर आरोप लगाए है। साथ ही आवेदन में बातचीत के दौरान गाली-गलौच व जाति सूचक शब्दों की बात भी कही। हालांकि पुलिस ने मामले में डीन डॉ. गुप्ता की और से एफआईआर दर्ज की है। जिसमें डॉ प्रवीणसिंह बघेल, डॉ शैलेंद्र डावर व डॉ शैलेंद्र चौहान के खिलाफ आईपीसी की धारा 452, 294, 323, 506 व 34 में अपराध दर्ज किया है। वहीं डॉक्टरो की और से पुलिस ने शिकायती आवेदन लिया है। घटना से गुस्साए डॉक्टरों ने बुधवार से हड़ताल की सूचना जारी कर काम बंद करने का एलान कर दिया है। डॉक्टरों ने डीन जितेंद्र गुप्ता को हटाने की मांग शासन के सामने रख दी है। जिससे अब मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

दोनों पक्षों की कहानी, कौन सही कौन गलत?
मामले में एक पक्ष मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का है जो वहां प्रोफेसर भी है और इलाज भी करते है। एसोसिएशन के डॉ. प्रवीण बघेल ने बताया की हमारे साथी एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राहुल मैडा की पत्नी की डिलवरी हुई। उनकी पत्नी के इलाज में लापरवाही व अव्यवस्था बरती जा रही थी। जिसको लेकर वे डीन गुप्ता के पास पहुंचे। जहां डीन ने शराब के नशे में गाली दी और जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया। इस दौरान उन्होंने महिला डॉ. रंजीता अस्के के साथ भी अभद्रता की। अव्यवस्था व डीन के भेदभावपूर्ण रवैय्ये के कारण राहुल मैडा को उनके 8 घंटे के नवजात शिशु व पत्नी को लेकर निजी अस्पताल जाना पड़ा। एसोसिएशन के लोगों ने यह भी आरोप लगाया की प्राइवेट रूम में शिफ्ट करने के बाद डॉ. राहुल मैडा की पत्नी का इलाज ना करने को लेकर डीन गुप्ता ने नर्सिंग स्टाफ पर दबाव बनाया और अब झूठी एफआईआर करवा रहे है।

थाने में शिकायत करते एसोसिएशन सदस्य

दूसरी और डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता का कहना है की डॉ. राहुल मैडा की पत्नी की डिलवरी हुई थी। विभाग प्रमुख डॉ. सचिन डावर ने खुद की मर्ज़ी से ऐसे वार्ड में शिफ्ट किया जो 1 साल से कोविड के बाद बंद है। जब इसकी जानकारी मिली तो उन्हें गायनिक वार्ड में शिफ्ट होने को कहा गया क्योंकि वो स्थान असुरक्षित है। इतनी ही बात थी जिसके बाद में घर आ गया। में घर पर था तभी बेल बजने पर दरवाजा खोला तो डॉ. प्रवीण बघेल व अन्य लोग आए और मुझे गाली देते हुए मारपीट करने लगे। बीच बचाव करने आई पत्नी के साथ भी उन्होंने अभद्रता की। यह लोग शुरू से मेरे पीछे पड़े है। शराब के नशें में रहने के आरोप गलत है।

थाने में एफआईआर करवाते डीन व उनकी पत्नी

मचा हड़कंप : मेडीकल कॉलेज की बिल्डिंग पर चढ़ी महिला, पाइप के सहारे उतरने का कर रही थी प्रयास

पब्लिक वार्ता- रतलाम,
जयदीप गुर्जर। मेडिकल कॉलेज में उस समय हड़कंप मच गया जब एक मानसिक रूप से बीमार महिला कॉलेज की बिल्डिंग पर दिखाई दी। महिला पाइप के सहारे नीचे उतरने का प्रयास कर रही थी। इसी दौरान वह बिल्डिंग के तीसरे माले पर फंस गई। महिला को सबसे पहले मेडिकल कॉलेज के सुरक्षा गार्ड ने देखा और पुलिस चौकी पर सूचना दी। इसी दौरान महिला का बेटा भी मौके पर पहुंचा। मां की जान बचाने के लिए वह पाइप के सहारे ही ऊपर चढ़ गया और महिला को संभाला। सबकुछ होता देख मेडिकल कॉलेज परिसर में लोगों की भीड़ जमा हो गई। मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी के एएसआई सुनील सिंह ने मौके पर फायर ब्रिगेड बुलवाई और सीढ़ी और रस्सी के सहारे बीमार महिला को नीचे उतारा गया। रेस्क्यू के बाद बीमार महिला को फिर से मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है।

वीडियो : बिल्डिंग पर चढ़ी महिला

जानकारी के अनुसार घटना करीब 10:30 बजे की है जब मेडिकल कॉलेज के गार्ड ने देखा कि एक महिला तीसरे माले की खिड़की के पास बैठी हुई है। मेडिकल कॉलेज स्थित पुलिस चौकी पर इसकी सूचना गार्ड ने दी। देखते ही देखते लोगों की भीड़ जमा हो गई। किसी को भी समझ नहीं आ रहा था कि महिला आखिर तीसरे माले की खिड़की के बाहर पहुंची कैसे। इसी दौरान महिला का बेटा महेश चरपोटा मौके पर पहुंचा। अपनी मां को खतरे में देख महेश पाइप के सहारे तीसरी मंजिल पर चढ़ गया और मां को जाकर संभाला। महिला के रेस्क्यू के लिए फायर ब्रिगेड की टीम भी मौके पर पहुंची और मेडिकल कॉलेज चौकी पुलिस की मदद से महिला को सुरक्षित नीचे उतार लिया गया।

महिला के बेटे महेश ने बताया कि वह इमलीपाड़ा बाजना के रहने वाले हैं। पिताजी की मृत्यु के बाद माता पारी बाई मानसिक रूप से बीमार हो गई है। उन्हें 17 तारीख को मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया था। वह नाश्ता लेने बाहर आया था तभी उसकी मां अस्पताल की छत पर पहुंच गई और पाइप के सहारे नीचे उतरने का प्रयास करने लगी। बहरहाल गनीमत रही कि समय रहते पुलिस और फायर ब्रिगेड की मदद से महेश ने अपनी मां की जान बचा ली। अन्यथा कोई जानलेवा हादसा हो सकता था।