रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| Ratlam News: नगर निगम द्वारा बाजार बैठक शुल्क पुनः लागू करने के विरोध में शहर कांग्रेस और कांग्रेस पार्षद दल ने नगर निगम गेट पर भव्य जनसंसद का आयोजन किया। इस प्रदर्शन में 700 से अधिक खोमचे, ठेले, गुमटी और टोकरी में व्यवसाय करने वाले विक्रेता शामिल हुए। जनसंसद में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि भाजपा ने बाजार शुल्क वापस नहीं लिया, तो कोई भी विक्रेता यह शुल्क नहीं देगा।

कांग्रेस का ऐलान – गरीबों पर जुल्म हुआ तो जेल भर देंगे
शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र कटारिया ने कहा कि जनता भाजपा के खिलाफ संघर्ष के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, कांग्रेस का हर कार्यकर्ता गरीबों के साथ खड़ा है। हम जेल जाएंगे, लेकिन गरीबों का शोषण नहीं होने देंगे।

नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि यह प्रस्ताव गैरकानूनी है और भाजपा की नीतियों को उजागर करता है। उन्होंने चेतावनी दी कि कांग्रेस गरीब जनता के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा भूले विधायक और महापौर
युवा कांग्रेस अध्यक्ष मयंक जाट ने कहा कि 9 जुलाई 2022 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने धानमंडी में बाजार बैठक शुल्क स्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की थी। उन्होंने सवाल उठाया कि विधायक और महापौर अब अपने मुख्यमंत्री की बात क्यों भूल गए।
महिलाओं और व्यापारियों का आक्रोश
जनसंसद में सड़क किनारे व्यवसाय करने वाली कई महिलाओं ने नगर निगम और महापौर के खिलाफ नाराजगी जताई। एक सब्जी विक्रेता महिला ने कहा, हमें जहर दे दो, लेकिन हम टैक्स नहीं देंगे। वहीं, एक फल विक्रेता ने कहा, हमारी गर्दन काट दो, लेकिन हम जबरन वसूली नहीं सहेंगे।
नारेबाजी और प्रदर्शन
प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस पार्षदों और नागरिकों ने काले रंग के एप्रिन पहने हुए थे, जिन पर सरकार विरोधी नारे लिखे थे। सभा स्थल पर महापौर के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। जनसंसद के बाद प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस पार्षद दल को नगर निगम परिषद की बैठक में भेजा। उन्हें सब्जियों की माला पहनाकर सम्मानित किया गया और नगर निगम के गेट पर सब्जियां बिखेरकर विरोध दर्ज कराया गया।
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख नेता
जनसंसद में कांग्रेस नेता यासमीन शैरानी, शैलेंद्र सिंह अठाना, फैयाज मंसूरी, वीरेंद्र प्रताप सिंह, वहीद भाई शेरानी, सलीम मोहम्मद बागवान, राजीव रावत, सुजीत उपाध्याय, बसंत पंड्या समेत कई कार्यकर्ता और आम नागरिक उपस्थित रहे। सभा में 10 से अधिक ठेला व्यवसायी और आठ से ज्यादा महिलाएं अपनी दुकान लगाकर बैठी थीं, जिससे विरोध का प्रभाव और मजबूत दिखा।