पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क: Lawrance bishnoi: लॉरेंस बिश्नोई का नाम हाल के दिनों में आपराधिक गतिविधियों के चलते सुर्खियों में रहा है। वह एक ऐसा नाम है, जो उत्तर भारत में गैंगस्टर की दुनिया में बड़ा बन चुका है। पंजाब के फिरोजपुर जिले के घत्तरांवाली गांव का रहने वाला लॉरेंस बिश्नोई एक संपन्न किसान परिवार से आता है। वह बिश्नोई समुदाय से ताल्लुक रखता है, जो पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में बसा हुआ है।
चंडीगढ़ से हुई शुरुआत
लॉरेंस ने 12वीं तक अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की और फिर 2010 में उच्च शिक्षा के लिए चंडीगढ़ गया। वहां उसने डीएवी कॉलेज, पंजाब यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और जल्द ही छात्र राजनीति में सक्रिय हो गया। 2011-2012 में वह पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र संगठन (SOPU) का अध्यक्ष भी बना। हालांकि, इस दौरान उसकी गतिविधियां अपराध की ओर मुड़ गईं और 2010 में उस पर हत्या की कोशिश का पहला केस दर्ज हुआ।
क्या है सलमान से लॉरेंस बिश्नोई की दुश्मनी की वजह?
सलमान खान के ऊपर 1998 में काले हिरणों के शिकार का आरोप लगा। इस मामले को लेकर काफी हंगामा हुआ। सलमान पर आरोप था कि उन्होंने जोधपुर में फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान शहर से सटे कांकाणी गांव के पास दो काले हिरणों को मारा था। राजस्थान में बिश्नोई समाज काले हिरण को अपने परिवार की तरह मानता है। उनके बीच काले हिरण की पूजा होती है। ऐसे में सलमान खान बिश्नोई समाज के निशाने पर आ गए। मामला कोर्ट तक भी पहुंचा। अप्रैल 2018 में सलमान खान को इस मामले में दोषी मानते हुए 5 साल की सजा सुनाई गई। हालांकि, उसी दिन सलमान 50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत लेकर बाहर आ गए।
गैंगस्टर बनने की शुरुआत
(Lawrance bishnoi) लॉरेंस बिश्नोई की आपराधिक गतिविधियां जल्द ही बढ़ने लगीं। वह जबरन वसूली, तस्करी और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग जैसी गंभीर अपराधों में शामिल हो गया। साबरमती सेंट्रल जेल में बंद होने के बावजूद, उसने अपने गैंग को बाहर से नियंत्रित करना जारी रखा। बिश्नोई का गैंग कई गैंग वॉर का हिस्सा रहा है और उत्तर भारत में यह एक प्रमुख आपराधिक गिरोह बन गया है।
गैंग की गतिविधियां
(Lawrance bishnoi) लॉरेंस बिश्नोई गैंग की गतिविधियां उत्तर भारत के अलावा मुंबई तक फैली हुई हैं। इस गैंग का नाम कई हाई-प्रोफाइल हत्याओं से जुड़ा है, जिसमें पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला और महाराष्ट्र के राजनेता बाबा सिद्दीकी की हत्या शामिल हैं। गैंग की विशेषता यह है कि यह राजनीति और व्यापार से जुड़े प्रभावशाली लोगों को निशाना बनाता है।
जेल से चलाता है साम्राज्य
हालांकि बिश्नोई फिलहाल जेल में बंद है, लेकिन उसने जेल से ही अपनी आपराधिक गतिविधियों को संचालित करना जारी रखा है। कथित तौर पर मोबाइल फोन के जरिए वह अपने गैंग के सदस्यों के संपर्क में रहता है और बाहर के कामों को निर्देशित करता है।
बाबा सिद्दीकी की हत्या में संलिप्तता
महाराष्ट्र के राजनेता बाबा सिद्दीकी की हत्या ने लॉरेंस बिश्नोई के गैंग को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। 12 अक्टूबर, 2024 को बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद इस गैंग का नाम सामने आया है। मुंबई पुलिस इसकी जांच में लगी हुई है, और इस बात की जांच की जा रही है कि हत्या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता या अन्य कारणों से हुई थी।
उत्तर भारत से लेकर मुंबई तक गैंग का विस्तार
उत्तर भारत में पैर जमाने के बाद, बिश्नोई का गैंग अब मुंबई के अंडरवर्ल्ड में भी अपनी जगह बना रहा है। मुंबई पुलिस को शक है कि बिश्नोई गैंग दाऊद इब्राहिम और रवि पुजारी जैसे गैंगस्टर्स की जगह लेने की कोशिश कर रहा है। खासकर बॉलीवुड और स्थानीय राजनीति में अपने संबंधों के जरिए यह गैंग अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
लॉरेंस बिश्नोई की कहानी एक ऐसे शख्स की है, जिसने कॉलेज की पढ़ाई छोड़ अपराध की दुनिया में कदम रखा और आज उत्तर भारत के सबसे बड़े और खतरनाक गैंगस्टर्स में से एक बन गया है।