Ratlam News: मंत्री काश्यप ने दीप मिलन समारोह में कहा; रतलाम निवेश क्षेत्र का प्रेजेंटेशन ग्लोबल समिट में रखेंगे

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Ratlam News: सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप (MSME Minister Chetanya Kasyap) ने दीप मिलन समारोह आयोजित किया। जिसमें रतलाम के पत्रकारों को आमंत्रित किया गया। समारोह में पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने बताया की प्रदेश में उद्योगों के विकास के लिए पांच नेशनल कॉन्क्लेव आयोजित किए गए, जिससे औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिला है। इन कॉन्क्लेव के माध्यम से दस हजार उद्यमियों से संवाद स्थापित किया गया और हर विधानसभा क्षेत्र में उद्योगों की संभावनाओं वाले क्षेत्रों की पहचान के लिए जनप्रतिनिधियों को निर्देशित किया गया है।

पत्रकार दीप मिलन समारोह में मंत्री काश्यप ने बताया कि सरकार ने 16 स्थानों पर भूमि चिन्हित कर ली है, जहां सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार नई पीढ़ी के युवा उद्योगपतियों को प्रोत्साहन देने के लिए संकल्पित है।

समारोह में मौजूद पत्रकारगण

रतलाम निवेश क्षेत्र का ग्लोबल समिट में प्रेजेंटेशन
मंत्री काश्यप ने रतलाम के विकास कार्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 17 करोड़ के पहले टेंडर के बाद अब 320 करोड़ का दूसरा टेंडर जारी किया गया है, जिसमें पानी, बिजली, और सड़कों की व्यवस्था की जाएगी। निवेश क्षेत्र में लगभग 350 से 400 प्लॉट लघु उद्योगों के लिए आवंटित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि फरवरी में भोपाल में होने वाली ग्लोबल समिट में रतलाम के निवेश क्षेत्र का प्रेजेंटेशन दिया जाएगा। 8-लेन एक्सप्रेस-वे के पास होने के कारण इस क्षेत्र में उद्योगों के स्थापित होने की संभावनाएं और अधिक बढ़ गई हैं।

रतलाम में एयरपोर्ट और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास 
मंत्री काश्यप ने यह भी बताया कि रतलाम में एयरपोर्ट के लिए भूमि चिन्हित की जा चुकी है। निवेश क्षेत्र के लिए पानी का प्रबंध कनेरी डेम से किया जाएगा, जिससे औद्योगिक विकास को समर्थन मिलेगा। फार्मा कंपनियों के लिए यहां पर्याप्त अवसर मौजूद हैं। अगले पांच सालों में इस औद्योगिक क्षेत्र के कारण रतलाम में नए अवसरों का विकास होगा, जिससे यह क्षेत्र प्रदेश और देश के औद्योगिक मानचित्र पर अपना स्थान बनाएगा। नगर निगम द्वारा शहर में 50 बीघा भूमि पर एक रिजनल पार्क का निर्माण भी किया जा रहा है।

मीडिया की सकारात्मक भूमिका
समारोह के दौरान मंत्री काश्यप ने रतलाम की मीडिया की सराहना करते हुए कहा कि शहर के विकास में मीडिया की भूमिका हमेशा सकारात्मक रही है, और भविष्य में भी यह योगदान जारी रहने की कामना की।

मध्य प्रदेश किसान रजिस्ट्री: खेतों की डिजिटल रजिस्ट्री से किसानों को मिलेगा योजनाओं का लाभ, जानिए पूरी प्रक्रिया

भोपाल- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| मध्य प्रदेश किसान रजिस्ट्री: मध्य प्रदेश में किसानों के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य किसानों को सरकारी योजनाओं का सीधा और पारदर्शी लाभ पहुंचाना है। इस अभियान के अंतर्गत किसान रजिस्ट्री बनाई जा रही है, जिसमें प्रत्येक किसान को एक विशिष्ट किसान आईडी दी जाएगी। यह आईडी आधार कार्ड की तरह काम करेगी, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ डिजिटल माध्यम से मिल सकेगा।

रजिस्ट्री की प्रक्रिया
इस डिजिटल पहल में किसान रजिस्ट्री पोर्टल और मोबाइल ऐप की मदद ली जा रही है। किसानों को इस योजना का लाभ देने के लिए किसान रजिस्ट्री एमपी ऐप और स्थानीय युवाओं के लिए किसान सहायक एमपी ऐप बनाया गया है। इन ऐप्स के माध्यम से किसानों की ई-केवाईसी की जाएगी और उनकी भूमि की जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी।

डिजिटल सर्वेक्षण में स्थानीय युवाओं की भागीदारी
राज्य के युवा इस पहल का महत्वपूर्ण हिस्सा बन रहे हैं। डिजिटल फसल सर्वेक्षण के लिए स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो किसानों के खेतों की नाप-जोख करके डेटा इकट्ठा करेंगे। इसके लिए इन युवाओं को बैंक खातों में राशि का भुगतान भी किया जाएगा।

किसान रजिस्ट्री के लाभ
किसान रजिस्ट्री के जरिए किसानों को कई तरह के लाभ मिलेंगे:
– सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ: रजिस्ट्री के बाद किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ सीधे अपने खाते में प्राप्त कर सकेंगे।
– आसान ऋण प्रक्रिया: किसान रजिस्ट्री होने से किसानों को कृषि ऋण लेने में सहूलियत होगी।
– बाजार की जानकारी: किसान अपने उत्पादों के लिए बाजार की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।
– बेहतर मूल्य: कृषि उत्पादों का सही मूल्य मिल सकेगा।

ई-केवाईसी प्रक्रिया
इस डिजिटल प्रक्रिया में किसानों को ई-केवाईसी करनी होगी, जिसमें उनका आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और खसरा खतौनी की जानकारी दर्ज की जाएगी। किसानों की सहमति डिजिटल तरीके से ली जाएगी और उनके सभी खातों को एक साथ जोड़ा जाएगा।

आवश्यक दस्तावेज
किसान रजिस्ट्री के लिए किसानों को निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
– आधार कार्ड
– मोबाइल नंबर
– खसरा खतौनी
– समग्र आईडी

कॉमन सर्विस सेंटर से मदद
किसान रजिस्ट्री के लिए किसान कॉमन सर्विस सेंटर का भी सहारा ले सकते हैं। यहां किसान भू-स्वामी द्वारा निर्धारित शुल्क का भुगतान करके रजिस्ट्री करवा सकते हैं।

समाप्ति की तारीख
यह अभियान 30 नवंबर तक पूरा किया जाएगा, ताकि दिसंबर से सभी योजनाओं का लाभ किसान आईडी के माध्यम से मिल सके। यह प्रक्रिया किसानों की मदद और उनकी उपज की बेहतर कीमत सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है।

मध्य प्रदेश किसान रजिस्ट्री की इस प्रक्रिया से किसानों के लिए कृषि कार्य और आसान हो जाएगा, और सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ प्राप्त करने में उन्हें कोई कठिनाई नहीं होगी।

Maharashtra – Jharkhand Election Date: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, 23 नवंबर को नतीजे

न्यू दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| Maharashtra – Jharkhand Election Date: चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र में एक चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा, जबकि झारखंड में चुनाव दो चरणों में होंगे। झारखंड में पहले चरण का मतदान 13 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा। दोनों राज्यों के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

नक्सल प्रभावित इलाकों में विशेष सुरक्षा
झारखंड के कई जिले नक्सल प्रभावित हैं, जिसकी वजह से वहां चुनाव सुरक्षा एक अहम मुद्दा है। इसीलिए झारखंड में दो चरणों में चुनाव कराने का फैसला लिया गया है। 2019 के चुनावों में यहां पांच चरणों में मतदान हुआ था, लेकिन इस बार दो चरणों में इसे संपन्न कराया जाएगा।

उपचुनाव की तारीखों का भी ऐलान
चुनाव आयोग ने कई उपचुनावों की तारीखें भी घोषित की हैं। 13 नवंबर को वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव होगा, जो राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल और उत्तराखंड की विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होंगे। उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होगा, जबकि उत्तराखंड की केदारनाथ सीट पर 20 नवंबर को उपचुनाव कराया जाएगा।

महाराष्ट्र और झारखंड में बहुमत का आंकड़ा
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं, जहां बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है। वहीं, झारखंड में 81 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 42 है। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है, जबकि झारखंड में 5 जनवरी तक नई सरकार का गठन हो जाना चाहिए।

महाराष्ट्र में एक लाख से ज्यादा पोलिंग बूथ
महाराष्ट्र में 1 लाख से ज्यादा पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। महिला मतदाताओं के लिए विशेष बूथों की व्यवस्था होगी, साथ ही बूथों पर बुजुर्गों और महिलाओं के लिए बैठने की व्यवस्था भी होगी। झारखंड में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है, जहां 1.6 करोड़ महिला वोटर्स और 1.3 करोड़ से अधिक पुरुष मतदाता हैं।

निष्पक्ष चुनाव पर जोर
चुनाव आयोग ने मनी और मसल पावर पर सख्ती से लगाम लगाने की बात कही है। चुनाव के दौरान नकद, नशे और अवैध हथियारों की आवाजाही रोकने के लिए महाराष्ट्र और झारखंड की सीमाओं पर कड़ी चौकसी रखी जाएगी।

23 नवंबर को आएंगे नतीजे
महाराष्ट्र और झारखंड में मतदान के बाद 23 नवंबर को चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे।

CM Kisan Kalyan Yojana: अक्टूबर में मध्य प्रदेश के किसानों को मिलेंगे ₹2000, जानें योजना के फायदे और पात्रता

मध्यप्रदेश-पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| CM Kisan Kalyan Yojana: मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए CM Kisan Kalyan Yojana के तहत आर्थिक मदद की योजना चलाई है। इस योजना के तहत प्रदेश के किसानों को सालाना 6,000 रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता मिलती है, जिससे उन्हें खेती-बाड़ी के खर्चों में राहत मिलती है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत पहले से मिलने वाले 6,000 रुपये के साथ, किसानों को कुल 12,000 रुपये की वार्षिक सहायता प्रदान की जाती है।

अक्टूबर में किसानों को मिलेंगे ₹2000
सरकार ने अक्टूबर 2024 में इस योजना के तहत किसानों को ₹2000 की अगली किस्त देने की घोषणा की है। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा की जाएगी, जिससे उन्हें कृषि से जुड़े खर्चों में मदद मिलेगी।

CM Kisan Kalyan Yojana के फायदे:
1. सालाना ₹12,000 की सहायता: पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाली राशि के अतिरिक्त 6,000 रुपये की मदद राज्य सरकार देती है।
2. आर्थिक स्थिरता: यह योजना किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने और खेती के निवेश को बढ़ाने में सहायक है।
3. आय में सुधार: इस योजना से किसानों को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिलता है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है।

पात्रता:
1. मध्य प्रदेश का स्थायी निवासी होना आवश्यक है।
2. आवेदक की उम्र 18 साल से अधिक होनी चाहिए।
3. आवेदक पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभार्थी होना चाहिए।

आवश्यक दस्तावेज:
1. आधार कार्ड
2. बैंक पासबुक
3. पहचान पत्र (जैसे पैन कार्ड, वोटर आईडी)
4. निवास प्रमाण पत्र
5. भूमि से जुड़े दस्तावेज़
6. मोबाइल नंबर (जो आधार से लिंक हो)

आवेदन प्रक्रिया:
1. सबसे पहले, मध्य प्रदेश कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
2. योजना से संबंधित लिंक पर क्लिक कर आवेदन फॉर्म डाउनलोड करें।
3. फॉर्म में मांगी गई जानकारी भरें और सभी जरूरी दस्तावेजों की फोटोकॉपी संलग्न करें।
4. फॉर्म को नजदीकी कृषि विभाग या ग्राम पंचायत कार्यालय में जमा करें।

Haryana Election: बीजेपी की हरियाणा में जीत के बाद राहुल गांधी के घर भेजी गई जलेबी – राजनीतिक तंज या जीत का जश्न?

हरियाणा पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| Haryana Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव (Harayana vidhan sabha election) में तीसरी बार ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद, बीजेपी ने एक दिलचस्प कदम उठाया। पार्टी ने दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित बीकानेरवाला स्वीट्स से कांग्रेस मुख्यालय, 24 अकबर रोड पर राहुल गांधी के लिए एक किलो जलेबी भिजवाई। यह कदम न सिर्फ राजनीतिक तंज था, बल्कि पूरे चुनावी प्रचार के दौरान चले जलेबी विवाद का अंतिम जवाब भी था।

जलेबी का चुनावी विवाद
यह सारा मामला तब शुरू हुआ जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गोहाना की एक रैली में स्थानीय जलेबी की तारीफ करते हुए उसे ‘सबसे अच्छी’ जलेबी बताया। उन्होंने कहा कि यह जलेबी भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में जानी चाहिए और इस दुकान को फैक्ट्री में बदल देना चाहिए, ताकि हजारों को रोजगार मिल सके। राहुल की इस टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी, और चुनाव के दौरान जलेबी एक हॉट टॉपिक बन गई।

(BJP) बीजेपी की राजनीतिक चाल
चुनाव में कांग्रेस की हार और बीजेपी की जीत के बाद, बीजेपी ने राहुल गांधी की जलेबी टिप्पणी को लेकर तंज कसते हुए उनके घर जलेबी भेजने का फैसला किया। बीजेपी ने अपने ट्विटर हैंडल से इस घटना का जिक्र करते हुए ऑर्डर का स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें बीकानेरवाला से ऑर्डर की गई जलेबी की कीमत 609 रुपये बताई गई थी। ट्वीट में पार्टी ने कहा, “भारतीय जनता पार्टी हरियाणा के समस्त कार्यकर्ताओं की तरफ से राहुल गांधी जी के लिए उनके घर पर जलेबी भिजवा दी है।”

जलेबी के जरिए तंज
बीजेपी नेताओं ने इस जलेबी विवाद का इस्तेमाल कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधने के लिए किया। यूपी के एक बीजेपी नेता ने चुटकी लेते हुए कहा, “राहुल गांधी को अब जलेबी कड़वी लग रही होगी।” इस तरह, चुनावी रुझानों के बाद भी जलेबी विवाद सुर्खियों में रहा और भाजपा ने इसका उपयोग अपने विपक्षी दल पर कटाक्ष करने के लिए किया।

नतीजा
बीजेपी की जीत के बाद इस प्रतीकात्मक कदम से यह साफ है कि भारतीय राजनीति में तंज और प्रतीकों का कितना महत्व है। जलेबी, जो आमतौर पर मिठास और खुशी का प्रतीक है, यहां राजनीतिक कटाक्ष का साधन बन गई।

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: भाजपा का दबदबा बरकरार, विपक्ष की चुनौतियाँ बढ़ीं

हरियाणा पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम घोषित हो गए हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर अपनी स्थिति को मजबूत किया है। वर्तमान में भाजपा 45 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस 30 से अधिक सीटें जीतने में सफल रही है। अन्य क्षेत्रीय दलों, जैसे इंडियन नेशनल लोक दल (INLD), ने भी कुछ सीटों पर जीत दर्ज की है।

भाजपा की सफलता: विकास और सुशासन की जीत
भाजपा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में विकास और सुशासन के मुद्दों को प्राथमिकता दी। पार्टी ने ग्रामीण विकास, औद्योगिक प्रगति और युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों पर जोर दिया, जिसके परिणामस्वरूप उसे युवाओं का समर्थन मिला। इसके प्रभावी संगठन और जमीनी स्तर पर काम ने भाजपा को व्यापक सफलता दिलाई।

कांग्रेस और विपक्ष की चुनौतियाँ
विपक्षी कांग्रेस ने बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को उठाया, लेकिन भाजपा की विकासात्मक नीतियों के खिलाफ प्रभावी रूप से मुकाबला नहीं कर पाई। किसान आंदोलन के बावजूद, कांग्रेस को अपेक्षित समर्थन नहीं मिला। INLD और जेजेपी जैसे क्षेत्रीय दल भी अपनी पूर्व स्थिति को बनाए रखने में असफल रहे।

जातीय समीकरण और चुनावी परिणाम
हरियाणा की राजनीति में जातीय समीकरण महत्वपूर्ण रहे हैं। भाजपा ने गैर-जाट समुदायों के बीच समर्थन जुटाकर अपनी स्थिति को मजबूत किया। हालांकि, विपक्ष ने जाट मतदाताओं का समर्थन हासिल करने की कोशिश की, लेकिन भाजपा की रणनीति ने इस प्रयास को विफल कर दिया।

राजनीतिक परिदृश्य: भविष्य की संभावनाएँ
भाजपा की जीत ने यह साबित किया है कि राज्य में विकास और सुशासन की राजनीति महत्वपूर्ण है। विपक्ष को अपनी रणनीति में सुधार की आवश्यकता है। कांग्रेस को अपने नेतृत्व और एकता पर ध्यान केंद्रित करना होगा, जबकि क्षेत्रीय दलों को अपने आधार को मजबूत करने के लिए नए तरीके तलाशने होंगे। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम ने भाजपा की मजबूती को स्पष्ट किया है। पार्टी की विकासात्मक नीतियाँ और संगठनात्मक क्षमताएँ उसे फिर से सत्ता में लाने में सफल रही हैं। भविष्य में, हरियाणा की राजनीति में और भी दिलचस्प बदलाव देखने को मिल सकते हैं, खासकर आगामी लोकसभा चुनावों की दृष्टि से।

Railway Bonus: लाखों रेलवे कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा, 78 दिनों के बोनस की हुई घोषणा

नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Railway Bonus: दिवाली से पहले ही भारतीय रेलवे (Indian Railways) के कर्मचारियों की दिवाली मन गई है।  केंद्र सरकार ने रेल कर्मचारियों के उत्कृष्ट कार्य प्रदर्शन को सम्मानित करते हुए 2023-24 के लिए 11,72,240 रेल कर्मचारियों को 2028.57 करोड़ रुपये के उत्पादकता संबद्ध बोनस (पीएलबी) के भुगतान की घोषणा की है। प्रत्येक कर्मचारी को 78 दिनों के बोनस के रूप में यह राशि दी जाएगी, जिससे लाखों रेलकर्मियों को बड़ा फायदा होगा।

बेहतर प्रदर्शन के लिए पुरस्कार
वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारतीय रेलवे का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा। रेलवे ने 1588 मिलियन टन का रिकॉर्ड कार्गो लदान किया, और लगभग 6.7 बिलियन यात्रियों ने रेलवे के माध्यम से यात्रा की। यह प्रदर्शन सरकार द्वारा रेलवे में किए गए रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय, बुनियादी ढांचे में सुधार, परिचालन दक्षता और बेहतर तकनीकी नवाचारों का परिणाम है।

इन श्रेणियों के कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
इस बोनस का भुगतान रेल पथ अनुरक्षक, लोको पायलट, रेलगाड़ी प्रबंधक (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन सहायक, पॉइंट्समैन, मिनिस्ट्रियल स्टाफ और अन्य ग्रुप ‘C’ कर्मचारियों को किया जाएगा। इससे कर्मचारियों में कार्यक्षमता और प्रदर्शन में सुधार के लिए प्रेरणा बढ़ेगी।

प्रोत्साहन से होगा कार्य में सुधार
रेल कर्मचारियों को यह बोनस न केवल उनके शानदार कार्य के लिए मान्यता है, बल्कि यह उन्हें भविष्य में भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। पीएलबी का यह भुगतान रेलवे के विकास और उसकी उत्कृष्ट सेवा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस बोनस घोषणा से 11 लाख से अधिक रेल कर्मचारियों को आर्थिक रूप से लाभ होगा और यह उनके परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत साबित होगी।

Gandhi Jayanti : विश्व के 20 देशों के नेता एक साथ आकर झुके, PM मोदी हो या राहुल, नहीं कर सकते महात्मा गांधी की आलोचना!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो या राहुल गांधी, गांधीजी की खुलकर आलोचना करके सत्ता में आने का सपना देखना लगभग असंभव है – प्रशांत किशोर (Prashant Kishor)

पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Gandhi Jayanti Special: महात्मा गांधी, जिनका जीवन सत्य, अहिंसा और शांति के मूल्यों पर आधारित था, आज भी भारतीय राजनीति और समाज में सबसे अधिक प्रिय, प्रशंसित और श्रद्धेय व्यक्ति बने हुए हैं। गांधीजी का आदर्श और उनके सिद्धांत केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम तक सीमित नहीं रहे, बल्कि आज भी उनका प्रभाव व्यापक रूप से महसूस किया जाता है।

प्रसिद्ध राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने हाल ही में अपने सर्वेक्षण के आधार पर गांधीजी के प्रति देश की भावना का सटीक वर्णन किया। उनके अनुसार, चाहे वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या विपक्षी नेता राहुल गांधी, या इस देश का कोई और नेता—गांधीजी की खुलकर आलोचना करके सत्ता में आने का सपना देखना लगभग असंभव है। गांधीजी के प्रति देश का जो सम्मान है, वह किसी भी नेता के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।

प्रशांत किशोर के अनुसार हाल ही में संपन्न G20 सम्मेलन (G20 Summit india) में भी हम गांधीजी की अमिट विरासत को महसूस कर सके। विश्व के 20 प्रमुख नेताओं ने राजघाट पर जाकर गांधीजी को नमन किया। यह दृश्य केवल गांधीजी की वैश्विक प्रतिष्ठा और उनके योगदान की गहराई को दर्शाता है। पूरी दुनिया में शायद ही कोई और ऐसा स्थान हो, जहाँ इतने सारे राष्ट्राध्यक्ष एक साथ नमन कर सकें। यह गांधीजी के प्रति वैश्विक आदर और उनकी सार्वभौमिक अपील को प्रमाणित करता है।

प्रशांत किशोर ने अपने सर्वेक्षण डेटा के आधार पर यह भी बताया कि गांधीजी आज भी पूरे भारत में सबसे प्रशंसा प्राप्त करने वाले नेता हैं। भारत के हर राज्य में गांधीजी को सबसे अधिक श्रद्धा से देखा जाता है, सिवाय दो राज्यों के—पश्चिम बंगाल, जहाँ सुभाषचंद्र बोस पहले स्थान पर हैं, और पंजाब, जहाँ भगत सिंह सबसे प्रशंसित व्यक्ति हैं। इन दोनों राज्यों में गांधीजी नजदीकी दूसरे स्थान पर हैं, जो इस बात का संकेत है कि भले ही गांधीजी के बाद अन्य महापुरुषों का विशेष स्थान हो, लेकिन गांधीजी की प्रतिष्ठा अपरिवर्तनीय और स्थायी है।

गांधीजी के सिद्धांत और उनके जीवन का हर पहलू आज भी भारतीय समाज को प्रेरित करता है। सत्य और अहिंसा के उनके आदर्श न केवल राजनीतिक स्तर पर, बल्कि व्यक्तिगत और सामुदायिक जीवन में भी गहराई से निहित हैं। चाहे वह सामाजिक सुधार हो, या पर्यावरण संरक्षण—गांधीजी की शिक्षाएँ आज भी प्रासंगिक और प्रेरणादायक हैं। गांधी जयंती हमें याद दिलाती है कि राष्ट्रपिता के आदर्शों और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने से ही हम एक सशक्त और नैतिक समाज का निर्माण कर सकते हैं। गांधीजी की विरासत न केवल भारतीयों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।


प्रशांत किशोर कौन है?
प्रशांत किशोर एक प्रसिद्ध राजनीतिक रणनीतिकार और चुनाव प्रबंधक हैं, जिन्होंने भारत के कई प्रमुख चुनाव अभियानों को सफलतापूर्वक संचालित किया है। उन्होंने 2014 में नरेंद्र मोदी के लिए सफल अभियान चलाया और इसके बाद बिहार में नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और पंजाब में अमरिंदर सिंह जैसे नेताओं की चुनावी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आज 2 अक्टूबर 2024 को प्रशांत किशोर ने राजनीति में सक्रिय रूप से कदम रखते हुए बिहार में अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी “जन सुराज” (Jan Suraj Party) की घोषणा की। उनकी पार्टी का उद्देश्य राज्य में नई राजनीति की शुरुआत करना है, जिसका फोकस विकास और सुशासन पर होगा। प्रशांत किशोर ने “जन सुराज” नामक एक यात्रा शुरू की थी, जिसके माध्यम से वे जनता के साथ सीधा संवाद स्थापित किया और राज्य की समस्याओं का समाधान ढूंढने का प्रयास किया। उनकी पार्टी बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में एक नए विकल्प के रूप में उभर रही है। अब यह “जन सुराज” यात्रा एक नई पार्टी बन गई है। आपको बता दे “जन सुराज” का अर्थ है “जनता का अच्छा शासन” या “जनता के लिए सुशासन”।

MP News: नेताओं के आश्वासन से त्रस्त जनता बोली -“हमें बना दो विधायक!”, नाले में उतरने पर क्यों हुए मजबूर रहवासी

भोई मोहल्ले के लोगों का अनोखा विरोध: पुलिया निर्माण नहीं होने पर नाले में धरना, महापौर ने दिया एक महीने में काम शुरू करने का आश्वासन!

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। MP News: शहर के भोई मोहल्ले के निवासी पुलिया निर्माण में हो रही देरी से नाराज होकर अनोखे ढंग से विरोध प्रदर्शन पर उतर आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा छह माह पहले वर्चुअली भूमिपूजन किए जाने के बावजूद पुलिया का निर्माण अब तक शुरू नहीं हुआ, जिससे नाराज होकर मोहल्ले के लोगों ने नाले में उतरकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने नाले में तख्त लगाकर एक घंटे तक धरना दिया, जिसके बाद महापौर प्रहलाद पटेल और अन्य अधिकारियों ने आकर उन्हें एक महीने में काम शुरू करने का आश्वासन दिया।

बहते नाले में तख्त लगाकर बैठे रहवासी


नाले में उतरकर प्रदर्शन
भोई मोहल्ले के निवासियों की मांग थी कि ऊंकाला रोड की तरफ जाने वाली पुलिया का निर्माण जल्द शुरू हो। हालांकि पुलिया निर्माण के टेंडर हो चुके हैं, लेकिन निगम अधिकारियों ने अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया। मार्च महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिया निर्माण का वर्चुअल भूमिपूजन किया था, लेकिन उसके बाद से कोई प्रगति नहीं हुई। इस देरी से नाराज होकर स्थानीय निवासियों ने नाले में उतरकर विरोध प्रदर्शन किया, वहीं महिलाओं ने काजीपुरा के बीच सड़क पर बैठकर जाम लगा दिया। प्रदर्शनकारियों में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी शामिल थीं, जिन्होंने निगम अधिकारियों पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। विरोध की जानकारी मिलने पर नायब तहसीलदार आशीष उपाध्याय मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। इसके बाद नगर निगम इंजीनियर जीके जायसवाल भी पहुंचे और उन्होंने भी लोगों को समझाने की कोशिश की।

मुझे एक दिन का विधायक बना दो!
प्रदर्शन के दौरान मोहल्ले के निवासी विक्रम ने कहा, “मेरा हाथ जोड़कर निवेदन है विधायक जी, अगर आपसे पुलिया नहीं बन रही हो तो मुझे एक दिन का विधायक बना दो, मैं पुल भी बना दूंगा और रतलाम को स्वच्छ भी बना दूंगा।” गौरतलब है कि विधानसभा और नगरीय निकाय चुनावों से पहले स्थानीय लोगों ने पुलिया निर्माण की मांग को लेकर चुनाव बहिष्कार व प्रदर्शन जैसे कदम भी उठाए थे। लेकिन तब चुनाव सर मंडराता देख आश्वासन की घुट्टी पिलाकर भाजपा नेताओं ने जैसे तैसे रहवासियों को मना लिया था। जिसके बाद शहर विधायक और केबिनेट मंत्री चेतन्य कश्यप की मौजूदगी में पुलिया निर्माण का वर्चुअल उद्घाटन भी किया गया था, लेकिन आज तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका।

महापौर से चर्चा करते रहवासी


महापौर का एक महीने में काम शुरू करने का वादा
लोगों के आक्रोश को देखते हुए पार्षद यास्मीन शेरानी भी मौके पर पहुंचीं। कुछ देर बाद महापौर प्रहलाद पटेल पहुंचे और लोगों से बातचीत की। उन्होंने एक महीने के भीतर काम शुरू करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने धरना समाप्त किया। हालांकि, क्षेत्रवासियों ने चेतावनी दी कि अगर एक महीने के भीतर काम शुरू नहीं हुआ, तो वे फिर से आंदोलन करेंगे।

एंबुलेंस तक नहीं आ पाती
भोई मोहल्ले के निवासी विक्रम भोई, राम भोई, ईश्वर भोई, बबलू भोई, संगीता बाई, सुनीता बाई, ज्योति बाई, मनीषा बाई, और दुर्गाबाई समेत अन्य लोगों का कहना है कि पुलिया नहीं होने से उन्हें आने-जाने में बहुत परेशानी होती है। मौजूदा रास्ता इतना संकरा है कि एंबुलेंस भी वहां से नहीं गुजर सकती। अगर ऊंकाला रोड की तरफ से पुलिया बन जाती है, तो पूरे क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त
महापौर द्वारा एक महीने में पुलिया निर्माण शुरू करने के आश्वासन के बाद ही प्रदर्शनकारियों ने अपना धरना समाप्त किया। हालांकि, रहवासियों ने स्पष्ट किया कि अगर वादा पूरा नहीं हुआ, तो वे चुनाव के समय इस मुद्दे को फिर से उठाएंगे और बड़ा आंदोलन करेंगे।

Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला गाय को मिला ‘गौ माता’ का दर्जा

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए गाय को ‘गौ माता’ का दर्जा देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में इस महत्वपूर्ण निर्णय पर चर्चा की गई और इसे सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई। यह निर्णय भारतीय संस्कृति में गाय के महत्व को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

शिंदे सरकार की बड़ी घोषणा
महायुती सरकार ने आदेश जारी करते हुए गाय को ‘राज्यमाता गौ माता’ का दर्जा देने का निर्णय लिया। सरकार ने कहा कि वैदिक काल से ही गाय का भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। गाय के दूध, गोबर और गोमूत्र का उपयोग न केवल मानव आहार में, बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सा, पंचगव्य उपचार और जैविक खेती में भी होता है। इसी के मद्देनज़र महाराष्ट्र सरकार ने देशी गाय को ‘गौ माता’ का दर्जा देकर उसे एक विशेष सम्मान प्रदान किया है।

गाय के दूध और उत्पादों का महत्व
कैबिनेट बैठक में चर्चा के दौरान यह कहा गया कि देशी गाय के दूध को स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा पंचगव्य चिकित्सा और जैविक कृषि में गाय के गोबर और गोमूत्र का प्रमुख स्थान है। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने गाय को विशेष दर्जा देने का निर्णय लिया है, जो वैदिक काल से चली आ रही परंपराओं का समर्थन करता है।

आयुर्वेद और जैविक खेती में गाय का योगदान
सरकार ने कहा कि आयुर्वेद और पंचगव्य चिकित्सा पद्धति में गाय से प्राप्त उत्पादों का विशेष महत्व है। गोबर और गोमूत्र का उपयोग जैविक खेती में किया जाता है, जिससे पर्यावरण को भी संरक्षण मिलता है। इस फैसले से न केवल भारतीय कृषि और चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि गाय के संरक्षण और उसकी देखभाल में भी सुधार होगा।

गौ माता का दर्जा: एक ऐतिहासिक कदम
यह फैसला महाराष्ट्र सरकार की ओर से एक ऐतिहासिक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो भारतीय संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने के साथ-साथ गायों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। इस निर्णय के बाद राज्यभर में गायों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनके संरक्षण के लिए विशेष योजनाएं भी शुरू की जा सकती हैं।