Devmali “Best Tourist Village”: कच्चे घरों के पीछे पक्के विश्वासों की अनूठी कहानी, मध्यप्रदेश से भी कनेक्शन

राजस्थान/मध्यप्रदेश – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Devmali “Best Tourist Village” : राजस्थान यूं तो कई अनोखे और ऐतिहासिक गांवों से भरा पड़ा है, लेकिन अजमेर जिले का देवमाली गांव एक ऐसा स्थल है, जहां आधुनिकता के इस दौर में भी लोग अपने पूर्वजों की मान्यताओं और परंपराओं का पालन करते हुए रहते हैं। देवमाली गांव की विशेषता यह है कि यहां के सभी घर कच्चे हैं, चाहे फिर परिवार कितना ही समृद्ध क्यों न हो। इस अनोखे गांव की अनगिनत विशेषताएं इसे अन्य गांवों से अलग करती हैं।

राजस्थान के इस गांव का मध्यप्रदेश से भी कनेक्शन है। मध्यप्रदेश में निवासरत गुर्जर समाज के लोग देवमाली भगवान देवनारायण के दर्शन को जाते है। उनके लिए यह एक विशेष तीर्थ है। भगवान देवनारायण गुर्जर समाज के आराध्य देव है। मध्यप्रदेश के रतलाम से गुर्जर समाज युवा इकाई अध्यक्ष मुरलीधर गुर्जर के अनुसार लंबे समय से देवमाली के मंदिर के दर्शन के लिए संदेश यात्राओं का आयोजन करते आ रहे है। जिसमें प्रदेश के कई हिस्सों से देवमाली के लिए यात्री एकत्रित होते है। संदेश यात्रा का उद्देश्य धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक होता है। जिसमें देवमाली की विशेषताओं को आत्मसात करना है, जिसके कारण आज वह श्रेष्ठ पर्यटक गांव बना है।

कच्ची छतें, पक्के विश्वास
देवमाली गांव की सबसे अनूठी पहचान है यहां के घरों की कच्ची छतें। गांव में मान्यता है कि भगवान देवनारायण ने गांववासियों को आशीर्वाद देते समय कहा था कि यदि वे शांति से जीवन जीना चाहते हैं, तो उन्हें अपने घरों की छत कभी पक्की नहीं बनानी चाहिए। इस चेतावनी को देवमाली के लोगों ने पूरी श्रद्धा से स्वीकार किया और आज भी इसे निभाते आ रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार, कुछ लोगों ने इस मान्यता को नज़रअंदाज़ करते हुए घरों की छतें पक्की बनाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसके बाद सभी ने इस परंपरा को पुनः स्वीकार कर लिया। आज चाहे गांव में कोई करोड़पति हो या सामान्य व्यक्ति, सभी के घरों की छतें कच्ची ही हैं।

अपराध मुक्त और शाकाहारी गांव
देवमाली की एक और महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह गांव पूरी तरह से शाकाहारी है। यहां मांसाहार की कोई परंपरा नहीं है और यह गांव अपराध मुक्त भी है। देवमाली में आज तक कभी चोरी की घटना नहीं हुई है, जिससे यहां का शांतिपूर्ण जीवन और भी स्पष्ट होता है। यहां के लोग प्रकृति और भगवान देवनारायण की पूजा करते हैं और पूरी सादगी व ईमानदारी से अपना जीवन व्यतीत करते हैं।

भगवान देवनारायण का मंदिर
गुर्जर कच्चे घरों के पीछे पक्के विश्वासों की अनूठी कहानी समाज के आराध्य देव, भगवान देवनारायण का मंदिर देवमाली की पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर पूरे गांव की आस्था का केन्द्र है। गांववाले मानते हैं कि जब भगवान देवनारायण इस गांव में आए थे, तो वे ग्रामीणों की सेवा और भक्ति से इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने गांव को आशीर्वाद दिया। ग्रामीण हर सुबह नंगे पैर पहाड़ी के चारों ओर परिक्रमा करते हैं, जो उनकी गहरी आस्था और परंपराओं को दर्शाता है। इसके साथ ही, पहाड़ी के पत्थरों को भी पवित्र माना जाता है और कोई भी ग्रामीण या पर्यटक इन पत्थरों को उठाकर नहीं ले जाता।

नीम के पेड़ों का विशेष सम्मान
देवमाली गांव में पर्यावरण और पेड़ों का विशेष सम्मान किया जाता है। विशेष रूप से, नीम के पेड़ों को गांव में पवित्र माना जाता है और उनकी पूजा की जाती है। नीम के पेड़ के प्रति गांववासियों का आदरभाव उनके प्रकृति के प्रति प्रेम और संरक्षण की भावना को दर्शाता है।

गुर्जर समाज और देवमाली
देवमाली गांव में केवल गुर्जर जाति के लोग निवास करते हैं, जिनमें लावड़ा गोत्र के लोग प्रमुख हैं। यहां की आबादी लगभग 1500 है, और सभी लोग पशुपालन के माध्यम से अपना जीवनयापन करते हैं। इस गांव की एक और अद्वितीय विशेषता यह है कि गांव की कोई भी भूमि किसी व्यक्ति के नाम पर नहीं है। पूरे गांव की जमीन भगवान देवनारायण के नाम मानी जाती है और ग्रामीण इसे उनकी धरोहर के रूप में देखते हैं।

देवमाली की प्राचीन परंपराएं
देवमाली की परंपराएं इतनी प्राचीन और गहरी हैं कि कलियुग में भी सतयुग की अनुभूति होती है। यहां आज भी लोग अपने पूर्वजों की चेतावनियों और निर्देशों का अक्षरशः पालन करते हैं। केरोसिन के उपयोग पर यहां पूरी तरह से प्रतिबंध है, और गांव में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता हर व्यक्ति में दिखाई देती है।

देवमाली गांव की यह खासियतें इसे एक अद्वितीय पर्यटन स्थल के रूप में उभरने में मदद कर रही हैं। लोग यहां के शांतिपूर्ण और परंपरागत जीवन से जुड़ने के लिए आते हैं और इसे अपनी आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा बनाते हैं। देवमाली में न सिर्फ गुर्जर समाज की परंपराएं जीवित हैं, बल्कि यह गांव पूरे विश्व को यह संदेश देता है कि आधुनिकता और समृद्धि के बावजूद परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों को जीवित रखा जा सकता है।
देवमाली एक उदाहरण है कि पक्के विश्वास और आस्था के साथ कैसे एक संपूर्ण समाज शांतिपूर्ण और खुशहाल जीवन जी सकता है, चाहे उसके घर कच्चे ही क्यों न हों।

गुर्जर समाज ने मनाया भगवान देवनारायण के अश्व लीलाधर का जन्मोत्सव, निकली ध्वज यात्रा

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। गुर्जर समाज के लोगों ने भादवी छठ पर अपने आराध्य देव भगवान श्री देवनारायण जी के प्रिय अश्व का जन्मोत्सव बड़े ही उत्साह और धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर गुर्जर समाज द्वारा आकर्षक श्री देवरा देव धर्मराज ध्वज यात्रा का आयोजन किया गया, जो ढोल ढमाकों के साथ श्री देवनारायण मंदिर धभाई जी के वास से निकली और देवनारायण जी के जयकारों के साथ नाचते गाते हुए क्षेत्र के मुख्य मार्गों से होते हुए ग्राम सालाखेड़ी स्थित श्री देवनारायण जी मंदिर पहुंची।

जहां शिखर पर ध्वज चढ़ाने के साथ यात्रा समाप्त हुई। आकर्षक झांकी, ढोल और पचरंगी ध्वजा यात्रा के आकर्षण का केंद्र रहे। रास्ते भर देवनारायण जी के भक्त अपने आराध्य के जयकारे लगाते रहे और अंत में महिलाओं द्वारा भजन और गरबा रास किया गया। यात्रा समाप्ति पर खीर प्रसादी का वितरण किया गया। श्री देवरा देव धर्मराज ध्वज यात्रा में मुरलीधर गुर्जर, राधेश्याम गुर्जर, रूपेश गुर्जर, राजेश परिहार, दीपक गुर्जर, राजेश गुर्जर, चेतन गुर्जर, दिग्विजय सिंह धाभाई, निलेश गुर्जर, अर्जुन गुर्जर, रमेश चंद्र गुर्जर, विक्रम सोलंकी, पप्पू गुर्जर, दिलीप गुर्जर आदि बड़ी संख्या में देवनारायण जी के भक्त महिला और पुरुष उपस्थित रहे।

गुर्जर समाज युवा ईकाई द्वारा निकाली गई कावड़ यात्रा, सालाखेड़ी में हुआ समापन

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। सावन माह में चहुंओर से प्राचीन शिवालयों पर पहुंचकर भक्त पवित्र नदियों का कावड़ में जल भरकर अभिषेक करने पहुंच रहे हैं। श्री गुर्जर समाज युवा इकाई की ओर से भगवान देवनारायण मंदिर धभाईजी का वास से कावड़ यात्रा की शुरुआत की गई। इसमें कई महिला, पुरुष एवं बच्चों ने कावड़ उठाकर प्रमुख मार्गो से होते हुए बगदेश्वर महादेव, पंचेश्वर महादेव, इंद्रेश्वर महादेव आदि पांच भोलेनाथ के मंदिरों पर जलाभिषेक किया। कावड़ यात्रा सालाखेड़ी स्थित श्री देवनारायण मंदिर पर पहुंची। जहां समापन हुआ। इस मौके पर कावड़ में शामिल भक्तों ने भजन कीर्तन किए।

यात्रा में इकाई अध्यक्ष मुरलीधर गुर्जर, राधेश्याम गुर्जर, माधव गुर्जर, प्रथमेश गुर्जर, पर्व गुर्जर, मयंक गुर्जर, हेमकांत जोशी, लोकेंद्र सिंह चावड़ा, महिला इकाई प्रमुख दीपिका गुर्जर, संगीता गुर्जर, लक्ष्मी गुर्जर, ज्योति गुर्जर आदि बड़ी संया में महिला कावड़ यात्री शामिल रहे।

प्रतिभा सम्मान समारोह : गुर्जर गौरव कल्याण परिषद का सातवां राज्य स्तरीय आयोजन, 100 से अधिक विद्यार्थी हुए सम्मानित

पब्लिक वार्ता – इंदौर,
जयदीप गुर्जर। गुर्जर समाज की सेवाभावी संस्था गुर्जर गौरव कल्याण परिषद ने सातवां राज्य स्तरीय प्रतिभा सम्मान एवं छात्रवृति वितरण समारोह का आयोजन किया। यह आयोजन इंदौर के जीएसआईटीएस इंजीनियरिंग कॉलेज के सभागृह में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में ग्वालियर, भिंड , मुरैना , देवास, जबलपुर, भोपाल, शिवपुरी, उज्जैन, शाजापुर, हरदा, होशंगाबाद, खरगोन, खण्डवा, नीमच, मंदसौर सहित पुरे मध्यप्रदेश के प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। इसमें गुर्जर समाज के वे विद्यार्थी शामिल हुए जिन्होंने यूपीएससी, एमपीपीएससी, राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं, हाई सेकंडरी व हाई स्कूल आदि में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

छात्रा को सम्मानित करती मुख्य अतिथि श्रीमति सुनीता बैसला

गुर्जर गौरव कल्याण परिषद के एएसआई अशोक गुर्जर ने बताया परिषद द्वारा कार्यक्रम के माध्यम से 100 से अधिक प्रतिभावान समाज के युवक व युवतियों का सम्मान किया गया। 19 मई 2024 को माउंट एवरेस्ट पर फतह करने वाली देश की सबसे उम्र दराज महिला श्रीमति ज्योति रात्रे जी का भी विशेष सम्मान किया गया। संस्था द्वारा प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर और प्रतिभाशाली 13 छात्र/छात्राओं  को छात्रवृति भी दी गई। संस्था 2016 से शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर काम कर ऑनलाइन वेबिनार व ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर केरियर काउंसलिंग जैसे कार्यक्रम आयोजित करती आ रही है।

अतिथियों का स्वागत करते आयोजन समिति के सदस्य

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रधान आयकर महानिदेशक(दिल्ली) श्रीमति सुनीता बैसला ने कहा की प्रतिभा के दम पर बच्चे मेहनत कर के अपने सपनों को पूरा करे और राष्ट्र की मुख्य धारा में प्रवेश करते हुए राष्ट्र निर्माण में अपने भूमिका निभाए। कार्यक्रम को विशेष अतिथि एसपी ग्वालियर श्रीमति सुमन गुर्जर, इंदौर सायबर एसपी जितेंद्र सिंह, मंदसौर वन मंडलाधिकारी संजय रायखेरे ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में आए विनर्स अकादमी के आदित्य पटेल, अन एकेडमी के सुदर्शन गुर्जर ने भी समाज के युवाओं को बेहतर भविष्य के लिए गाइड किया। कार्यक्रम में दिल्ली के प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर अमर चौधरी ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर संस्था द्वारा प्रकाशित द्वितीय न्यूज़ लेटर का विमोचन भी किया गया। आयोजन में गुर्जर गौरव कल्याण परिषद के पदाधिकारी व आयोजन समिति के प्रोफेसर डॉ. आरसी गुर्जर, शैलेन्द्र कामर, किशोर गुर्जर, गोकुल गुर्जर, अमित गुर्जर, शबाबूलाल सिंगल, सुरेंद्र गुर्जर, राजेश पटेल, आशीष गुर्जर, राहुल गुर्जर मौजूद रहे।

मामला फिरौती का : भाजयुमो नेता व कांट्रेक्टर शुभम के समर्थन में आया गुर्जर समाज, 24 घंटे में आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष एवं विंड एनर्जी (पवन चक्की) कांट्रेक्टर शुभम गुर्जर को अवैध वसूली के लिए धमकाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में थाना बिलपांक में 21 जनवरी को एफआईआर दर्ज की गई। जिसके बाद आरोपी पक्ष के कुछ लोगों ने एसपी राहुल कुमार लोढा से मिलकर मामले को झूठा बताकर जांच की मांग की थी। जिसके बाद अब शुभम के समर्थन में गुर्जर समाज उतर आया है। शनिवार दोपहर 1 बजे बड़ी संख्या में समाजजन एसपी ऑफिस पहुंचे। इस दौरान आक्रोशित गुर्जर समाज के लोगों ने जमकर नारेबाजी भी की। समाजजनों ने आरोपियों की 24 घंटे के भीतर गिरफ्तारी की मांग करते हुए थाना बिलपांक पुलिस पर कार्रवाई ना करने का आरोप लगाया। समाज के लोगों ने एसपी के नाम ज्ञापन एएसपी राकेश खाखा को सौंपा। एएसपी खाखा ने समाजजनों को जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आश्वस्त किया।

Watch वीडियो : गुर्जर समाज ज्ञापन

एडवोकेट देवेंद्र सिराधना ने बताया की उक्त मामले में 6 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी रवि गेहलोत, कुशल गेहलोत और लोकेश गेहलोत की गिरफ्तारी नहीं हुई है। आरोपियों का पूर्व में आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज है। अब तक गिरफ्तारी नहीं होना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रही है। साथ ही इससे शुभम गुर्जर की जान को खतरा भी है। किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित ना हो इसलिए ज्ञापन के माध्यम से एसपी महोदय को अवगत करवाया गया है। कुछ भी अनहोनी अगर घटित होती है तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। आरोपियों की गिरफ्तारी ना होना यह दर्शाता है की उनमें पुलिस कार्रवाई का कोई भय नहीं है।

यह था पूरा मामला
21 जनवरी को जमुनिया (रतलाम) निवासी भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष व पवनच क्कियां लगाने वाली रेन्यू कंपनी के ठेकेदार शुभम गुर्जर ने रिपोर्ट दर्ज करवाई। इसमें बताया कि बड़नगर का रवि गेहलोत, कुशल गेहलोत और लोकेश गेहलोत अवैध रूप से हर माह 10 लाख रुपए देने की मांग कर रहे हैं। नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। 18 जनवरी को लोकेश ने कॉल किया और जान से मारने की धमकी दी। कुशल ने भी इसी तरह जान से मारने की धमकी दी। वहीं इसी दिन ये तीनों गाड़ी भरकर साथियों को लेकर मुझे मारने के लिए जमुनिया जीरोपॉइंट पर आए लेकिन मेरे साथियों ने बीच-बचाव किया। भविष्य में कोई बड़ा विवाद नहीं हो इसलिए इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई।

सामाजिक समरसता : गुर्जर समाज के पटेलों के साथ वाल्मिकी समाज के पटेल का किया सम्मान, मृत्यु भोज में रखा गया आयोजन

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
कुलदीप माहेश्वरी। नगर के गुर्जर परिवार ने दिवंगत आत्मा के उत्तरकार्य के दौरान रखे गए मृत्यु भोज में एक अनूठा आयोजन किया। यहां परिवार ने सामाजिक समरसता का संदेश देते हुए समाज के गांव से आये पटेल यानी प्रमुखों के अलावा विशेष रूप से वाल्मीकि समाज के पटेल का भी सम्मान किया।
दरअसल हरमाला रोड स्थित श्री लोकेंद्र नाथ भवन पर आयोजित पूर्व पार्षद व समाज अध्यक्ष मोहनलाल धभाई के मृत्यु (पगड़ी) भोज पर यह आयोजन किया गया। गुर्जर समाज में एक प्राचीन प्रथा से अवगत कराते हुए गुर्जर समाज युवा इकाई के द्वारा गुर्जर समाज के गांव के पटेलो का सम्मान समारोह आयोजित किया। जिसमें गुर्जर बाहुल्य गांव के गुर्जर पटेलों (प्रमुख) का स्मृति चिंह व शॉल देकर सम्मान किया।

सम्मान करते युवा ईकाई अध्यक्ष मुरलीधर गुर्जर

युवा इकाई अध्यक्ष व धभाई के पुत्र मुरलीधर गुर्जर ने बताया कि पुराने समय में पगड़ी भोज के समय अलग-अलग गांव से प्रतिनिधित्व करते हुए पटेल शामिल होते थे। तब उनका पगड़ी बांध करके सम्मान किया जाता था। उनकी उपस्थिति गांव की उपस्थिति को दर्ज करवाती थी। दिवंगत आत्मा की अंतिम इच्छा स्वरूप पटेल सम्मान समारोह आयोजित किया। इसके अलावा सामाजिक समरसता के भाव के उद्देश्य से वाल्मीकि समाज के प्रमुख विजय पटेल का भी सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में कनेरी, डाबड़ी, मठमठ, नौगांवा, ऊणी, उंडवा, कलमोडा, तीतरी, कालीगांव,  बगवास, बखतगढ़, बड़नगर, पेटलावद, सागोद आदि गांव के पटेलों का सम्मान किया। इस दौरान धभाई – गुर्जर परिवार के रमेशचंद्र गुर्जर, बाबूलाल गुर्जर, भरत गुर्जर व समाज के वरिष्ठ जन उपस्थित थे।