When to celebrate Diwali?: देशभर में इस दिन मनेगी 2024 की दिवाली, जयपुर की धर्मसभा में हुआ निर्णय

धर्मसभा में 100 से अधिक विद्वान, ज्योतिषाचार्य और धर्माचार्य उपस्थित हुए, गहन विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि दीपावली (Diwali 2024) का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को मनाने का निर्णय

जयपुर – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। कब मनाएं दिवाली?: दीपावली पर्व की तिथि को लेकर देशभर में जारी असमंजस के बीच, 15 अक्टूबर 2024 को जयपुर स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के नवीन सभागार में अखिल भारतीय विद्वत परिषद द्वारा एक महत्वपूर्ण धर्मसभा का आयोजन किया गया। धर्मसभा में 100 से अधिक विद्वान, ज्योतिषाचार्य और धर्माचार्य उपस्थित हुए। प्रमुख ज्योतिषाचार्य प्रो. रामपाल शास्त्री की अध्यक्षता में हुई इस धर्मसभा में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस वर्ष दीपावली (When to celebrate Diwali?) का महापर्व 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार को ही मनाया जाएगा। धर्मसभा के अनुसार, यह तिथि शास्त्रसम्मत है और इसी दिन लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) का सही समय है।

धर्मसभा का निर्णय: 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी दीपावली
धर्मसभा में विद्वानों ने विभिन्न पंचांगों, ज्योतिषीय गणनाओं और शास्त्रीय प्रमाणों का सूक्ष्म अध्ययन किया। गहन विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को ही मनाना शास्त्रों के अनुसार उचित और शुभ है। इस दिन प्रदोषकाल में व्यापिनी कार्तिकी अमावस्या का समय रहेगा, जो लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे शुभ मानी जाती है।

धर्मसभा के संयोजक प्रो. मोहनलाल शर्मा ने बताया कि विद्वानों ने पंचांगों की गणनाओं और सूर्य सिद्धांत के आधार पर इस निर्णय को अंतिम रूप दिया। उन्होंने कहा, “31 अक्टूबर की रात को पूरी अमावस्या व्यापिनी रहेगी, और शास्त्रों के अनुसार कर्मकाल में तिथि की प्राप्ति आवश्यक होती है। इस कारण 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जानी चाहिए।”

शास्त्रों का समर्थन: प्रदोषकाल में लक्ष्मी पूजन का महत्व
धर्मशास्त्रों के अनुसार, प्रदोषकाल में लक्ष्मी पूजन को अत्यधिक शुभ और फलदायी माना जाता है। धर्मसभा में इस बात पर जोर दिया गया कि 31 अक्टूबर को प्रदोषकाल के समय व्यापिनी अमावस्या रहेगी, और उसी समय लक्ष्मी पूजन करना शास्त्रों के अनुसार सबसे उचित होगा। धर्मसभा के अध्यक्ष प्रो. रामपाल शास्त्री ने कहा, “दीपावली का पर्व तब तक सही नहीं माना जा सकता जब तक कि वह प्रदोषकाल में व्यापिनी अमावस्या के समय न हो।”

विरोध के स्वर: 1 नवंबर को भी दिवाली के पक्ष में विद्वानों की राय
हालांकि धर्मसभा में 31 अक्टूबर की तिथि को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया, कुछ विद्वानों ने इसका विरोध भी जताया। जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शास्त्री कोसलेंद्रदास सहित अन्य विद्वानों ने तर्क दिया कि 1 नवंबर को सूर्योदय और सूर्यास्त के बाद अमावस्या रहेगी, जो लक्ष्मी पूजन के लिए अधिक शुभ मानी जाती है।

शास्त्री कोसलेंद्रदास ने कहा, “शास्त्रों में यह स्पष्ट उल्लेख है कि जब दो दिन अमावस्या का योग हो, तो दूसरे दिन अमावस्या को पर्व मनाना चाहिए। इस वर्ष 1 नवंबर को भी अमावस्या सूर्योदय के बाद तक बनी रहेगी, इसलिए 1 नवंबर को दीपावली का पर्व मनाना शास्त्रसम्मत होगा।”

ज्योतिषाचार्य पंडित दिनेश शर्मा ने भी इसी प्रकार का तर्क देते हुए कहा, “दो दिन अमावस्या होने पर शास्त्रों के अनुसार उत्तर वाली अमावस्या (दूसरे दिन) को लक्ष्मी पूजन करना सही होता है। 1 नवंबर को स्वाति नक्षत्र का भी संयोग रहेगा, जिससे लक्ष्मी पूजन का महत्व और बढ़ जाएगा।”

देशभर में विविधता: अलग-अलग राज्यों में अलग तिथियों पर दीपावली
दीपावली पर्व को लेकर देशभर में अलग-अलग पंचांगों के आधार पर विभिन्न तिथियों का निर्धारण किया गया है। अयोध्या के राममंदिर में 1 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी, जबकि काशी में सौर पंचांग सिद्धांत के अनुसार 31 अक्टूबर को ही पर्व मनाने का निर्णय लिया गया है।

दिल्ली के कुछ पंचांगकर्ता 1 नवंबर को दीपावली मानने के पक्ष में हैं, वहीं राजस्थान के जयविनोदी पंचांग और सर्वेश्वर जयादित्य पंचांग के अनुसार 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी। जयपुर के प्रसिद्ध गोविंद देव जी मंदिर में भी 31 अक्टूबर को ही लक्ष्मी पूजन होगा।

धर्मसभा का उद्देश्य: एकरूपता और धार्मिक अनुशासन की स्थापना
धर्मसभा के निर्णय का उद्देश्य पूरे देश में दीपावली की तिथि को लेकर चल रहे भ्रम को समाप्त करना और सनातन धर्म के अनुयायियों के बीच धार्मिक अनुशासन और एकरूपता को बढ़ावा देना है। धर्मसभा के विद्वानों ने कहा कि शास्त्रों के आधार पर 31 अक्टूबर को दीपावली मनाना सर्वश्रेष्ठ और शुभ है। धर्मसभा का निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि सनातन धर्म के अनुयायी सही समय पर दीपावली का महापर्व मना सकें।

भड़काऊ पोस्ट मामला : मशक्कत के बाद जयपुर से गिरफ्तार हुआ नाबालिग आरोपी, एक अन्य फरार आरोपी पर 5 हजार का इनाम

4 दिन पहले मुस्लिम समुदाय ने घेरा था थाना, एसपी ने बनाई थी स्पेशल टीम

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। सोशल मीडिया पर किसी भी धर्म या समुदाय के प्रति बगैर जानकारी के पोस्ट करना आपको सलाखों के पीछे पहुंचा सकता है। एक ऐसा ही मामला रतलाम शहर से सामने आया है। जहां मुस्लिम समुदाय के युवकों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर थाना घेर लिया था। मामला 1 जुलाई की रात का है, जब बड़ी संख्या में लोग थाने पर इकट्ठा हुए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर मुस्लिम समुदाय की भावना आहत करने वाली पोस्ट अज्ञात आरोपियों ने की थी। जिस पर थाना स्टेशन रोड ने तत्काल एफआईआर करते हुए आरोपियों की तलाश शूरु कर दी थी।

एसपी राहुल लोढा ने बताया की मुस्लिम समुदाय द्वारा शिकायत की गई थी। जिसके बाद तत्काल मामले को संज्ञान में लिया गया। एएसपी राकेश खाखा व सीएसपी अभिनव बारंगे को निर्देशित कर एक स्पेशल टीम बनाई गई। अज्ञात और विशेषकर सोशल मीडिया के अपराध में आरोपियों को ट्रेस करने में बड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ता है। सायबर सेल की मदद से अज्ञात आरोपियों को ट्रेस किया गया। तकनीकी साक्ष्यों से आईडी के असल यूजर को ढूंढा गया। जिसके बाद टीम बनाकर राजस्थान के जयपुर भेजी गई। जहां से 13 साल के एक नाबालिग को अभिरक्षा में लिया गया। यह नाबालिग पश्चिम बंगाल के  कुछविहार जिले का निवासी है जो जयपुर में रह रहा था। इसके अलावा एक अन्य अज्ञात आरोपी की भी तलाश की जा रही है। फरार आरोपी पर 5 हजार का इनाम रखा गया है।

सराहनीय भूमिका
निरीक्षक दिनेश भोजक थाना प्रभारी थाना स्टेशन रोड, उनि इरफान खान, आर.902 विशाल सैन, आर.139 राजेश परिहार व सायबर सेल से प्र आर मनमोहन शर्मा आर विपुल भावसार, आर मयंक

बड़ी खबर : करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेवसिंह गोगामेड़ी को घर में घुसकर मारी गोली, अस्पताल में हुई मौत

पब्लिक वार्ता – जयपुर,
जयदीप गुर्जर। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की जयपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। मंगलवार दिनदहाड़े स्कूटी सवार बदमाशों ने गोगामेड़ी पर गोलियां चलाईं। ताबड़तोड़ फायरिंग करने के बाद बदमाश फरार हो गए। घटना के बाद गोगामेड़ी को मेट्रो मास हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। गोगामेड़ी के साथ घटना के दौरान मौजूद रहे अजीतसिंह गंभीर रूप से घायल है जिनका इलाज चल रहा है।

देखे वीडियो : गोगामेड़ी के घर के बाहर पुलिस और फोरेंसिक

पुलिस के अनुसार श्याम नगर जनपथ पर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी का घर है। मंगलवार दोपहर करीब 1:30 बजे उनके घर दो बदमाश पहुंचे। गोगामेड़ी के सामने आते ही बदमाशों ने फायरिंग करना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि गोगामेड़ी के चार गोली लगी है। फायरिंग के बाद बदमाश भाग कर गली से निकले। एक कार को रोककर लूटने का प्रयास किया। ड्राइवर को पिस्टल दिखाई तो वह कार को भगा ले गया। इस दौरान पीछे से आ रहे हैं स्कूटी सवार को उन्होंने निशाना बनाया। स्कूटी सवार को घायल किया और स्कूटी लेकर फरार हो गए। सूचना पर श्याम नगर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। वहीं गोगामेड़ी के समर्थकों ने पुलिस के खिलाफ आक्रोश शुरू कर दिया है। उनका कहना है की काफी समय से वे सुरक्षा की मांग कर रहे थे मगर सुरक्षा नहीं मुहैया कराई गई।

आपको बता दे की सुखदेव सिंह गोगामेड़ी लंबे समय से राष्ट्रीय करणी सेना से जुड़े रहे थे। उन्होंने करणी सेना संगठन में विवाद के बाद राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से अलग संगठन बना लिया था। गोगामेड़ी उसके अध्यक्ष थे। साल 2017 में फिल्म पद्मावत की जयगढ़ में शूटिंग के दौरान राजपूत करणी सेना के लोगों ने तोड़फोड़ की थी। फिल्म डायरेक्टर संजय लीला भंसाली को थप्पड़ भी मार दिया था। गोगामेड़ी फिल्म पद्मावत और गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर केस के बाद राजस्थान में हुए प्रदर्शन से वे चर्चा में आए थे।