“बा-साब” का अनोखा अंदाज : ग्रामीण भाजपा प्रत्याशी मथुरालाल डामर ट्रैक्टर से पहुंचे नामांकन भरने, हजारों कार्यकर्ता हुए शामिल

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। विधानसभा चुनाव में भाजपा के ग्रामीण प्रत्याशी मथुरालाल डामर ने गुरुवार को अपना नामांकन फार्म दाखिल किया। नामांकन भरने के दौरान पूर्व विधायक रहे मथुरालाल डामर का अनोखा अंदाज देखने को मिला। वहीं डामर रैली के  दौरान अपनी पारंपरिक वेशभूषा कुर्ता और धोती में नजर आए। नामांकन रैली सालाखेड़ी फोरलेन स्थित मिडवे होटल के पास से शुरू होकर पुराने कलेक्टर कार्यालय पर समाप्त हुई। नामांकन रैली में भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्रसिंह लुनेरा, सांसद गुमानसिंह डामोर, पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी, आरडीए अध्यक्ष अशोक पोरवाल, जनपद अध्यक्ष साधना जायसवाल, पदमा जायसवाल आदि नेताओं ने हिस्सा लिया। रैली में सैकड़ों कार्यकर्ता अबकी बार 60 हजार पार का नारा लगाते हुए जोश के साथ शामिल हुए। नामांकन रैली का कार्यकर्ताओं द्वारा जगह – जगह भव्य स्वागत भी किया गया। प्रत्याशी मथुरालाल डामर ने पुराने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ग्रामीण विधानसभा रिटर्निंग अधिकारी त्रिलोचन गौड़ को अपना नामांकन पत्र सौंपा। वहीं पूरी नामांकन रैली में ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना कहीं नजर नहीं आए। मकवाना के नामांकन के दौरान साथ नहीं होने के सवाल पर डामर थोड़े सकपका गए और कहा की साथ ही है और पार्टी के है, बुधवार को बैठक में उपस्थित थे।

नामांकन सौंपते डामर व अन्य

प्रत्याशी डामर ने मीडिया से कहा कि में खुद एक किसान हूं और आज भी खेती करता हूं। मेरा क्षेत्र किसानों का है। जिस तरह ट्रैक्टर से नामांकन दाखिल किया है, उसी तरह ट्रैक्टर से विधानसभा पहुंचेगे। रतलाम ग्रामीण में भाजपा प्रचंड बहुमत से विजय होगी। किसान भाइयों के लिए भाजपा ने अब तक कार्य किया है। अब जो कार्य अधूरे है उनको पूरा किया जाएगा। सड़क बिजली पानी की मूलभूत सुविधाएं भाजपा शासन में मिलती आ रही है इसे और व्यवस्थित किया जाएगा।

“बा” पर भरोसा : ग्रामीण से पूर्व विधायक मथुरालाल डामर को भाजपा से टिकट, जमकर मना जश्न

टिकट मिलने की खबर से पहले खेत पर कर रहे थे बुवाई, सबसे पहले पंहुचे संघ कार्यालय

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी ने अपनी पांचवी सूची जारी कर दी है। पांचवी सूची में 92 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है। पांचवी सूची में नामों का ऐलान करने के साथ ही भाजपा प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर सीटों पर अपने 228 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर चुकी है।
भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए पूर्व विधायक मथुरालाल डामर को तीसरी बार रतलाम ग्रामीण विधानसभा से अपना उम्मीदवार घोषित किया। टिकट की घोषणा के दौरान मथुरालाल डामर खेत में बुवाई के काम को देख रहे थे। लिस्ट आने की सूचना के बाद उनके घर के बाहर समर्थकों का जमावड़ा लग गया। अंचल व हाईकमान के बीच डामर “मथुरा बा” के नाम से मशहूर है। डामर को भाजपा में सरल व सादगी वाला नेता कहा जाता है। भाजपा के अलावा डामर का संघ से पुराना नाता रहा है, टिकट होने के बाद देर रात सबसे पहले डामर राजस्व कॉलोनी स्थित संघ कार्यालय पहुंचे और करीब आधा घंटे से अधिक वहां रुके। जिसके बाद वे पूर्व मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता हिम्मत कोठारी के निवास पर पहुंचे।

डामर के घर के बाहर लगा समर्थकों का जमावड़ा

पूर्व विधायक मथुरालाल डामर को भारतीय जनता पार्टी द्वारा रतलाम ग्रामीण विधानसभा से उम्मीदवारी की घोषणा के बाद समर्थकों ने उनके निवास पर पहुंच उनका स्वागत किया। सभी ने एक – दूसरे को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दी। शहर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से कई कार्यकर्ता डामर के स्वागत के लिए पंहुचे। कार्यकर्ताओं ने “अबकी बार 60 हजार” पार का नारा लगाया। इस दौरान डामर को समर्थकों ने कंधे पर उठा लिया और ढोल की थाप पर थिरकते नजर आए। आपको बता दे वर्तमान विधायक दिलीप मकवाना भी टिकट की दौड़ में थे मगर पार्टी ने ग्रामीण में डामर पर भरोसा जताया। डामर कल रविवार को सुबह काछी बड़ौदा (रूनीजा) स्थित गणेश मंदिर, विरुपाक्ष महादेव बिलपांक व सातरूंडा स्थित कंवलका माता मंदिर पर दर्शन पूजन करेंगे।

जश्न मनाते डामर व उनके समर्थक

डामर के स्वागत के लिए पहुंचे समर्थकों ने पहले आतिशबाजी की और फिर ढोल की थाप पर जमकर थिरके। जश्न के दौरान भाजपा नेता, कार्यकर्ताओं के साथ धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं के साथ समर्थक भी उपस्थित रहे। डामर के स्वागत का यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा। इस दौरान कोई फूलों की माला, तो कोई दुप्पट्टा औढ़ाकर और साफा पहनाकर स्वागत-अभिनंदन करता दिखाई दिया। मथुरालाल डामर ने बताया कि पार्टी ने जो भरोसा जताया है, उसके लिए शीर्ष नेतृत्व का आभर है। 2013 में जो जनता ने आशीर्वाद दिया था इस बार वो दोगुना मिलेगा। गांव के किसान भाइयों, गरीबों और प्रत्येक व्यक्ति के लिए विकास कार्य करना प्राथमिकता रहेगी।

पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी व परिवार से मिलते डामर

सबका कटेगा “टिकट” ? : कांग्रेस ने रतलाम शहर से प्रभु को दूर से किया प्रणाम, जावरा में जीवनसिंह शेरपुर को अघोषित कार्यकर्ता बनाकर छोड़ा

टिकट बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों में जमकर बवाल, भाजपा ग्रामीण में तो शुरू हुए उपवास

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के मुकाबलों का दौर अभी शुरू नहीं हुआ है। इससे पहले दोनों ही पार्टियों में अंदरूनी मुकाबले की अग्नि परीक्षा जारी है। भाजपा में संगठन के अच्छे मैनेजमेंट के चलते यह बाहरी स्तर पर कम दिखाई पड़ता है, मगर कांग्रेस में सबकुछ खुली किताब है। हम इधर उधर के फालतू कयास नहीं लगाएंगे जिससे आप भी बोर हो जाए। बात करते है सीधे मुद्दे की। देर रात कांग्रेस ने शहर से पारस सकलेचा को अपना दावेदार घोषित किया। सबकुछ ठीक चल रहा था मगर अचानक ही अज्ञात लोग आते है और पुतला जलाकर रवाना हो जाते है।

गौरतलब है कि मयंक जाट के मैदान छोड़ने के बाद ही बाकी को अपने अपने टिकट की आस जागी थी। ऐसे में प्रकाश प्रभु राठौड़ अपनी पूरी तैयारी में थे। चुनाव नजदीक आते ही इन्होंने रतलाम के मार्केट में अपनी मार्केटिंग शुरू कर दी। सनातनी झंडा उठाकर प्रभुजी ने धार्मिक कार्यक्रमों को करते हुए अपना चेहरा चमकाया। मगर अंत में कांग्रेस ने इनको दूर प्रणाम करते हुए पारस दादा को अपना दावेदार घोषित किया। अब प्रभु राठौड़ जी के निर्दलीय मैदान में उतरने की भी फुसफुसाहट बाजार में शुरू हो रही है। खेर इतनी बड़ी कांग्रेस में शहर में पारस दादा का पुतला किसने जलाया यह दोनों पार्टियों के लिए जांच का विषय है।

ग्रामीण में कांग्रेसियों का विरोध प्रदर्शन

MP के किंग को जावरा में जगह नहीं :
जातीय संगठन करणी सेना से देशभर में चमके जीवनसिंह शेरपुर ने 2023 में राजनीतिक एंट्री की शुरुआत का एलान किया। खेर यह कोई नई बात नहीं है, की कोई सामाजिक संगठन से शुरुआत करते हुए फेम बेस बनाकर राजनीति में आ रहा हो। जीवनसिंह शेरपुर ने भी ठीक वैसा ही किया। मगर राजनीति में आने से पहले से 2018 के चुनाव में जीवनसिंह ने कांग्रेस को अप्रत्यक्ष रूप से पूरा समर्थन दिया। इस बार नगरीय निकाय में भी जीवनसिंह ने यही किया। जिसके बाद जीवनसिंह ने अपनी विधानसभा की तैयारी शुरू की और कांग्रेस से टिकट की लगभग ग्यारंटी भी समझी। मगर समर्थकों में एमपी का किंग कहे जाने वाले जीवनसिंह को कांग्रेस ने जावरा में जगह नहीं दी। जिसके पीछे कारण बेदाग छवि का नहीं होना बताया जा रहा है।

बरहाल जीवनसिंह का कहना है कि वे उनकी मांगों को लेकर अडिग है, इन मांगों को कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में जगह नहीं दी है। जीवनसिंह निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने का मन बना चुके है। फिलहाल जीवनसिंह शेरपुर 80 के करीब विधानसभा सीटों पर अपनी तैयारी की बात कह रहे है। ऐसे में अब कहीं और तो नहीं मगर जावरा में त्रिकोणीय मुकाबला जरूर देखने में आ सकता है। जीवनसिंह शेरपुर के समर्थकों का मानना है कि राजपूत समाज के अलावा अन्य समाज भी उनके साथ है।

खेर अब भाजपा की सूची का सभी को बेसब्री से इंतजार है। इस सूची में जावरा, आलोट और रतलाम ग्रामीण की स्थिति स्पष्ट होगी। मौजूदा रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना दिल्ली-भोपाल दौड़ने में लगे है। वहीं पूर्व विधायक मथुरालाल डामर के समर्थकों का मानना है की त्याग व जनता के बीच रहने वाले “बा” को अवसर दिया जाए। ग्रामीण में मथुरालाल डामर की इस बार हवा तेज है। बात यह भी सामने आ रही है कि कई समर्थक इनके टिकट के लिए उपवास तक रख रहे है। लोग पूजा अनुष्ठान कर रहे है।