गिरफ्त में सटोरिया : रंगदारी करने वाला सट्टेबाज रोनक गादिया पुलिस गिरफ्त में, शहर में कई लोग बन रहे सट्टे का शिकार

आरोपी के साथ पुलिस ने फरियादी पर भी कर दी FIR, जाने क्या है पूरा मामला

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। शहर में क्रिकेट सट्टा संचालित करने वाले वैसे तो लोगों के घर बर्बाद करते है। मगर इन सट्टेबाजों के आका यानी की इनको आईडी बांटने वाले खुद इनके घर बर्बाद कर रहे है। ऐसा ही एक मामले का खुलासा रतलाम पुलिस ने सोमवार को किया। जहां एक सटोरिया पुलिस के पास पहुंचा और उसने खुद क्रिकेट का सट्टा करना कबूल किया। उसने ये बात इसलिए कबूली क्योंकि वो जिससे लाइन लेकर या आईडी लेकर यह धंधा कर रहा था वो खुद ही उसकी जान का दुश्मन बन गया। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा तो दर्ज किया मगर दोनों के खिलाफ। पुलिस ने फरियादी पर सट्टे का और आरोपी पर धमकाने सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया। आरोपी रोनक गादिया को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस मामले में आरोपी रोनक गादिया के लिंक खोजने में जुटी है। आरोपी ने और कितने लोगों को क्रिकेट सट्टे की आईडी बांटी है और इसके ऊपर कौन – कौन लोग और शामिल है इसकी भी जांच की जाएगी। माणक चौक थाना प्रभारी प्रीति कटारे के अनुसार आरोपी के खिलाफ पूर्व में भी सट्टे व मारपीट के प्रकरण दर्ज है। आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे 1 दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंपा है।

सूत्रों की माने तो रोनक गादिया शहर के नामचीन रंग व्यापारी के अंडर में रहकर सट्टे के कारोबार को सीखकर संचालित करता आ रहा है। व्हाइट कॉलर लोग सफेद धंधे की आड़ में शहर में बेख़ौफ काला धंधा संचालित कर रहे है। सट्टे के सिंडिकेट की बात करे और ठीक से इसकी जांच की जाए तो कई ऐसे नामचीन हस्तियों के तार इससे जुड़े मिलेंगे जो खुद को समाज के सामने प्रतिष्ठित और बेदाग बताते है। मगर अपने लंबे राजनीतिक रसूख के कारण और प्रशासनिक संरक्षण के चलते जांच की आंच इनको छू तक नहीं पाती और बेखोफ ये व्हाइट कॉलर लोग अपने काले कारनामे संचालित करते आ रहे है। खेर रतलाम वासियों के मन में आज भी यह सवाल है की कब शहर सट्टा और सटोरियों से मुक्त होगा जिसने हजारों परिवारों को उजाड़ कर रख दिया है।

मामले की जानकारी देते एसपी राहुल लोढा

यह है पूरा मामला :
एसपी राहुल कुमार लोढा ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया 23 नवंबर को फरियादी सोरभ जैन पिता सोहनलाल जैन उम्र 40 साल नि.110 धानमण्डी ने रिपोर्ट दर्ज करवाई की में क्रिकेट के सट्टी की आईडी चलाता हूं। यह आईडी उसने आरोपी रोनक गादीया से ली जिसके बदले मे रोनक गादीया ने अवैध रुप से 10 लाख रुपये मांगे। फरियादी ने पैसे देने से मना किया तो आरोपी गादिया ने डरा धमका कर पंचेड़ की जमीन के तीन प्लाट अपने नाम पर अनुबंध (एग्रीमेंट) करा लिया और बोला की पैसे नही दे सकता हे, तो वह प्लाट मेरे नाम पर करवा दे। इसी बात को लेकर 20 नवंबर की रात रोनक ने करमदी रोड पर मिलकर बोला की तुने आईडी के रुपये नही दिए, अगर तुझे क्रीकेट की आईडी का सट्टा करना हे, तो मुझे रुपये देना पड़ेगे और मां बहन की गालियां देकर थप्पड़ो से मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी।
फरियादी की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा 327,294,323 व 506 में प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया। जिसके बाद तेजा नगर गली नं. 3 निवासी आरोपी रोनक पिता बाबुलाल गादीया उम्र 33 वर्ष को गिरफ्तार किया। पुलिस रिमांड लेने के बाद उससे एग्रिमेंट जप्त करने के साथ ही कई बिंदुओं पर पूछताछ भी करेगी। मामले में माणक चौक थाना टीआई प्रिति कटारे, एएसआई एस.एस.राठौर , हेड कांस्टेबल 781 नरेन्द्र चावडा व 416 दिलीपसिह रावत की अहम भूमिका रही।

कब होगा जुआ-सट्टा बंद : महात्मा गांधी जयंती पर गांधीगिरी करके सट्टा बंद करवाने की अपील, युवाओं ने रतलाम पुलिस को भेंट किए गुलाब

प्रशासन को जगाने की अनूठी पहल, कई परिवारों को बिखेर चुका है जुआं – सट्टा!

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। सेंव, साड़ी और सोने के लिए अपने मशहूर होने के साथ ही सट्टे में भी रतलाम पीछे नहीं है। शहर में चल रहे एमसीएक्स (MCX), क्रिकेट व ऑनलाइन चल रहे कई तरह के सट्टे से शहर का युवा खोखला होता जा रहा है। शहर में सट्टे से कई परिवार बर्बाद हो चुके है, इसके अलावा सट्टा कई जाने भी ले चुका है। गांधी जयंती पर सट्टे के खिलाफ शहर के युवा मुखर हो चुके है। युवाओं ने गांधीगिरी करते हुए एक अनूठे तरीके से पुलिस से अपील की और आवेदन दिया।

गांधी जयंती पर शहर के युवा गुलाब के फूल हाथों में लेकर माणकचौक थाने पहुंचे। यहां मौजूद पुलिसकर्मियों को गुलाब भेंट करते हुए युवाओं ने सट्टा बंद करवाने की अपील की। आशीष सोनी ने बताया कि गांधी जयंती पर पुलिस को गुलाब भेंट करते हुए आवेदन दिया गया। हमारी मांग है कि शहर में चल रहे अनेक प्रकार के सट्टे पर पुलिस कार्रवाई करे। शहर के युवा गर्त में जा रहे है। सट्टे के कारण कई परिवार आर्थिक और मानसिक रूप से बर्बाद हो चुके है। आज तक पुलिस ने सट्टे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कि है। पुलिस से निवेदन है कि जल्द ही सट्टे पर अंकुश लगाकर युवाओं को इस कुचक्र से निकालने में मदद करे।

करोड़ो का है सट्टे का कारोबार :
शहर में सट्टा और जुआ अपने पैर अंगद की तरह पसारे पड़ा है। शहर में नामचीन लोग सट्टे के कारोबार में लिप्त है। पुलिस की कार्रवाई होती भी है तो सफेदपोशों के काले धंधे उजागर होने से पहले ठप्प पड़ जाती है। कहा जाता है की शहर में सट्टा बगैर मिलीभगत के नहीं चलता, यहां हर एक का हिस्सा फिक्स है। सूत्रों की माने तो शहर में रोजाना करोडों का व्यापार केवल सट्टेबाजी का ही है। आईपीएल और बड़े क्रिकेट मैच के दौरान तो आंकड़ों का अंदाजा लगाना मुश्किल है। शहर में सट्टे के कारोबारी देश – विदेश से लिंक बनाकर आज सिरमोर बने बैठे है। खेर अब शहर में चर्चा है की इस गांधीवादी तरीके का पुलिस पर क्या असर पड़ेगा? या पुलिस हर बार की तरह छोटे सटोरियों पर कार्रवाई करते हुए, बड़े सफ़ेदपोशों को नजरअंदाज करेगी?