MP News: जावरा रोड पर शराब की दुकान हटाने की मांग, स्थानीय नागरिकों में रोष  

रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क।  MP News: वार्ड क्रमांक 31, जावरा रोड पर स्थित देशी शराब की दुकान को हटाने की मांग जोर पकड़ रही है। प्रांतीय मंत्री अनिल रानीवाल ने इस संबंध में जिला कलेक्टर को पत्र भेजकर जनहित और समाजहित में दुकान को अन्यत्र स्थानांतरित करने की अपील की है।

मुख्य आपत्तियाँ  

शराब की दुकान मेन रोड पर होने के कारण आए दिन शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे स्थानीय नागरिकों को असुविधा होती है।  

दुकान के पास ही पीर बाबा की दरगाह दस मीटर, शीतला माता मंदिर तीस मीटर और शासकीय विद्यालय सत्तर मीटर की दूरी पर स्थित हैं। धार्मिक स्थल और स्कूल के पास शराब की दुकान होना सामाजिक दृष्टि से आपत्तिजनक है।  

शराबियों की गतिविधियों से सड़क पर झगड़े और विवाद बढ़ रहे हैं, जिससे महिलाओं और बच्चों को असुरक्षा महसूस होती है।  

यह इलाका मुख्य सड़क से जुड़ा होने के कारण यहाँ से भारी वाहनों की आवाजाही होती है, जिससे शराबियों के कारण दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।  

प्रशासन को दी चेतावनी  

पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यदि जल्द से जल्द इस शराब दुकान को अन्यत्र स्थानांतरित नहीं किया गया, तो स्थानीय नागरिक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।  

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया  

क्षेत्रवासियों का कहना है कि सार्वजनिक स्थानों, धार्मिक स्थलों और शैक्षणिक संस्थानों के पास शराब की दुकान होने से सामाजिक वातावरण प्रभावित हो रहा है। महिलाओं और बच्चों को यहाँ से गुजरने में डर लगता है।  

क्या होगा अगला कदम  

वप्रिल दो हजार पच्चीस में नए शराब दुकान लाइसेंस जारी होने हैं, ऐसे में प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि इस दुकान को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाए। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या निर्णय लेता है।  

MP News: मध्यप्रदेश में बलात्कार के मामलों में 19% वृद्धि, प्रतिदिन 20 घटनाएं  

पिछले पांच वर्षों में इंदौर में सर्वाधिक 2301 मामले, झाबुआ में 158% वृद्धि  

भोपाल- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। MP News: मध्यप्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की स्थिति गंभीर होती जा रही है। वर्ष 2024 में प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 20 बलात्कार की घटनाएं दर्ज की गईं। वर्ष 2020 में यह संख्या 6134 थी, जो 2024 में बढ़कर 7294 हो गई, यानी पांच वर्षों में बलात्कार के मामलों में 19% की वृद्धि हुई।  

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह जानकारी विधानसभा में विधायक पंकज उपाध्याय के प्रश्न के उत्तर में दी। मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि 2023-24 के वार्षिक प्रतिवेदन में दर्शाई गई बलात्कार की कुल संख्या 5374 असत्य थी। वास्तविक आंकड़ा 7202 था, जिसमें से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं से जुड़े मामलों की संख्या 3831 थी। जबकि वार्षिक प्रतिवेदन में इसे केवल 883 बताया गया था।  

वार्षिक प्रतिवेदन के आंकड़े असत्य  

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि महिला सुरक्षा शाखा और अजाक शाखा से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर यह गड़बड़ी हुई। जिलों से वास्तविक आंकड़े मंगाने पर पता चला कि रिपोर्ट में दी गई संख्या से वास्तविक आंकड़े काफी अधिक हैं।  

विधायक पंकज उपाध्याय ने आरोप लगाया कि वार्षिक प्रतिवेदन में वास्तविक संख्या छिपाने का प्रयास किया गया और विधानसभा में गलत आंकड़े पेश कर उसकी अवमानना की गई।  

2023 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक कुल बलात्कारों की संख्या 5374 थी, जबकि असल में यह 7202 रही। अनुसूचित जाति की महिलाओं से जुड़े मामले 883 बताए गए, लेकिन असल में यह 3831 थे। यानी अनुसूचित जाति व जनजाति की महिलाओं से बलात्कार के मामले 340% अधिक निकले।  

जातिगत आधार पर बलात्कार के बढ़ते आंकड़े  

मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, अनुसूचित जाति की महिलाओं से बलात्कार की घटनाओं में 10%, अनुसूचित जनजाति में 26%, पिछड़ा वर्ग में 20% और सामान्य वर्ग में 24% की वृद्धि हुई है।  

2020 से 2024 के बीच अनुसूचित जाति की महिलाओं के बलात्कार के मामलों में सरकारी रिपोर्ट और वास्तविक आंकड़ों में भारी अंतर देखा गया।  

वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2020 में 546, 2021 में 611, 2022 में 593, 2023 में 538 और 2024 में 557 मामले थे, जबकि वास्तविक आंकड़ों के अनुसार 2020 में 1640, 2021 में 1712, 2022 में 1861, 2023 में 1769 और 2024 में 1799 मामले सामने आए।  

इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए भी सरकारी रिपोर्ट में आंकड़े काफी कम बताए गए। वार्षिक रिपोर्ट में 2020 में 395, 2021 में 394, 2022 में 403, 2023 में 345 और 2024 में 359 मामले बताए गए, जबकि वास्तविक आंकड़े 2020 में 1742, 2021 में 1968, 2022 में 2874, 2023 में 2062 और 2024 में 2194 रहे।  

जिलावार बलात्कार के आंकड़े  

पिछले पांच वर्षों में इंदौर जिला बलात्कार के मामलों में सबसे आगे रहा, जहां 2301 मामले दर्ज हुए। इसके बाद भोपाल में 1949, धार में 1602, खरगोन में 1230, सागर में 1200, जबलपुर में 1056 और रतलाम में 1018 मामले सामने आए।  

सबसे अधिक वृद्धि झाबुआ में देखी गई, जहां 158% की बढ़ोतरी दर्ज हुई। इंदौर शहर में 103% वृद्धि, इंदौर ग्रामीण में 69% वृद्धि, भोपाल शहर में 59% वृद्धि और रतलाम में 46% वृद्धि दर्ज की गई।  

वहीं, बालाघाट और जबलपुर में क्रमशः 33% और 15% की कमी आई। गुना, अशोकनगर, भिंड, बुरहानपुर, शाजापुर, कटनी, सिवनी, पन्ना, सतना, अनूपपुर और राजगढ़ में भी मामले घटे। ग्वालियर, दमोह और विदिशा में संख्या स्थिर रही।  

न्यायालय में सजा का प्रतिशत कम  

विधायक पंकज उपाध्याय ने न्यायालय में बलात्कार के मामलों की सफलता दर पर भी सवाल उठाया। मुख्यमंत्री के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में बलात्कार के मामलों में सजा की दर बेहद कम रही। अनुसूचित जाति के 2739 मामलों में सिर्फ 23% दोषसिद्धि हुई और 77% आरोपी बरी हुए। अनुसूचित जनजाति के 3163 मामलों में 22% दोषसिद्धि हुई और 78% आरोपी बरी हो गए। पिछड़ा वर्ग के 3982 मामलों में 21% दोषसिद्धि और 79% बरी हुए। सामान्य वर्ग के 1222 मामलों में केवल 18% दोषसिद्धि हुई और 82% आरोपी छूट गए।  

महिला सुरक्षा पर सवाल  

बलात्कार के मामलों में लगातार वृद्धि और न्यायिक प्रक्रिया में कम दोषसिद्धि दर ने महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। विधायक पंकज उपाध्याय ने मांग की है कि सरकार को बलात्कार के मामलों में सही आंकड़े प्रस्तुत करने, दोषियों को कड़ी सजा दिलाने और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।  

Ratlam News: चांदनी चौक में सराफाकर्मी पर जानलेवा हमला, पीठ में फंसा चाकू, 2 नाबालिग गिरफ्तार

रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: शहर में अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। शुक्रवार रात आजाद चौक पर दो बदमाशों ने सराफा कर्मी योगेश राठौर (30) निवासी रामगढ़ पर चाकू से हमला कर दिया। हमले में चाकू उसकी पीठ में ही फंस गया, जिसे अस्पताल में ऑपरेशन कर निकाला गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।  

 चाकूबाजी की वारदात से दहशत  

शुक्रवार रात करीब 8 बजे योगेश अपनी बाइक लेने और लघुशंका करने आजाद चौक पहुंचा था। तभी वहां पहले से मौजूद दो युवकों ने उस पर अचानक हमला कर दिया। उन्होंने ताबड़तोड़ चाकू से वार किए, जिससे योगेश गंभीर रूप से घायल हो गया। हमलावरों में से एक ने उसकी पीठ पर चाकू घोंप दिया, जो वहीं फंसा रह गया।  

रत्यक्षदर्शियों ने बताया घटनाक्रम  

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बादल जाट (ग्राम मूंदड़ी) और महेंद्र सिंह (ग्राम कनेरी) भी उसी समय अपनी बाइक लेने पहुंचे थे। उन्होंने देखा कि दो लड़के योगेश पर चाकू से हमला कर रहे हैं। जब वे बचाने आए, तो हमलावरों ने उन पर भी चाकू लहराया, जिसके बाद वे पीछे हट गए।  

 पुराने विवाद के चलते हुआ हमला  

पीड़ित योगेश और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शुक्रवार शाम चार बजे आजाद चौक पर ये दोनों हमलावर 17 वर्षीय एक किशोर को डरा-धमका रहे थे। योगेश ने इसका विरोध किया और लड़कों से पूछा कि वे उसे क्यों धमका रहे हैं। माना जा रहा है कि इसी विवाद के चलते उन्होंने रात में योगेश पर हमला किया।  

 अस्पताल में ऑपरेशन कर निकाला चाकू  

हमले के बाद आसपास के लोगों ने योगेश को तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसकी पीठ में फंसे चाकू को ऑपरेशन कर निकाला। फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।  

पुलिस जांच में जुटी  

घटना 21 मार्च को हुई, जब योगेश राठौर की दोपहर करीब 2 बजे दो नाबालिग लड़कों से कहासुनी हो गई थी। शाम को दोनों आरोपियों ने इसी विवाद के चलते योगेश पर चाकू से हमला कर दिया। घटना के बाद थाना माणकचौक में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 148 25 धारा 109, 296, 3 5 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया।  

पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने जिले के सभी थाना प्रभारियों को चाकूबाजी की घटनाओं पर अंकुश लगाने और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। उनके मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा और नगर पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र घनघोरिया के नेतृत्व में थाना प्रभारी माणकचौक उपनिरीक्षक अनुराग यादव की अगुवाई में एक टीम गठित की गई।  

पुलिस टीम ने घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरों की जांच की और मुखबिरों से मिली सूचना के आधार पर 3 घंटे के भीतर ही दोनों आरोपियों की पहचान कर उन्हें हिरासत में ले लिया।  

गिरफ्तार आरोपियों में एक विधि विरुद्ध बालक 17 वर्ष और दूसरा 16 वर्ष का है।  

इस मामले को सुलझाने में थाना प्रभारी अनुराग यादव, सउनि शिवनाथ राठौर, प्र आर नारायण जादौन, प्र आर दिलीप रावत, आर राजेंद्र, आर नितिन और आर अविनाश की महत्वपूर्ण भूमिका रही।  

रतलाम पुलिस की तत्परता से इस मामले में त्वरित कार्रवाई हुई और आरोपियों को जल्द ही पकड़ लिया गया। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने अपराधों पर रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।