Ratlam News: श्रीमद्भागवत महापुराण कथा में विदुषी अंजली जोशी ने बताया भगवान नाम स्मरण का महत्व

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रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: रतलाम स्थित कालिका माता मंदिर परिसर के सत्संग हॉल में गोयल परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के तीसरे दिन विदुषी अंजली जोशी (बेटमा) ने श्रद्धालुओं को भगवान नाम स्मरण की महिमा से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि रतलाम की पवित्र सरस्वती नदी के तट पर वेदव्यास जी ने नारद जी की प्रेरणा से भगवान के नाम की महिमा को जानकर भगवान श्रीगणेश की सहायता से 18 हजार श्लोकों की श्रीमद्भागवत महापुराण की रचना की थी।

विदुषी जोशी ने श्रद्धालुओं से कहा कि सच्चे मन से भगवान का नाम लेने मात्र से ही जीव का कल्याण हो जाता है। जब भक्त भावपूर्वक भगवान को अपने जीवन में स्थान देता है और उनसे मन की बात करता है, तब भगवान भी अपने भाव प्रकट करने लगते हैं। उन्होंने श्रीनाथ जी के अष्टसखाओं में से एक भक्त कुम्भनदास जी की कथा सुनाई, जिसमें बताया कि कैसे ठाकुरजी स्वयं उनसे बात करते थे और उनकी इच्छाएं पूरी करते थे। एक प्रसंग में श्रीनाथजी ने लीला करते हुए कुम्भनदास जी के कंधे पर चढ़कर एक गोपी के घर से माखन चुराया था।

कथा में उन्होंने महाभारत के प्रसंगों का वर्णन करते हुए परीक्षित महाराज के जन्म, कलियुग के आगमन और शुकदेव मुनि द्वारा भागवत कथा श्रवण की कथा भी विस्तार से समझाई।

वामन अवतार का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि यह भगवान विष्णु का पांचवां अवतार था, जो त्रेता युग में हुआ था। जब असुर राजा बलि ने देवताओं को पराजित कर स्वर्ग लोक पर अधिकार कर लिया, तब भगवान विष्णु ने देवमाता अदिति के गर्भ से वामन रूप में अवतार लिया। वामन द्वादशी के अवसर पर भगवान वामन का प्राकट्य उत्सव भी धूमधाम से मनाया गया।

उन्होंने यह भी कहा कि समय को कोई रोक नहीं सकता, समय के साथ चलना ही सफलता की कुंजी है। यदि कोई व्यक्ति स्वर्ण या धातु का आभूषण खरीदता है, तो उसे पहले भगवान को अर्पण करना चाहिए ताकि उसमें जो भी दोष हों, वे समाप्त हो जाएं। इंद्रियों व सांसों पर नियंत्रण रखने वाला व्यक्ति ही जीवन में सफल होता है।

कथा का शुभारंभ प्रदीप गोयल, दिलीप गोयल, सत्यनारायण तथा कालिका माता सेवा मंडल ट्रस्ट के उपाध्यक्ष मोहनलाल भट्ट द्वारा पोथी पूजन से हुआ। अंत में आरती कर प्रसादी का वितरण किया गया।

आज विशेष प्रवचन
ट्रस्ट उपाध्यक्ष मोहनलाल भट्ट ने बताया कि 10 अप्रैल, गुरुवार की शाम महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती जी का रतलाम आगमन होगा। सायं 6 से 7 बजे तक कालिका माता सत्संग हॉल में स्वामी जी के विशेष प्रवचन होंगे। उन्होंने सभी धर्मप्रेमी नागरिकों से इस अवसर पर अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर धर्मलाभ लेने का आग्रह किया है।

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