अंधे कत्ल का पर्दाफाश : सेना का जवान निकला नर्सिंग छात्रा का हत्यारा, प्रेम प्रसंग के दबाव में आकर की हत्या

पुलिस ने जम्मू – कश्मीर से किया गिरफ्तार, आरोपी की पत्नी भी है शामिल!

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। जिले के ढोढर में हुई नर्सिंग छात्रा की जघन्य हत्या का खुलासा पुलिस ने 9 दिन बाद किया। गौरतलब है की 2 अप्रैल को ढोढर के समीप फोरलेन स्थित रुपनगर फंटे से अंदर एक खेत में अर्धनग्न युवती की लाश मिली थी। पुलिस ने प्रारंभिक जांच की तो पाया कि युवती की गला रेत कर हत्या की गई है। 5 दिनों तक युवती की शिनाख्ती के काफी प्रयास किए गए मगर कोई सफलता नहीं मिली। 5 दिन बाद 6 अप्रैल को  परिजन युवती को ढूंढते हुए रतलाम आए तब जाकर युवती की शिनाख्त हुई।  युवती रतलाम में किराये के मकान में अकेली रहकर नर्सिंग की पढ़ाई कर रही थी। पुलिस ने परिजनों के सामने आने के बाद शव को गड्डा खोदकर वापस निकाला है। पुलिस ने हत्या के इस जघन्य कांड में सेना के जवान पिंटुसिंह पिता कालूसिंह राजपूत निवासी ग्राम कोठड़ी को गिरफ्तार किया है। वहीं आरोपी पिंटुसिंह की पत्नी शीतल अभी फरार है। जिसे जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।

एसपी राहुल लोढा ने बताया की ढोढर के समीप युवती की गला रेतकर हत्या की गई थी। जिसकी शिनाख्त सविता (20) पिता भरतसिंह राठौर के रूप में हुई। शिनाख्ती के बाद पुलिस सीसीटीवी कैमरे और कॉल डीटेल्स की मदद से आरोपी तक पहुंची। आरोपी पिंटु सिंह हत्या करने के बाद नागदा से ट्रेन पकड़कर अपनी ड्यूटी करने जम्मू कश्मीर पहुंच गया था। जहां से टीम ने इसे गिरफ्तार किया। आरोपी ने पूछताछ में बताया की मृतिका के साथ उसका प्रेम प्रसंग का संबंध 3 साल से था। संबंध रहते हुए उसने जून 2023 में शीतल से शादी की। जिसके बाद मृतिका उसे रेप केस में फंसाने की धमकियां देने लगी और रुपयों की मांग करने लगी। मृतिका सविता और पिंटु सिंह के पारिवारिक संबंध थे। सविता, पिंटू की भुआ की लड़की की लड़की थी। पिंटु सिंह डेढ़ माह की छुट्टी पर अपने गांव आया था। ड्यूटी जाने से पहले उसने मृतिका को बुलाकर हत्या कर दी और शव को फोरलेन पर फेंक दिया।

ऐसे दिया घटना को अंजाम
आरोपी पिंटु सिंह ने 1 अप्रैल को शाम 4 बजे मृतिका सविता को फोन कर के पंचेड़ फंटे पर बुलाया। जहां से उसे अपनी बुलेट मोटरसाइकिल पर बैठाकर उसे रूपनगर फंटे के समीप सुनसान जगह पर ले गया। जहां पहले उसने मृतिका को पीटा और उसके बाद उसका गला रेत कर हत्या कर दी। आरोपी पिंटु घर पहुंचा जहां उसने अपनी पत्नी को घटना बताई। जिसके बाद वह अपनी पत्नी शीतल को लेकर घटनास्थल पहुंचा और साक्ष्य मिटाने के लिए कपड़े उतार दिए और घसीट कर झाड़ियों में डाल दिया। आरोपी पिंटु ने साक्ष्य मिटाने के भरपूर प्रयास किए। हत्या करने के बाद वह ट्रेन से अपनी डयूटी करने जम्मू – कश्मीर के कारगिल की अपनी आर्मी रेजिमेंट में पहुंच गया।

परिजन 5 दिन बाद आए थे सामने
दरअसल 2 अप्रैल को ढोढर के समीप फोरलेन स्थित रुपनगर फंटे से अंदर एक खेत में अर्धनग्न युवती की लाश मिली थी। पुलिस ने प्रारंभिक जांच की तो पाया कि युवती की गला रेत कर हत्या की गई है। युवती के गले में सोने की चेन, हाथ में अंगूठी व कान में सोने के टॉप्स थे। इससे संभावना जताई गई कि युवती की हत्या लूट के इरादे से नहीं की गई है। घटना के बाद से पुलिस शव की शिनाख्ती के प्रयास में जुटी हुई थी। शनिवार सुबह उज्जैन जिले के नरेड़ी गांव के धीरेंद्रसिंह पिता भरतसिंह राठौर परिजनों के साथ रतलाम औद्योगिक पुलिस थाने पहुंचे। उन्होंने बताया कि बहन का मोबाइल पिछले चार दिन से बंद है। किराये के घर पर ताला लगा हुआ है। तब पुलिस ने मंगलवार को ढोढर में मिले शव के फोटो परिजनों को दिखाए तो उन्होंने शिनाख्त कर ली। मृतिका का नाम सविता (20) पिता भरतसिंह राठौर है। भाई धीरेंद्रसिंह ने बताया कि उनके पिता नहीं है। बहन रतलाम में राम मंदिर के पीछे सखवाल नगर में अकेली रह कर नर्सिंग की पढ़ाई कर रही थी। राम मंदिर क्षेत्र स्थित सुप्रीम नर्सिंग एकेडमी पर कोचिंग पर वह जाती थी। पिता का निधन दो साल पहले कोरोना के दौरान हुआ था। घर में मां राजू कुंवर, भाई धीरेंद्र सिंह (18) व एक छोटी 16 वर्षीय बहन है।

आरोपी को ले जाती पुलिस

अधिकांश समय स्विच ऑफ रहता था मोबाइल
मृतिका के भाई धीरेंद्र सिंह ने बताया की वह 6-7 महीनों से यहां अकेले रह रही थी। रविवार को आखिरी बार शाम करीब 6 से 7 बजे के बीच उसकी मृतिका सविता से सामान्य बात हुई थी। अगले दिन सोमवार को कॉल किया तो फोन बंद आया। बहन सविता अधिकांश समय मोबाइल स्वीच ऑफ रखती थी।  इसके बाद भी लगातार कॉल किया। लेकिन मोबाइल बंद ही मिला। इसके बाद चिंतित भाई और परिजन शनिवार सुबह रतलाम पहुंचे। औद्योगिक क्षेत्र थाने पर गुमशुदगी दर्ज कराने के दौरान उन्हें पता चला कि उसका शव 2 अप्रैल को ढोढर क्षेत्र में मिला है। मृतिका के मामा गजरासिंह पिता शंभूसिंह ने बताया कि होली पर भानजी सविता घर आई हुई थी। वह रविवार को भानजे धीरेंद्र सिंह के साथ भानजी सविता को रतलाम लेकर आए थे। सुबह 9.30 बजे रतलाम बस स्टैंड पर छोड़ा था। भानजी सविता ने उनसे कहा था कि आपको जाना है तो चले जाओ बाद में आप घर आना। इसके कारण वह उसे बस स्टैंड पर ही छोड़कर वापस चले गए। उसके बाद हत्या की खबर सामने आ गई।