Cyber Security Tips: शादी की पत्रिका या योजनाओं की मोबाइल एप्लिकेशन ना करे डाऊनलोड, रतलाम पुलिस ने बताया कैसे रहें सावधान!

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Cyber Security Tips : सायबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए रतलाम पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देशन में और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा के मार्गदर्शन में सायबर क्राइम सेल रतलाम द्वारा आम जनता को सायबर ठगी के नए-नए तरीकों के प्रति जागरूक करने का अभियान चलाया जा रहा है। वर्तमान में सायबर अपराधियों द्वारा अपनाई जा रही एक नई चाल लोगों के बीच चिंता का विषय बन गई है। सायबर अपराधी मोबाइल एप्लिकेशन (.apk) और एक्से फाइल (.exe) के जरिए धोखाधड़ी कर रहे हैं। यहां इस तरह के धोखाधड़ी से बचने के उपायों पर विस्तार से जानिए;

कैसे होती है APK फाइल के जरिए धोखाधड़ी?
   – सायबर अपराधी .apk फाइल का इस्तेमाल कर लोगों के फोन तक पहुंचने की कोशिश करते हैं।
   – ये फाइलें अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापनों के माध्यम से, अनजानी वेबसाइटों से या व्हाट्सएप पर किसी लिंक के जरिए भेजी जाती हैं।
   – कई बार ये फाइलें शादी के निमंत्रण, पीएम किसान योजना या पीएम आवास योजना जैसी सरकारी योजनाओं के नाम पर होती हैं, जिससे लोग इन्हें आसानी से डाउनलोड कर लेते हैं।

हैकर्स का तरीका क्या है?
   – हैकर्स व्हाट्सएप के माध्यम से apk फाइलें भेजते हैं, जो किसी सरकारी योजना, निमंत्रण कार्ड या अन्य आकर्षक सामग्री का रूप धारण कर भेजी जाती हैं।
   – कई बार ये फाइलें परिचित व्यक्तियों के नंबर से आती हैं, जिनका व्हाट्सएप हैक हो चुका होता है। इस कारण लोग इन फाइलों पर अधिक विश्वास कर लेते हैं।
   – जैसे ही आप इस apk फाइल को डाउनलोड और इंस्टॉल करते हैं, यह आपके फोन पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लेती है।

APK फाइल के खतरों से कैसे बचें?
   – व्हाट्सएप सिक्योरिटी: अपने व्हाट्सएप अकाउंट की सुरक्षा के लिए टू-स्टेप वेरिफिकेशन सेटिंग्स को इनेबल रखें। इससे आपका अकाउंट सुरक्षित रहेगा।
   – विश्वास से बचें: किसी परिचित व्यक्ति के व्हाट्सएप नंबर से भी अगर इस तरह की फाइल आती है, तो इसे बिना जांचे-परखे न खोलें। सुनिश्चित करें कि फाइल की वैधता को पहचान लें।
   – विश्वसनीय स्रोत से ही डाउनलोड करें: किसी भी एप्लिकेशन को केवल गूगल प्ले स्टोर या आधिकारिक वेबसाइट से ही डाउनलोड करें।

APK फाइल खोलने के बाद क्या होता है?
   – जब आप apk फाइल को खोलते हैं, तो यह आपके फोन में ऑटो-इंस्टॉल हो जाती है और आपके डिवाइस का कंट्रोल सायबर अपराधी के हाथों में चला जाता है।
   – अपराधी आपके फोन के मैसेज को पढ़ सकते हैं, जिनमें OTP, PIN जैसी सेंसिटिव फाइनेंशियल इनफॉर्मेशन हो सकती है।
   – वे आपके फोन से अनाधिकृत ऑनलाइन ट्रांजेक्शन या फंड ट्रांसफर कर सकते हैं, जिससे आपका आर्थिक नुकसान हो सकता है।

अगर गलती से APK फाइल इंस्टॉल हो जाए तो क्या करें?
   – तुरंत अपने फोन का इंटरनेट कनेक्शन ऑफ करें ताकि अपराधी और डेटा का एक्सेस न ले सकें।
   – जितना जल्दी हो सके अपने बैंक में संपर्क कर अपने खाते को फ्रीज करवा दें ताकि किसी भी अनाधिकृत ट्रांजेक्शन से बचा जा सके।
   – फोन में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें या गूगल प्ले स्टोर से “कवच-2” जैसे सुरक्षा ऐप का उपयोग करें, जो हानिकारक या छिपी हुई apk फाइलों की पहचान कर उन्हें डिलीट कर सकता है।

व्हाट्सएप पर आने वाली फाइलों को सुरक्षित तरीके से जांचें
   – अगर किसी सरकारी योजना या शादी के निमंत्रण के नाम पर कोई फाइल आए तो उसे खुलने से पहले ध्यान से जांचें।
   – व्हाट्सएप सेटिंग्स में टू-स्टेप वेरिफिकेशन को सक्षम करें ताकि आपका अकाउंट सुरक्षित रहे और हैकर्स आपके अकाउंट का दुरुपयोग न कर सकें।

धोखाधड़ी होने पर तुरंत क्या करें?
   – किसी भी प्रकार की सायबर धोखाधड़ी का शिकार हो जाने पर तुरंत सायबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।
   – अपने नजदीकी पुलिस थाने या सायबर सेल पर जाकर घटना की रिपोर्ट दर्ज कराएं ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके।

सायबर सुरक्षा सलाह में बताई गई इन सावधानियों को अपनाकर आप अपने डेटा और आर्थिक जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं। तकनीक के युग में सुरक्षित रहना हमारी अपनी जिम्मेदारी है, इसलिए किसी भी अनजान फाइल को डाउनलोड और इंस्टॉल करने से पहले सावधान रहें।

Ratlam News: पुलिस ने छात्राओं को बताया सायबर क्राइम से बचाव के तरीके, सायबर जागरूकता सेमिनार का आयोजन

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News:  में बढ़ते सायबर अपराधों और सायबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने जिले के राजपत्रित अधिकारियों, थाना प्रभारियों और जिला सायबर सेल को संयुक्त रूप से सायबर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इस दिशा में पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देशन में और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा के मार्गदर्शन में सायबर सेल टीम ने शासकीय नवीन कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, आनंद कॉलोनी रतलाम में सायबर जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया।

सेमिनार की शुरुआत पुलिस अधीक्षक के संदेश के साथ की गई, जिसे सायबर सेल प्रभारी मनमोहन शर्मा ने वाचन किया। प्रधान आरक्षक मनमोहन शर्मा ने छात्राओं को बालिकाओं के विरुद्ध होने वाले विभिन्न सायबर अपराधों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने समझाया कि फोन कॉल्स, व्हाट्सएप, या सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले अपराधों के बारे में बिना डरे परिजन, शिक्षक और पुलिस से संपर्क करें।

सायबर सेल के आरक्षक विपुल भावसार ने छात्राओं को सायबर फ्रॉड के प्रकारों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सायबर अपराधी किस प्रकार रिश्तेदार, आर्मी/पुलिस अधिकारी, यू-ट्यूब चैनल या बैंक अधिकारी बनकर फ्रॉड करते हैं। इसके अलावा, यूपीआई और नेट बैंकिंग में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में समझाया गया।

आरक्षक मयंक व्यास ने छात्राओं को सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग के बारे में बताया। उन्होंने अनजान लिंक, apk फाइल, रिमोट ऐप्स से होने वाले फ्रॉड और व्हाट्सएप हैक के खतरों के बारे में समझाया। छात्राओं को यह भी बताया कि सोशल मीडिया की प्राइवेसी सेटिंग और टू स्टेप वेरिफिकेशन सेटिंग ऑन रखें। किसी अनजान व्यक्ति को फ्रेंडलिस्ट में एड करने से व्यक्तिगत जानकारी सायबर अपराधियों तक पहुंच सकती है, जिससे क्लोन प्रोफाइल बनाकर धोखाधड़ी हो सकती है।

सेमिनार में बताया गया कि सायबर धोखाधड़ी होने पर सायबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर सकते हैं या नजदीकी पुलिस स्टेशन में संपर्क कर सकते हैं। इस अवसर पर संस्था की प्राचार्या ममता अग्रवाल, शिक्षिकाएं असर सिद्दीकी, सुनीता अंब, ममता शर्मा, मनीषा राठौर, दीपिका जैन, चहेती, शिखा गुप्ता, सोनाक्षी और शिक्षक शक्ति सिंह सोलंकी, संजय गोयल, नरेंद्र चौहान, मयंक जादव, श्रीकांत देवल समेत विद्यालय की सभी छात्राएं उपस्थित रहीं।

Ranveer Allahbadia OR BeerBiceps: मशहूर YouTuber के दोनों YouTube चैनल हैक, सभी वीडियो हटाए, क्या होगा आगे!

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। भारत के प्रमुख YouTuber और डिजिटल Influencer रणवीर अल्लाहबादिया के दोनों YouTube चैनल्स BeerBiceps और Ranveer Allahbadia को हैकर्स ने हैक कर लिया है। हैकर्स ने उनके चैनलों का नाम बदलकर ‘@Tesla.event.trump_2024′ रख दिया। इतना ही नहीं उनके दूसरे चैनल ‘बीयर बाइसेप्स’ का नाम ‘@Elon.trump.tesla_live202 कर दिया और सभी वीडियो डिलीट कर दिए हैं। इस घटना के बाद, चैनल्स पर एक फर्जी लाइवस्ट्रीम की गई जिसमें एक AI-जनरेटेड एलन मस्क नज़र आ रहे थे, जो लोगों से क्रिप्टोक्यूरेंसी में निवेश करने के लिए कह रहे थे। यह लाइवस्ट्रीम लोगों को उनके निवेश पर दोगुना लाभ का झूठा वादा कर रही थी।

YouTube ने रणवीर के दोनों चैनलों को तुरंत प्लेटफ़ॉर्म से हटा दिया। शुरुआत में, जब इन चैनलों को सर्च किया गया, तो YouTube ने जानकारी दी कि यह चैनल कंपनी की नीतियों के खिलाफ थे, इसलिए इन्हें हटाया गया। अब, इन चैनलों को खोजने पर एक संदेश आता है जिसमें लिखा होता है, “यह पेज नहीं मिल रहा है, कृपया कुछ और सर्च करें।”

खुद दी जानकारी, करियर की चिंता!
दोनों चैनल्स से सभी इंटरव्यू और पॉडकास्ट डिलीट हुए और फिर अब ये दोनों ही चैनल्स यूट्यूब से डिलीट किए जा चुके हैं। इस बात की जानकारी खुद रणवीर अल्लाहबादिया ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से दी है। उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम की स्टोरी पर बर्गर और फ्राइज की एक तस्वीर शेयर कर लिखा, ‘मेरे दो मेन चैनलों को हैक किए जाने का जश्न मेरे पसंदीदा खाने के साथ मना रहा हूं। शाकाहारी बर्गर। बीयर बाइसेप्स की मौत मिली डाइट की मौत से। मुंबई वापस आ गया हूं।’ इसके बाद उन्होंने अपनी अगली इंस्टाग्राम स्टोरी पर अपनी एक तस्वीर शेयर की है। इस फोटो में वो आंखों पर स्लीपिंग मास्क लगाए हुए स्माइल करते हुए नजर आ रहे हैं। इसे शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ‘क्या ये मेरे यूट्यूब करियर का अंत है? आप सबको जानकर अच्छा लगा।’ बता दें, रणवीर अल्लाहबादिया और उनकी टीम इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रही है। ये लोग यूट्यूब से कॉन्टेक्ट में हैं और चैनल को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट का चैनल हुआ था हैक, चिंता बढ़ी
कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट का YouTube चैनल भी इसी प्रकार हैक हुआ था, जिससे यह अंदेशा है कि हालिया घटनाओं के पीछे भी वही साइबर अपराधी हो सकते हैं। रणवीर अल्लाहबादिया, जिन्हें ‘BeerBiceps’ के नाम से भी जाना जाता है, भारत में अपने स्वास्थ्य, फिटनेस, और मोटिवेशनल कंटेंट के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके हैक हुए चैनलों में ‘BeerBiceps’ और ‘The Ranveer Show’ शामिल हैं, जो डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर काफी लोकप्रिय थे। यह घटना डिजिटल सिक्योरिटी पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है और YouTubers तथा अन्य कंटेंट क्रिएटर्स को अपने अकाउंट्स की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।