Ratlam’s Lakshmi Temple : MP के इस शहर में है कुबेर का खजाना! ; प्रसाद में बंटते है कड़क नोट और गहने

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam’s Lakshmi Temple: आपसे कोई पूछे की कुबेर का खजाना कहां है? तो आपको जवाब नहीं मिलेगा। लेकिन मध्यप्रदेश के रतलाम शहर का एक ऐसा मंदिर है जिसे आप देख ले तो आपको आपका जवाब जरूर मिल जाएगा। रतलाम के माणक चौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर दिवाली पर कुछ ऐसे ही नजर आता है। इस मंदिर में इतना धन – दौलत देखकर हर कोई इसे कुबेर के खजाने से ही जोड़ता है। लेकिन असल में यह कुबेर का खजाना नहीं बल्कि भक्तों का धन है जो महालक्ष्मी को अर्पण किया जाता है।

दरअसल दीपावली (Diwali) के पर्व पर रतलाम का ऐतिहासिक महालक्ष्मी (Ratlam Lakshmi Mandir) मंदिर देशभर में अनूठा आकर्षण बना हुआ है। यहां महालक्ष्मी की मूर्ति को सजाने के लिए भक्तों द्वारा दिए गए करोड़ों रुपये के नोट और आभूषणों से पूरा मंदिर परिसर कुबेर के खजाने की तरह जगमगा उठा है। यह देश का इकलौता मंदिर है जहां दीपावली पर भक्तों द्वारा दिए गए गहनों और नकदी से सजावट की जाती है।

मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान महालक्ष्मी माता, दाएं भगवान गणेश व बाएं देवी सरस्वती की प्रतिमा

नोटों और आभूषणों की अद्भुत सजावट
मंदिर में इस वर्ष दीपावली सजावट की शुरुआत 14 अक्टूबर, शरद पूर्णिमा से ही हो चुकी थी। विभिन्न मूल्यवर्ग के नोट, 1 रुपये से लेकर 500 रुपये तक के नए-नए नोट, मंदिर के हर कोने में सजाए गए हैं। ये नोट और आभूषण भक्तों द्वारा स्वेच्छा से श्रद्धा के साथ दिए जाते हैं। मंदसौर, नीमच, इंदौर, उज्जैन, नागदा, खंडवा, देवास सहित राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, जम्मू कश्मीर आदि तक से भक्तजन धन और आभूषणों के साथ मंदिर में माता महालक्ष्मी का श्रृंगार करने पहुंचते हैं।

तस्वीर में मंदिर की भव्यता की झलक, हर कोना नोट और आभूषणों से भरा पड़ा है, जो कुबेर के खजाने सा प्रतित हो रहा है।

श्रद्धालु अपने घरों की तिजोरी से नकदी और गहने लेकर मंदिर में सजावट के लिए जमा कराते हैं। यहां तक कि कई भक्त तो 5 लाख रुपये तक नकद भी श्रद्धापूर्वक रखते हैं। इन नोटों से मंदिर के लिए विशेष वंदनवार बनाए जाते हैं, जिससे पूरा गर्भगृह कुबेर के खजाने जैसा दिखाई देने लगता है।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
मंदिर में इतने विशाल खजाने की सुरक्षा के लिए 4 गार्ड और सीसीटीवी कैमरे तैनात हैं। साथ ही, मंदिर के निकट स्थित माणक चौक पुलिस थाना 24 घंटे मंदिर की सुरक्षा में मुस्तैद रहता है। भक्तजनों की संपत्ति की पवित्रता बनाए रखने के लिए मंदिर प्रशासन हर प्रकार का एहतियात बरतता है। जितने विश्वास से भक्त यहां सजावट के लिए धन व आभूषण अर्पित करते है, उतने ही विश्वास से लेने भी आते है। हैरानी की बात है की आज तक कभी किसी के धन वापसी करते समय कोई विघ्न नहीं आया है।

श्रद्धालुओं के नोट और आभूषण सुरक्षित, रजिस्टर में एंट्री के साथ टोकन
मंदिर प्रशासन भक्तों की संपदा की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रबंध करता है। प्रत्येक भक्त के नोट और आभूषणों का नाम, पता और मोबाइल नंबर एक रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। इसके साथ ही, भक्त का पासपोर्ट आकार का फोटो भी लगाया जाता है और टोकन देकर यह संपत्ति उन्हें बाद में सुरक्षित रूप से लौटाई जाती है। यह व्यवस्था इतनी पुख्ता है कि आज तक किसी भी भक्त की संपदा में कोई हेरफेर नहीं हुआ है।

सजावट के लिए नोटों की लड़ियां तैयार करते कारीगर

दीपावली के बाद प्रसाद में लौटाए जाएंगे गहने और नकदी
सबसे विशेष और रहस्यमय पहलू यह है कि दीपावली का पर्व समाप्त होते ही भाई दूज के दिन भक्तों को उनका धन और गहने “प्रसाद” के रूप में लौटा दिए जाते हैं। मान्यता है कि जिनके धन से महालक्ष्मी का श्रृंगार होता है, उनके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

दो शताब्दियों पुरानी परंपरा
मंदिर के कुलदीप त्रिवेदी के अनुसार लगभग 200 वर्ष पहले राजा रतन सिंह ने अपने राज्य की समृद्धि और प्रजा की खुशहाली के लिए यह परंपरा शुरू की थी। उन्होंने अपनी संपदा पांच दिनों तक देवी महालक्ष्मी के चरणों में अर्पित करने का संकल्प लिया, जो आज तक निभाया जा रहा है। इसी क्रम में इस मंदिर में महालक्ष्मी के आठ स्वरूपों—अधी लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी, लक्ष्मीनारायण, धन लक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, वीर लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी और ऐश्वर्य लक्ष्मी—की प्रतिमाएं स्थापित हैं।

वास्तविक कुबेर के खजाने जैसा भव्य रूप
दीपावली पर पूरे सप्ताह तक यह मंदिर वैभव और आस्था का अनोखा प्रतीक बन जाता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां दिए गए धन से महालक्ष्मी के आशीर्वाद से उनका घर और जीवन समृद्धि से भर जाता है।

Ratlam News: मंत्री काश्यप ने दीप मिलन समारोह में कहा; रतलाम निवेश क्षेत्र का प्रेजेंटेशन ग्लोबल समिट में रखेंगे

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Ratlam News: सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप (MSME Minister Chetanya Kasyap) ने दीप मिलन समारोह आयोजित किया। जिसमें रतलाम के पत्रकारों को आमंत्रित किया गया। समारोह में पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने बताया की प्रदेश में उद्योगों के विकास के लिए पांच नेशनल कॉन्क्लेव आयोजित किए गए, जिससे औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिला है। इन कॉन्क्लेव के माध्यम से दस हजार उद्यमियों से संवाद स्थापित किया गया और हर विधानसभा क्षेत्र में उद्योगों की संभावनाओं वाले क्षेत्रों की पहचान के लिए जनप्रतिनिधियों को निर्देशित किया गया है।

पत्रकार दीप मिलन समारोह में मंत्री काश्यप ने बताया कि सरकार ने 16 स्थानों पर भूमि चिन्हित कर ली है, जहां सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार नई पीढ़ी के युवा उद्योगपतियों को प्रोत्साहन देने के लिए संकल्पित है।

समारोह में मौजूद पत्रकारगण

रतलाम निवेश क्षेत्र का ग्लोबल समिट में प्रेजेंटेशन
मंत्री काश्यप ने रतलाम के विकास कार्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 17 करोड़ के पहले टेंडर के बाद अब 320 करोड़ का दूसरा टेंडर जारी किया गया है, जिसमें पानी, बिजली, और सड़कों की व्यवस्था की जाएगी। निवेश क्षेत्र में लगभग 350 से 400 प्लॉट लघु उद्योगों के लिए आवंटित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि फरवरी में भोपाल में होने वाली ग्लोबल समिट में रतलाम के निवेश क्षेत्र का प्रेजेंटेशन दिया जाएगा। 8-लेन एक्सप्रेस-वे के पास होने के कारण इस क्षेत्र में उद्योगों के स्थापित होने की संभावनाएं और अधिक बढ़ गई हैं।

रतलाम में एयरपोर्ट और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास 
मंत्री काश्यप ने यह भी बताया कि रतलाम में एयरपोर्ट के लिए भूमि चिन्हित की जा चुकी है। निवेश क्षेत्र के लिए पानी का प्रबंध कनेरी डेम से किया जाएगा, जिससे औद्योगिक विकास को समर्थन मिलेगा। फार्मा कंपनियों के लिए यहां पर्याप्त अवसर मौजूद हैं। अगले पांच सालों में इस औद्योगिक क्षेत्र के कारण रतलाम में नए अवसरों का विकास होगा, जिससे यह क्षेत्र प्रदेश और देश के औद्योगिक मानचित्र पर अपना स्थान बनाएगा। नगर निगम द्वारा शहर में 50 बीघा भूमि पर एक रिजनल पार्क का निर्माण भी किया जा रहा है।

मीडिया की सकारात्मक भूमिका
समारोह के दौरान मंत्री काश्यप ने रतलाम की मीडिया की सराहना करते हुए कहा कि शहर के विकास में मीडिया की भूमिका हमेशा सकारात्मक रही है, और भविष्य में भी यह योगदान जारी रहने की कामना की।

Western Railway: विरोध के बाद रतलाम रेल मंडल ने अपना आदेश रोका, डेमू रेक और समय नहीं बदला जाएगा

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Western Railway: रतलाम रेल मंडल (Ratlam Railways) द्वारा मेमू रेक से ट्रेनों के संचालन को लेकर जारी किए गए आदेश को फिलहाल होल्ड कर दिया गया है, और अगले आदेश तक मौजूदा ट्रेनें पूर्वानुसार चलती रहेंगी। 28 अक्टूबर 2024 से रतलाम-भीलवाड़ा-रतलाम एक्सप्रेस (Ratlam To Bhilwara Demu Train) को डेमू के स्थान पर मेमू रेक से संचालित करने का आदेश जारी किया गया था। साथ ही कुछ ट्रेनों के आगमन-प्रस्थान के समय और प्लेटफॉर्म में बदलाव भी किए गए थे। मंडल के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा ने बताया की अपरिहार्य कारणों से इस फैसले को रोका गया है। शुक्रवार को जारी आदेश 24 घंटे के भीतर शनिवार को वापस ले लिए गए।

मालवा रेल फेन क्लब के शिवम राजपुरोहित ने आदेश आने के बाद उच्च अधिकारियों को अवगत कराया और विरोध किया। जिसके बाद इस फैसले को वापस ले लिया गया। दरअसल रतलाम मंडल को रेलवे बोर्ड द्वारा एक मेमू रेक आवंटित किया गया था, जिसके बाद अधिकारियों ने रतलाम-भीलवाड़ा-रतलाम और रतलाम-चित्तौड़गढ़-रतलाम डेमू ट्रेनों (Ratlam To Chittaurgadh Train) को क्रमशः 28 और 29 अक्टूबर से मेमू रेक से संचालित करने का नोटिफिकेशन जारी किया था। इस फैसले से आम यात्रियों को असुविधा होने की संभावना थी, क्योंकि महू से भीलवाड़ा और महू से चित्तौड़गढ़ तक यात्रियों को डेमू ट्रेनों में बिना बदलाव यात्रा करने की सुविधा थी। लेकिन नए फैसले के अनुसार, अब यात्रियों को रतलाम में ट्रेन बदलनी पड़ती, जिससे यात्रियों के सफर में कठिनाइयां आ सकती थीं। इसके अलावा, आदिवासी अंचल की लाइफलाइन मानी जाने वाली दाहोद-रतलाम-उज्जैन मेमू ट्रेन के समय में भी बदलाव से यात्रियों को मुश्किल होती।

मेमू रेक को नहीं जाने देना चाहते थे!
क्लब के शिवम राजपुरोहित ने बताया की मंडल प्रबंधक का बयान आया की रतलाम मंडल को केवल एक मेमू रेक मिला था, और इसे हाथ से जाने नहीं देना चाहते थे, इसलिए यह निर्णय लिया गया। इस निर्णय पर मालवा रेल फेन क्लब ने सवाल उठाते हुए सुझाव दिया कि मेमू रेक (Memu Train) का उपयोग उज्जैन-चित्तौड़गढ़-उज्जैन एक्सप्रेस में फतेहाबाद के रास्ते किया जा सकता था ताकि यह रेक रतलाम मंडल के अधीन ही रहता। उन्होंने महू-भीलवाड़ा और महू-चित्तौड़गढ़ डेमू गाड़ियों (Demu Train) को यथावत बनाए रखने की मांग की, जिससे आम यात्रियों को बिना किसी बदलाव के यात्रा जारी रखने का विकल्प मिलता। इस आदेश का विरोध किया गया, जिसके परिणामस्वरूप अब इस आदेश को रद्द कर दिया गया है।

Jammu & Kashmir Terror Attack: गगनगीर में श्रमिकों पर कायराना हमला, पांच की मौत, चार घायल, पूरे देश में उबाल

श्रीनगर – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Jammu & Kashmir Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित गगनगीर, सोनमर्ग में रविवार को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। ज़ेडमोढ़ सुरंग परियोजना में काम कर रहे श्रमिकों पर हुए इस हमले में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान (SKIMS) में भर्ती कराया गया है। पुलिस और सेना ने पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

मृतकों में डॉक्टर और इंजीनियर भी शामिल
इस हमले में जान गंवाने वालों में मध्य प्रदेश के मैकेनिकल इंजीनियर अमित शुक्ला, बिहार के मोहम्मद हनीफ, कलीम और फहीम नासिर, और जम्मू के शशि अब्रॉल शामिल हैं। बताया जा रहा है कि हमलावरों ने निर्माणाधीन सुरंग के पास श्रमिकों के आवास शिविर पर हमला किया। इस हमले में कई लोग घायल हुए, जिनमें से दो की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया।

केंद्र और राज्य सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया
इस कायराना हमले पर देशभर में आक्रोश व्याप्त है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे “घृणित और कायरतापूर्ण कृत्य” करार दिया। उन्होंने कहा, “इस हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें हमारे सुरक्षा बलों से कठोरतम जवाब मिलेगा।” शाह ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस हमले पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा, “मैं प्रार्थना करता हूं कि सभी घायल जल्द स्वस्थ हों।” उन्होंने इस प्रकार की घटनाओं को शांति और विकास के खिलाफ साजिश करार दिया।

आतंकी हमले से देश में उबाल
स हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश है। सुरक्षा एजेंसियों ने भी आतंकियों की धरपकड़ के लिए अभियान तेज कर दिया है। बताया जा रहा है कि यह इलाका ज़ेडमोढ़ सुरंग और राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जहां बड़ी संख्या में श्रमिक काम कर रहे हैं।

देशभर से आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांगें उठ रही हैं। जनता और सुरक्षा बल इस हमले को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं, और सरकार से सख्त कदम उठाने की अपील कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इस हमले से पहले सुरक्षा एजेंसियों को त्योहारों के दौरान कश्मीर में संभावित आतंकी हमलों की खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद इलाके में अलर्ट जारी किया गया था।

MP News: दीपावली से पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव का बड़ा फैसला, शासकीय कर्मचारियों को दिया ये तोहफा

भोपाल – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। MP News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीपावली के मद्देनजर प्रदेश के सभी शासकीय सेवकों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अक्टूबर माह का वेतन 28 अक्टूबर तक आहरित कर लिया जाए, ताकि सभी शासकीय कर्मचारियों को दीपावली से पहले वेतन मिल सके। यह कदम शासकीय सेवकों के त्यौहार को और भी आनंददायक बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोशल मीडिया पर संदेश जारी कर सभी शासकीय कर्मचारियों को दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा, “त्यौहार से पूर्व वेतन प्राप्त होने से सभी कर्मचारियों का दीपोत्सव और भी विशेष हो जाएगा। दीपावली परिवार और प्रियजनों के साथ मिलकर मनाने का पर्व है, और वेतन समय पर मिलना इसे और खुशहाल बनाएगा।” सरकार के इस फैसले से प्रदेश के हजारों कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है, क्योंकि दीपावली के खर्चों के लिए समय पर वेतन मिलना उनके लिए बेहद सहूलियत भरा रहेगा।

Lady Of Justice: सुप्रीम कोर्ट में ‘न्याय की देवी’ की प्रतिमा में बड़ा बदलाव, आंखों से पट्टी और हाथ से तलवार हटाई

नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता
न्यूज़ डेस्क। Lady Of Justice: सुप्रीम कोर्ट में ‘न्याय की देवी’ की प्रतिमा में बड़ा बदलाव किया गया है। इस बदलाव के तहत अब प्रतिमा की आंखों से पट्टी हटा दी गई है और हाथ में तलवार की जगह संविधान की प्रति दी गई है। इस नई प्रतिमा को सुप्रीम कोर्ट के परिसर में पिछले साल स्थापित किया गया था, लेकिन हाल ही में इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसने जनता और कानूनी विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बना दिया है। (Supreme Court Of India)

पारंपरिक रूप से, ‘न्याय की देवी’ को आंखों पर पट्टी और हाथ में तलवार के साथ दिखाया जाता है, जो न्याय की निष्पक्षता और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। लेकिन इस नई प्रतिमा में आंखों से पट्टी हटाकर न्याय की प्रक्रिया में पारदर्शिता और संविधान को सर्वोच्चता दी गई है। इस बदलाव को न्यायिक व्यवस्था के आधुनिक दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है, जहां कानून और संविधान को सर्वोपरि माना गया है।

प्रतिमा के इस नए रूप को लेकर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे न्याय की नई व्याख्या के रूप में देख रहे हैं, जहां कानून और संविधान की अहमियत को प्रमुखता दी गई है, वहीं कुछ पारंपरिक दृष्टिकोण के समर्थक इस बदलाव पर सवाल उठा रहे हैं।

When to celebrate Diwali?: देशभर में इस दिन मनेगी 2024 की दिवाली, जयपुर की धर्मसभा में हुआ निर्णय

धर्मसभा में 100 से अधिक विद्वान, ज्योतिषाचार्य और धर्माचार्य उपस्थित हुए, गहन विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि दीपावली (Diwali 2024) का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को मनाने का निर्णय

जयपुर – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। कब मनाएं दिवाली?: दीपावली पर्व की तिथि को लेकर देशभर में जारी असमंजस के बीच, 15 अक्टूबर 2024 को जयपुर स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के नवीन सभागार में अखिल भारतीय विद्वत परिषद द्वारा एक महत्वपूर्ण धर्मसभा का आयोजन किया गया। धर्मसभा में 100 से अधिक विद्वान, ज्योतिषाचार्य और धर्माचार्य उपस्थित हुए। प्रमुख ज्योतिषाचार्य प्रो. रामपाल शास्त्री की अध्यक्षता में हुई इस धर्मसभा में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस वर्ष दीपावली (When to celebrate Diwali?) का महापर्व 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार को ही मनाया जाएगा। धर्मसभा के अनुसार, यह तिथि शास्त्रसम्मत है और इसी दिन लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) का सही समय है।

धर्मसभा का निर्णय: 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी दीपावली
धर्मसभा में विद्वानों ने विभिन्न पंचांगों, ज्योतिषीय गणनाओं और शास्त्रीय प्रमाणों का सूक्ष्म अध्ययन किया। गहन विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को ही मनाना शास्त्रों के अनुसार उचित और शुभ है। इस दिन प्रदोषकाल में व्यापिनी कार्तिकी अमावस्या का समय रहेगा, जो लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे शुभ मानी जाती है।

धर्मसभा के संयोजक प्रो. मोहनलाल शर्मा ने बताया कि विद्वानों ने पंचांगों की गणनाओं और सूर्य सिद्धांत के आधार पर इस निर्णय को अंतिम रूप दिया। उन्होंने कहा, “31 अक्टूबर की रात को पूरी अमावस्या व्यापिनी रहेगी, और शास्त्रों के अनुसार कर्मकाल में तिथि की प्राप्ति आवश्यक होती है। इस कारण 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जानी चाहिए।”

शास्त्रों का समर्थन: प्रदोषकाल में लक्ष्मी पूजन का महत्व
धर्मशास्त्रों के अनुसार, प्रदोषकाल में लक्ष्मी पूजन को अत्यधिक शुभ और फलदायी माना जाता है। धर्मसभा में इस बात पर जोर दिया गया कि 31 अक्टूबर को प्रदोषकाल के समय व्यापिनी अमावस्या रहेगी, और उसी समय लक्ष्मी पूजन करना शास्त्रों के अनुसार सबसे उचित होगा। धर्मसभा के अध्यक्ष प्रो. रामपाल शास्त्री ने कहा, “दीपावली का पर्व तब तक सही नहीं माना जा सकता जब तक कि वह प्रदोषकाल में व्यापिनी अमावस्या के समय न हो।”

विरोध के स्वर: 1 नवंबर को भी दिवाली के पक्ष में विद्वानों की राय
हालांकि धर्मसभा में 31 अक्टूबर की तिथि को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया, कुछ विद्वानों ने इसका विरोध भी जताया। जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शास्त्री कोसलेंद्रदास सहित अन्य विद्वानों ने तर्क दिया कि 1 नवंबर को सूर्योदय और सूर्यास्त के बाद अमावस्या रहेगी, जो लक्ष्मी पूजन के लिए अधिक शुभ मानी जाती है।

शास्त्री कोसलेंद्रदास ने कहा, “शास्त्रों में यह स्पष्ट उल्लेख है कि जब दो दिन अमावस्या का योग हो, तो दूसरे दिन अमावस्या को पर्व मनाना चाहिए। इस वर्ष 1 नवंबर को भी अमावस्या सूर्योदय के बाद तक बनी रहेगी, इसलिए 1 नवंबर को दीपावली का पर्व मनाना शास्त्रसम्मत होगा।”

ज्योतिषाचार्य पंडित दिनेश शर्मा ने भी इसी प्रकार का तर्क देते हुए कहा, “दो दिन अमावस्या होने पर शास्त्रों के अनुसार उत्तर वाली अमावस्या (दूसरे दिन) को लक्ष्मी पूजन करना सही होता है। 1 नवंबर को स्वाति नक्षत्र का भी संयोग रहेगा, जिससे लक्ष्मी पूजन का महत्व और बढ़ जाएगा।”

देशभर में विविधता: अलग-अलग राज्यों में अलग तिथियों पर दीपावली
दीपावली पर्व को लेकर देशभर में अलग-अलग पंचांगों के आधार पर विभिन्न तिथियों का निर्धारण किया गया है। अयोध्या के राममंदिर में 1 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी, जबकि काशी में सौर पंचांग सिद्धांत के अनुसार 31 अक्टूबर को ही पर्व मनाने का निर्णय लिया गया है।

दिल्ली के कुछ पंचांगकर्ता 1 नवंबर को दीपावली मानने के पक्ष में हैं, वहीं राजस्थान के जयविनोदी पंचांग और सर्वेश्वर जयादित्य पंचांग के अनुसार 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी। जयपुर के प्रसिद्ध गोविंद देव जी मंदिर में भी 31 अक्टूबर को ही लक्ष्मी पूजन होगा।

धर्मसभा का उद्देश्य: एकरूपता और धार्मिक अनुशासन की स्थापना
धर्मसभा के निर्णय का उद्देश्य पूरे देश में दीपावली की तिथि को लेकर चल रहे भ्रम को समाप्त करना और सनातन धर्म के अनुयायियों के बीच धार्मिक अनुशासन और एकरूपता को बढ़ावा देना है। धर्मसभा के विद्वानों ने कहा कि शास्त्रों के आधार पर 31 अक्टूबर को दीपावली मनाना सर्वश्रेष्ठ और शुभ है। धर्मसभा का निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि सनातन धर्म के अनुयायी सही समय पर दीपावली का महापर्व मना सकें।

RSS पथ संचलन: महाराष्ट्र में RSS के जुलूस को मुस्लिम भीड़ द्वारा रोकने की कोशिश, तनाव के बाद पुलिस ने दर्ज की FIR

मुंबई – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क।RSS पथ संचलन: दशहरा से एक दिन पहले महाराष्ट्र के रत्नागिरी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के जुलूस यानी पथ संचलन के दौरान तनाव पैदा हो गया। जानकारी के मुताबिक जुलूस के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पथ संचलन को रोकने का प्रयास किया।वहीं कथित तौर पर नारेबाजी की। इससे इलाके का माहौल तनावपूर्ण हो गया। रत्नागिरी के एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक शुक्रवार रात को कोंकण नगर इलाके में यह घटना हुई। इसके बाद पुलिस ने दो मामले दर्ज किए हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में कणकवली से विधायक और बीजेपी नेता नितेश राणे ने एक तथाकथित वीडियो शेयर किया है, जिसमें कुछ लोगों को नारेबाजी करते हुए देखा गया था। घटना को लेकर नितेश ने वीडियो के साथ लिखा- ‘इसका हिसाब तो होगा… इंटरेस्ट के साथ’!

रत्नागिरी में शुक्रवार शाम निकला था RSS का मार्च
रत्नागिरी में शुक्रवार शाम को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता कदम ताल करते हुए घोष के साथ मार्च कर रहे थे। संघ कार्यकर्ता कतार लगाकर चल रहे थे। इसी बीच कुछ अराजक तत्वों का झुंड इस मार्च को बाधित करने की कोशिश करते हुए दिखाई दिया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी उन लोगों को रोककर खड़े हुए थे, ताकि आरएसएस का मार्च निकल सके।
वीडियो में देखा गया कि संघ कार्यकर्ताओं के आते ही वहां मौजूद अराजक तत्व नारेबाजी करने लगे। उन लोगों ने धार्मिक नारे लगाए। काफी देर तक ये लोग संघ कार्यकर्ताओं के मार्च के बीच नारेबाजी करते रहे। पुलिस वहां मोर्चा संभालकर डटी हुई थी और संघ का मार्च वहां से धीरे-धीरे आगे निकल गया था। फिलहाल पुलिस ने बताया कि जब दशहरा उत्सव की पूर्व संध्या पर आरएसएस ने इलाके में पथ संचलन किया तो अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले नारे लगाए। हालांकि कोई हिंसा नहीं हुई। मगर रात को लोगों की भीड़ थाने में जुट गई। लोगों ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। अधिकारी ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं
पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमने शिकायतों के आधार पर दो मामले दर्ज किए हैं। पांच आरोपियों की पहचान कर ली गई है। उन्हें नोटिस जारी कर दिए हैं। अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

भागवत ने विजयादशमी पर क्या कहा?
नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने हिंदुओं से एक होने की अपील की। भागवत ने बांग्लादेश का उदाहरण दिया और कहा कि पहली बार हिंदू एकजुट हुए और अपनी रक्षा के लिए सड़कों पर उतरे। उन्होंने कहा कि जब तक अत्याचार करने की कट्टरपंथी प्रकृति बनी रहेगी तब तक न केवल हिंदू बल्कि सभी अल्पसंख्यक खतरे में रहेंगे।

कमजोरी कोई विकल्प नहीं
संघ प्रमुख ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा की निंदा की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, वह भारत के हिंदुओं के लिए भी सीख है। हमारे पड़ोसी बांग्लादेश में जो कुछ हुआ? इसके कुछ तात्कालिक कारण हो सकते हैं और जो लोग चिंतित हैं, वे इस पर चर्चा करेंगे। मगर मूल मुद्दा हिंदुओं के खिलाफ बार-बार हो रहा अत्याचार है।

भागवत ने आगे कहा कि अगर हम कमजोर हैं तो हम अत्याचार को आमंत्रित कर रहे हैं। हम जहां भी हैं, हमें एकजुट और सशक्त होने की जरूरत है। कमजोरी कोई विकल्प नहीं है।

बांग्लादेश पर भड़के भागवत
भागवत ने कहा कि बांग्लादेश में ऐसी चर्चाएं चल रही हैं कि उन्हें पाकिस्तान का साथ देना चाहिए क्योंकि उसके पास परमाणु शक्ति है और उन्हें भारत से खतरा है। उन्होंने कहा कि जिस देश को उसके निर्माण में पूरा समर्थन मिला, वह अब भारत के खिलाफ इस तरह के बयान को बढ़ावा दे रहा है।

India vs Bangladesh Highlights, 1st T20I: भारत ने बांग्लादेश को सात विकेट से हराकर 1-0 की बढ़त बनाई; हार्दिक, वरुण, अर्शदीप चमके

ग्वालियर – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। India vs Bangladesh Highlights, 1st T20I: भारत और बांग्लादेश के बीच तीन मैचों की टी20 सीरीज के पहले मुकाबले में भारत ने बांग्लादेश को 7 विकेट से शिकस्त दी। यह जीत भारत के युवा खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन और टीम के सामूहिक प्रयास का परिणाम थी। गेंदबाजों ने जहां बांग्लादेश को 127 रनों पर सीमित कर दिया, वहीं भारतीय बल्लेबाजों ने 12वें ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लिया, जो इस मैच की एकतरफा स्थिति को दर्शाता है।

6 अक्टूबर, 2024 को खेले गए पहले टी20 मैच में भारत ने बांग्लादेश को 7 विकेट से हरा दिया। यह मुकाबला ग्वालियर के न्यू माधवराव सिंधिया क्रिकेट स्टेडियम में हुआ, जहां भारतीय टीम ने बांग्लादेश को पूरी तरह दबाव में रखते हुए शानदार प्रदर्शन किया।

गेंदबाजों का जलवा
भारत की जीत में सबसे बड़ा योगदान उसके गेंदबाजों का रहा। पहले बल्लेबाजी करने उतरी बांग्लादेश की टीम 127 रनों पर सिमट गई। तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने 3 विकेट लेकर बांग्लादेश के शीर्ष क्रम को झकझोर दिया, जिसमें लिटन दास और परवेज होसैन इमोन जैसे मुख्य बल्लेबाज शामिल थे। अर्शदीप ने पिच से मिल रही स्विंग का भरपूर फायदा उठाया और अपनी बॉलिंग से बांग्लादेश को शुरुआती झटके दिए।

इसके अलावा, तीन साल बाद भारतीय टीम में लौटे वरुण चक्रवर्ती ने भी 3 विकेट झटके और मध्यक्रम को तहस-नहस कर दिया। अपने डेब्यू मैच में तेज गेंदबाज मयंक यादव ने भी शानदार गेंदबाजी करते हुए एक विकेट लिया और अपने करियर की शुरुआत एक मेडन ओवर से की, जो बेहद प्रभावशाली रहा।

बल्लेबाजों का दमदार प्रदर्शन
128 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत संतुलित रही। हालांकि, असली चमक देखने को मिली मध्यक्रम में जब कप्तान सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav), संजू सैमसन और हार्दिक पंड्या ने आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी की। सूर्यकुमार यादव ने तेज़ गति से रन बटोरते हुए 29 रन बनाए, जबकि संजू सैमसन ने भी 29 रनों का महत्वपूर्ण योगदान दिया।

मैच का असली मोमेंट तब आया जब हार्दिक पंड्या ने 16 गेंदों में ताबड़तोड़ 39 रन ठोक दिए और भारत को 49 गेंद शेष रहते हुए जीत दिलाई। उनके साथ डेब्यू कर रहे नितीश कुमार रेड्डी ने भी 16 रन बनाकर महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई, और दोनों ने मिलकर भारत को आराम से जीत की ओर अग्रसर किया।

भारत का मजबूत आगाज
यह जीत भारतीय टीम के आत्मविश्वास को बढ़ाने वाली है, खासकर पहले टी20 मैच में। गेंदबाजों ने जहां बांग्लादेश की बल्लेबाजी को रोक दिया, वहीं बल्लेबाजों ने तेजी से लक्ष्य हासिल कर लिया। हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) और अर्शदीप सिंह (Arshdeep Singh) के  प्रदर्शन ने यह साफ किया कि टीम के पास प्रतिभा और संतुलन दोनों मौजूद हैं।

इस शानदार जीत के बाद भारत अब अगला मैच 9 अक्टूबर को दिल्ली में खेलेगा, जहां टीम की कोशिश सीरीज को सील करने की होगी।

खिलाड़ियों की मुख्य प्रदर्शन
– अर्शदीप सिंह: 3/14 (3.5 ओवर)
– वरुण चक्रवर्ती: 3/31 (4 ओवर)
– हार्दिक पंड्या: 39* (16 गेंद)
– सूर्यकुमार यादव: 29 (17 गेंद)

इस जीत ने यह साफ कर दिया है कि भारत की युवा टीम न केवल मजबूत है, बल्कि आने वाले मैचों में और भी बेहतर प्रदर्शन की क्षमता रखती है।

India vs Pakistan Highlights Women’s T20 World Cup 2024: भारत ने पाकिस्तान को 6 विकेट से रौंदा, पहली जीत के बाद आगे कितनी मुश्किलें!

नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। India vs Pakistan Highlights Women’s T20 World Cup 2024: आईसीसी महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने अपनी पहली जीत दर्ज कर ली है। दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 6 विकेट से मात दी। इस जीत के साथ ही भारत ने टूर्नामेंट में अपनी स्थिति मजबूत करने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया है। इससे पहले भारतीय टीम को अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड से 58 रनों की करारी हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ यह जीत आत्मविश्वास को बढ़ाने वाली साबित हुई है।

पाकिस्तान का संघर्ष और अरुंधति की घातक गेंदबाजी
पाकिस्तान की बल्लेबाजी शुरुआत से ही दबाव में रही। तेज गेंदबाज रेणुका ठाकुर ने पहले ही ओवर में गुल फिरोजा को शून्य पर बोल्ड कर भारत को शुरुआती बढ़त दिलाई। इसके बाद पाकिस्तानी बल्लेबाज लगातार संघर्ष करते नजर आए। सिदरा अमीन (8 रन) और ओमैमा सोहेल (3 रन) भी जल्दी पवेलियन लौट गईं।

पाकिस्तान की प्रमुख बल्लेबाज मुनीबा अली (17 रन) ने पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन उन्हें भी श्रेयंका पाटिल ने पवेलियन भेज दिया। अरुंधति रेड्डी की शानदार गेंदबाजी ने पाकिस्तान को और भी मुश्किल में डाल दिया। उन्होंने तीन महत्वपूर्ण विकेट लिए, जिनमें आलिया रियाज और निदा डार शामिल थीं। निदा डार ने 28 रन बनाकर पाकिस्तान को 100 रनों के पार पहुंचाया, लेकिन उनका प्रयास नाकाफी साबित हुआ।

106 रनों का मामूली लक्ष्य, फिर भी भारतीय बल्लेबाजी में दबाव
पाकिस्तान द्वारा दिया गया 106 रनों का लक्ष्य बड़ा नहीं था, लेकिन भारतीय टीम की शुरुआत थोड़ी नर्वस दिखी। स्मृति मंधाना (7 रन) का जल्दी आउट होना टीम पर दबाव डालने वाला साबित हुआ। हालांकि, इसके बाद शेफाली वर्मा (32 रन) और जेमिमा रोड्रिग्स (23 रन) ने 43 रनों की साझेदारी कर टीम को संभाला। शेफाली ने कुछ बेहतरीन शॉट्स लगाए, लेकिन पाकिस्तान की कप्तान फातिमा सना और ओमैमा सोहेल की फिरकी ने दोनों को आउट कर भारतीय पारी को हिला दिया।

ऋचा घोष का शून्य पर आउट होना भारतीय टीम के लिए एक और बड़ा झटका था, जिससे टीम एक समय दबाव में दिख रही थी। लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर और दीप्ति शर्मा ने सूझबूझ से खेलते हुए मैच को अपने नियंत्रण में रखा। हरमनप्रीत कौर (29 रन) ने टीम को जीत के करीब पहुंचाया, लेकिन अंतिम क्षणों में चोटिल होने के कारण उन्हें रिटायर्ड हर्ट होना पड़ा। इसके बाद दीप्ति शर्मा (7 रन) और सजना सजीवन (4 रन) ने मैच को खत्म किया।

जीत के बावजूद भारतीय टीम की चुनौतियां
हालांकि भारत ने यह मुकाबला जीत लिया, लेकिन टीम के प्रदर्शन में कुछ कमजोरियां भी नजर आईं। बल्लेबाजी क्रम में निरंतरता का अभाव दिखा, खासकर शीर्ष क्रम की अस्थिरता और मिडिल ऑर्डर के जल्दी आउट होने से टीम दबाव में आ गई थी। इसके अलावा, पाकिस्तान जैसी अपेक्षाकृत कमजोर टीम के खिलाफ 106 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भी टीम को जीत के लिए संघर्ष करना पड़ा, जो आगामी मैचों में चिंता का विषय हो सकता है।

भारतीय टीम को अपने अगले मुकाबले में 9 अक्टूबर को श्रीलंका का सामना करना है। यह मैच भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि टीम को सेमीफाइनल की दौड़ में बने रहने के लिए हर मैच जीतना जरूरी है। न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली हार के बाद टीम का नेट रनरेट भी नकारात्मक हो चुका है, जिसे सुधारने के लिए भारत को बड़े अंतर से जीत की जरूरत होगी।

पाकिस्तान की सीमित बल्लेबाजी और रणनीतिक कमजोरी
पाकिस्तान की बल्लेबाजी इस मैच में कमजोर कड़ी साबित हुई। शुरुआती झटकों के बाद टीम को एक मजबूत साझेदारी की जरूरत थी, जो किसी भी बल्लेबाज ने नहीं दी। निदा डार का संघर्ष और सैयदा अरूब शाह के साथ आठवें विकेट के लिए 28 रनों की साझेदारी ने टीम को 100 रनों के पार पहुंचाया, लेकिन यह स्कोर कभी भी चुनौतीपूर्ण नहीं लगा।

पाकिस्तान की गेंदबाजी में फातिमा सना और सादिया इकबाल ने अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन लक्ष्य की मामूलीता के कारण वे भारतीय बल्लेबाजों पर अधिक दबाव नहीं बना सकीं। फील्डिंग के दौरान भी कुछ मौके गंवाए गए, जिसने पाकिस्तान की रणनीतिक कमजोरी को उजागर किया।

आगे की राह और टी20 का परिदृश्य
भारत और पाकिस्तान के बीच यह मुकाबला हमेशा खास होता है, और भारत ने अपने शानदार रिकॉर्ड को बनाए रखा है। वूमेन्स टी20 वर्ल्ड कप में दोनों टीमों के बीच अब तक 8 मुकाबले हुए हैं, जिनमें से 6 में भारत ने जीत दर्ज की है। भारतीय टीम के लिए यह जीत आत्मविश्वास बढ़ाने वाली है, लेकिन श्रीलंका के खिलाफ होने वाले अगले मैच में टीम को अपनी बल्लेबाजी में स्थिरता लानी होगी और बड़े स्कोर खड़े करने पर ध्यान देना होगा।

दूसरी ओर, पाकिस्तान को भी अपने बचे हुए मैचों में अच्छा प्रदर्शन करना होगा, क्योंकि टूर्नामेंट में बने रहने के लिए उन्हें अब हर मैच जीतना जरूरी है। भारत की यह जीत टूर्नामेंट में बने रहने के लिए अहम थी, लेकिन टीम को अपनी कमजोरियों पर काम करने की जरूरत है। गेंदबाजी में अरुंधति रेड्डी और श्रेयंका पाटिल की शानदार परफॉर्मेंस ने उम्मीदें जगाई हैं, लेकिन बल्लेबाजी में सुधार की गुंजाइश है।