MP News: रतलाम में 3 किमी लंबा जनसैलाब; बांग्लादेश में हिंदू व अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ फूटा जन आक्रोश

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रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। MP News: बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध और ईसाई अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में रतलाम जिले के सकल हिंदू समाज ने विशाल आक्रोश रैली का आयोजन किया। यह रैली कालिका माता मंदिर प्रांगण से शुरू होकर कलेक्टर कार्यालय पहुंची, जहां राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया।  करीब 3 किमी लंबा मार्ग लोगों की भीड़ से पटा रहा।

रैली का शुभारंभ संतों के आशीर्वाद और माँ कालिका की पूजा-अर्चना के साथ हुआ। इस दौरान हजारों लोगों ने एक स्वर में बांग्लादेश में हिंदू व अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की निंदा की। रतलाम के इस विशाल जनसैलाब ने यह संदेश दिया कि हिंदू समाज, विश्वभर में कहीं भी हो रहे अत्याचारों के खिलाफ चुप नहीं रहेगा और न्याय के लिए हर संभव प्रयास करेगा। ज्ञापन का वाचन मनोज सगरवंशी ने किया, जबकि वरिष्ठजन राजेश कटारिया, सतीश त्रिपाठी, ममता भंडारी, अनुज छाजेड़ सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों के नेतृत्व में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
इस रैली ने न केवल बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के प्रति हो रहे अत्याचारों की कड़ी निंदा की, बल्कि सभी हिंदू, बौद्ध और ईसाई समाज से एकजुट होकर विरोध दर्ज कराने का आह्वान किया। रैली का संचालन गायत्री परिवार के विकास शैवाल ने किया, जबकि अंत में समस्त हिंदू समाज ने आभार व्यक्त किया।

आक्रोश का कारण
बांग्लादेश (voilence in bangladesh) में हाल ही में हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों पर हमले, धार्मिक स्थलों पर तोड़फोड़, महिलाओं का जबरन धर्मांतरण, और हत्या जैसे गंभीर अपराधों की घटनाएं सामने आई हैं।
हाल की प्रमुख घटनाएं:
• 27 नवंबर, मैमनसिंह: हिंदू दुकानदार पर हमला और दुकान लूट।
• 26 नवंबर, सिराजगंज: लोकनाथ मंदिर पर पेट्रोल बम फेंककर हमला।
• 25 नवंबर, ढाका: इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास जी की झूठे आरोपों में गिरफ्तारी।
• 24 नवंबर, बगेरहाट: हिंदू लड़की का जबरन धर्मांतरण और आतंकी संगठन में शामिल किया जाना।
इन घटनाओं ने बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदायों को भय और असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर कर दिया है।

ये बोले मंचासीन
आक्रोश रैली के संयोजक राजेश कटारिया ने कहा, “बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा हैं। भारतीय समाज, विशेष रूप से हिंदू समाज, इन पीड़ितों के साथ खड़ा है।”
सीए सोनाली जैन ने कहा, “मानवता को झकझोर देने वाली इन घटनाओं के खिलाफ हर भारतीय को खड़ा होना होगा।”
संस्कार ऋषि पं. दिनेश व्यास नीलकंठधाम घटवास ने भारतीय संस्कृति के “वसुधैव कुटुंबकम” सिद्धांत का उल्लेख करते हुए एकता और संगठन का संदेश दिया।
पूर्व सैनिक कैलाश निनामा ने कहा, “संगठन में ही शक्ति है। हमें एकजुट होकर इन षड्यंत्रों का विरोध करना होगा।”
रैली में दंडी स्वामी अत्यानंद सरस्वती, स्वामी देव स्वरूप महाराज, स्वामी आनंद गिरि महाराज सहित अन्य धर्मगुरुओं और संतों ने मंच से जनता को संबोधित कर आशीर्वाद दिया।

   ज्ञापन में की गई प्रमुख मांगे
• भारत सरकार, बांग्लादेश पर दबाव डाले कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
• संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से बांग्लादेश सरकार को जवाबदेह ठहराया जाए।
• हिंसा की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।

बंद रहे प्रतिष्ठान
रैली को लेकर शहर में सुबह से उत्साह था। सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार तेजी से हुआ। सराफा बाजार ने पूरी तर व्यापार-व्यवसाय बंद रखा। युवाओं की टोलियां शहर में घूम रैली में शामिल होने के लिए जय श्री राम के उद्घोष के साथ आमंत्रण दे रही थी। एक बजे से लोगों का कालिका माता मंदिर आना शुरू हुआ। यहां से शाम 4 बजे रैली प्रारंभ हुई। रैली में शहर के सभी सामाजिक संगठन, व्यापारी वर्ग, बार एसोसिएशन, हिंदू संगठन, किन्नर समाज समेत सर्व हिंदू समाज हजारों की संख्या में शामिल हुआ।

कालिका माता मंदिर परिसर पर कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप, पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी, रतलाम ग्रामीण विधायक मथुरालाल डामर, आलोट विधायक चिंतामण मालवीय, पूर्व विधायक दिलीप मकवाना, रतलाम भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय समेत आदि शामिल हुए। भीड़ को देखते हुए कालिका माता मंदिर झाली तालाब के पास एलईडी भी लगाई गई। सर्व समाज द्वारा रैली में शामिल लोगों के लिए चाय व पानी की भी व्यवस्था की गई थी।

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