Ratlam News: “रतलाम निगम के बजट में करोड़ों का गोलमाल? पारस सकलेचा की शिकायत पर नगरीय प्रशासन विभाग ने दिए जांच के आदेश”

रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: नगर निगम रतलाम के 2025-26 बजट और बाजार बैठक वसूली प्रस्ताव को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व विधायक पारस सकलेचा की गंभीर शिकायत के बाद नगरीय प्रशासन विभाग, भोपाल ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। शिकायत में करोड़ों रुपए के वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है।

पारस सकलेचा ने अपनी शिकायत में कहा कि नगर निगम द्वारा 29 मार्च 2025 को पारित बाजार बैठक वसूली का प्रस्ताव नगर निगम अधिनियम की धाराओं के विपरीत रखा और पारित किया गया। इसके साथ ही 25 मार्च को पेश किए गए बजट में 104 मदों के आंकड़ों में हेरफेर कर करोड़ों रुपये का गोलमाल किया गया।

इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस भी आक्रामक हो गई है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र कटारिया और निगम में नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कांग्रेस ने 29 मार्च को नगर निगम कार्यालय के बाहर सब्जी विक्रेताओं, ठेला-गुमटी व्यवसायियों और हजारों कार्यकर्ताओं के साथ बड़ा प्रदर्शन किया था। कांग्रेस पार्षदों ने सम्मेलन में आधे घंटे तक धरना देकर प्रस्ताव का विरोध किया और फिर बहिर्गमन कर दिया।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, बाजार बैठक की कोई भी वसूली वैधानिक नहीं मानी जा सकती। व्यवसायियों से आग्रह किया गया है कि यदि कोई उन पर वसूली का दबाव डाले तो वे इसकी शिकायत कांग्रेस से करें।

उन्होंने यह भी बताया कि 4 अप्रैल को कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर बाजार बैठक वसूली प्रस्ताव को निरस्त करने और बजट में की गई गड़बड़ियों को सुधारकर नया बजट प्रस्तुत करने की मांग की थी। उनका कहना है कि यह सारा खर्च जनता के साथ धोखा और राज्य धन का दुरुपयोग है।

अब नगरीय प्रशासन विभाग की जांच से यह साफ हो सकेगा कि क्या वास्तव में नगर निगम में करोड़ों का घोटाला हुआ है या नहीं। फिलहाल, रतलाम नगर निगम एक बार फिर से विवादों के घेरे में आ गया है।

Ratlam News:  रतलाम शहर मानसून से पहले संकट में — सीमा टाक ने उठाए नगर निगम की अधोसंरचना पर सवाल

रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क| Ratlam News: मानसून की दस्तक से पहले रतलाम शहर की जर्जर अधोसंरचना एक बार फिर चिंता का विषय बन गई है। समाजसेवी और पूर्व पार्षद श्रीमती सीमा टाक ने नगर निगम की तैयारियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने महापौर और नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर त्वरित कार्यवाही की मांग की है।

सीमा टाक ने कहा कि बारिश के पहले हर साल जलजमाव, सीवर ओवरफ्लो, टूटी सड़कें और अव्यवस्थित यातायात जैसी समस्याएं सामने आती हैं, लेकिन नगर निगम की कार्यप्रणाली में कोई ठोस सुधार नहीं दिखता।

सीवर लाइन योजना का मूल उद्देश्य भुला दिया गया

सीमा टाक ने पत्र में उल्लेख किया कि नगर में वर्षाजल और गंदे पानी की निकासी के लिए पृथक व्यवस्था होनी चाहिए थी, लेकिन सीवर लाइन योजना के क्रियान्वयन में यह मूल सिद्धांत पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया। नतीजा यह है कि—

“वर्षाजल सीधे सीवर लाइन में जा रहा है, जिससे सीवेज ओवरफ्लो हो रहा है और गंदा पानी सड़कों व घरों में भर रहा है।”

 ये लापरवाहियां कर रहीं आमजन को परेशान:

  • नालियों की समय पर सफाई नहीं होती
  • सीवर लाइनें जाम पड़ी हैं
  • जलापूर्ति पाइप लाइनों में लीकेज
  • यातायात व्यवस्था बदहाल
  • सड़कों पर गड्ढे और मलबा, हादसों की वजह

 मानसून पूर्व ठोस कदमों की मांग

सीमा टाक ने नगर निगम को कुछ जरूरी सुझाव दिए हैं:

  • नालों व नालियों की तत्काल सफाई हो
  • सीवेज पाइपलाइन की जाँच और सफाई कराई जाए
  • जलभराव वाले क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाया जाए
  • आपदा बचाव बल (NDRF/SDRF जैसी टीम) गठित कर प्रत्येक जोनल कार्यालय में तैनात की जाए
  • बचाव टीमों और आपदा नियंत्रण केंद्रों के संपर्क नंबर सार्वजनिक रूप से प्रचारित किए जाएं

‘दो साल बेमिसाल’ या ‘दो साल बेहाल’?

सीमा टाक ने नगर निगम की ‘दो साल बेमिसाल’ अभियान पर भी सवाल उठाए और तंज कसते हुए कहा:

“अगर यही ‘बेमिसाल’ विकास है, तो फिर स्वच्छता रैंकिंग और बुनियादी सुविधाओं में गिरावट क्यों देखी जा रही है?”