Jammu & Kashmir Terror Attack: गगनगीर में श्रमिकों पर कायराना हमला, पांच की मौत, चार घायल, पूरे देश में उबाल

श्रीनगर – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Jammu & Kashmir Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित गगनगीर, सोनमर्ग में रविवार को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। ज़ेडमोढ़ सुरंग परियोजना में काम कर रहे श्रमिकों पर हुए इस हमले में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान (SKIMS) में भर्ती कराया गया है। पुलिस और सेना ने पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

मृतकों में डॉक्टर और इंजीनियर भी शामिल
इस हमले में जान गंवाने वालों में मध्य प्रदेश के मैकेनिकल इंजीनियर अमित शुक्ला, बिहार के मोहम्मद हनीफ, कलीम और फहीम नासिर, और जम्मू के शशि अब्रॉल शामिल हैं। बताया जा रहा है कि हमलावरों ने निर्माणाधीन सुरंग के पास श्रमिकों के आवास शिविर पर हमला किया। इस हमले में कई लोग घायल हुए, जिनमें से दो की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया।

केंद्र और राज्य सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया
इस कायराना हमले पर देशभर में आक्रोश व्याप्त है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे “घृणित और कायरतापूर्ण कृत्य” करार दिया। उन्होंने कहा, “इस हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें हमारे सुरक्षा बलों से कठोरतम जवाब मिलेगा।” शाह ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस हमले पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा, “मैं प्रार्थना करता हूं कि सभी घायल जल्द स्वस्थ हों।” उन्होंने इस प्रकार की घटनाओं को शांति और विकास के खिलाफ साजिश करार दिया।

आतंकी हमले से देश में उबाल
स हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश है। सुरक्षा एजेंसियों ने भी आतंकियों की धरपकड़ के लिए अभियान तेज कर दिया है। बताया जा रहा है कि यह इलाका ज़ेडमोढ़ सुरंग और राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जहां बड़ी संख्या में श्रमिक काम कर रहे हैं।

देशभर से आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांगें उठ रही हैं। जनता और सुरक्षा बल इस हमले को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं, और सरकार से सख्त कदम उठाने की अपील कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इस हमले से पहले सुरक्षा एजेंसियों को त्योहारों के दौरान कश्मीर में संभावित आतंकी हमलों की खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद इलाके में अलर्ट जारी किया गया था।

शिक्षक या भक्षक! : छात्रा से छेड़छाड़ के आरोप में कोचिंग के शिक्षक अजय जैन पर एफआईआर दर्ज, 4 महीने में दूसरी घटना

घटनास्थल पर पुलिस ने झांका तक नहीं, नागरवास में संचालित है शुभम कोचिंग क्लासेस!

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। शहर में एक कोचिंग सेंटर पर शिक्षक द्वारा छात्रा से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। 4 महीने में यह कोचिंग सेंटर का दूसरा मामला है, जो महिला अपराध से जुड़ा है। आरोपी द्वारा इस मामले को बड़ी चतुराई से दबाने की कोशिश की जा रही थी। कोचिंग संचालक ने सूबे के पुलिस कप्तान एसएसपी राहुल लोढा के सीसीटीवी लगाने के सख्त निर्देशों तक को हवा में कर दिया। वहीं मामले की जांच कर रहे डीडी नगर टीआई रविंद्र दंडोतिया ने मामले की गंभीरता को समझते हुए मौके पर जांच तक करना मुनासिब नहीं समझा। मामला थाना माणकचौक अंतर्गत नागरवास स्थित शुभम कोचिंग सेंटर का है। सेंटर पर आने वाली एक 12 वीं कक्षा की छात्रा ने शिक्षक अजय पिता कनकमल जैन (55 वर्ष) निवासी नागरवास पर छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगाया। घटना 17 अगस्त की बताई जा रही है। घटना से डरकर घबराई छात्रा ने कोचिंग जाना बंद कर दिया था। घटना के 4 दिन बाद यानी 21 अगस्त को एफआईआर दर्ज हुई। आरोपी के पिता शासकीय विद्यालय में प्राचार्य रह चुके है। तभी से कोचिंग संचालित हो रही है।

पीड़ित छात्रा ने पुलिस को बताया की उसने कुछ दिनों पहले ही कोचिंग शुरू की थी। कोचिंग पर पढ़ाने वाले सर का नाम अजय जैन है। वहां और भी बच्चे पढ़ने आते है। 17 अगस्त की सुबह 8 बजे कोचिंग पहुंची तब और भी बच्चे क्लास रूम में मौजूद थे। आरोपी अजय ने पढ़ाना शुरू कर दिया था। तब आरोपी ने क्लास के ही एक छात्र को कुछ बोला और पीड़िता की टेबल के सामने आकर खड़ा हो गया। आरोपी अजय जैन ने गलत नियत से हाथ पकड़कर खिंचा और अन्य छात्र से बोला की देख यह मेरे साथ जम रही है। तू कैसा सड़ा दिख रहा है। इस दौरान क्लासरूम में अन्य छात्र भी मौजूद थे। पुलिस ने पीड़ित छात्रा की शिकायत पर बीएनएस की धारा 75 व एससी/एसटी एक्ट की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया।, डिग्री तक की ग्यारंटी!
सूत्रों के अनुसार कोचिंग का संचालन आवासीय परिसर में किया जाता है। आरोपी अजय जैन की पत्नी प्रिंसी जैन कोचिंग सेंटर की संचालक है। आरोपी की पत्नी शहर के एक निजी स्कूल में वाईस प्रिंसीपल भी है। 10वीं व 12वीं में फैल छात्र – छात्राओं को पास करने के नाम पर कोचिंग संचालित की जाती है। इस एक कोचिंग सेंटर पर नर्सरी से 12वीं तक के बच्चे पढ़ाए जाते है। इसके अलावा नर्सिंग, नीट, जेईई, एम्स जैसे कई विषय भी पढ़ने का दावा किया जाता है। यही नहीं स्कूल व होस्टल फैसिलिटी के साथ यहां मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से डिग्रियां भी करवाई जाती है। हालांकी पूरे मामले में शुभम कोचिंग सेंटर के आरोपी शिक्षक अजय जैन ने अपने पर लगे आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया। बकौल जैन वे कोचिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष भी है लेकिन हमारी पड़ताल में ऐसी कोई एसोसिएशन शहर में नहीं होने की बात सामने आई है।

परिजन के नाम से संचालित है सेंटर, डिग्री तक की ग्यारंटी!
सूत्रों के अनुसार कोचिंग का संचालन आवासीय परिसर में किया जाता है। आरोपी अजय जैन के परिजन के नाम से कोचिंग सेंटर संचालित हो रहा है। आरोपी की पत्नी शहर के एक निजी स्कूल में वाईस प्रिंसीपल भी है। 10वीं व 12वीं में फैल छात्र – छात्राओं को पास करने के नाम पर कोचिंग संचालित की जाती है। इस एक कोचिंग सेंटर पर नर्सरी से 12वीं तक के बच्चे पढ़ाए जाते है। इसके अलावा नर्सिंग, नीट, जेईई, एम्स जैसे कई विषय भी पढ़ने का दावा किया जाता है। यही नहीं स्कूल व होस्टल फैसिलिटी के साथ यहां मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से डिग्रियां भी करवाई जाती है। हालांकी पूरे मामले में शुभम कोचिंग सेंटर के आरोपी शिक्षक अजय जैन ने अपने पर लगे आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया। बकौल जैन वे कोचिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष भी है लेकिन हमारी पड़ताल में ऐसी कोई एसोसिएशन शहर में नहीं होने की बात सामने आई है।

FILE PHOTO : दुष्कर्म की घटना के बाद पुलिस कंट्रोल रूम पर कोचिंग संचालकों को निर्देशित करते सीएसपी अभिनव बारंगे व तत्कालीन एसडीएम संजीवकुमार पांडेय

देर रात घर नहीं पहुंची छात्रा, पुलिस की खानापूर्ति
जानकारी के अनुसार पीड़ित छात्रा गरीब परिवार से है। घटना के बाद से वह डर और सहम गई थी। छात्रा अपने परिवार की आर्थिक मदद के लिए एक दुकान पर काम करने जाती थी। सुबह जब छात्रा को कोचिंग भेजा तो वह जाकर कालिका माता मंदिर में बैठी गई। जिस दुकान पर वह काम करती है, वहां भी नहीं गई। करीब पौने नो बजे जब छात्रा घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने दुकान पर फोन लगाकर पूछा की उनकी बेटी घर क्यों नहीं आई। तब दुकान मालिक ने उसके दुकान पर नहीं आने की जानकारी परिजनों को दी। कुछ देर बाद जब छात्रा घर पहुंची तो उसके माता पिता ने उससे दिनभर बाहर रहने का कारण पूछा। तब छात्रा ने पूरा घटनाक्रम बताया और कहा की सर के डर के कारण में कोचिंग नहीं गई। जिसके बाद परिजन उसे माणक चौक थाने लेकर पहुंचे और आरोपी शिक्षक अजय जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। थाना प्रभारी सुरेंद्रसिंह गडरिया के अवकाश पर होने से इस मामले में दीनदयाल नगर थाना प्रभारी रविंद्र दंडोतिया ने कायमी की। लेकिन उन्होंने महिला अपराध से जुड़े मामले में गंभीरता ना दिखाते हुए केवल खानापूर्ति कर ली।

क्लिक करें : अप्रैल माह में कोचिंग संचालक द्वारा कारित घटना

घटना के बाद लगे सीसीटीवी, आती है और भी छात्राएं!
आरोपी शिक्षक अजय जैन पर एफआईआर दर्ज होने के बाद उसे थाने से जमानत मिल गई। मामले की भनक तक किसी को नहीं लगने दी गई। जिसके बाद उसने ताबड़तोड़ अपने क्लास में सीसीटीवी कैमरा लगवा लिए। जबकि अप्रैल माह में इंग्लिश कोचिंग सेंटर के संचालक संजय पोरवाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पोरवाल पर महिला ने ब्लैकमेलिंग और दुष्कर्म जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। जब पुलिस ने जांच की तो पोरवाल के और भी काले चिठ्ठे निकलकर सामने आए। पूरे जिले में इस घटनाक्रम को लेकर घोर निंदा हुई। जिसके बाद पुलिस महकमा जागा और एसएसपी राहुल लोढा ने कोचिंग संचालकों को अपने सेंटर्स पर कैमरे लगाने के सख्त निर्देश दिए। साथ ही थाना प्रभारियों को समय समय पर कोचिंग सेंटर्स की जांच के दिशा निर्देश भी दिए थे। लेकिन आरोपी अजय के कोचिंग सेंटर पर पुलिस ने एफआईआर के बाद झांका तक नहीं। कोचिंग संचालक ने अपने यहां बाहर पुलिस हेल्पलाइन नंबर तक चस्पा नहीं की। ना ही कोचिंग पर सीसीटीवी कैमरा लगाए गए। अगर कैमरा होते तो पीड़ित छात्रा की घटना कैमरे में कैद होती या ऐसी हरकत आरोपी शिक्षक करने से कतराता। जांच में गंभीरता दिखाते हुए पुलिस ने  कोचिंग पर आने वाली अन्य छात्राओं की कॉउंसलिंग तक नहीं की। सीएसपी अभिनव बारंगे ने पब्लिक वार्ता को बताया की कोचिंग सेंटर के सुरक्षा मानकों, रजिस्ट्रेशन आदि की जांच की जाएगी। ऐसी कोई घटना पहले तो आरोपी द्वारा नहीं की गई है, इस पर भी जांच करेंगे। शहर में संचालित अन्य कोचिंग सेंटर्स पर सुरक्षा मानकों, सीसीटीवी कैमरे व शासन के दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित करवाएंगे।

ये कैसा कानून! : वक्फ एक्ट 1995 को खत्म करने की मांग, मुजावर समाज को परेशानी से मुक्ति दिलाने की अपील

देश में तीसरा सबसे बड़ा भूमि मालिक है वक्फ, जानिए क्या है वक्फ बोर्ड और उसका कानून!

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। वक्फ एक्ट 1995 को समाप्त करने के लिए एक बड़ा आंदोलन छिड़ चुका है। रतलाम में इसके लिए प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। अखिल भारतीय मुजावर सेना के संस्थापक अध्यक्ष शेर मोहम्मद शाह ने प्रेस वार्ता में वक्फ एक्ट 1995 को पूरी तरह से खत्म करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह एक्ट मुजावर समाज के लोगों को प्रताड़ित और परेशान कर रहा है, जो दरगाह, खानखाहा, कब्रस्तान और पीर स्थानों पर सेवाएं देते हैं।

शाह ने कहा कि मुल्क की आजादी के पहले संघर्ष में प्रमुख भूमिका निभाने वाले शहीद मजनू शाह मलंग के नेतृत्व में सन्यासी आन्दोलन चला था, और अब वक्फ बोर्ड द्वारा मुजावर समाज को गुलाम समझा जा रहा है।

तीन मुख्य मांगें रखीं
1. राजा-महाराजा और नवाबों द्वारा दरगाहों के लिए दी गई जमीनों को वक्फ बोर्ड के अधीन नहीं किया जाना चाहिए।
2. वक्फ बोर्ड के जुल्मो सितम से आज़ादी दिलाने के लिये वक्फ एक्ट खत्म होना चाहिए।
3. मुस्लिम कानून 1913 को ध्यान में रखते हुए वक्फ अधिनियम 1954 की जांच होनी चाहिए और वक्फ संपत्ति के स्वत्व के दस्तावेजों की जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि वक्फ एक्ट को खत्म करने से मुजावर समाज को परेशानी से मुक्ति मिलेगी और संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन भी नहीं होगा। गौरतलब है की वक्फ बोर्ड और इसकी संपत्ति लगातार विवादों में घिरी हुई है। भाजपा विधायक हरनाथ सिंह यादव ने पिछले साल एक निजी विधेयक पेश करके वक्फ एक्ट 1995 को समाप्त करने की मांग की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह एक्ट लोकतंत्र के विरुद्ध है और देश हित में इसे समाप्त किया जाना चाहिए। हालांकि इस बिल पर फैसला नहीं हो सका, लेकिन वक्फ बोर्ड विवादों में आ गया है। वक्फ बोर्ड के पास कानूनी तौर पर असीमित शक्तियां हैं, जिनका कथित तौर पर वह मनमाना उपयोग करता आ रहा है। आइए जानते हैं कि वक्फ बोर्ड क्या है और यह कैसे काम करता है।

क्या है वक्फ का मतलब?
वक्फ अरबी भाषा के वकुफा शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है ठहरना. वक्फ का मतलब है ट्रस्ट-जायदाद को जन-कल्याण के लिए समर्पित करना. इस्लाम में ये एक तरह का धर्मार्थ बंदोबस्त है. वक्फ उस जायदाद को कहते हैं, जो इस्लाम को मानने वाले दान करते हैं. ये चल-अचल दोनों तरह की हो सकती है. ये दौलत वक्फ बोर्ड के तहत आती है.

कौन कर सकता है डोनेशन?
कोई भी वयस्क मुस्लिम व्यक्ति अपने नाम की प्रॉपर्टी वक्फ के नाम कर सकता है. वैसे वक्फ एक स्वैच्छिक कार्रवाई है, जिसके लिए कोई जबर्दस्ती नहीं. इस्लाम में दान-धर्म के लिए एक और टर्म प्रचलित है, जकात। ये हैसियतमंद मुसलमानों के लिए अनिवार्य है। आमदनी से पूरे साल में जो बचत होती है, उसका 2.5 फीसदी हिस्सा किसी  जरूरतमंद को दिया जाता है, जिसे जकात कहते हैं।

वक्फ बोर्ड कैसे बनता और काम करता है?
वक्फ के पास काफी संपत्ति है, जिसका रखरखाव ठीक से हो सके और धर्मार्थ ही काम आए, इसके लिए स्थानीय से लेकर बड़े स्तर पर कई बॉडीज हैं, जिन्हें वक्फ बोर्ड कहते हैं. तकरीबन हर स्टेट में सुन्नी और शिया वक्फ हैं. इनका काम उस संपत्ति की देखभाल, और उसकी आय का सही इस्तेमाल है. इस संपत्ति से गरीब और जरूरतमंदों की मदद करना, मस्जिद या अन्य धार्मिक संस्थान को बनाए रखना, शिक्षा की व्यवस्था करना और अन्य धर्म के कार्यों के लिए पैसे देने संबंधी चीजें शामिल हैं.

सेंटर ने वक्फ बोर्डों के साथ तालमेल के लिए सेंटर वक्फ काउंसिल बनाया हुआ है. वक्फ एसेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के मुताबिक देश में कुल 30 वक्फ बोर्ड्स हैं. इनके हेडक्वार्टर ज्यादातर राजधानियों में हैं,

क्या है वक्फ कानून?
साल 1954 में नेहरू सरकार के समय वक्फ अधिनियम पारित किया गया, जिसके बाद इसका सेंट्रलाइजेशन हुआ. वक्फ एक्ट 1954 इस संपत्ति के रखरखाव का काम करता. इसके बाद से कई बार इसमें संशोधन होता गया.

कौन-कौन शामिल बोर्ड में?
बोर्ड में सर्वे कमिश्नर होता है, जो संपत्तियों का लेखा-जोखा रखता है. इसके अलावा इसमें मुस्लिम विधायक, मुस्लिम सांसद, मुस्लिम आइएएस अधिकारी, मुस्लिम टाउन प्लानर, मुस्लिम अधिवक्ता और मुस्लिम बुद्धिजीवी जैसे लोग शामिल होते हैं. वक्फ ट्रिब्यूनल में प्रशासनिक अधिकारी होते हैं. ट्रिब्यूनल में कौन शामिल होंगे, इसका फैसला राज्य सरकार करती है. अक्सर राज्य सरकारों की कोशिश यही होती है कि वक्त बोर्ड का गठन ज्यादा से ज्यादा मुस्लिमों से हो.

विवाद क्यों होता रहा?
आरोप है कि सरकार ने बोर्ड को असीमित ताकत दे दी। वक्फ संपत्तियों को विशेष दर्जा दिया गया है, जो किसी ट्रस्ट आदि से ऊपर है। वक्फ बोर्ड को अधिकार दिया गया है कि वह किसी भी संपत्ति के बारे में यह जांच कर सकता है कि वह वक्फ की संपत्ति है या नहीं। अगर बोर्ड किसी संपत्ति को अपना कहते हुए दावा कर दे तो इसके उलट साबित करना काफी मुश्किल हो सकता है। वक्फ एक्ट का सेक्शन 85 कहता है कि इसके फैसले को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती नहीं दी जा सकती।

भाजपा के नेता हरनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु में वहां के स्टेट वक्फ बोर्ड ने तिरुचिरापल्ल जिले के एक पूरे गांव पर ही मालिकाना हक जता दिया था। महाराष्ट्र के सोलापुर में भी कुछ ऐसा केस आ चुका। उत्तर प्रदेश में भी वक्फ बोर्ड ने बड़े पैमाने पर संपत्तियों पर दावा जताया था, जिसके बाद योगी सरकार ने आदेश जारी कि वक्फ की सारी संपत्ति की जांच होगी।ये बात साल 2022 की है. लेकिन सर्वे के नतीजे सामने नहीं आ सके

कितनी संपत्ति बोर्ड के पास?
वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के मुताबिक देश में करीब 8 लाख 55 हजार से ज्यादा संपत्तियां ऐसी हैं जो वक्फ की हैं।
सेना और रेलवे के बाद देश में संपत्ति के मामले में वक्फ तीसरा सबसे बड़ा भूमि मालिक है. उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्ति है।
यूपी में सुन्नी बोर्ड के पास कुल 2 लाख 10 हजार 239 संपत्तियां हैं, जबकि शिया बोर्ड के पास 15 हजार 386 संपत्तियां हैं।
हर साल हजारों व्यक्तियों द्वारा बोर्ड को वक्फ के रूप में संपत्ति की जाती है, जिससे इसकी दौलत में इजाफा होता रहता है।

जातिवाद का दंश : पुलिस की मार से प्रताड़ित युवक ने पिया कीटनाशक, ASI प्रदीप शर्मा पर लगाए गंभीर आरोप

ऊंची जाति की लड़की से प्रेम विवाह करने के बाद से था प्रताड़ित, 3 दिन पहले एसपी से लगाई थी मदद की गुहार

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। गुरुवार शाम मांगरोल निवासी एक युवक ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। परिजनों ने थाना स्टेशन रोड की सालाखेड़ी चौकी पर पदस्थ पुलिसकर्मी एएसआई प्रदीप शर्मा व अन्य पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए है। परिजनों ने एएसआई प्रदीप शर्मा का नाम लेते हुए  पीड़ित युवक को रातभर चौकी में पिटने और जातिसूचक शब्द कहने जैसे गंभीर आरोप लगाए है। गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचे युवक का नाम यश पिता मोहनलाल सारवान उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम मांगरोल है। यश साइंस एंड आर्ट्स कॉलेज में बीए सेकंड ईयर का छात्र है। यश ने 21 मई यानी 3 दिन पहले ही एसपी ऑफिस में आवेदन देकर अपनी पत्नी की कस्टडी मांगने के लिए पुलिस से गुहार भी लगाई थी। न्याय नहीं मिलने के बाद आज उसने यह कदम उठाया। कीटनाशक पीने के बाद परिजन युवक को गंभीर हालत में जिला चिकित्सालय लेकर आए। जहां से उसे मेडिकल कॉलेज रेफेर कर दिया गया है। फिलहाल युवक मेडिकल कॉलेज में भर्ती है,जहां उसका इलाज चल रहा है।

परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया की पीड़ित यश के अलावा उसकी मां नीलम व छोटी बहन दिव्या घर पर थे। गुरुवार शाम करीब 5 बजे यश पीछे वाले कमरे में उल्टियां करने लगा। जिसके बाद पिता मोहनलाल को फोन कर बुलाया और उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती किया। यश के पिता ने बताया की बेटे ने 13 मार्च को गांव की ही लड़की तमन्ना पिता महेशगिरि गोस्वामी से प्रेम विवाह किया था। यह विवाह धार जिले के चिराखान गांव के एक मंदिर में संपन्न हुआ था। जिसके बाद 16 मार्च को लड़की ने अपने माता – पिता से जान का खतरा, ससुराल वालों पर अनावश्यक कार्रवाई आदि विषय को लेकर एक आवेदन डाक पोस्ट के माध्यम से एसपी ऑफिस भेजा। पुलिस की समझाईश के बाद लड़की 31 अप्रैल को बयान के लिए थाना स्टेशन रोड पहुंची। जहां से उसके पिता व अन्य परिजन उसे अपने साथ ले गए। तब से उसकी हमसे या हमारे लड़के यश से कोई मुलाकात या बातचीत नहीं हुई। उसके बाद से यश डिप्रेशन में चला गया था और लड़की को ढूंढने की कोशिश भी कर रहा था। लड़की ऊंची जाति की होने से उसके परिवार वाले इस शादी के खिलाफ थे। जिसके बाद पुलिस में उसकी झूठी शिकायत भी की और पुलिस ने भी उसके साथ दुर्व्यवहार कर जातिसूचक शब्द कहे। इससे वह और डर गया था।

फिलहाल पूरे मामले में पुलिसकर्मियों द्वारा चौकी के अंदर जातिवाद का यह मामला बड़ा ही संगीन है। अब यह देखना बाकी है की सूबे की सरकार और महकमे के आला अधिकारी इसमें क्या एक्शन लेते है और क्या जांच करते है? क्या दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच कर उन पर उचित कार्रवाई होगी या उन्हें किसी तरह बचा लिया जाएगा। फिलहाल एक नोजवान युवक पुलिस की बर्बरता और जातिवाद का दंश झेलने के बाद मौत से जीत हार कर रहा है। वहीं दूसरी और परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है, उनके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे है। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होना बहुत जरूरी है।

पूरी रात पिटाई की, कहा – तेरी बहन को उठा लेंगे!
यश की छोटी बहन दिव्या ने बताया 12 मई को पुलिस उसे सालाखेड़ी चौकी पर ले गई थी। हमें अगले दिन एएसआई प्रदीप शर्मा ने फोन लगाकर सूचना दी की यश को छुड़ाकर ले जाओ। फिर पिताजी थाने गए और एसडीएम कोर्ट से उसे छुड़वाकर लेकर आये। पुलिस ने यश पर धारा 151 के तहत कार्रवाई की थी। पिता ने पुलिस से यश को चौकी लाने और केस बनाने का कारण पूछा तो प्रदीप शर्मा ने कहा की इसे समझाओ अपनी जात की छोरी देखे और उस लड़की को भूल जाए। यश ने घर आकर परिजनों को बताया की एएसआई प्रदीप शर्मा व अन्य पुलिसकर्मियों ने मिलकर पूरी रात उसकी पिटाई की। एएसआई प्रदीप शर्मा ने जातिसूचक शब्द कहे व गंदी-गंदी गालियां दी। उसने यश से कहा की तू नीची जाति का है ऊंची जात की लड़की से दूर रहना। अपनी जात देखकर शादी कर और उस लड़की को छोड़ दे। एएसआई शर्मा ने यह भी कहा की सीधे से मान जा नहीं तो तेरी बहन भी है उसे उठा लेंगे। इस घटना के बाद से परिवार डर और सहम गया था, उन्होंने इसकी शिकायत किसी को नहीं की। इसी बीच लड़की का दूसरे नंबर से यश के पास फोन आया था। जिसमें उसने कहा की मेरे घरवाले जबरदस्ती मेरी दूसरी शादी कर रहे है। मेरी जान खतरे में है मुझे बचा ले। 3 दिन पहले 21 मई को यश द्वारा एसपी ऑफिस में आवेदन देकर लड़की की कस्टडी की गुहार भी लगाई थी। मगर वहां से भी कोई मदद नहीं मिली। जिसके बाद आज अचानक उसने कीटनाशक पिने जैसा कदम उठाया।

भगवद ज्ञान गंगा : अखंड ज्ञान आश्रम में कल से शुरू होगी संगीतमय 7 दिवसीय कथा, 108 जोड़े करेंगे महारुद्राभिषेक

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। सैलाना बस स्टैंड स्वामी ज्ञानानंद मार्ग स्थित अखंड ज्ञान आश्रम पर 7 दिवसीय श्रीमदभगवद गीता ज्ञान यज्ञ का आयोजन कल यानी 19 मई से शुरू होने जा रहा है। कथा श्रवण के दूसरे दिन 108 जोड़ों द्वारा शिव महारुद्राभिषेक होगा, जो की निःशुल्क रहेगा। कथा का यह आयोजन श्री श्री 1008 गुरुदेव स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज की 33वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में किया जा रहा है। कथा के मुख्य यजमान शहर के पापटवाल परिवार के सदस्य रहेंगे। कथा के इन 7 दिनों में देश के कई प्रमुख मठों से करीब 20 से अधिक संत पधारेंगे। बुधवार को भूमि पूजन कर ध्वज स्थापित किया गया। इस दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय, पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा, पार्षद योगेश पपटवाल, जनक नागल, सुरेश पापटवाल आदि श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

जानकारी देते हुए शुभम पापटवाल ने बताया कथा 19 मई से 25 मई तक आयोजित की जाएगी। रतलाम के पं. नरेंद्र शर्मा (दंतोड़िया वाले) के मुखारविंद से श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का प्रवाह होगा। कथा का समय दोपहर 2 बजे से रखा गया है। कथा समाप्ति के अगले दिन 26 मई को सुबह 11 बजे से महाप्रसादी भंडारे का आयोजन किया जाएगा। कथा में मुख्य आतिथ्य चित्रकूट पीठाधीश्वर अनंत श्री विभूषित डॉ. स्वामी दिव्यानंद जी महाराज का होगा। पापटवाल परिवार को इस कथा में मुख्य यजमान बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। सभी धर्मालुओं से धर्म लाभ लेने का आग्रह है।