Dengue से बचाव: बकरी के दूध की डिमांड अचानक क्यों बढ़ी, डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी में इन बातों का रखे ध्यान, क्या कहते है एक्सपर्ट!

विशेषज्ञों की सलाह: डेंगू (Dengue) के घरेलू उपचार में सतर्क रहें, डॉक्टर की सलाह से ही करे घरेलू उपाय!, इन बातों को ध्यान रख बच सकते है आप…

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। बारिश के मौसम के साथ डेंगू (Dengue) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। देशभर में डेंगू से बचाव और इलाज के लिए लोग घरेलू उपचारों की ओर रुख कर रहे हैं। इनमें गिलोय, पपीते के पत्ते और बकरी का दूध प्रमुख रूप से शामिल हैं। हालांकि, चिकित्सा विशेषज्ञ इन नुस्खों का इस्तेमाल सावधानी से करने की सलाह दे रहे हैं।

रतलाम मेडिकल कॉलेज (GMC Ratlam) के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सोहन मंडलोई (Dr. Sohan Mandloi) के अनुसार “डेंगू बुखार के दौरान पपीते के पत्ते और गिलोय जैसे घरेलू नुस्खे कुछ हद तक लाभकारी हो सकते हैं। पपीते के पत्तों में मौजूद पपेन और फ्लेवोनोइड्स प्लेटलेट काउंट बढ़ाने और इम्युनिटी को सुधारने में सहायक माने जाते हैं, लेकिन इनका असर वैज्ञानिक रूप से पूरी तरह प्रमाणित नहीं है। इसके साथ ही अधिक मात्रा में इनका सेवन नुकसानदायक हो सकता है, जिससे मतली और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।” इस तरह के कई पेशेंट हमारे पास आते है, जो घर पर इलाज शुरू कर देते है और बाद में उन्हें दोगुनी मार झेलना पड़ती है।

बकरी के दूध की मांग बढ़ी
डेंगू के इलाज के लिए बकरी के दूध (Got Milk in dengue) की मांग में भी तेजी देखी जा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक, बकरी के दूध में सेलेनियम जैसे मिनरल्स मौजूद होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं और यह गाय के दूध के मुकाबले आसानी से पचने योग्य होता है। इसके चलते कई लोग इसे डेंगू से निपटने के लिए बेहतर मानते हैं। डॉ. सोहन मंडलोई का कहना है की “बकरी का दूध इम्युनिटी बढ़ाने में मदद कर सकता है, लेकिन इसे डेंगू के मुख्य इलाज के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। यह केवल सहायक हो सकता है, न कि इसके जरिए डेंगू का इलाज किया जा सकता है।”

हर्बल ट्रीटमेंट के बारे में चेतावनी
डॉ. मंडलोई ने यह भी चेतावनी दी कि घरेलू नुस्खों और हर्बल उपचारों को मेडिकल ट्रीटमेंट का विकल्प नहीं माना जा सकता। “गिलोय और पपीते के पत्ते जैसी औषधियां इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकती हैं, लेकिन इनका अत्यधिक उपयोग लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है।” डॉक्टर ने लोगों को सलाह दी है कि वे किसी भी तरह के घरेलू उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श लें और डेंगू जैसे गंभीर मामलों में मेडिकल देखरेख को प्राथमिकता दें। लक्षण गंभीर होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।

Dehradun: 7 महीने के बच्चे के पेट में भ्रूण मिलने का दुर्लभ मामला, डॉक्टर भी हुए हैरान

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। देहरादून (Dehradun) के स्वामी हिमालयन मेडिकल कॉलेज में एक अत्यंत दुर्लभ मामला सामने आया है, जहां 7 महीने के बच्चे के पेट में भ्रूण पाया गया। माता-पिता को बच्चे का पेट अचानक फूलता दिखने पर शक हुआ और उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया। प्रारंभिक जांच में डॉक्टरों को लगा कि यह पेट में गांठ का मामला है, लेकिन एक्स-रे रिपोर्ट से पता चला कि बच्चे के पेट में भ्रूण विकसित हो रहा था।

मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार फीटस-इन-फीटू (Fetus in Fetu) नामक यह स्थिति अत्यधिक दुर्लभ होती है, जिसमें एक भ्रूण दूसरे भ्रूण के भीतर विकसित होने लगता है। डॉक्टर संतोष सिंह के अनुसार, इस तरह के मामले लाखों में से एक बार ही देखने को मिलते हैं। बच्चे का ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया और अब वह पूरी तरह स्वस्थ है।

क्या है फीटस-इन-फीटू?
फीटस-इन-फीटू मानव भ्रूण विकास की एक असामान्य और दुर्लभ स्थिति है। यह लगभग 5,00,000 में से एक गर्भावस्था में होता है, जिसमें भ्रूण के भीतर एक और भ्रूण विकसित होने लगता है। इस स्थिति का पता अक्सर जन्म के बाद ही चल पाता है, जब बच्चे के पेट का आकार असामान्य रूप से बढ़ता है।

Health Alert : पत्तागोभी का कीड़ा जो पेट के रास्ते पहुंचता है दिमाग तक, खाने से पहले रखनी होगी सावधानी

ऐसा कीड़ा जो गर्म पानी में उबालने से भी नहीं मरता, जानिए पूरी खबर!

पब्लिक वार्ता – हेल्थ डेस्क,
जयदीप गुर्जर। कहा जाता है हरी सब्जियों का सेवन करना स्वास्थ के लिए लाभदायक होता है। मगर एक ऐसी हरी सब्जी की बात की जाए जो जानलेवा सबित हो सकती है तो हर कोई अचंभित होगा। सर्दियों का मौसम आ चुका है, सर्दियों में पत्तागोभी या बंदगोभी की आवक भी खूब होती है। पत्तागोभी (Cabbage) में अन्य सब्जियों की तरह न्यूट्रिशन और प्रोटीन से भरपूर होती है। पत्ता गोभी में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो डाइटिंग करने वालों के लिए फायदेमंद है। इन सब के बीच एक चर्चा काफी चल रही है जिसमें पत्तागोभी खाने से कीड़े दिमाग में चले जाते हैं, पत्तागोभी का कीड़ा दिमाग को गला देता है जैसी बातें सामने आ रही है। इसी बारे में हम विस्तार से जानेंगे और सावधानियों पर भी चर्चा करेंगे।

ऐसा कीड़ा जो नहीं दिखता
पत्तागोभी में कुछ कीड़े दिखाई देते हैं, जिनका रंग हल्का हरा और कभी-कभी सफ़ेद होता है। मगर कुछ कीड़े ऐसे भी होते हैं जो दिखाई नहीं देते जैसे कि टेपवर्म (tapeworm)। ये कीड़े और परजीवी इतने छोटे होते हैं कि इन्हें हमारी नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता है। यही टेपवर्म पत्तागोभी से हमारे पेट तक पहुंचता है और फिर दिमाग तक। कई रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि पत्तागोभी को अगर सही तरह से पकाकर नहीं खाया जाए तो इसमें मौजूद टेपवर्म (कीड़ा) शरीर में पहुंच सकता है जो कि जानलेवा साबित हो सकता है। कहा जाता है कि यह कीड़ा खाने के साथ पेट में जाता है और फिर आंतों से होता हुआ ब्लड फ्लो की मदद से दिमाग तक पहुंच जाता है।

टेपवर्म जानवरों और मनुष्यों को संक्रमित करते है। वह आंतों में रहते हैं और आपके द्वारा खाए जाने वाले पोषक तत्वों को खाते हैं जिससे उनकी कमी के कारण मतली, कमजोरी, दस्त और थकान जैसे लक्षण दिखने लगते है। आपको बता दें कि गोभी के कीड़े में रिजिस्टेंस पावर इतना ज्यादा होता है कि वह पेट में पाए जाने वाले एसिड और एंजाइम से भी नहीं मरता है। यह दिमाग पर असर डालता है। रोगी को दौरे पड़ने लगते हैं।

दिमाग में कीड़े के क्या होते लक्षण?
अगर टेपवर्म शरीर में पहुंच जाते हैं तो वे आंत में छेद करके ब्लड वेसिल्स तक पहुंच जाते हैं और फिर खून के साथ शरीर के दूसरे हिस्से जैसे दिमाग, लिवर और आंख में भी चले जाते है। डॉक्टर्स के अनुसार ‘पेट दर्द, मिरगी के दौरे, डायरिया, कमजोरी, उल्टी, चक्कर आना, सांस फूलने जैसी कई समस्याएं इसके लक्षण हो सकती है। यह लक्षण कई बार तुरंत, कई बार लंबे समय के बाद नजर आते है। दिमाग में कीड़े की बीमारी न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस कहा जाता है।

ऐक्सपर्टस की माने तो पत्तागोभी को ना खाना इसका उपाय नहीं है बल्कि अच्छे से साफ करने की जरूरत है। घबराने की जरूरत नहीं है। अगर किसी को यह बीमारी हो भी जाती है तो भी इसका पूरा इलाज है और कोई भी सर्जरी की जरूरत नहीं होती। समय पर इलाज ना मिलने से यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में टेपवर्म के करीब 12 लाख से ज्यादा मरीज है।

क्या रखे सावधानी?
डॉक्टर्स के अनुसार कई बार टेपवर्म गर्म पानी मे उबलने से भी नहीं मरता। पत्तागोभी या जमीन में उगी किसी भी सब्जी को गुनगुने पानी में नमक डालकर 30 मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद उस पानी के फेंक कर पुनः सब्ज़ियों को रगड़ के कम से कम दो बार धोकर ही इसका भोजन में इस्तेमाल करें। कीड़ों से बचे रहने के लिए ये ही सबसे कारगर उपाय हो सकता है। इसके अलावा सब्जी को ठीक से पकाया जाना बहुत जरूरी है।

ऐसा नहीं है कि आपको पत्तागोभी खाना बिल्कुल बंद कर देना चाहिए, पर खाने से पहले उसे सही से धोना और सुरक्षात्मक उपाय करना बहुत जरूरी है। सिर्फ पत्तागोभी ही नहीं जमीन के नीचे उगने वाली सब्जियां (गाजर, आलू, मूली, अदरक) को भी खाने से पहले अच्छी तरह से साफ करना जरूरी है। गंदे पानी के संपर्क में आने के कारण इनमें भी कीड़े हो सकते हैं जिनके कारण बीमारियों के विकसित होने का जोखिम रहता है। फलों-सब्जियों की साफ-सफाई बहुत जरूरी है।

(DISCLAIMER : यह लेख विभिन्न रिपोर्ट्स पर आधारित है। इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।)